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पति की सालमती के लिए करवा चौथ के दिन निर्जल व्रत रखा जाता है। शाम के टाइम चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा के दर्शन कर व्रत का पारण किया जाता है।

सनातन धर्म में सुहागिनों द्वारा रखे जाने वाला करवा चौथ का व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे आमतौर पर शादी-शुदा महिलाएं मनाती हैं। पति की सालमती के लिए इस दिन निर्जल व्रत रखा जाता है। शाम के टाइम चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा के दर्शन कर व्रत का पारण किया जाता है।

कब है करवा चौथ
आचार्य अशोक पांडे के अनुसार, इस साल यह पर्व 20 अक्टूबर को रखा जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महिलाएं इस दिन कठिन व्रत का पालन करती हैं और विधिवत पूजा-अर्चना करती हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को रखने से पति को लंबी उम्र और सुरक्षा प्राप्त होती है। साथ ही घर में समृद्धि आती है।

पूजा का मुहूर्त
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 20, 2024 को 06:46 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त – अक्टूबर 21, 2024 को 04:16 बजे
करवा चौथ व्रत समय – सुबह 06:25 से शाम19:54
अवधि – 13 घण्टे 29 मिनट्स
करवा चौथ पूजा मुहूर्त- शाम 05:46 बजे से शाम 07:02 बजे तक
अवधि – 01 घण्टा 16 मिनट्स
करवा चौथ के दिन चन्द्रोदय का समय- शाम 07:54 बजे

करवा चौथ पूजा सामग्री
मिट्टी या तांबे का करवा और ढक्कन, पान, सींक, कलश, अक्षत, चंदन, फल, पीली मिट्टी, फूल, हल्दी, लकड़ी का आसान, देसी घी,कच्चा, दूध, दही, शहद, शक्कर का बूरा, रोली, मौली, मिठाई, चलनी या चलनी आदि।

करवा चौथ पूजा-विधि

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लें
  • मंदिर और घर की साफ-सफाई करें
  • सभी देवी-देवताओं की विधि-विधान पूजा करें
  • करवा चौथ व्रत रखने का संकल्प लें
  • संध्या के समय शुभ मुहूर्त में करवा चौथ की व्रत कथा का पाठ करें
  • फिर चंद्रमा की पूजा करें
  • चंद्र दर्शन करने के बाद अर्घ्य दें
  • पति को छलनी से देखकर आरती उतारें
  • फिर पति द्वारा पत्नी को पानी पिलाकर व्रत पारण किया जाता है।
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