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जो कल गलत था, आज सही कैसे? जीएसटी विवाद पर मोदी सरकार जनता से क्या छिपाना चाहती है?

जो कल गलत था, आज सही कैसे? जीएसटी विवाद पर मोदी सरकार जनता से क्या छिपाना चाहती है?

How can what was wrong yesterday be right today? What does the Modi government want to hide from the public on the GST controversy? Modi government a GST controversy आखिर 8 साल बाद भी मोदी सरकार माफी क्यों नहीं मांग रही? जनता से क्या छिपाना चाहती है? चिदंबरम ने पूछा – जो कल गलत था, आज सही कैसे?जीएसटी दरों में कमी के बाद भी मोदी सरकार ने जनता से माफी नहीं मांगी। आखिर सरकार क्या छिपाना चाहती है? जानिए 8 साल की देरी, विवाद और सुधार की अधूरी कहानी। यदि टूथपेस्ट, हेयर आयल, मक्खन, शिशु नैपकिन, पेंसिल, नोटबुक, ट्रैक्टर, स्प्रिंकलर आदि पर पांच फीसद जीएसटी आज अच्छा है, तो पिछले आठ वर्षों में यह बुरा क्यों था? लोगों को आठ वर्षों तक अत्यधिक टैक्स क्यों चुकाना पड़ा? आखिरकार केंद्र सरकार को बात समझ में आ गई। तीन सितंबर, 2025 को सरकार ने कई वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों को तर्कसंगत बना कर कम किया। कर संरचना अब उस अच्छे और सरल कर के करीब है, जिसकी वकालत पिछले आठ वर्षों से कई राजनीतिक दल, व्यवसायी, संस्थान और व्यक्ति (जिनमें मैं भी शामिल हूं) करते रहे हैं। अगस्त, 2016 में जब संसद में संविधान (122वां संशोधन) विधेयक पर बहस हुई थी, तब मैंने राज्यसभा में भाषण दिया था। उसके कुछ अंश इस प्रकार हैं अडिग रुख Modi government a GST controversy‘मुझे खुशी है कि वित्त मंत्री ने स्वीकार किया कि यूपीए सरकार ने ही सबसे पहले आधिकारिक तौर पर जीएसटी लागू करने के अपने इरादे का एलान किया था। 28 फरवरी, 2005 को बजट भाषण के दौरान लोकसभा में इसकी घोषणा की गई थी। ‘महोदय, चार प्रमुख मुद्दे हैं… Modi government a GST controversy‘अब मैं विधेयक के सबसे महत्त्वपूर्ण भाग पर आता हूं… यह कर की दर के बारे में है। मैं अभी मुख्य आर्थिक सलाहकार की रपट के कुछ अंश पढूंगा… कृपया याद रखें कि हम एक अप्रत्यक्ष कर पर विचार कर रहे हैं। अप्रत्यक्ष कर की परिभाषा के अनुसार, यह एक प्रतिगामी कर है। कोई भी अप्रत्यक्ष कर अमीर और गरीब दोनों पर समान रूप से लागू होता है… मुख्य आर्थिक सलाहकार की रपट कहती है: ‘उच्च आय वाले देशों में औसत जीएसटी दर 16.8 फीसद है भारत जैसी उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं में यह औसत 14.1 फीसद है।’ इस तरह दुनिया भर में 190 से अधिक देशों में किसी न किसी रूप में जीएसटी लागू है। यह 14.1 फीसद से 16.8 फीसद के बीच है।‘हमें करों को कम रखना होगा। साथ ही, हमें केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के मौजूदा राजस्व की रक्षा करनी होगी। …हम ‘राजस्व तटस्थ दर’ यानी आरएनआर के जरिए यह करते हैं। ‘मुख्य आर्थिक सलाहकार राज्य सरकार के प्रतिनिधियों और अन्य विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श के बाद 15 फीसद से 15.5 फीसद के आरएनआर पर पहुंचे और फिर सुझाव दिया कि मानक दर 18 फीसद होनी चाहिए। कांग्रेस