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भारत ने अमेरिका पर जवाबी शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा, बादाम, सेब, अखरोट, नाशपाती और…रसायन?

नई दिल्ली भारत में विश्व व्यापार संगठन (WTO) में अमेरिका के खिलाफ जवाबी टैरिफ लगाने का प्रस्ताव रखा है। यह शुल्क एल्यूमिनियम और स्टील पर लगाए गए टैरिफ के जवाब में होगा। भारत का यह फैसला व्यापार हित की रक्षा और वैश्विक व्यापार नियमों के अंतर्गत अपनी स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगाएगा भारत विश्व व्यापार संगठन को भेजे गए प्रस्ताव में भारत का कहना है कि अमेरिका के टैरिफ के कारण भारत के 7.6 अरब डॉलर के सामान का आयात प्रभावित हुआ , इसीलिए भारत भी अमेरिका से आने वाले कुछ चीज जरूरी सामानों पर इतना ही टैरिफ लगाने की मांग कर रहा है। अमेरिका के खिलाफ जवाबी टैरिफ लगाने के ये हैं कारण साल 2018 में अमेरिका ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए भारतीय स्टील पर 25% और एल्यूमीनियम पर 10% का टैरिफ लगाया था। इसके बाद इस टैरिफ की दर को साल 2020 में बढ़ाया गया। 12 मार्च 2025 को यह टैरिफ 25% संशोधित कर दिया गया। विश्व व्यापार संगठन को दिए गए प्रस्ताव में भारत ने यह दावा किया है कि अमेरिका ने डब्ल्यूटीओ के सामान्य व्यापार और टैरिफ समझौते (GATT) 1994 और सुरक्षा उपाय पर समझौते का उल्लंघन किया है। अमेरिकी टैरिफ़ के कारण भारत को 7.6 अरब डॉलर के स्टील और एल्यूमीनियम निर्यात प्रभावित हुए हैं। लेकिन अमेरिका को इस ड्यूटी से 1.91 अरब डॉलर प्राप्त हुए हैं। भारत में यह भी कहा कि उन्होंने अप्रैल 2025 में अमेरिका से विश्व व्यापार संगठन के अंतर्गत परामर्श मांगा था, लेकिन अमेरिका ने इन टैरिफ को राष्ट्रीय सुरक्षा का उपाय बताकर परामर्श से इनकार कर दिया था। भारत कर रहा जवाबी शुल्क लगाने की तैयारी भारत सरकार के द्वारा 9 मई 2025 को वर्ल्ड ट्रेड आर्गेनाईजेशन के काउंसिल फॉर ट्रेड इन गुड्स को यह सूचना दी गई है कि वह अमेरिकी उत्पादों पर 1.91 अरब डॉलर के बराबर का टैरिफ लगाएगा। इसके लिए भारत ने 29 अमेरिकी उत्पादों का चयन किया है। जिनमें सेब, बादाम, अखरोट, नाशपाती, रसायन आदि शामिल हैं। हालांकि भारत ऐसा प्रस्ताव 2019 में भी ला चुका है। ये उत्पाद भारत के लिए आयात में महत्वपूर्ण हैं, जैसे अमेरिकी बादाम (543 मिलियन डॉलर) और सेब (156 मिलियन डॉलर)। कितना जवाबी शुल्क लगाएगी भारत सरकार भारत सरकार के द्वारा रखे गए प्रस्ताव के अनुसार टैरिफ की दरें उत्पादों के आधार पर 5% से 100% के बीच हो सकती है। इसके साथ भारत का यह भी कहना है कि उसके द्वारा उठाए जा रहे हैं यह कदम विश्व व्यापार संगठन के नियमों के अनुरूप है। भारत जवाबी टैरिफ इसलिए लगाना चाहता है ताकि अमेरिकी टैरिफ के व्यापारिक प्रभाव को संतुलित किया जा सके। भारतीय स्टील एसोसिएशन ने किया स्वागत भारत सरकार के इस फैसले का भारतीय स्टील एसोसिएशन ने स्वागत किया है। संगठन का कहना है कि अमेरिकी टैरिफ ने भारतीय निर्यातकों की प्रतिस्पर्धात्मकता को नुकसान पहुंचाया है। यदि भारत सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया आदि को राहत मिल सकती है। अमेरिकी उत्पादों पर असर भारत द्वारा यह जवाबी टैरिफ लगाया जाता है तो अमेरिकी कृषि उत्पाद जैसे सेब, बादाम और रसायन उद्योग ज्यादा प्रभावित होंगे क्योंकि भारत इनका बड़ा आयातक देश है। हालांकि यह भी संभावना जताई जा रही है कि अमेरिका द्वारा भी जवाबी उपाय किए जा सकते हैं जिससे द्विपक्षीय व्यापार समझौता वार्ता और जटिल हो सकती है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 10

अबतक पाकिस्तान की हरकतों की वजह से भारत ने 11 बार उसे खुलकर मुंहतोड़ जवाब दिया

