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पूर्व IAS अनिल टुटेजा और कारोबारी अनवर ढेबर को HC से मिली बड़ी राहत, रायपुर सेंट्रल जेल में ट्रांसफर का आदेश

बिलासपुर  पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर को रायपुर सेंट्रल जेल से अन्य जेल ट्रांसफर करने का विशेष न्यायाधीश का फैसला हाईकोर्ट ने पलट दिया है। जेल अधीक्षक रायपुर के आवेदन पर विशेष अदालत ने दोनों को कांकेर और अंबिकापुर जेल शिफ्ट कर दिया गया था। इसके खिलाफ उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। जस्टिस अरविंद वर्मा की सिंगल बेंच में हुई सुनवाई में अदालत से दोनों को वापस रायपुर सेंट्रल जेल ट्रांसफर करने के निर्देश दिए हैं। 2 हजार करोड़ के शराब घोटाले मामले में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर को ईडी ने गिरफ्तार किया था। तब से दोनों रायपुर सेंट्रल जेल में बंद है। उन पर रायपुर जेल में वीआईपी सुविधाएं लेने का आरोप है। इसके अलावा सिंडिकेट बनाकर जेल में शांति भंग का भी आरोप दोनों पर लगा कर रायपुर जेल अधीक्षक ने विशेष न्यायाधीश ईडी निधि शर्मा की अदालत में आवेदन दिया था। आवेदन के आधार पर दोनों को अलग-अलग कांकेर और जगदलपुर जेल शिफ्ट करने का आदेश दिया गया था। आदेश के बाद दोनों को वहां शिफ्ट कर दिया गया था। आदेश को दोनों ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाई कोर्ट में चुनौती दी थी जिसमें उन्होंने बताया था कि उनके मामले की सुनवाई रायपुर में चल रही है इसलिए पेशी में उन्हें उपस्थित होना पड़ता है और उनके अधिवक्ता भी रायपुर जेल में उनसे वकील मुलाकात करते हैं साथ ही उनका परिवार भी रायपुर में निवास रथ है जिससे परिवार के लोगों को भी जेल में मिलने में सुविधा होती है। जेल अधीक्षक के आवेदन पर रायपुर विशेष न्यायाधीश ने बगैर उनके पक्ष सुने एकपक्षीय आदेश जारी किया गया है। सुनवाई के बाद जस्टिस अरविंद वर्मा की सिंगल बेंच ने दोनों को तत्काल रायपुर जेल शिफ्ट करने के निर्देश दिए। आबकारी घोटाला मामले में आरोपी अनवर ढेबर को अंबिकापुर और अनिल टुटेजा को कांकेर जेल शिफ्ट किया गया था, जबकि ए.पी. त्रिपाठी को जगदलपुर जेल भेजा गया था। कस्टम मिलिंग घोटाले के आरोपी मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी को दंतेवाड़ा जेल और कोयला घोटाले के मुख्य सरगना सूर्यकांत तिवारी को जगदलपुर जेल ट्रांसफर किया गया था। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 24

मुस्लिम कानून के तहत, ससुर को अपने मृत बेटे की विधवा को गुजारा भत्ता देने की जरूरत नहीं – हाईकोर्ट

