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कोलकाता
पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा के लिए बनाए गए पंडालों एक पंडाल को लज्जा थीम पर बनाया गया है। इस पंडाल में 8-9 अगस्त की रात को कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की घटना को दर्शाय गया है। जिसमें लेडी डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। लज्जा थीम पर बने इस पंडाल में इस घटना के दर्द को उकेरा गया है। इसमें मां दुर्गा ने अपनी आंखे ढंकी है और शेर भी शर्मिंदा दिखाया गया है। इस मामले की जांच फिलहाल सीबीआई के पास है।

पंडाल से व्यक्त किया आक्रोश
गुजरात और देश के दूसरे हिस्सों की तरह बंगाल में नवरात्रि पर बड़ा उत्सव होता है। बंगाली जहां भी रहते हैं वहां वे आद्यशक्ति की उपासना दुर्गापूजा के तौर पर करते हैं। श्री सरस्वती और काली माता मंदिर परिषद के सचिव विश्वजीत सरकार ने बताया, पंडाल की थीम 'लज्जा' और टैग लाइन विचार चाई मतलब इंसाफ चाहिए है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के पूजा पंडाल देश की ऐतिहासिक संस्कृति की झलक पेश करते रहे हैं। इस बार आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या से कोलकाता वासी इतने व्यथित हैं इसके चलते उन्होंने लोगों के भाव को पंडाल में भी उतार दिया है।

छह संकेतों में दर्शाया गुस्सा
कोलकाता के इस पंडाल में छह संकेतों के जरिए घटना के प्रति आक्रोश को बताया गया है। पहले संकेत में मां दुर्गा ने चेहरा ढंका ढंक लिया है। बंगाल में महिलाओं पर शारीरिक- मानसिक अत्याचार यानी दुष्कर्म और हत्या की घटनाओं को देखकर मां दुर्गा लज्जित हैं। दूसरे संकेत में मां के वाहन शेर का सिर झुका है। जंगल का राजा खुद शक्तिशाली है, पर उसने इन घटनाओं से शर्मसार होकर सिर झुका लिया है। तीसरे संकेत में पंडाल में काला कपड़ा है। जो दुष्कर्म और हत्या का विरोध के तौर पर लगाया गया है। चौथे प्रतीक में पंडाल में लाल रंग की रोशनी है। जाे यह लगातार अपराधों में बह रहे खून को बताती है। पांचवें संकेत में मां के एक तरफ एप्रन लटकाया है। जो अपराधियों-रसूखदारों के आगे चिकित्सा समुदाय की बेबसी को व्यक्त करता है। छठवें संकेत में मां के सामने महिला का शव है। यह कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज सहित पश्चिम बंगाल में महिलाओं के साथ हुए अत्याचार को बताता है।

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