नई दिल्ली पाकिस्तान के साथ भारत का तनाव उसकी पैदाइश के साथ से ही चल रहा है। अबतक पाकिस्तान की हरकतों की वजह से भारत ने इस दौरान कम से कम 11 बार उसे खुलकर मुंहतोड़ जवाब दिया है। अभी ऑपरेशन सिंदूर की वजह से पाकिस्तान की दुनिया भर में भद पिट रही है। हर मिलिट्री ऑपरेशनों ने भारत की सैन्य ताकत का लोहा मनवाया है और पाकिस्तान को नाक रगड़ने को मजबूर होना पड़ा है, लेकिन उसकी आदतें नहीं बदली हैं। बार-बार मुंह की खाने के बाद भी पाकिस्तान और उसकी फौज कुछ न कुछ ऐसा कर देता है, जिसकी वजह भारत को कार्रवाई करनी पड़ती है। 1. ऑपरेशन रिडल (1965) सबसे पहले बात करते हैं 'ऑपरेशन रिडल' की। पहला मिलिट्री ऑपरेशन 1965 में किया गया। पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करने की कोशिश की। उन्होंने 'ऑपरेशन जिब्राल्टर' और 'ग्रैंड स्लैम' नाम से हमले किए। इसके जवाब में भारत ने 'ऑपरेशन रिडल' शुरू किया। 6 सितंबर,1965 को भारतीय सेना ने लाहौर और कसूर पर हमला बोल दिया। भारत की इस कार्रवाई से पाकिस्तानी सेना हिल गई। 2. ऑपरेशन एब्लेज (1965) इसके बाद 'ऑपरेशन एब्लेज' हुआ। यह भी 1965 में ही हुआ था। यह एक तरह की सैन्य तैयारी थी। भारतीय सेना ने पश्चिमी सीमा पर अपनी सेना की मौजूदगी बढ़ा दी। हालांकि, इसमें सीधा युद्ध नहीं हुआ, लेकिन यह युद्ध की तैयारी का एक अहम हिस्सा था। नतीजा: इन दोनों ऑपरेशनों के बाद सोवियत संघ (USSR) ने बीच में आकर ताशकंद समझौता कराया। 3. ऑपरेशन कैक्टस लिली (1971) 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान 'ऑपरेशन कैक्टस लिली' चलाया गया। भारतीय सेना और वायुसेना ने मिलकर मेघना नदी पार की। उन्होंने पाकिस्तानी ठिकानों को पीछे छोड़ते हुए ढाका की ओर बढ़ना शुरू कर दिया। 4. ऑपरेशन ट्राइडेंट (1971) 'ऑपरेशन ट्राइडेंट' में भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर दो बार हमला किया। पहला हमला 4-5 दिसंबर को हुआ। भारतीय सेना पूर्वी और पश्चिमी दोनों मोर्चों पर पाकिस्तानी फौज के नाक में दम कर रही थी। 5.ऑपरेशन पाइथन (1971) ऑपरेशन ट्राइडेंट के बाद 'ऑपरेशन पाइथन' हुआ। एक के बाद इन तीनों हमलों से पाकिस्तान बिखर गया और उसके नौसैनिक ढांचे को काफी नुकसान पहुंचा। ऑपरेशन पाइथन में पहली बार एंटी-शिप मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया। नतीजा: इन तीन ऑपरेशनों का नतीजा यह हुआ कि पाकिस्तान हार गया और बांग्लादेश नाम का एक नया देश बना। 6. ऑपरेशन मेघदूत (1984) सियाचिन में पाकिस्तान की हरकतों को रोकने के लिए भारत ने अप्रैल 1984 में 'ऑपरेशन मेघदूत' शुरू किया। भारतीय वायुसेना की मदद से सैनिकों को दुनिया की सबसे ऊंची युद्ध भूमि पर पहुंचाया गया। उन्होंने महत्वपूर्ण चोटियों पर कब्जा कर लिया। नतीजा: ऑपरेशन मेघदूत से भारत को सामरिक बढ़त मिली और भारत आज भी वहां लाभ की स्थिति में है। 7. ऑपरेशन विजय (1999) मई 1999 में पाकिस्तानी घुसपैठियों ने कारगिल की चोटियों चोरी-चोरी पर कब्जा कर लिया। भारत ने 'ऑपरेशन विजय' चलाकर इन इलाकों को वापस अपने कब्जे में ले लिया। यह ऑपरेशन भारतीय सेना की ताकत और बलिदान का प्रतीक है। 8. ऑपरेशन सफेद सागर (1999) 'ऑपरेशन सफेद सागर' भी कारगिल युद्ध के दौरान ही हुआ। यह भारतीय वायुसेना का ऑपरेशन था। इसमें कारगिल की पहाड़ियों में पाकिस्तान की चौकियों और ठिकानों पर हवाई हमले किए गए। 1971 के बाद यह पहली बार था, जब इतने बड़े पैमाने पर वायुसेना का इस्तेमाल किया गया। नतीजा: इन दोनों मिलिट्री ऑपरेशन में पाकिस्तानी फौज को भारतीय सेना और वायुसेना ने बुरी तरह से पीटा और वे पीछे हटने को मजबूर हुए। 9. सर्जिकल स्ट्राइक (2016) उरी हमले के बाद भारत ने 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक की। भारत की स्पेशल फोर्सेज ने पाकिस्तान अधिकृत जम्मू कश्मीर (PoJK) में आतंकी ठिकानों पर हमला किया। यह पहली बार था, जब भारत ने खुलकर पाकिस्तानी कब्जे वाले इलाके में अपनी सैन्य कार्रवाई की घोषणा की। नतीजा: पाकिस्तान समेत पूरी दुनिया में संदेश गया कि आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत अब भारत दुश्मन के घर में घुसकर मारने लगा है। 