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मेडिकल छात्र को एमपी हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली, मूल दस्तावेज अब लौटाएगा कॉलेज

जबलपुर  हॉस्टल में हुई गतिविधियों के कारण डिप्रेशन में आकर मेडिकल छात्र मनोरोगी हो गया है। इसकी वजह से छात्र ने मेडिकल की पढ़ाई छोड़ दी है। अब कॉलेज प्रबंधन ओरिजनल दस्तावेज वापस लौटाने के एवज में तीस लाख रुपए की मांग कर रहा है । एमपी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगल पीठ ने याचिका पर सुनवाई की है। साथ ही याचिकाकर्ता छात्र को ओरिजनल दस्तावेज वापस लौटाने के आदेश जारी किए हैं। भोपाल में लिया था एडमिशन दरअसल, अहमदाबाद गुजरात निवासी डॉ मीत यादव की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि उसने साल 2023 में पीपुल्स डेंटल अकादमी भोपाल में बीडीएस सीट में दाखिला लिया था। हॉस्टल में हुई गतिविधियों के कारण वह डिप्रेशन में चला गया था। डिप्रेशन बढ़ने के कारण वह मनोरोगी हो गया है। याचिका के याचिकाकर्ता के मेडिकल दस्तावेज भी पेश किए। माता-पिता का साथ रहना जरूरी याचिकाकर्ता की स्थिति ऐसी है कि माता-पिता का उसके साथ रहना आवश्यक है। माता-पिता के साथ नहीं रहने पर वह आत्मघाती कदम उठा सकता है। वहीं, याचिकाकर्ता की तरफ से पैरवी करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता आदित्य संधी ने युगलपीठ को बताया कि हॉस्टल में हुए अनैतिक गतिविधियों के कारण याचिकाकर्ता की ऐसी स्थिति हुई है। मजबूरन छोड़नी पड़ी सीट दरअसल, वकील ने कहा है कि उसे मजबूरन मेडिकल सीट छोड़नी पड़ी थी। बीडीएस की सीट छोडने पर कॉलेज प्रबंधन द्वारा शिक्षा संबंधित ओरिजनल दस्तावेज वापस लौटाने के एवज में तीस लाख रुपए की मांग कर रहा है। कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि दाखिले के समय उसने बॉन्ड साइन किया था। जिसकी शर्त के अनुसार मेडिकल सीट बीच में छोड़ने के एवज पर तीस लाख रुपए का भुगतान करना होगा। मेडिकल सीट छोड़ने के एवज में छात्रों से तीस लाख रुपए लेने के मामला लोकसभा में उठाया गया था। नेशनल मेडिकल कमीशन ने इस पॉलिसी पर पुनर्विचार करने के निर्देश मध्य प्रदेश सरकार को दिए थे। मध्य प्रदेश सरकार ने साल 2025 से उक्त पॉलिसी को समाप्त करने का निर्णय लिया है। सरकार द्वारा गलत पॉलिसी निर्धारित की गयी थी कि पूर्व में दाखिला लेने वाले छात्रों पर उसे कैसे लागू किया जा सकता है। याचिकाकर्ता की स्थिति ऐसी है कि माता-पिता का उसके साथ रहना आवश्यक है। माता-पिता के साथ नहीं रहने पर वह आत्मघाती कदम उठा सकता है। युगल पीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश जारी किए। युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि अंतिम निर्णय के याचिका के अधीन रहेगा। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 7

‘क्या आप सुरक्षा बलों का मनोबल गिराना चाहते हैं?’ पहलगाम हमले पर जनहित याचिका पर सुनवाई से SC का इनकार