भोपाल  मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक ससुर की याचिका पर सुनवाई करते हुए बड़ा फैसला सुनाया है और बड़ी टिप्पणी की है. मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर पीठ ने दोहराया है कि मुस्लिम कानून के तहत, ससुर को अपने मृत बेटे की विधवा को वित्तीय सहायता करने की जरूरत नहीं है. ऐसा करते हुए हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट और सत्र अदालतों के आदेशों को रद्द कर दिया, जिसमें याचिकाकर्ता ससुर को उसकी मृत्यु के बाद अपनी बहू को मासिक गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया गया था. शिवपुरी की अदालत ने ससुर के खिलाफ दिया था फैसला दरअसल, शिवपुरी की एक अदालत ने आदेश दिया था कि ससुर अपनी विधवा बहू को हर महीने 3000 रुपये का गुजारा भत्ता देंगे. पूरा मामला शरीफ बनाम इशरत बानो का है. इशरत की शादी साल 2011 में 14 जून को हुई थी. साल 2015 में 30 जून को शरीफ की मौत हो गई. इसके बाद इशरत ने अपने ससुर बशीर खान के खिलाफ शिवपुरी की मजिस्ट्रेट कोर्ट में घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया. बहू ने मांगे थे 40 हजार रुपए प्रतिमाह इशरत ने अपने ससुर से 40 हजार रुपये हर महीने गुजारा भत्ता देने की मांग की थी. साल 2021 में 9 फरवरी को मजिस्ट्रेट कोर्ट ने अपने फैसले में बशीर खान को अपनी विधवा बहू को 3,000 रुपये हर महीने देने को कहा. इसके बाद बशीर खान ने एडीजे कोर्ट में अपील की, जहां 2022 में 21 जनवरी को निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा गया. इसके बशीर खान हाईकोर्ट पहुंचे. बशीर के वकील अक्षत जैन ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के मुताबिक एक पिता को अपने बेटे की विधवा को भरण-पोषण देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है. क्या कहता है हिंदू मैरिज एक्ट हालांकि हिंदू मैरिज एक्ट में यह कानून ठीक उलटा है. एक्ट के तहत विधवा बहू अपने ससुर से भरण-पोषण का दावा कर सकती है. लेकिन इसके लिए कुछ शर्त भी हैं. जैसे कि विधवा बहू अपनी कमाई या संपत्ति से अपना भरण-पोषण ना कर पाती हो. विधवा बहू के पास कोई संपत्ति ना हो. विधवा बहू के पति, पिता या माता की संपत्ति हो. विधवा बहू का कोई बेटा या बेटी हो. हिंदू महिला को दूसरी शादी के बाद भी संपत्ति का हक इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुताबिक अगर विधवा बहू अपने ससुराल में नहीं रहती है तो भी वह ससुर से भरण-पोषण का दावा कर सकती है. इसके अलावा आपको बता दें कि हिंदू विधवा महिला यदि दूसरी शादी भी कर लेती है तो उसका अपने पहले पति की संपत्ति का पूरा अधिकार होगा. कर्नाटक हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया था. कोर्ट का कहना था कि अगर कोई विधवा महिला दोबारा शादी करती है तो अपने मृत पति के संपत्ति से उसका हक खत्म नहीं होगा. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 24

मनमानी फीस वसूली और फर्जी पुस्तकों के मामले में हाईकोर्ट ने सरकार को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का दिया आदेश

जबलपुर प्रशासन द्वारा मनमानी फीस वसूली और फर्जी पुस्तकों को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने की जांच में सख्त कार्रवाई न किए जाने के मामले में आधा दर्जन निजी स्कूल प्रबंधनों ने जबलपुर हाईकोर्ट का रुख किया। याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ के समक्ष शासन की ओर से स्टेटस रिपोर्ट पेश की गई। युगलपीठ ने रिपोर्ट को संतोषजनक नहीं पाया और एक नई स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता रॉयल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, लिटिल किंगडम, स्मॉल वंडर्स, नचिकेता हायर सेकेंडरी स्कूल, स्टेम फील्ड इंटरनेशनल सहित अन्य निजी स्कूल प्रबंधनों की ओर से दायर अपील में कहा गया है कि मनमानी फीस वृद्धि और फर्जी पुस्तकों को पाठ्यक्रम में शामिल करने की जांच जबलपुर जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है। पूर्व में कई स्कूल प्रबंधनों के खिलाफ मामले दर्ज कर प्राधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था। स्कूल प्रबंधन जांच में सहयोग करने को तैयार हैं, लेकिन उन्हें आशंका है कि दीवाली अवकाश के दौरान प्रशासन उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सकता है। युगलपीठ ने याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान आरोपी स्कूल संचालकों और स्टाफ के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई न करने के आदेश दिए थे। युगलपीठ ने याचिकाकर्ता स्कूल प्रबंधन को निर्देशित किया है कि वे जिला समिति की जांच में पूरा सहयोग करें और अपेक्षित दस्तावेज प्रस्तुत करें। साथ ही युगलपीठ ने जिला प्रशासन से कार्रवाई के संबंध में जवाब मांगा था। प्रशासन की रिपोर्ट को संतोषजनक न पाते हुए युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किए। याचिका पर अगली सुनवाई 13 नवंबर को होगी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने पैरवी की। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 31