10. ऑपरेशन बंदर (2019) पुलवामा हमले के बाद भारत ने 26 फरवरी, 2019 को 'ऑपरेशन बंदर' को अंजाम दिया। इसके तहत पाकिस्तान के करीब 80 किलोमीटर भीतर घुसकर बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंपों पर एयर स्ट्राइक किया गया। 1971 के बाद यह पहली बार था, जब भारत ने नियंत्रण रेखा (LoC) के पार अपनी वायुसेना का इस्तेमाल किया। नतीजा: भारत ने पूरी दुनिया को संकेत दे दिया कि 'नया भारत' अब अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए हर तरह के मिलिट्री ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए तैयार है। 11. ऑपरेशन सिंदूर (2025) भारत ने 6 और 7 अप्रैल, 2025 की दरमियानी रात पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (PoJK) के 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया। इसे ऑपरेशन सिंदूर का नाम दिया गया। इसमें भारत ने अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) या नियंत्रण रेखा (LoC) का उल्लंघन नहीं किया और मिसाइल, ड्रोन और अन्य बमों का इस्तेमाल करके दहशतगर्दी कैंपों में तबाही मचा दी। नतीजा: पहली बार पाकिस्तान खुद मान रहा है कि भारत ने किस तरह से मिलिट्री ऑपरेशन को अंजाम दिया है। इसमें अंतरराष्ट्रीय सीमा से 100 किलोमीटर दूर बहावलपुर तक में आतंकी इंफ्रास्ट्रक्चर ध्वस्त हुए हैं और जैश-ए-मोहम्मद का सरगना अजहर मसूद खुद मान रहा है कि उसके परिवार के 10 लोगों समेत कुल 14 लोग मारे गए हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, 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भारत ने पाकिस्तान के एयरबेसों को निशाना बनाया और इसके बाद पाकिस्तान ने अपना एयरस्पेस बंद कर दिया

नई दिल्ली हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात में तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है. दोनों देश जंग के मुहाने पर खड़े हो गए हैं और सेनाएं लामबंद हैं. शुक्रवार की शाम पाकिस्तान ने भारत की 26 जगहों पर हमले की कोशिश की थी. इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान के एयरबेसों को निशाना बनाया और इसके बाद पाकिस्तान ने अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है. वही, भारत पर पाकिस्तान की तरफ से फतह-1 मिसाइल दागी गई. शुक्रवार रात को पाकिस्तान द्वारा किए गए ड्रोन और मिसाइल हमलों का भारत की तरफ से जवाब दिया गया. पाकिस्तान के द्वारा जम्मू-कश्मीर, पंजाब, गुजरात और राजस्थान के कई इलाकों को निशाना बनाने की कोशिश की गई है. पाकिस्तान के एयरबेस पर तबाही शनिवार की सुबह, भारत ने राजधानी इस्लामाबाद के करीब स्थित कुल चार एयरबेसों पर मिसाइलें दागी हैं और तबाही मचा दी है. देर रात टेलीविज़न पर दिए गए बयान में पाकिस्तान के सैन्य प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा, "भारत ने अपने विमानों के ज़रिए हवा से सतह पर मिसाइलें दागीं." वहीं, बीती रात हुए हमलों से जुड़े सभी पहलुओं पर ताजा अपडेट देने के लिए सुबह 10 बजे भारत सरकार की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी. शनिवार की सुबह तड़के क्या-क्या हुआ?     जम्मू-कश्मीर में वायुसेना स्टेशन को निशाना बनाने की पाकिस्तानी कोशिशें नाकाम कर दी गईं. पाकिस्तान की ओर से रात को हुए हमले के बाद जम्मू-कश्मीर से सुबह की ताजा तस्वीरें सामने आई हैं.     गुजरात के कच्छ में पाकिस्तान के ड्रोन हमले को भारत ने नाकाम कर दिया है.     पठानकोट में भी सुबह होते ही कई विस्फोट हुए. कम से कम आधे घंटे तक रुक-रुक कर विस्फोट होते रहे, जवाबी कार्रवाई में विमान-रोधी तोपों से भी गोलीबारी की गई.     