नई दिल्ली पूरे देश में इस समय पहलगाम आतंकी हमले को लेकर आक्रोश है। इस बीच इस हमले की न्यायिक जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। न्यूज एजेंस पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दायर करने वाले को फटकार लगाते हुए कहा कि न्यायाधीश आतंकवाद मामलों की जांच के विशेषज्ञ नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका दायर करने वालों को फटकार लगाते हुए सवाल किया कि क्या वे सुरक्षा बलों का मनोबल गिराना चाहते हैं? उन्हें ऐसे मुद्दों को न्यायिक क्षेत्र में नहीं लाने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि इस मुश्किल वक्त में देश का प्रत्येक नागरिक आतंकवाद से लड़ने के लिए एकजुट है।  जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट पहलगाम आतंकवादी हमले की जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर करने वाले वकीलों की कड़ी आलोचना की। सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने कहा, “जिम्मेदार बनो। देश के प्रति तुम्हारा कुछ कर्तव्य है। क्या यही तरीका है… प्लीज ऐसा मत करो। कब से कोई रिटायर्ड हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का जज ऐसे मुद्दों की जांच करने के लिए विशेषज्ञ बन गया है? हम कुछ भी नहीं सुन रहे हैं।” जस्टिस सूर्यकांत ने आगे कहा, “यह वह महत्वपूर्ण समय है जब देश का हर नागरिक आतंकवाद से लड़ने के लिए हाथ मिला रहा है। ऐसी कोई प्रार्थना न करें जिससे किसी का मनोबल गिरे। मामले की संवेदनशीलता देखिए।” 'सुरक्षा बलों का मनोबल गिराना चाहते हैं' पीठ ने कहा, "इस महत्वपूर्ण समय में देश के हर नागरिक ने आतंकवाद से लड़ने के लिए हाथ मिलाया है. क्या आप इस तरह की जनहित याचिका दायर करके सुरक्षा बलों का मनोबल गिराना चाहते हैं. इस तरह के मुद्दे को न्यायिक क्षेत्र में न लाएं." याचिकाकर्ता फतेह कुमार साहू और अन्य को जनहित याचिका वापस लेने के लिए कहा गया. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे इस मुद्दे की संवेदनशीलता को समझें और अदालत में ऐसी कोई अपील न करें, जिससे सुरक्षा बलों का मनोबल गिरे. 'आदेश पारित करने को न कहें' पीठ ने याचिकाकर्ताओं में से एक से कहा, "आप रिटायर सुप्रीम कोर्ट के जज से जांच करने के लिए कह रहे हैं. वे जांच के विशेषज्ञ नहीं हैं, बल्कि वे केवल निर्णय दे सकते हैं और किसी मुद्दे पर निर्णय ले सकते हैं. हमें आदेश पारित करने के लिए न कहें. आप जहां जाना चाहते हैं, जाएं. बेहतर होगा कि आप वापस चले जाएं." जनहित याचिका में केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन को पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी. पहलगाम हमले में 26 पर्यटकों की मौत बता दें कि 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने अनंतनाग जिले के पहलगाम के ऊपरी इलाकों में स्थित एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल बैसरन में गोलीबारी की, जिसमें 26 लोग मारे गए. मरने वालों में अधिकतर दूसरे राज्यों से आए पर्यटक थे – इस घटना ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा दिया है. किसने दायर की थी पिटीशन जनहित याचिका कश्मीर के रहने वाले मोहम्मद जुनैद ने दायर की थी। याचिकाकर्ताओं में फतेश कुमार साहू और विकी कुमार का भी नाम है। याचिका में ये भी कहा गया है कि केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार कश्मीर में पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। पहलगाम में आतंकियों ने धर्म पूछकर गोली मारी थी कश्मीर के पहलगाम स्थित बायसरन घाटी में 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ था। इसमें 26 पर्यटक मारे गए थे। इसमें एक नेपाल का टूरिस्ट भी शामिल था। आतंकियों ने पर्यटकों का धर्म पूछकर गोली मारी थी। हमले की जिम्मेदारी पहले द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी, हालांकि बाद में इससे मुकर गया था। पहलगाम हमला मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कर रही है। NIA ने मामले में 27 अप्रैल को जम्मू में केस दर्ज किया था। चश्मदीद ने बताया था, 22 अप्रैल को क्या हुआ था… आतंकी हमले में महाराष्ट्र के संतोष जगदाले भी मारे गए थे। जगदाले अपनी पत्नी और बेटी के साथ पहलगाम घूमने गए थे। साथ में एक महिला रिश्तेदार भी थी। आतंकियों ने तीनों महिलाओं को छोड़ दिया। जगदाले की बेटी असावरी ने न्यूज एजेंसी PTI को बताया था- हम पांच लोगों का ग्रुप था। इसमें मेरे माता-पिता भी शामिल थे। हम पहलगाम के पास बैसरन घाटी में थे, तभी गोलीबारी की आवाज सुनी। देखा कि पुलिस के कपड़े पहने कुछ लोग गोलियां चला रहे हैं। असावरी ने कहा, 'हम सभी पास के एक टेंट में छिप गए। 6-7 अन्य लोग भी आ गए। हम सभी गोलीबारी से बचने के लिए जमीन पर लेट गए, पहले लगा कि यह आतंकवादियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच कोई मुठभेड़ है। तभी एक आतंकी हमारे टेंट में आ गया। उसने मेरे पिताजी को बाहर आने के लिए कहा। साथ ही पीएम मोदी के लिए कुछ गलत शब्दों का इस्तेमाल किया। फिर उन्होंने मेरे पिता से एक इस्लामी आयत (शायद कलमा) पढ़ने को कहा। जब वे नहीं पढ़ पाए तो उन्हें तीन गोलियां मार दीं, एक सिर पर, एक कान के पीछे और एक पीठ में। मेरे चाचा मेरे बगल में थे। आतंकवादियों ने उन्हें चार से पांच गोलियां मारीं।' Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. 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कलेक्टर-एसपी पर सख्त हुआ हाईकोर्ट, शपथ पत्र में मांगा जवाब, ये है मामला…

