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नागौर
 राजस्थान में बीते दिनों कई सरकारी कर्मचारी रिटायर्ड हुए। उन्हीं में नगौर जिले के ग्रामीण स्कूल के शारीरिक प्रशिक्षण प्रशिक्षक (Physical training Instructor) का विदाई समारोह चर्चाओं में है। शिक्षक हनुमान राम देवड़ा 31 जुलाई को रिटायर्डमेंट हुए। शिक्षक हनुमान राम देवड़ा के विदाई समारोह में न सिर्फ उनके शिष्यों ने अनूठी विदाई दी, बल्कि राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावार खुद 250 किलोमीटर चलकर उनके पैर छूने पहुंच गए। शिक्षामंत्री ने न सिर्फ शिक्षक हनुमान राम देवड़ा की उत्कृष्ट सेवाओं का बखान किया, बल्कि उनके काबिल शिष्यों को भी नमन किया। हनुमान राम देवड़ा बतौर पीटीआई नागौर जिले के गोगेलाव गांव सेठ मेघराज एवं माणकचंद बोथरा राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल में पिछले 29 सालों से लगातार सेवाएं दे रहे थे, जब वो रिटायर्ड हुए तो पूरा गांव भावुक हो गया।

छात्रों ने टीचर को गिफ्ट की लग्जरी कार

दरअसल, पीटीआई हनुमान सिंह देवड़ा ने अपने नौकरी के सेवाकाल में द्रोणाचार्य बनकर अनेक अर्जुन तैयार किए, जो आज देश की सेवा में लगे हैं। 32 साल की अपनी सेवा में पीटीआई हनुमान राम देवड़ा ने 29 साल तो सिर्फ इसी गोगेलाव स्कूल को दिए हैं, जहां उनके 65 शिष्य सेना में हैं। वहीं 20 शिष्य पुलिस में सेवाएं दे रहे हैं।

इसके अलावा, एक राजस्थान पुलिस में एसआई है। वहीं 15 से अधिक विद्यार्थी पीटीआई बन गए। इसके साथ ही 18 से अधिक ऐसे खिलाड़ी हैं, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी बने हैं, बाकि सैकड़ों अन्य सरकारी सेवाएं दे रहे हैं। यही वजह है कि अपने 'गुरु द्रोणाचार्य' के सेवानिवृत्ति समारोह को इन्हीं अर्जुनों ने मिलकर ऐतिहासिक बना दिया।

पीटीआई हनुमान राम देवड़ा के पढ़ाए हुए इन शिष्यों ने पूर्व छात्र परिषद नाम से पहले एक वॉट्सएप ग्रुप बनाया और फिर सभी शिष्य अपनी सरकारी सेवाओं से छुट्टी लेकर गांव गोगेलाव पहुंच गए। जहां एक सप्ताह तक कई खेल प्रतियोगिताएं, रक्तदान, पौधरोपण कर 31 जुलाई को गुरु को भावुक विदाई देने के साथ ही उन्हें 10 लाख रुपए की लग्जरी कार भी गिफ्ट की।

मदन दिलावर बोले-जीवन में पहला ऐसा कार्यक्रम देखा

पीटीआई के विदाई समारोह में आए शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने कहा-मेरे जीवन में पहला ऐसा कार्यक्रम देखा जहां किसी शारीरिक शिक्षक को उनके शिष्यों ने ऐसे विदाई दी हो। इसके पीछे पीटीआई हनुमान सिंह देवड़ा की त्याग, तपस्या और विद्यार्थियों के प्रति समर्पण है, जो दिखाता है कि कैसे एक गुरु ने अपने शिष्यों का न सिर्फ काबिल बनाया, बल्कि उन शिष्यों में भी इतना बड़ा समर्पण दिखा कि उन्होंने अपने गुरु का मान बढ़ाया।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि संघर्ष से निकलकर हनुमान सिंह देवड़ा ने अपने पद को सिर्फ सरकारी नौकरी नहीं समझा, बल्कि राष्ट्र सेवा के लिए अपने सैकड़ों शिष्यों को तैयार कर दिल जीता है। इसलिए वो खुद अपने आप को भाग्यशाली समझते हैं कि ऐसे गुरु के चरण स्पर्श करने का भाग्य उन्हें भी मिला। बता दें कि खुद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी कुछ महीनों पहले गोगेलाव गांव पहुंच पीटीआई हनुमान सिंह देवड़ा से मिलकर उनके समर्पण की तारीफ कर चुके हैं।

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