नई दिल्ली
भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चाय निर्यातक बन गया है। उसने श्रीलंका को पीछे छोड़ दिया है। भारतीय चाय बोर्ड के अनुसार, भारत ने 2024 में 25.5 करोड़ किलो चाय का निर्यात किया। केन्या पहले स्थान पर है। भू-राजनीतिक तनावों के बावजूद भारत का चाय निर्यात बढ़ा है। 2024 में निर्यात 10 साल के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया। चाय निर्यात से भारत को अच्छी कमाई हुई है। इराक को भेजे जाने वाले शिपमेंट में बढ़ोतरी हुई है। भारत 25 से ज्यादा देशों को चाय निर्यात करता है। भारत दुनिया के शीर्ष पांच चाय निर्यातकों में से एक है।
भारतीय चाय बोर्ड के आंकड़ों से पता चला है कि भारत ने चाय निर्यात में बड़ी सफलता हासिल की है। भारत अब श्रीलंका से आगे निकल गया है और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चाय निर्यातक बन गया है। 2024 में भारत ने 25.5 करोड़ किलो चाय का निर्यात किया। इससे देश को 7111 करोड़ रुपये की आय हुई।
चाय निर्यात पर कोई खास असर नहीं
दुनिया में कई तरह की परेशानियां चल रही हैं। इसके बाद भी भारत के चाय निर्यात पर कोई खास असर नहीं पड़ा। यह पिछले 10 सालों में सबसे ज्यादा है। 2023 में यह आंकड़ा 23.16 करोड़ किलो था। इसका मतलब है कि 2024 में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। चाय के निर्यात से भारत को खूब फायदा हुआ है। 2023 में भारत ने 6,161 करोड़ रुपये की चाय निर्यात की थी। 2024 में यह बढ़कर 7,111 करोड़ रुपये हो गई। यह 15 फीसदी की बढ़ोतरी है।
2024 में उत्तरी भारत (असम और पश्चिम बंगाल) ने 15.5 करोड़ किलो चाय का निर्यात किया। इससे 4833 करोड़ रुपये मिले। वहीं, दक्षिणी भारत ने 9.98 करोड़ किलो चाय का निर्यात किया। इससे 2278 करोड़ रुपये की आय हुई। उत्तरी भारत का योगदान मात्रा के हिसाब से 60.79% और मूल्य के हिसाब से 67.96% रहा। दक्षिणी भारत का योगदान मात्रा के हिसाब से 39.21% और मूल्य के हिसाब से 32.04% रहा।
भारत 25 से ज्यादा देशों को चाय बेचता है। यूएई, इराक, ईरान, रूस, अमेरिका और ब्रिटेन भारत के प्रमुख ग्राहक हैं। श्रीलंका में चाय की फसल कम होने के कारण कई भारतीय व्यापारियों को पश्चिम एशिया के बाजारों में जाने का मौका मिला। अब वे वहां पर अपनी पकड़ बनाए रखने में सफल हो रहे हैं।
दुनिया के टॉप पांच चाय निर्यातकों में शामिल भारत
भारत दुनिया के टॉप पांच चाय निर्यातकों में शामिल है। पूरी दुनिया में जितनी चाय का निर्यात होता है, उसका लगभग 10 फीसदी भारत से होता है। असम, दार्जिलिंग और नीलगिरी की चाय को दुनिया की सबसे अच्छी चाय माना जाता है।
भारत से ज्यादातर 'ब्लैक टी' चाय का निर्यात होता है। यह कुल निर्यात का लगभग 96 फीसदी है। इसके अलावा, रेगुलर टी, ग्रीन टी, हर्बल चाय, मसाला चाय और लेमन टी भी निर्यात की जाती हैं। भारत सरकार चाय के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कई कदम उठा रही है। सरकार चाहती है कि भारतीय चाय की एक खास पहचान बने। इसके साथ ही, सरकार चाय उद्योग से जुड़े परिवारों की मदद भी करना चाहती है।
असम में दो मुख्य चाय उत्पादक क्षेत्र हैं: असम घाटी और कछार। पश्चिम बंगाल में तीन प्रमुख चाय उत्पादक क्षेत्र हैं: दोआर्स, तराई और दार्जिलिंग। दक्षिण भारत देश के कुल चाय उत्पादन का लगभग 17 फीसदी उत्पादन करता है। तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक यहां के मुख्य चाय उत्पादक राज्य हैं। छोटे चाय उत्पादक भी चाय के उत्पादन में बड़ा योगदान दे रहे हैं। कुल उत्पादन का लगभग 52 फीसदी हिस्सा छोटे चाय उत्पादकों का होता है। अभी लगभग 2.30 लाख छोटे चाय उत्पादक हैं जो चाय के कारोबार से जुड़े हैं।

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