सिवनी सिवनी जिले के धूमा क्षेत्र में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा काे क्षतिग्रस्त करने के मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने जिले के कलेक्टर, एसपी और एसएचओ धूमा को नोटिस जारी कर एक हफ्ते में शपथ पत्र के साथ जवाब मांगा है। यह घटना फरवरी 2025 की है। मामले में स्थानीय व्यक्ति ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। जिसमें उसने कोर्ट को बताया कि प्रतिमा तोड़ने की शिकायत की गई थी, जिस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। सिवनी निवासी जितेंद्र अहिरवार की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने कोर्ट में पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि धूमा थाना अंतर्गत एक गांव में 10-11 फरवरी की रात कुछ लोगों ने डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा में तोड़फोड़ की, अगले ही दिन धूमा पुलिस थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई गई, लेकिन आज तक आरोपी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने की बजाय जर्जर मूर्ति को किसी अज्ञात स्थान में रख दिया और वहां पर नई प्रतिमा लाकर रख दी। अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने कोर्ट को बताया कि- जो नई मूर्ति लगाई गई है वह किसके द्वारा लाई गई, कहां से लाई गई और किस मद से उसमें पैसा खर्च किया है यह जानकारी नहीं दी गई। याचिकाकर्ता ने इस मामले को लेकर लगातार सिवनी कलेक्टर, एसपी सहित अन्य अधिकारियों से जाकर शिकायत की, लेकिन किसी ने भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया। हाई कोर्ट को यह भी बताया गया कि सिवनी पुलिस प्रतिमा तोड़ने वालों की ना ही जांच कर रही है और ना ही उनके खिलाफ कार्यवाही। घटना को ढाई महीने से ज्यादा समय हो गया है, लेकिन आज तक पुलिस ने एक भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई। हाईकोर्ट को यह भी बताया गया था कि पुलिस उल्टा याचिकाकर्ता को ही परेशान कर रही है कि कार्यवाही को लेकर दबाव न बनाया जाए। जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच ने सिवनी कलेक्टर, एसपी और एसएचओ धूमा को नोटिस जारी कर 7 दिन में जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई 7 मई को होगी। हाईकोर्ट ने सिवनी एसपी को यह भी निर्देश दिए हैं कि अगली सुनवाई में शपथ पत्र प्रस्तुत करते हुए यह बताएं कि इस मामले में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है। हाईकोर्ट ने कार्रवाई का पूरा ब्यौरा भी पुलिस से मांगा है।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 4