हिंदू युवती-मुस्लिम युवक की शादी के मामले में हाई कोर्ट की अंतरिम रोक, DGP-कलेक्टर को भेजा नोटिस

जबलपुर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने हिन्दू-मुस्लिम कपल को झटका दिया है। हाई कोर्ट ने एकलपीठ के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी जिसमें एक हिंदू युवती और मुस्लिम युवक की शादी की अनुमति दी गई थी। इस मामले पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत, जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने इस मामले प्रदेश के डीजीपी, जबलपुर के कलेक्टर, मैरिज ऑफिसर और एसपी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। दरअसल, एकल पीठ के आदेश के खिलाफ युवती के पिता इंदौर निवासी हीरालाल राठौर ने डिवीजन बेंच में अपील पेश की। अपीलाकर्ता ओर से अधिवक्ता अशोक ललवानी ने दलील दी कि युवक ने लड़की का ब्रेनवॉश कर दिया है। उसे 'लव-जिहाद अभियान' के तहत निशाना बनाया गया है। उन्होंने कहा कि युवती को उसके परिवार वालों से मिलने नहीं दिया जा रहा है। यह दलील भी दी गई कि मुस्लिम लॉ के तहत मूर्ति पूजक या अग्नि की पूजा करने वाले से शादी अवैध कहलाती है। 22 अक्टूबर को इंदौर की हिंदू युवती अंकिता और जबलपुर के मुस्लिम युवक हसनैन अंसारी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सुरक्षा की मांग की थी। दोनों की ओर से कोर्ट में कहा गया था कि वे दोनों एक-दूसरे को पिछले 4 साल से जानते हैं। पिछले एक साल से वे लिव-इन में रह रहे हैं और अब दोनों शादी करना चाहते हैं। दोनों ने पुलिस सुरक्षा की मांग की है। युवती का कहना है कि परिवार वाले उसे जबरन अपने साथ ले जाना चाहते हैं और दोनों की जान को खतरा है। एकलपीठ ने युवती को 11 नवंबर तक शास्त्री ब्रिज स्थित राजकुमारी बाई बाल निकेतन भेजने के निर्देश दिए थे। वहीं युवक को फिलहाल किसी अज्ञात स्थान पर रखने और स्थिति अनुकूल होने पर उसके घर भेजने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने कहा था कि इस दौरान दोनों एक दूसरे से संपर्क नहीं करेंगे। कोर्ट ने कहा था कि 12 नवंबर को युवती को नारी निकेतन से मैरिज रजिस्ट्रार के यहां ले जाएं और शादी के पहले उसके बयान दर्ज कराएं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 46

नशीली सिरप की तस्करी करने वाले आरोपियों को न्यायालय ने कड़ी सजा सुनाई, 10 -10 साल सश्रम कारावास

रीवा रीवा शहर में नशीली सिरप की तस्करी करने वाले आरोपियों को न्यायालय ने कड़ी सजा सुनाई है। आरोपी शहर में नशीली प्रतिबंधित सिरप की सप्लाई करते थे। नशे की खेप लाने के लिए कार का इस्तेमाल करते थे।  फिर शहर के कबाड़ी मोहल्ले स्थित अपने गोदाम से नशे का नेटवर्क संचालित करते थे। मामले में आरोपियों को सजा विशेष सत्र न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट केशव सिंह की अदालत से सुनाई गई है। लोक अभियोजन ने बताया कि नशा तस्कर इरशाद खान और अनुराग त्रिपाठी को 10-10 साल की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। इरशाद लंबे समय से नशा तस्करी में जुड़ा हुआ था, पुलिस ने इसके घर में भी एक बार छापा मारा था। जहां से भारी मात्रा में नशीली कफ सिरप तहखाने से बरामद हुई थी। पुलिस को सूचना मिली थी 25 मई 2023 को कुछ लोग नशे की खेप लेकर रीवा के करहिया मार्ग से होकर लाडली लक्ष्मी मार्ग के रास्ते रीवा शहर में प्रवेश करेंगे। पुलिस ने लाड़ली लक्ष्मी मार्ग पर चेकिंग अभियान शुरू किया। वहां पुलिस को एक अल्टो कार आती हुई नजर आई। पुलिस ने कार की चेकिंग की कार के दौरान अंदर से 2160 सीसी नशीली कफ सिरप बरामद की। पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत मामले को कोर्ट में पेश किया। जहां सुनवाई के बाद दोनों आरोपी अनुराग त्रिपाठी और इरशाद को 10 साल की सजा सुनाई। एक लाख रुपए का जुर्माना ना अदा करने पर अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। वर्तमान में जिस तरीके से पूरा रीवा शहर में नशा छाया हुआ है। उसको देखकर माना जा रहा है यह नशे के खिलाफ एक बड़ा प्रहार है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 60

