मुंबई
महाराष्ट्र के अहिल्यानगर जिले के पाथर्डी तालुका में स्थित मढ़ी कानिफनाथ मंदिर की वार्षिक तीर्थयात्रा को लेकर एक नया विवाद सामने आया है। यहां के ग्रामीणों ने तय किया है कि इस यात्रा में मुस्लिम व्यापारियों को शामिल होने से रोका जाएगा। यह यात्रा हर साल होली से शुरू होकर गुड़ी पड़वा तक होती है।
ग्रामीणों का दावा: परंपराओं की अवहेलना
ग्रामीणों का कहना है कि इस यात्रा में एक महीने तक विशेष रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है। इस दौरान देवता को तेल लगाया जाता है और लोग शोक मनाने की प्रक्रिया में रहते हैं। वे तले हुए भोजन से परहेज करते हैं, फर्श पर सोते हैं और कोई उत्सव नहीं मनाते। ग्रामीणों का कहना है कि कुछ व्यापारी, विशेष रूप से मुस्लिम व्यापारी, इन परंपराओं का पालन नहीं करते, जिससे उनकी भावनाएं आहत होती हैं। इसी वजह से अब उन्होंने इस यात्रा में मुस्लिम व्यापारियों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है।
कानिफनाथ देवस्थान ट्रस्ट का बयान
कानिफनाथ देवस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष संजय मरकड ने इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि मुस्लिम व्यापारी हमारे रीति-रिवाजों का सम्मान नहीं करते हैं। यह हमारे लिए एक संवेदनशील समय होता है, और इन व्यापारियों की ओर से परंपराओं की अनदेखी की जाती है, जिससे भक्तों की भावनाएं आहत होती हैं। उन्होंने इस फैसले को कुंभ मेला में मुस्लिम व्यापारियों पर लगाए गए प्रतिबंध से जोड़ते हुए कहा, "जैसे कुंभ मेले में मुस्लिम व्यापारियों को अनुमति नहीं दी जाती, वैसे ही अब हमने कानिफनाथ यात्रा पर भी ऐसा ही प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है।"

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