हाउसिंग बोर्ड की खुली जमीन पर नगर निगम, लोक स्वास्थ्य विभाग का कार्यालय तथा आंगनवाड़ी केन्द्र स्थापित कर दिया गया, HC ने यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए

भोपाल मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड ने कॉलोनी बनाते समय सार्वजनिक उपयोग के लिए खुली जमीन छोड़ी थी। खुली जमीन पर सरकारी विभाग ने अतिक्रमण कर अपने कार्यालय खोल लिए हैं। जिसे चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत तथा जस्टिस विवेक जैन की युगल पीठ ने याचिका की सुनवाई के बाद यथास्थिति के आदेश जारी करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। भोपाल निवासी निसार खान की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड के द्वारा ऐशबाग एरिया में कॉलोनी बनाई गई थी। कॉलोनी बनाए जाने के दौरान लोगों के सार्वजनिक उपयोग के लिए खुली जमीन छोड़ी गई थी। कॉलोनी को बाद में नगर निगम को स्थानांतरित कर दिया गया था। याचिका में आरोप लगाते हुए कहा गया था कि हाउसिंग बोर्ड ने एमआईजी श्रेणी के मकान वाले क्षेत्र में लगभग 12 हजार वर्ग फीट जमीन को सार्वजनिक उपयोग हेतु खुला छोड़ा गया था। सार्वजनिक उपयोग के लिए छोडी गई जमीन पर नगर निगम तथा लोक स्वास्थ्य विभाग का कार्यालय तथा आंगनवाड़ी केन्द्र स्थापित कर दिया गया है। इसके अलावा नगर निगम द्वारा वेस्ट डम एरिया बनाने का प्रस्ताव बना रहा है। याचिका में कहा गया था कि नियमानुसार आंगनवाड़ी तथा लोक स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय के लिए सरकार जमीन उपलब्ध करती है। नियमानुसार छोड़ी गई जमीन पर सरकारी विभाग द्वारा अतिक्रमण कर कार्यालय स्थापित किए गए हैं। युगलपीठ ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद उक्त आदेश जारी किए। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता केके अग्निहोत्री व अधिवक्ता अनमोल चौकसे ने पैरवी की। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 6

भोपाल में मुस्लिम युवकों ने पहचान छिपा हिंदू लड़कियों से रेप, वकीलों ने आरोपियों को पीटा