पार्टी ने 18 फीसद कोई हवा से नहीं निकाला है। यह आपकी रपट से निकला है। ‘…किसी को तो जनता के लिए आवाज उठानी ही होगी। जनता की ओर से, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इस दर को मुख्य आर्थिक सलाहकार द्वारा अनुशंसित दर पर ही रखें, यानी मानक दर 18 फीसद से अधिक नहीं होनी चाहिए रपट के पैरा 29, 30, 52 और 53 पढ़ें। इसमें स्पष्ट रूप से तर्क दिया गया है… Modi government a GST controversy अठारह फीसद की मानक दर केंद्र और राज्यों के राजस्व की रक्षा करेगी, यह पर्याप्त होगी, मुद्रास्फीति-रोधी होगी, कर चोरी से बचाएगी और भारत के लोगों को स्वीकार्य होगी… यदि आप वस्तुओं और सेवाओं पर 24 फीसद या 26 फीसद कर लगाने जा रहे हैं, तो फिर जीएसटी विधेयक लाने की क्या आवश्यकता है? Read more: प्रतिनियुक्ति लेकर मलाईदार पदों पर वर्षों से जमे शिक्षक ‘अंतत: आपको कर विधेयक में एक दर रखनी ही होगी। मैं अपनी पार्टी की ओर से स्पष्ट रूप से मांग करता हूं कि जीएसटी की मानक दर, जो 70 फीसद से अधिक वस्तुओं और सेवाओं पर लागू होती है, वह अठारह फीसद से अधिक नहीं होनी चाहिए और निम्न एवं अन्य दर अठारह फीसद के आधार पर तय की जा सकती है। आठ वर्ष की पीड़ा Modi government a GST controversyवर्ष 2016 में भी मैंने यही बात कही थी, जो आज कह रहा हूं। मुझे खुशी है कि सरकार इस विचार पर सहमत हो गई कि दरों को युक्तिसंगत और कम किया जाना चाहिए। हालांकि, शुरुआत में सरकार का तर्क था कि अठारह फीसद की सीमा से राजस्व का भारी नुकसान होगा, खासकर राज्य सरकारों को। यह चिंता का एक बड़ा कारण था। आज दो कर दरें पांच फीसद और अठारह फीसद हैं! केंद्र के पास कर राजस्व बढ़ाने के कई तरीके हैं; अगर राज्य सरकारों को राजस्व का नुकसान होता है, तो सही कदम यही होगा कि उन्हें मुआवजा दिया जाए पिछले आठ वर्षों में सरकार ने उपभोक्ताओं से ज्यादा से ज्यादा पैसा वसूलने के लिए कई जीएसटी दरों का इस्तेमाल किया। पहले वर्ष (जुलाई 2017 से मार्च 2018) में सरकार ने लगभग 11 लाख करोड़ रुपए एकत्र किए। वर्ष 2024-25 में लगभग 22 लाख करोड़ रुपए संग्रहित किए गए। उपभोक्ताओं द्वारा अपनी मेहनत से कमाया गया पैसा सरकार ने जीएसटी के माध्यम से छीन लिया- इसे सही मायने में और उपहासपूर्वक गब्बर सिंह टैक्स कहा गया। उच्च जीएसटी दरें कम खपत और बढ़ते घरेलू कर्ज के कारणों में से एक थीं। यह बुनियादी अर्थशास्त्र है कि करों में कमी से खपत को बढ़ावा मिलेगा। यदि टूथपेस्ट, हेयर आयल, मक्खन, शिशु नैपकिन, पेंसिल, नोटबुक, ट्रैक्टर, स्प्रिंकलर आदि पर पांच फीसद जीएसटी आज अच्छा है, तो पिछले आठ वर्षों में यह बुरा क्यों था? लोगों को आठ वर्षों तक अत्यधिक कर क्यों चुकाना पड़ा? अभी बहुत कुछ बाकीदरों में कमी तो बस शुरुआत है। अभी और भी बहुत कुछ करना बाकी है। सरकार को चाहिए कि- राज्यों, उत्पादकों और उपभोक्ताओं को एक ही जीएसटी दर (जरूरत पड़ने पर और छूट के साथ) के लिए तैयार करे; अधिनियमों और नियमों की धाराओं के लिए प्रचलित अस्पष्ट भाषा को खत्म करे; उन्हें सरल भाषा में फिर से लिखे; सरल फार्म और रिटर्न निर्धारित करे, फार्म भरने की आवृत्ति में तर्कसंगत कमी करे; … Read more