अमृतसर प्रशासन ने कहा कि हम रेड अलर्ट पर हैं. लोगों से घरों के अंदर रहने के लिए कहा गया है. फ़िरोज़पुर और बठिंडा इलाके में हवाई हमले हुए और सायरन की आवाजें भी सुनी गईं.     सुबह 5.20 बजे श्रीनगर, एयरपोर्ट के पास, सुबह 4.50 बजे बारामुल्ला और उधमपुर में भी धमाके की आवाज़ें सुनी गईं.     गोलीबारी की वजह से जम्मू शहर के रिहायशी इलाकों को नुकसान पहुंचा है. कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं.     जम्मू-कश्मीर के उरी में पाकिस्तानी गोलाबारी में मकान और संपत्तियां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं, ये गोलाबारी नागरिक इलाकों को निशाना बनाकर की जा रही है. भारत ने पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर हमले किए: भारत ने पाकिस्तान के नूर खान (रावलपिंडी), मुरीद (चकवाल) और रफीकी (शोरकोट) एयरबेस को प्रभावी ढंग से निशाना बनाया है. इन स्थानों पर भारी नुकसान हुआ है और पाकिस्तान के सैन्य ढांचे पर यह हमला एक बड़ा झटका माना जा रहा है. ऐसे हमले से सीमा पर तनाव और भी तीव्र हो गया है. पाकिस्तान ने अपना एयरस्पेस बंद किया: तनाव के कारण पाकिस्तान ने अपना एयरस्पेस आज सुबह 12 बजे तक के लिए पूरी तरह बंद कर दी है. इस दौरान पेशावर जाने वाली पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की फ्लाइट PIA218 को क्वेटा के ऊपर उड़ते देखा गया. इस्लामाबाद और अन्य प्रमुख शहरों में धमाके: पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और लाहौर समेत कई बड़े शहरों में धमाके की आवाजें सुनाई दी. पाकिस्तान सेना का दावा है कि भारत ने बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं. इस घटना से दोनों देशों के बीच विवाद और बढ़ गया है. ड्रोनों के हमलों के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई: पाकिस्तान की तरफ से सीमा पार ड्रोनों से कई हमले किए जाने के बाद, भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के नीलम घाटी और सियालकोट में कड़ा जवाब दिया. सोशल मीडिया पर आईं वीडियोज में दिखा भारत का मिसाइल इंटरसेप्शन: कई वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं, जिनमें भारत ने सरसा क्षेत्र के ऊपर पाकिस्तानी लॉन्ग रेंज मिसाइल को सफलतापूर्वक रोकते हुए दिखाया गया है. सरसा के जिला सूचना अधिकारी ने नागरिकों को घर के अंदर रहने की सलाह दी है. भारत की एडवांस डिफेंस सिस्टम का प्रभाव: S-400, L-70, Zu-23 और शकिल्का जैसे आधुनिक वायु रक्षा उपकरण लगातार सीमा पर भारत की हवाई सुरक्षा को मजबूत बनाए हुए हैं. इन सिस्टम्स ने पाकिस्तान की ड्रोन हमलों और अन्य कारगर हथियारों को भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने से रोक रखा है.   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 12

पकिस्तान को मुँह की खानी पड़ी, वह अमेरिका से लगातार मदद की गुहार भी लगा रहा

नई दिल्ली भारत के ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. वह लगातार भारत पर हमले की कोशिश कर रहा है. लेकिन उसे मुंह की खानी पड़ रही है. इस बीच वह अमेरिका से लगातार मदद की गुहार भी लगा रहा है. लेकिन इस बीच अमेरिका ने इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया दी है. अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा कि भारत और पाकिस्तान की इस मौजूदा स्थिति में अमेरिका हस्तक्षेप नहीं करेगा. यह अमेरिका का काम नहीं है. वेंस ने फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा कि हम दोनों पक्षों से तनाव कम करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं. लेकिन हम जंग के बीच में इसमें शामिल नहीं होंगे क्योंकि यह हमारा काम नहीं है और हम इसे कंट्रोल नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि अमेरिका, भारतीयों से हथियार डालने को नहीं कह सकता. हम पाकिस्तानियों से हथियार डालने को नहीं कह सकते. हम डिप्लोमैटिक माध्यमों से इसे हल कर सकते