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पंजाबा
पश्चिमी विक्षोभ के कारण जहां मौसम में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है, वहीं लोगों की सेहत पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है। मौसम में तेजी से बदलाव और सुबह-शाम खराब हवा और ठंड के कारण लोगों को खांसी, जुकाम, गले में खराश और दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। घुटनों के दर्द और पहले से मौजूद सांस की बीमारी वाले बुजुर्गों में इसका असर देखा जा रहा है। अधिकांश बच्चे निमोनिया से पीड़ित हैं। पिछले एक सप्ताह से आ रहे मरीजों में मौसमी बीमारियों के लक्षण सबसे ज्यादा देखने को मिल रहे हैं।

मौसम में तेजी से आए बदलाव का असर लोगों की सेहत पर काफी असर पड़ रहा है। दिवाली पर पटाखों के धुएं और पराली के धुएं से अस्थमा के मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा और अब सर्दी शुरू होने के साथ ही वायरल सर्दी, खांसी और बुखार के मरीजों की संख्या भी बढ़ गई है। मौसमी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या रोजाना 500 से बढ़कर 700 हो गई है। इसमें 90 से 100 मरीज वायरल बुखार से पीड़ित हैं और अधिकतर मरीज जोड़ों के दर्द और तेज बुखार से पीड़ित हैं। इसके अलावा 30-40 लोग अस्थमा की शिकायत लेकर आ रहे हैं। उन मरीजों की उम्र 50 साल से ज्यादा है।

छोटे बच्चों में सर्दी, सामान्य खांसी और वायरल निमोनिया के 15 से 20 मामले सामने आ रहे हैं। डॉ. विशाल ने बताया कि बदलते मौसम में संक्रमण, बैक्टीरिया और वायरस का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीजों में बीमारियों का खतरा अधिक रहता है। ऐसे में बच्चों का ख्याल रखना बहुत जरूरी है।. वायरल के मौसम में बच्चों में वायरल निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है। पहले यह संख्या 2 से 5 थी लेकिन अब यह संख्या 12 से बढ़कर 20 हो गई है।

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