जीएसटी ट्रिब्यूनल में राजभाषा हिंदी को अमान्य कर दिया, व्यापारी को न्यायिक प्रक्रिया से दूर करने की साजिश

 इंदौर  जीएसटी ट्रिब्यूनल में राजभाषा हिंदी को अमान्य कर दिया गया है। आदेश जारी किया गया है कि ट्रिब्यूनल में आने वाले प्रकरणों में दस्तावेज सिर्फ अंग्रेजी में ही स्वीकार होंगे। और तो और किसी प्रकरण को दाखिल करने और पैरवी करने के मामलों में संबंधित दस्तावेजों को भी अंग्रेजी में अनुवाद कर लगाना होगा। जीएसटी ट्रिब्यूनल के इस आदेश से असंतोष फूट पड़ा है। टैक्स पेशेवर साफ कह रहे हैं कि टैक्स विवादों में हिंदी और क्षेत्रीय भाषा को बाहर कर न्याय महंगा करने और आम व्यापारी को न्यायिक प्रक्रिया से दूर करने की साजिश हो रही है। दस्तावेज सिर्फ अंग्रेजी में पेश किए जा सकेंगे आयकर की तरह जीएसटी के कर विवादों के निराकरण के लिए जीएसटी ट्रिब्यूनल की व्यवस्था की गई है। 2017 में जीएसटी लागू हुआ लेकिन अब तक ट्रिब्यूनल नहीं बने, सिर्फ नोटिफिकेशन जारी हुआ। स्थापना के नोटिफिकेशन के बाद अब सरकार ने नया नोटिफिकेशन जारी कर दिया कि ट्रिब्यूनल में जाने वाले मामलों में दस्तावेज सिर्फ अंग्रेजी में ही पेश किए जा सकेंगे। यदि कोई दस्तावेज अन्य भाषा में हुआ तो उसका अंग्रेजी अनुवाद कर लगाना होगा। अहिल्या चैंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल के अनुसार 20 मई को दिल्ली में होने वाली नेशनल ट्रेडर्स वेलफेयर बोर्ड की बैठक में इस मुद्दे को लाकर विरोध जताया जाएगा। तीन भाषाओं को हो मान्यता 2017 में जब जीएसटी प्रणाली लागू हुई थी तो उस समय सरकार ने इस प्रणाली को सुलभ बनाने के लिए तमाम घोषणाएं की थीं। कर सलाहकार आरएस गोयल के अनुसार ऐलान हुआ था कि जीएसटी पोर्टल 18 भाषाओं में काम करेगा। वो तो हुआ नहीं, अब ट्रिब्यूनल में तो हिंदी को भी बिसरा दिया गया है। चार्टर्ड अकाउंटेंट एसएन गोयल कहते हैं हिंदी के दस्तावेजों को तो आयकर अपीलेट ट्रिब्यूनल में भी मान्य किया जाता है। जीएसटी में भी कम से कम तीन भाषाओं को तो मान्यता होना चाहिए। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 14

उपभोक्ता की जीत: सॉफ्ट ड्रिंक पर अतिरिक्त 1 रुपये जीएसटी वसूलने पर रेस्तरां को ₹6,000 भुगतान का आदेश

Consumers win: Restaurant ordered to pay ₹6,000 for charging extra Rs 1 GST on soft drinks भोपाल, संवाददाता। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में अधिवक्ता अर्चित दीक्षित द्वारा अनिरुद्ध वाधवानी Vs हॉन्ग कॉन्ग चाइनीज केस में जीत हासिल की है। जिला उपभोक्ता आयोग ने उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा में एक अहम निर्णय में रेस्तरां को आदेश दिया है कि वह सॉफ्ट ड्रिंक पर अतिरिक्त ₹1 जीएसटी वसूलने के चलते उपभोक्ता को ₹6,000 का भुगतान करे। मामले के अनुसार, शिकायतकर्ता ने भोपाल में एम. पी. नगर जोन-2 स्थित हॉन्ग कॉन्ग चाइनीज रेस्तरां में भोजन करते समय एक सॉफ्ट ड्रिंक का ऑर्डर दिया था। बिल में उत्पाद के अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) के ऊपर अतिरिक्त ₹1 जीएसटी के रूप में वसूला गया। आपत्ति दर्ज कराने के बावजूद, रेस्तरां प्रबंधन ने संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया, जिसके पश्चात द्वारा उपभोक्ता ने जिला उपभोक्ता फोरम में शिकायत दायर की। सुनवाई के दौरान फोरम ने स्पष्ट किया कि किसी भी उत्पाद के MRP में कर सम्मिलित होते हैं और उपभोक्ता से MRP से अधिक राशि वसूलना अनुचित व्यापार व्यवहार की श्रेणी में आता है। आयोग ने इसे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन मानते हुए रेस्तरां को आदेशित किया कि वह शिकायतकर्ता को मानसिक कष्ट और उत्पीड़न के मद में ₹5,000 तथा ₹1,000 मुकदमेबाजी व्यय के रूप में अदा करे। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 33