हैं. हमारी उम्मीद है कि मौजूदा स्थिति किसी तरह के व्यापक क्षेत्रीय युद्ध या परमाणु युद्ध में तब्दील नहीं हो. हालांकि, अभी हमें नहीं लगता कि ऐसा होगा. इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि अगर मौजूदा स्थिति को लेकर मैं कुछ मदद कर सकूं तो मैं करूंगा. यह भयावह स्थिति है. मेरे भारत और पाकिस्तान दोनों से अच्छे संबंध हैं और मैं चाहता हूं कि दोनों इस मुद्दो को हल करें. वहीं, इससे पहले पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र से भी बड़ा झटका लगा था. पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने एक क्लोज-डोर मीटिंग की थी. पाकिस्तान के अनुरोध के बाद की गई इस मीटिंग में कोई ठोस नतीजा नहीं निकला था.   यूएनएससी में बंद कमरे में सोमवार दोपहर को डेढ़ घंटे हुई बैठक के बाद पाकिस्तान की फजीहत हुई थी. संयुक्त राष्ट्र ने इस बैठक के बाद ना तो किसी तरह का आधिकारिक बयान जारी किया और ना किसी तरह का रिजॉल्यूशन पारित किया गया. इस बैठक के दौरान पाकिस्तान ने लगातार झूठे बयान दिए थे. उन्होंने कहा था कि भारत ने सिंधु नदी समझौते को सस्पेंड करने के कदम को गैरकानूनी करार दिया. इससे क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को खतरा है.   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 10

PM मोदी से डरा पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव से तनाव कम करने की अपील की

नई दिल्ली जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है. पाकिस्तान को भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई का अंदेशा है और इस वजह से वह सहमा हुआ है. वह कभी पहलगाम आतंकी हमले की तीसरे पक्ष से निष्पक्ष जांच करवाने और इसमें सहयोग करने, तो कभी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस मुद्दे को उठा रहा है. पाकिस्तान ने शुक्रवार को कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत के साथ तनाव बढ़ने पर उसे उचित समय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने का अधिकार है. संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह सबकुछ जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में हो रहा है. अहमद इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या पाकिस्तान जम्मू एवं कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने की योजना बना रहा है. इस हमले में 26 लोग मारे गए थे. पाकिस्तान वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का एक अस्थायी सदस्य है और जुलाई में 15 देशों वाली संयुक्त राष्ट्र संस्था की अध्यक्षता करेगा. PAK को सता रहा भारत की जवाबी कार्रवाई का डर उन्होंने कहा, 'यह स्पष्ट है कि पहलगाम में एक घटना हुई है, लेकिन अब जो स्थिति उत्पन्न हुई है उससे क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए वास्तविक खतरा है. हमारा मानना ​​है कि सुरक्षा परिषद को वास्तव में ऐसा करने का अधिकार है. पाकिस्तान सहित परिषद के किसी भी सदस्य के लिए यह पूरी तरह उचित होगा कि वह सुरक्षा परिषद की बैठक और चर्चा का अनुरोध करे, ताकि इस गंभीर स्थिति पर विचार किया जा सके.' अहमद ने कहा, 'हमने परिषद के सदस्यों के साथ इस पर चर्चा की है. हमने पिछले महीने की अध्यक्षता और इस महीने की अध्यक्षता के साथ इस पर चर्चा की है. हम स्थिति पर बहुत बारीकी से नजर रख रहे हैं और हमें उचित लगने पर बैठक बुलाने का अधिकार है.' पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने अपने रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की उस टिप्पणी के बारे में पीटीआई द्वारा पूछे गए सवाल का सीधे जवाब देने से परहेज किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान तीन दशक से अमेरिका और पश्चिमि देशों के लिए 'गंदा काम' करता रहा है. पाकिस्तान तीन दशक से आतंकवाद को दे रहा पराश्रय दरअसल, पहलगाम हमले के परिप्रेक्ष्य में स्काई न्यूज के एंकर यल्दा हाकिम ने ख्वाजा आसिफ से सवाल किया था, 'आप स्वीकार करते हैं कि पाकिस्तान का इन आतंकवादी संगठनों को समर्थन, प्रशिक्षण और वित्तपोषण देने का एक लंबा इतिहास रहा है?' इसके जवाब में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा था, 'आप जानते हैं कि हम संयुक्त राज्य अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए यह गंदा काम लगभग तीन दशकों से कर रहे हैं, और ब्रिटेन भी इसमें शामिल है.' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले के दो दिन बाद 24 अप्रैल को बिहार में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था, 'आतंकवादियों और आकाओं और इस हमले के साजिशकर्ताओं को उनकी कल्पना से भी कड़ी सजा देंगे. देश के दुश्मनों ने न केवल निहत्थे पर्यटकों को निशाना बनाया, बल्कि भारत की आत्मा पर हमला करने का दुस्साहस किया है.' गत 29 अप्रैल को एक उच्चस्तरीय बैठक में पीएम मोदी ने भारतीय सेना को खुली छूट दी थी और कहा था कि पहलगाम आतंकवादी हमले पर भारत की प्रतिक्रिया क्या होनी चाहिए इसका तरीका, लक्ष्य और समय सेना तय करे. भारत को रोको, हमें बचाओ; UNSC में रोया पाकिस्तान तो अब चर्चा की तैयारी भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से कश्मीर मुद्दे पर हस्तक्षेप करने और तनाव को कम कराने की गुहार लगाई है। पाकिस्तान के अमेरिका में राजदूत रिजवान सईद शेख ने चेतावनी दी कि "कोई भी गलत कदम या गलत अनुमान परमाणु संघर्ष की ओर ले जा सकता है।" शेख ने कश्मीर को "विश्व का सबसे खतरनाक परमाणु फ्लैशपॉइंट" करार देते हुए ट्रंप से इस मुद्दे पर निर्णायक भूमिका निभाने का आग्रह किया है। Fox News Digital से बातचीत में शेख ने कश्मीर को "परमाणु फ्लैशपॉइंट" करार देते हुए कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप इस मुद्दे को हल करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा, "यह राष्ट्रपति ट्रंप की विरासत का एक अहम हिस्सा बन सकता है, यदि वे इस मसले को सतही उपायों से नहीं बल्कि कश्मीर विवाद जैसे मूल कारणों को संबोधित करके हल करें।" राजदूत शेख ने भारत के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया को "खतरनाक और भड़काऊ" बताया। उन्होंने कहा कि हमले के महज 10 मिनट बाद ही भारत की ओर से पाकिस्तान पर आरोप लगाए गए। उन्होंने कहा, "भारत ने आरोप लगाने में एक मिनट भी नहीं गंवाया और बिना किसी जांच के ही पाकिस्तान को दोषी ठहराया। हमने सबूत शेयर करने की मांग की और निष्पक्ष व पारदर्शी जांच में भाग लेने की पेशकश की, लेकिन हमें कोई जवाब नहीं मिला।" "परमाणु युद्ध की संभावना को नजरअंदाज न करें" पाकिस्तानी राजदूत को भारत की संभावित प्रतिक्रिया से डर लग रहा है। यही वजह है कि वे दूसरे देशों के आगे गुहार लगा रहे हैं कि भारत को रोका जाए। राजदूत ने कहा कि यह क्षेत्र 1.5 अरब से ज्यादा लोगों का घर है और इस तरह के युद्धोन्माद भरे बयानात क्षेत्र को एक बार फिर से "युद्ध की मानसिकता का बंधक" बना रहे हैं। पाकिस्तानी दूत ने गीदड भभकी देते हुए कहा कि "कोई भी गलतफहमी या गलत निर्णय, परमाणु युद्ध में बदल सकता है – जो इस घनी आबादी वाले क्षेत्र के लिए विनाशकारी होगा।" उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लिए बहने वाली नदियों के जल प्रवाह को एकतरफा रोकने की धमकी, अंतरराष्ट्रीय संधियों का खुला उल्लंघन है। उन्होंने इंडस वॉटर ट्रीटी का हवाला देते हुए कहा, "यह संधि भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्धों के दौरान भी कायम रही, इसे तोड़ना अंतरराष्ट्रीय कानून की घोर अवहेलना है।" पहलगाम हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौता निलंबित … Read more

