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जयपुर
 लोकसभा के शीतकालीन सत्र के बीच बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत की एक तस्वीर ने सियासत का पारा चढ़ा दिया है। इस दौरान बांसवाड़ा सांसद ने विभिन्न मुद्दों को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। उन्होंने साल 2020 के दंगे के केस वापस लेने, भील प्रदेश के गठन समेत कई मुद्दे उठाए। इस मुलाकात को लेकर बांसवाड़ा सांसद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर केंद्रीय गृहमंत्री के साथ मुलाकात की तस्वीर साझा की है।

साल 2020 के दंगों पर बातचीत

बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत ने 2020 में डूंगरपुर जिले में नेशनल हाइवे 48 पर कांकरी डूंगरी दंगों का मुद्दा उठाया। इसको लेकर रोत ने दंगे के मामले को वापस लेने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी की मांग उठाई। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के अधीन केस में राहत मिल गई है, लेकिन नेशनल हाइवे के केस अभी भी केंद्र सरकार के पास लंबित हैं। सांसद रोत ने यह भी बताया कि झारखंड और छत्तीसगढ़ राज्यों में जमीन अधिग्रहण के दौरान आदिवासियों को बेवजह परेशान किया जा रहा है और अतिरिक्त आर्मी लगाकर अत्याचार किया जा रहा है।

अमित शाह से अलग से आदिवासी रेजीमेंट बनाने की मांग

केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात के दौरान सांसद ने आदिवासी रेजिमेंट की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि जाट और सिख रेजिमेंट की तरह आदिवासी रेजिमेंट भी शुरु की जाए। इस पर गृहमंत्री ने सकारात्मक विचार करने की बात कही। बीएपी के सांसद राजकुमार रोत की गृह मंत्री अमित शाह से पार्लियामेंट ऑफिस में तीन मिनट की मुलाकात हुई। इसमें उन्होंने आदिवासी क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई।

रोत ने भील प्रदेश को लेकर फिर उठाई मांग

अमित शाह से मुलाकात के दौरान बांसवाड़ा सांसद ने एक बार फिर भील प्रदेश के गठन का मुद्दा उठाया। बता दें कि लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद संसद में शपथ लेने के दौरान भी बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत ने भील प्रदेश की मांग की थी। इसके अलावा राजस्थान उपचुनाव में चैरासी से विधायक बने अनिल कटारा ने भी शपथ के बाद कहा कि उनकी पार्टी की भील प्रदेश की मांग हमेशा कायम रहेगी।

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