नए महीने की शुरुआत के साथ ही देश के लिए अच्‍छी खबर आई है. अप्रैल महीने के दौरान GST Collection में शानदार बढ़ोतरी हुई

नई दिल्ली नए महीने की शुरुआत के साथ ही देश के लिए अच्‍छी खबर आई है. अप्रैल महीने के दौरान GST Collection में शानदार बढ़ोतरी हुई है. इस बढ़ोतरी के साथ जीएसटी कलेक्‍शन रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में वस्तु एवं सेवा कर (GST) कलेक्‍शन साल-दर-साल 12.6 प्रतिशत बढ़कर 2.37 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गया. इससे पहले सबसे ज्‍यादा जीएसटी कलेक्शन अप्रैल 2024 में हुआ था, जो 2.10 लाख करोड़ रुपये था. हालांकि अब ये रिकॉर्ड भी टूट चुका है. मार्च 2025 में यह कलेक्‍शन 1.96 लाख करोड़ रुपये था. घरेलू लेनदेन से जीएसटी राजस्व 10.7 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1.9 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि आयातित वस्तुओं से राजस्व 20.8 प्रतिशत बढ़कर 46,913 करोड़ रुपये हो गया है. जनवरी से मार्च तक कितना रहा जीएसटी कलेक्‍शन सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मार्च में यह कलेक्‍शन 1.96 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 9.9% की ग्रोथ है. फरवरी में जीएसटी कलेक्‍शन 1.83 लाख करोड़ रुपये रहा, जो साल-दर-साल 9.1% की ग्रोथ रही. वहीं जनवरी में भी 1.96 लाख करोड़ रुपये जीएसटी कलेक्‍शन रहा, जो 12.3% की ग्रोथ को दिखाता है. जीएसटी कलेक्‍शन में हर महीने बढ़ोतरी की बड़ी वजह देश में घरेलू मांग की बढ़ोतरी रही है. इन जगहों पर ज्‍यादा हुआ जीएसटी कलेक्‍शन लक्षद्वीप में जीएसटी कलेक्‍शन में 287% की ग्रोथ हुई है. राज्यों में, अरुणाचल प्रदेश ने 66% की ग्रोथ दर्ज की है, जबकि मेघालय और नागालैंड में क्रमशः 50% और 42% की वृद्धि हुई है. हरियाणा, बिहार और गुजरात जैसे बड़े राज्यों ने भी दोहरे अंकों की ग्रोथ दर्ज की है. इसके विपरीत, आंध्र प्रदेश, त्रिपुरा और मिजोरम में गिरावट देखी गई, जिसमें मिजोरम में 28% की सबसे बड़ी गिरावट देखी गई. कब लागू हुआ था जीएसटी? बता दें, देश में  1 जुलाई 2017 को GST लागू हुआ था. वस्तु एवं सेवा कर (GST) भारत में वस्तुओं और सेवाओं के निर्माण, बिक्री और उपभोग पर अप्रत्यक्ष कर है. जीएसटी के 4 प्रकार हैं, जिसमें सीजीएसटी, एसजीएसटी, यूटीजीएसटी और आईजीएसटी शामिल हैं. कभी-कभी उपकर भी लगाया जाता है. भारत में विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं के लिए GST की दरें 4 स्लैब में विभाजित किया गया है, 5% जीएसटी, 12% जीएसटी, 18% जीएसटी और 28% जीएसटी. देश में GST लागू होने के बाद जीएसटी परिषद ने कई बार विभिन्न उत्पादों के लिए जीएसटी दरों में संशोधन किया है.   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 18