भारत समेत G4 देशों ने संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में मुस्लिम देश के आरक्षण के प्रस्‍ताव को खारिज कर दिया

वॉशिंगटन  भारत समेत जी 4 देशों ने संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में मुस्लिम देश के आरक्षण के प्रस्‍ताव को खारिज कर दिया है। जी 4 देशों ने धार्मिक आधार पर स्‍थायी सदस्‍यता देने के किसी भी प्रस्‍ताव को संयुक्‍त राष्‍ट्र के नियमों के खिलाफ बताया। संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार को लेकर लंबे समय से मांग चल रही है। भारत समेत जी 4 के देशों ब्राजील, जर्मनी और जापान ने तुर्की के राष्‍ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान, पाकिस्‍तानी पीएम शहबाज शरीफ और सऊदी प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान के इस्‍लामिक सपने को तोड़ दिया है। संयुक्‍त राष्‍ट्र में भारत के स्‍थायी प्रतिनिधि पी हारिश ने मंगलवार को जी4 देशों की ओर से कहा कि धर्म के आधार पर सुरक्षा परिषद में प्रतिन‍िध‍ित्‍व मंजूर नहीं है। भारतीय प्रतिनिधि ने तुर्की या उसके इस्‍लामिक दुनिया का खलीफा बनने का सपना देख रहे राष्‍ट्रपति एर्दोगान का नाम नहीं लिया। इससे पहले पिछले महीने तुर्की के राष्‍ट्रपति एर्दोगान ने मांग की थी कि सुरक्षा परिषद में एक इस्‍लामिक देश को भी स्‍थायी सदस्‍यता दी जाए। भारतीय प्रतिनिधि ने पाकिस्‍तान या सऊदी के नेतृत्‍व वाले इस्‍लामिक संगठन ओआईसी का भी नाम नहीं लिया। इन दोनों ने मांग की थी कि 'इस्‍लामिक उम्‍मा' को भी सुरक्षा परिषद के सभी वर्गो में सदस्‍यता दी जाए। हारिश ने कहा कि धार्मिक फैक्‍टर को लाने से सुरक्षा परिषद के अंदर सुधारों को लेकर चल रही प्रक्रिया में और ज्‍यादा जटिलता आ जाएगी। तुर्की के राष्‍ट्रपति ने खेला इस्‍लामिक कार्ड हारिश ने जी4 देशों की ओर से संयुक्‍त राष्‍ट्र के अंदर सुधारों को लेकर एक अंतरसरकारी वार्ता के दौरान यह बयान दिया। उन्‍होंने भारत के प्रतिनिधि होने के नाते जोर देकर कहा कि मुस्लिम आरक्षण क्षेत्रीय प्रतिनिध‍ित्‍व के सिद्धांत को कमजोर करेगा जिसे संयुक्‍त राष्‍ट्र ने स्‍वीकार किया है। तुर्की के ऑटोमन साम्राज्‍य को फिर से लाने की कोशिश में लगे एर्दोगान ने एक इफ्तार पार्टी में पिछले महीने कहा था, 'संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के अंदर वीटो पावर के साथ एक इस्‍लामिक देश का होना न केवल आवश्‍यकता है, बल्कि एक दायित्‍व भी है।' जी4 देशों का यह समूह सकारात्‍मक और आशावादी सोच वाले तथा सुधार समर्थक देशों का समूह है जो कई साल सुरक्षा परिषद के स्‍थायी सदस्‍यों की संख्‍या को बढ़ाने पर जोर दे रहा है। हारिश ने कहा कि जी4 एक सिफारिशी ग्रुप है जो सार्थक सुधार के लिए काम कर रहा है और किसी खास सुझाव को नहीं देता है कि किसे स्‍थायी सदस्‍य बनाया जाए। जी4 इसे संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा पर छोड़ता है। उन्‍होंने कहा कि महासभा को लोकतांत्रिक आधार पर सुरक्षा परिषद में सुधार करके नए स्‍थायी सदस्‍य को शामिल करना चाहिए। सुरक्षा पर‍िषद में सुधार का जी4 प्रस्‍ताव हारिश ने यह भी कहा कि जी4 देशों का मानना है कि सुरक्षा परिषद के सदस्‍यों की संख्‍या को बढ़ाना चाहिए और क्षेत्रीय प्रतिनिध‍ित्‍व को देना चाहिए। भारत ने कहा कि सुरक्षा परिषद के सदस्‍यों की संख्‍या को 15 से 25 या 26 करना चाहिए। जी4 के प्रस्‍ताव के मुताबिक सुरक्षा परिषद में स्‍थायी सदस्‍यों की संख्‍या को बढ़ाकर 5 से 11 करना चाहिए, वहीं अस्‍थायी सदस्‍यों की संख्‍या को 10 से बढ़ाकर 14 या 15 करनी चाहिए। उन्‍होंने कहा कि 6 नए स्‍थायी सदस्‍यों में प्रत्‍येक को एशिया-प्रशांत, लैट‍िन अमेरिका, कैरेबियाई देश और पूर्वी यूरोप को एक-एक सीट दी जाए। वहीं अफ्रीका को कम से कम एक या दो सीट दी जाए। भारतीय प्रतिनिधि ने पाकिस्‍तान को भी जमकर फटकार लगाई जो सुरक्षा परिषद में सुधार का विरोध कर रहा है। पाकिस्‍तान स्‍थायी सदस्‍यता दिए जाने का विरोध कर रहा है ताकि भारत को रोका जा सके। पाकिस्‍तान इस्‍लामिक उम्‍मा को भी भड़काने का काम कर रहा है। अगर धर्म के आधार पर देखें तो चीन जहां आंशिक रूप से वामपंथी देश है, वहीं बाकी 4 स्‍थायी सदस्‍य ईसाई बहुल देश अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 15