‘LMV लाइसेंस धारक 7500 KG तक वजन वाले ट्रांसपोर्ट वाहन चलाने का अधिकार ‘, सुप्रीम कोर्ट का फैसला

नई दिल्ली वाणिज्यिक वाहन चालकों को राहत देते हुए उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि हल्के मोटर वाहन (एलएमवी) का लाइसेंस धारक व्यक्ति 7,500 किलोग्राम तक वजन वाले परिवहन वाहन चला सकता है। प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ का फैसला बीमा कंपनियों के लिए एक झटका है। बीमा कंपनियां उन दावों को खारिज कर देती थीं, जो एक विशेष वजन के परिवहन वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं से संबंधित होते थे और चालक कानूनी शर्तों के अनुसार उन्हें चलाने के लिए अधिकृत नहीं थे। पीठ के लिए सर्वसम्मति से फैसला लिखने वाले न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय ने कहा कि ऐसे कोई आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं जो यह दर्शाते हों कि देश में सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि के लिए एलएमवी लाइसेंस धारक जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि एलएमवी लाइसेंस धारक, जो अधिकतम समय वाहन चलाते हैं, न्यायालय से जवाब मांग रहे हैं और उनकी शिकायतों को तकनीकी आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता। प्रधान न्यायाधीश और न्यायमूर्ति रॉय के अलावा पीठ में न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा, न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। पीठ ने 21 अगस्त को इस जटिल कानूनी मुद्दे पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जब केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने दलील दी थी कि मोटर वाहन (एमवी) अधिनियम, 1988 में संशोधन के लिए विचार-विमर्श ‘‘लगभग पूरा हो चुका है।’’ शीर्ष अदालत ने केंद्र से कानून में संशोधन की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करने को कहा। पीठ ने उस कानूनी पहलू का समाधान किया कि क्या हल्के मोटर वाहन (एलएमवी) का लाइसेंस धारक व्यक्ति 7,500 किलोग्राम तक वजन वाले परिवहन वाहन चलाने का भी हकदार है। इस मुद्दे ने एलएमवी लाइसेंस धारकों द्वारा चलाए जा रहे परिवहन वाहनों से जुड़े दुर्घटना मामलों में बीमा कंपनियों की तरफ से दावों के भुगतान को लेकर विभिन्न विवादों को जन्म दिया है। बीमा कम्पनियां आरोप लगाती रही हैं कि मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) और अदालतें हल्के मोटर वाहन ड्राइविंग लाइसेंस के संबंध में उनकी आपत्तियों की अनदेखी करते हुए उन्हें बीमा दावों का भुगतान करने के लिए आदेश पारित करते हैं।  बीमा कम्पनियों ने कहा कि बीमा दावा विवादों पर निर्णय करते समय अदालतें बीमाधारक का पक्ष लेती हैं।     Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 34