2 हजार से ज्यादा UPI करने पर देना होगा GST? सरकार ने बता दी सच्चाई, ट्रांजैक्शन करने से पहले समझ लें पूरी बात

GST will have to be paid for doing more than thousand UPI UPI से पेमेंट करना जितना आसान है, उतनी ही तेजी से इसके बारे में अफवाहें भी फैलती हैं. सोशल मीडिया पर यह चर्चा गर्म है कि ₹2,000 से ज्यादा के UPI ट्रांजैक्शन्स पर GST लगेगा. लेकिन क्या यह सच है या सिर्फ हवा में उड़ती खबर? सरकार ने इन अफवाहों पर फुल स्टॉप लगा दिया है. GST और UPI: सच क्या है? वित्त मंत्रालय ने PIB रिलीज के जरिए साफ किया कि ₹2,000 से ज्यादा के UPI ट्रांजैक्शन्स पर Goods and Services Tax (GST) लगाने का दावा पूरी तरह गलत, भ्रामक और बिना किसी आधार के है. अभी सरकार के सामने ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है. इसको लेकर लोग सोशल मीडिया पर गलत अफवाह फैला रहे हैं. मंत्रालय ने बताया कि GST कुछ खास पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स पर लगने वाले चार्ज जैसे मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) पर लागू होता है. लेकिन जनवरी 2020 से सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने 30 दिसंबर 2019 की गजट नोटिफिकेशन के जरिए पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) UPI ट्रांजैक्शन्स पर MDR हटा दिया है. चूंकि UPI ट्रांजैक्शन्स पर अभी कोई MDR चार्ज नहीं होता इसलिए इन पर कोई GST भी लागू नहीं है. सरकार UPI के जरिए डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. UPI को सपोर्ट करने की स्कीम UPI की ग्रोथ को बनाए रखने और इसे सपोर्ट करने के लिए सरकार FY 2021-22 से एक इंसेंटिव स्कीम चला रही है. यह स्कीम खास तौर पर कम वैल्यू के UPI (P2M) ट्रांजैक्शन्स को टारगेट करती है. जिससे छोटे मर्चेंट्स को ट्रांज़ैक्शन कॉस्ट से राहत मिलती है और डिजिटल पेमेंट्स में ज्यादा हिस्सेदारी और इनोवेशन को बढ़ावा मिलता है. इस स्कीम के तहत अब तक के इंसेंटिव पेमेंट्स सरकार की UPI-बेस्ड डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दिखाते हैं. स्कीम के तहत सालाना आवंटन इस प्रकार रहा है: FY2021-22: ₹1,389 करोड़ FY2022-23: ₹2,210 करोड़ FY2023-24: ₹3,631 करोड़ भारत की डिजिटल पेमेंट्स में बादशाहत ACI Worldwide Report 2024 के मुताबिक, 2023 में भारत ने ग्लोबल रियल-टाइम ट्रांजैक्शन्स का 49% हिस्सा हासिल किया. जिसने भारत को डिजिटल पेमेंट्स इनोवेशन में ग्लोबल लीडर के तौर पर स्थापित किया. UPI ट्रांजैक्शन्स की वैल्यू में जबरदस्त उछाल आया है, जो FY 2019-20 में ₹21.3 लाख करोड़ से बढ़कर मार्च 2025 तक ₹260.56 लाख करोड़ तक पहुंच गई. खास तौर पर P2M ट्रांज़ैक्शन्स ₹9.3 लाख करोड़ तक पहुंच चुके हैं, जो मर्चेंट्स की बढ़ती स्वीकार्यता और कंज्यूमर्स के डिजिटल पेमेंट्स में भरोसे को दिखाता है. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 58

छत्तीसगढ़ राज्य ने जीएसटी संग्रह में हासिल किया ऐतिहासिक मुकाम, 16,390 करोड़ का किया जीएसटी संग्रह