भोपाल भोपाल में पहचान छिपाकर समुदाय विशेष के युवकों द्वारा हिन्दू लड़कियों से रेप और ब्लैकमेल की वारदात सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में भारी गुस्सा है। इस घटना को लेकर लोगों के आक्रोश का अंदाजा सोमवार को हुई एक घटना से लगाया जा सकता है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सोमवार को जब पुलिस दो आरोपियों को जीप में बैठाकर जिला न्यायालय परिसर से ले जा रही थी तभी गुस्साए वकीलों की भीड़ ने 'भारत माता की जय' के नारे लगाते हुए उन पर हमला बोलते हुए पीट दिया। वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्य बार काउंसिल के सह-अध्यक्ष राजेश व्यास ने बताया कि वकील, खासकर युवा, इस घटना से नाराज हैं। वकील इस घटना को लेकर आक्रोशित हैं। वे अनुशासित तरीके से विरोध कर रहे हैं। यह संघर्ष जारी रहेगा और अगर ऐसी घटनाएं दोबारा हुईं तो आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपियों में से एक सैफ अली को बचा लिया गया। सैफ को सुरक्षित ले जाया गया। दूसरे आरोपी को भगवा कपड़े में ले जाए जाने के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने उसे यह कपड़ा नहीं दिया था। यह भी हो सकता है उसने खुद को ढकने के लिए वाहन में पड़े इस कपड़े को ले लिया हो। पुलिस की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक, भोपाल के एक निजी कॉलेज की तीन लड़कियों के साथ आरोपियों पहचान छिपाकर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। आरोपियों ने बाद में इन लड़कियों को ब्लैकमेल किया। आरोपियों में से एक फरहान अली उर्फ ​​फराज कॉलेज का पूर्व छात्र है। उसने दो साल पहले अपनी पहचान छिपाकर नाबालिग लड़कियों में से एक से दोस्ती की। उसने कथित तौर पर उसके साथ दुष्कर्म किया। आरोपी ने पीड़िता का वीडियो बनाया और फिर उसे ब्लैकमेल किया। उसके दो दोस्तों ने भी इसी तरह अन्य लड़कियों को फंसाया। यह सनसनीखेज वारददात 18 अप्रैल को तब सामने आई जब पहली पीड़िता ने बाग सेवनिया पुलिस स्टेशन का रुख किया। उसने आरोप लगाया कि आरोपी ने उसे और उसकी सहेलियों को अपने दोस्तों से मिलने के लिए मजबूर किया। आरोपियों ने उसका यौन शोषण किया और उसे ब्लैकमेल किया। आरोपियों ने अन्य लड़कियों के साथ भी दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया और विडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल किया। पुलिस सूत्रों की मानें तो जांच आगे बढ़ने पर पीड़िताओं और आरोपियों की संख्या बढ़ सकती है। जिला अस्पताल में हिंदू संगठनों का प्रदर्शन इससे पहले, सोमवार को ही आरोपियों को कोर्ट में पेश करने से पहले मेडिकल जांच के लिए जिला अस्पताल लाया गया था. इस दौरान हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. उन्होंने आरोपियों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए उन्हें जनता के हवाले करने की मांग की. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि ऐसे जघन्य अपराध करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया और प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश की. क्या है पूरा मामला? यह सनसनीखेज मामला 18 अप्रैल 2025 को तब सामने आया, जब एक पीड़िता ने बागसेवनिया पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई. उसने आरोप लगाया कि फरहान अली उर्फ फराज ने उसे अपने दोस्तों से मिलवाने के लिए मजबूर किया, जिन्होंने उसका यौन शोषण किया और ब्लैकमेल किया. पुलिस के अनुसार, फरहान कॉलेज का पूर्व छात्र है और उसने दो साल पहले अपनी पहचान छिपाकर एक नाबालिग लड़की से दोस्ती की थी. फिर रेप किया. यही नहीं, पीड़िता का वीडियो बनाया और उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया. फरहान के दो दोस्तों, साहिल और साद ने भी इसी तरह अन्य लड़कियों को अपने जाल में फंसाया. पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपियों के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम, मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, भारतीय न्याय संहिता (BNS), और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. जांच में फरहान के फोन से कई अश्लील वीडियो बरामद हुए, जिनमें कम से कम 10-15 लड़कियों के वीडियो होने की बात सामने आई है. जांचकर्ताओं का मानना है कि जांच आगे बढ़ने पर पीड़ितों और आरोपियों की संख्या बढ़ सकती है. अजमेर रेप कांड से तुलना यह मामला 1992 के कुख्यात अजमेर रेप कांड की याद दिलाता है, जहां 100 से ज्यादा स्कूली छात्राओं को ब्लैकमेल कर उनका यौन शोषण किया गया था. भोपाल मामले में भी आरोपियों ने वीडियो बनाकर पीड़िताओं को ब्लैकमेल किया और उन्हें अपने दोस्तों से मिलवाने के लिए मजबूर किया. कई पीड़िताओं ने बताया कि उन्हें जबरदस्ती नशा कराया गया, मांस खिलाया गया और धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला गया.  सियासी बवाल इस मामले ने भोपाल में सामाजिक तनाव को जन्म दिया है. बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने इस घटना को 'द केरल स्टोरी" फिल्म जैसी साजिश करार देते हुए आरोपियों को सार्वजनिक सजा देने की मांग की है. वहीं, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि राज्य में 'जिहाद या लव जिहाद' बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आरोपियों को सख्त सजा दी जाएगी. कांग्रेस ने भी इस मामले की निंदा की है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. 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मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की युगलपीठ ने स्पष्ट किया कि नर्सिंग परीक्षा तिथियों में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जाए