सहकारी बैंक अब बीमा राशि और वाद व्यय के तौर पर एक-एक लाख किसानों चुकाने होंगे

 खरगोन  खरगोन का जिला सहकारी बैंक किसानों का समूह बीमा करने के बाद दावे के भुगतान के समय मुकर गया। उसने जिस बजाज एलियांज बीमा कंपनी से पॉलिसी ली थी, उसने भी किसानों को अपात्र बताकर राहत देने से इन्कार कर दिया। 26 किसानों ने 13 वर्ष तक कानूनी लड़ाई हासिल कर न्याय हासिल किया है। राज्य उपभोक्ता आयोग ने सहकारी बैंक और बीमा कंपनी दोनों को आदेश दिया है कि वे किसानों को बीमा राशि और वाद व्यय के तौर पर एक-एक लाख रुपये का भुगतान करें। यह है मामला। किसानों की ओर से पैरवी कर रही अधिवक्ता मोना पालीवाल ने बताया कि वर्ष 2006-07 में खरगोन के जिला सहकारी बैंक ने कृषक समूह बीमा योजना के तहत बैंक से कर्ज लेने वाले किसानों का बीमा किया था। इसके लिए किसानों के खाते से 563 रुपये का प्रीमियम काटा गया। यह बीमा पॉलिसी प्रतिवर्ष ऑटो रिन्युअल थी। इसके तहत यह उल्लेख था कि खातेदार किसानों के लिए जारी बीमा पॉलिसी 18 वर्ष से 59 वर्ष तक के आयु वालों खातेदार किसानों के लिए जारी की गई थी। इस दौरान अगर किसी किसान की मृत्यु हो जाती है तो उसके नॉमिनी को 75 हजार रुपये की बीमा राशि का भुगतान किया जाना था। वर्ष 2007 में भीकनगांव के सेल्दा गांव निवासी बीमित किसान रामलाल यादव की मौत हो गई। परिवार ने बैंक के पास बीमित राशि के लिए दावा किया। लेकिन बैंक ने कोई भुगतान नहीं किया। इस बीच कई बीमित किसानों की मौत के बाद बीमा दावे का भुगतान लटकाया गया। 2011 में किसानों के वारिसों ने जिला उपभोक्ता आयोग में मामला दायर कर बीमा राशि की मांग की। 2023 में जिला उपभोक्ता आयोग ने किसानों का दावा खारिज कर दिया। उनके आदेश में कहा गया कि बैंक ने अपात्र होने की वजह से किसानों का प्रीमियम बीमा कंपनी को भेजा ही नहीं था। ऐसे में उनका बीमा नहीं हुआ। किसानों ने उन्हें अपात्र ठहराने का विरोध भी नहीं किया था। ऐसे में उनको बीमित नहीं माना जा सकता। इस फैसले के खिलाफ किसान राज्य उपभोक्ता आयोग पहुंचे थे। बैंक और बीमा कंपनी का यह बहाना था सुनवाई के दौरान जिला सहकारी बैंक का कहना था कि कृषक समूह बीमा पॉलिसी 18 से 59 वर्ष तक के किसानों के लिए थी। जिन किसानों का बीमा दावा आया है, वे 59 वर्ष की सीमा पार कर चुके थे। वहीं बीमा कंपनी का कहना था कि बैंक ने उनको दावेदारों का प्रीमियम भेजा ही नहीं था। इसलिए वे उनको भुगतान करने के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। इन दस्तावेजों से मजबूत हुआ किसानों का पक्ष     – सितम्बर 2008 में बैंक ने बीमा कंपनी को एक पत्र लिखकर लंबित दावों के निपटारे का अनुरोध किया था। इस पत्र में 52 किसानों की सूची थी, जिनकी मृत्यु के बाद भुगतान रुका हुआ था। इस सूची में किसानों का नाम था।     – बैंक ने किसानों की उम्र 59 वर्ष से अधिक होने के आधार पर अपात्र बताया था, लेकिन बैंक उनकी उम्र का कोई प्रमाण नहीं दे पाया, जिसके आधार पर उसने उन्हें उम्र सीमा पार कर लेना तय किया।     – 2012 में बैंक ने एक किसान को दिये लिखित जवाब में कहा था कि बीमा कंपनी ने क्लेम नहीं भेजा है। उसके मिलते ही बीमा राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। इससे साबित हुआ कि बैंक ने बीमा भेजा था।     – बीमित किसानों ने प्रीमियम कटने की रशीद, बैंक से हुए पत्राचार और मृत्यु प्रमाणपत्र आदि पेश किये। चार प्रतिशत ब्याज की दर से भुगतान का आदेश मामले की सुनवाई के बाद राज्य उपभोक्ता आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष एके तिवारी और सदस्य श्रीकांत पांडेय ने जिला उपभोक्ता आयोग का आदेश अमान्य कर दिया। उन्होंने किसानों के पक्ष में निर्णय सुनाया और 26 किसानों द्वारा ली गई ऋण राशि 7500 रुपयों को चार प्रतिशत ब्याज की दर से दो महीने के भीतर भुगतान का आदेश दिया। इसके साथ ही तीन हजार रुपये की क्षतिपूर्ति राशि देने का आदेश दिया। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 39