रायपुर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि अपने नाम की है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य ने कुल ₹16,390 करोड़ का जीएसटी राजस्व संग्रह कर देशभर में सबसे अधिक 18 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की है। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ को जीएसटी राजस्व वृद्धि के मामले में पूरे देश में पहले स्थान पर स्थापित करती है। इस क्रम में महाराष्ट्र 16% और तमिलनाडु 15% की वृद्धि दर के साथ क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। मार्च 2025 में पहली बार ₹2000 करोड़ से अधिक का मासिक संग्रह मार्च 2025 में  छत्तीसगढ़ को SGST मद में ₹1,301.09 करोड़ की प्राप्ति हुई, जो कि मार्च 2024 की तुलना में 72 प्रतिशत अधिक है। यह पहली बार है जब राज्य ने SGST संग्रह में ₹1000 करोड़ का आंकड़ा पार किया है। मार्च 2025 में ही IGST मद में ₹756.73 करोड़ प्राप्त हुए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है। इस प्रकार मार्च 2025 में कुल जीएसटी संग्रह ₹2,057.82 करोड़ रहा, जो मार्च 2024 के ₹1,443.66 करोड़ की तुलना में 43 प्रतिशत की प्रभावशाली मासिक वृद्धि दर्शाता है। जीएसटी आने के बाद छत्तीसगढ़ ने पहली बार एक माह में कुल जीएसटी राजस्व में 2000 करोड़ रुपए का आंकड़ा पार किया है। बेहतर प्रशासन, तकनीक का समावेश और सतत निगरानी से मिली ऐतिहासिक सफलता यह उल्लेखनीय प्रगति राज्य में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन और वित्त मंत्री ओ पी चौधरी के दिशानिर्देश पर वाणिज्यिक कर विभाग में किए गए व्यापक सुधार, नवाचार और नई कार्यसंस्कृति का प्रत्यक्ष परिणाम है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और वाणिज्यिक कर मंत्री ओ. पी. चौधरी के मार्गदर्शन में विभाग ने जीएसटी प्रशासन को अधिक सक्रिय, पारदर्शी और परिणामोन्मुख बनाने हेतु निर्णायक कदम उठाए हैं। नॉन-फाइलर्स पर नियंत्रण रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले व्यापारियों की निरंतर निगरानी एवं संवाद के माध्यम से अनुपालना दर में बड़ा सुधार हुआ है। नॉन-फाइलर्स की संख्या 15 प्रतिशत से घटकर मात्र 6 प्रतिशत रह गई है। फर्जी पंजीकरण की जांच 28,000 से अधिक व्यवसायों का भौतिक सत्यापन किया गया, जिनमें से 4, 252 फर्मों, जो कुल फर्मों का लगभग 15% है, को फर्जी पाया गया। इससे कर अपवंचन पर प्रभावी अंकुश लगा और कर अनुपालना में वृद्धि हुई। डेटा एनालिटिक्स आधारित कार्रवाई वर्षभर में डेटा  एनालिटिक्स के आधार पर 313 मामलों में लेखा पुस्तकों की जांच कर ₹45.13 करोड़ की वसूली की गई। वहीं, 77 प्रतिष्ठानों की तलाशी/निरीक्षण से ₹47.35 करोड़ की अतिरिक्त राशि प्राप्त हुई। सेक्टर विश्लेषण और इंटर-डिपार्टमेंटल समन्वय जीएसटी विभाग द्वारा सेक्टर आधारित विश्लेषण और इंटर डिपार्टमेंटल डेटा का उपयोग करते हुए 49 संभावित कर अपवंचन क्षेत्रों की पहचान की गई जिससे  ₹101 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया गया। सरकारी विभागों से बेहतर अनुपालन मार्च 2025 में किए गए विशेष प्रयासों के तहत शासकीय विभागों द्वारा जीएसटीआर-7 रिटर्न दाखिल करवाकर इनके सप्लायर्स से ₹37 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व एकत्रित किया गया। व्यापक व्यापारी संपर्क अभियान राज्य भर में ऐसे 36,847 व्यापारियों से संपर्क किया गया, जिन्होंने या तो शून्य रिटर्न दाखिल किया था या व्यवसाय में नकारात्मक वृद्धि दर्शाई थी, जिससे कर अनुपालन में बढ़ोतरी  सुनिश्चित हुई। इन सभी ठोस और तकनीक आधारित उपायों का प्रत्यक्ष परिणाम है कि छत्तीसगढ़ आज देश में जीएसटी वृद्धि में शीर्ष स्थान पर है। भविष्य के लिए डिजिटल और एआई-आधारित रणनीति तैयार मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन और वित्त मंत्री ओ पी चौधरी के मार्गदर्शन में जीएसटी विभाग अब डिजिटल ट्रैकिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित निगरानी प्रणाली और उन्नत अनुपालन तंत्र को लागू कर, आने वाले वर्षों में भी छत्तीसगढ़ को देश में अग्रणी स्थिति में बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। "छत्तीसगढ़ की यह ऐतिहासिक उपलब्धि केवल आंकड़ों की उपलब्धि नहीं, बल्कि ईमानदारी, पारदर्शिता और जनभागीदारी पर आधारित सुशासन की पहचान है। हमारी सरकार ने टैक्स प्रशासन को जनकेंद्रित और टेक्नोलॉजी-संचालित बनाकर यह सिद्ध किया है कि अगर इच्छाशक्ति हो तो राजस्व भी बढ़ता है और विश्वास भी। हम इसी गति को बनाए रखते हुए छत्तीसगढ़ को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और समावेशी विकास का मॉडल बनाएंगे।" – विष्णुदेव साय, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 17