रूस ने भारत की वर्षों से चली आ रही संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की स्‍थायी सदस्‍यता मांग का खुलकर समर्थन किया

नई दिल्ली/ मास्‍को  भारत और रूस की राजनयिक दोस्‍ती के 78 साल पूरे हो गए हैं। शीत युद्ध से लेकर पाकिस्‍तान युद्ध तक रूस ने भारत के साथ दोस्‍ती निभाई है। अब एक बार फिर से रूस ने भारत की वर्षों से चली आ रही मांग का खुलकर समर्थन किया है। रूस ने संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्‍थायी सदस्‍यता देने की मांग को फिर से दोहराया है। साथ ही रूस ने भारत के साथ आने वाले वर्षों में भी अच्‍छे रिश्‍ते बरकरार रखने की उम्‍मीद जताई है। रूस के विदेश मंत्रालय ने अपने संदेश में दोनों देशों के बीच राजनयिक रिश्‍ते स्‍थापित होने के 78 साल पूरे होने की बधाई दी। इस बीच स्‍लोवाकिया ने भी भारत की संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में स्‍थायी सदस्‍यता का समर्थन किया है। टेलिग्राम पर दिए अपने संदेश में रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम भारत के साथ रणनीतिक भागीदारी को और मजबूत करना चाहते हैं। रूसी मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के बीच राजनीतिक संवाद मजबूत बना रहेगा और दोनों देशों के नेताओं के बीच मुलाकातों का दौर जारी रहेगा। साल 2024 में पीएम मोदी और रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन के बीच दो शिखर सम्‍मेलन हुए थे। इस साल भी पुतिन भारत आने वाले हैं। रूस ने विक्‍ट्री डे परेड में पीएम मोदी को न्‍योता दिया था। इसमें हिस्‍सा लेने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर जा रहे हैं। भारत और रूस बढ़ाएं दोस्‍ती रूसी विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच व्‍यापार लगातार तेजी से बढ़ रहा है और यह 60 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। इसके अलावा दोनों देश परमाणु ऊर्जा पर भी सहयोग कर रहे हैं और तमिलनाडु के कुंडनकुलम में परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाया जा रहा है। रूस ने कहा कि दोनों देशों को रक्षा, स्‍पेस, तकनीक और सांस्‍कृतिक आदान-प्रदान को जारी रखना चाहिए ताकि एक बहुध्रुवीय दुनिया को बनाया जा सके। यह वैश्विक प्रशासन में ग्‍लोबल साऊथ की भागीदारी को बढ़ाएगा। सुरक्षा परिषद की दावेदारी में कहां फंसा पेंच? संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में स्‍थायी सदस्‍यता के लिए कई साल से भारत मांग कर रहा है। यह दुनिया का सबसे शक्तिशाली निकाय है लेकिन दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश भारत इसका स्‍थायी सदस्‍य नहीं है। साल 1945 में बनाए गए संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा पर‍िषद 15 सदस्‍य हैं और इसमें केवल 5 ही स्‍थायी सदस्‍य हैं। ये देश हैं- अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन और ब्रिटेन। 10 गैर अस्‍थायी सदस्‍य होते हैं जिन्‍हें दो साल के लिए चुना जाता है। स्‍थायी सदस्‍यों के पास वीटो पावर होता है लेकिन अस्‍थायी सदस्‍यों के पास यह ताकत नहीं होती है। भारत को रूस, अमेरिका, फ्रांस समेत दुनिया के कई ताकतवर देशों का समर्थन हासिल है लेकिन नई दिल्‍ली की राह में सबसे बड़ी बाधा चीन बना हुआ है। चीन नहीं चाहता है कि एशिया में उसके एकाधिकार को भारत चुनौती दे। इसी वजह से चीन सुरक्षा परिषद में एशिया से अकेले प्रतिनिधित्‍व करना चाहता है।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 13