जबलपुर प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों में फर्जीवाड़े को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने नर्सिंग परीक्षाओं को घोषित समय सारिणी के अनुसार ही आयोजित करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी एवं न्यायमूर्ति ए.के. पालीवाल की युगलपीठ ने स्पष्ट किया कि परीक्षा तिथियों में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जाए। याचिका लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की ओर से दायर की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि प्रदेश में कई नर्सिंग कॉलेज नियमों को ताक पर रखकर संचालित हो रहे हैं। कोर्ट को बताया गया कि कॉलेजों की जांच प्रक्रिया के चलते पिछले कुछ वर्षों में परीक्षाएं लगातार टलती रही हैं और कई बार घोषित तारीखों को रद्द या संशोधित भी किया गया है, जिससे विद्यार्थियों को भारी असुविधा हुई है। उल्लेखनीय है कि घोषित कार्यक्रम के अनुसार नर्सिंग परीक्षाएं 28 और 29 अप्रैल को आयोजित की जानी हैं। हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि पात्र कॉलेजों के छात्रों के लिए विशेष परीक्षा आयोजन के मुद्दे पर न्यायालय आगे सुनवाई करेगा। हाई लेवल कमेटी की भूमिका समाप्त हाईकोर्ट ने पहले सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति राजेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की थी, जिसका उद्देश्य सीबीआई जांच में दोषी पाए गए कॉलेजों की कमियों की सुनवाई कर उन्हें 'सूटेबल' अथवा 'अनसूटेबल' की श्रेणी में सूचीबद्ध करना था। अब कोर्ट ने इस कमेटी की भूमिका समाप्त कर दी है। मध्यप्रदेश नर्सिंग काउंसिल ने नए सत्र की मान्यता प्रक्रिया शुरू कर दी है। सभी कॉलेजों को अब विधिवत आवेदन प्रस्तुत कर मान्यता के लिए पुनः प्रक्रिया से गुजरना होगा, जिस पर आवश्यक जांच के बाद निर्णय लिया जाएगा। याचिका की सुनवाई के दौरान शासन की ओर से उप महाधिवक्ता अभिजीत अवस्थी, याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आलोक बागरेचा और विशाल बघेल ने पक्ष रखा। अगली सुनवाई 9 मई को निर्धारित की गई है।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 7

केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन एक्ट पर जवाबी हलफनामा दाखिल किया, धार्मिक अधिकार में कोई हस्तक्षेप नहीं…

नई दिल्ली केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन एक्ट पर जवाबी हलफनामा दाखिल किया है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाब में सरकार ने कानून का बचाव करते हुए यानी इसे सही ठहराते हुए कहा है कि पिछले 100 साल से वक्फ बाई यूजर को केवल पंजीकरण के आधार पर मान्यता दी जाती है ना कि मौखिक रूप से. केंद्र सरकार ने हलफनामे में कहा कि वक्फ मुसलमानों की कोई धार्मिक संस्था नहीं बल्कि वैधानिक निकाय है. वक्फ संशोधन कानून के मुताबिक मुतवल्ली का काम धर्मनिरपेक्ष होता है न कि धार्मिक. ये कानून चुने गए जनप्रतिनिधियों की भावनाओं को दर्शाता है. उन्होंने ही बहुमत से इसे पारित किया है. केंद्र सरकार ने कोर्ट में वक्फ को लेकर जो हलफनामा दाखिल किया है, उसमें कहा गया है कि संसद द्वारा पारित कानून को संवैधानिक रूप से वैध माना जाता है, विशेष रूप से संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की सिफारिशों और संसद में व्यापक बहस के बाद बना हुए कानून को. केंद्र ने कोर्ट से अनुरोध किया कि वह अभी किसी भी प्रावधान पर अंतरिम रोक नहीं लगाए. इस संशोधन कानून से किसी भी व्यक्ति के वक्फ बनाने के धार्मिक अधिकार में कोई हस्तक्षेप नहीं होता. केवल प्रबंधन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इस कानून में बदलाव किया गया है. बता दें कि इस बिल को पारित करने से पहले संयुक्त संसदीय समिति की 36 बैठकें हुई थीं और 97 लाख से ज्यादा हितधारकों ने सुझाव और ज्ञापन दिए थे. समिति ने देश के दस बड़े शहरों का दौरा कर जनता के बीच जाकर उनसे उनके विचार जाने थे.   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 8