GST में बड़ा बदलाव, कर चोरी करना पड़ेगा भारी, 1 अप्रैल से बदल रहा है नियम

नई दिल्ली भारत सरकार ने गुड्स एंड सर्विस टैक्स के नियमों में काफी बदलाव किया है. इसके तहत 1 अप्रैल 2025 से इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर सिस्टम लागू होने जा रहा है. इस सिस्टम का मुख्य उद्देश्य राज्यों के बीच टैक्स रेवेन्यू का सही डिस्ट्रीब्यूशन सुनिश्चित करना है. इसकी मदद से राज्य सरकारें एक ही जगह पर दी जा रही शेयर्ड सर्विसेज पर उचित मात्रा में टैक्स वसूल करेंगी. ISD मैकेनिज्म को लागू करने के लिए 2024 के फाइनेंस एक्ट के तहत सेंट्रल जीएसटी एक्ट में संशोधन किया गया है. यह मैकेनिज्म उन व्यवसायों को सुविधा देता है जो कई राज्यों में संचालित होते हैं. इसके तहत व्यवसाय अपनी एक हेडक्वार्टर में कॉमन इनपुट सर्विस के इनवॉइस को सेंट्रलाइज कर सकते हैं. इससे उन शाखाओं के बीच इनपुट टैक्स क्रेडिट का समान वितरण संभव होता है जो शेयर्ड सर्विसेज का इस्तेमाल करती हैं. इनपुट टैक्स क्रेडिट का प्रॉफिट इनपुट टैक्स क्रेडिट यह वो टैक्स होता जो व्यवसाय अपनी खरीद पर चुकाते हैं. इसे आउटपुट टैक्स से घटाया जा सकता है, जिससे व्यवसाय की कुल जीएसटी देनदारी कम हो जाती है. नए नियमो के तहत ISD सिस्टम का इस्तेमाल होना अनिवार्य होगा जिससे ITC सही वितरण हो सके. नए नियम क्या है पहले बिजनेस करने वालों के पास कॉमन ITC को अपने अन्य GST रजिस्ट्रेशन में आवंटित करने के लिए दो ऑप्शन थे. इसमें दो ऑप्शन यह थे कि ISD मैकेनिज्म या क्रॉस-चार्ज मेथड, लेकिन अब 1 अप्रैल 2025 से ISD का इस्तेमाल न करने पर रेसिपिएंट लोकेशन के लिए ITC नहीं दी जाएगी. अगर ITC का गलत वितरण होता है तो टैक्स अथॉरिटी ब्याज सहित राशि वसूल करती है. इसके साथ ही अनियमित वितरण के लिए जुर्माना भी लगेगा, जो ITC की राशि या 10 हजार रुपए से भी अधिक होगा. जीएसटी सिस्टम माना जा रहा है कि यह बदलाव जीएसटी सिस्टम को और अधिक व्यवस्थित करने की दिशी में एक और बड़ा कदम है. ISD सिस्टम से न केवल राज्यों के बीच टैक्स रेवेन्यू वितरण होगा, बल्कि व्यवसायों को भी अपनी टैक्स देनदारियों को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने में मदद मिलेगी. यह कदम टैक्स की चोरी रोकने और सिस्टम में पारदर्शिता लाने के लिए काफी अच्छी साबित होगी.   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 20