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कूनो में बारिश से बढ़ी चीतों की मुश्किलें, पानी भरे गड्ढों-दलदली जमीन में फंसने का मंडरा रहा खतरा

कूनो में बारिश से बढ़ी चीतों की मुश्किलें, पानी भरे गड्ढों-दलदली जमीन में फंसने का मंडरा रहा खतरा

Rain in Kuno has increased the difficulties of cheetahs, there is a danger of them getting trapped in water filled pits and marshy land ग्वालियर। Rain in Kuno has increased मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीतों के पुनर्वास की महत्वाकांक्षी परियोजना एक बार फिर प्रकृति की चुनौती से जूझ रही है। लगातार हो रही भारी बारिश ने पार्क को दलदल में बदल दिया है, जिससे न सिर्फ ट्रैकिंग बाधित हो रही है बल्कि चीतों की जान पर भी खतरा मंडराने लगा है। सबसे चिंताजनक स्थिति उस वक्त उत्पन्न हुई जब मादा चीता ‘आशा’ अपने तीन शावकों के साथ पार्क की सीमा लांघकर बागचा क्षेत्र की ओर निकल गई। जिन इलाकों में वे पहुंचे हैं, वहां हर ओर जलभराव और कीचड़ है — और यहीं से चिंता गहराती है। Read more: विरोध का नया स्वर: OBC समागम व विपक्षी गठबंधन की रणनीति’ जंगल के बाहर, खतरे के भीतरचीतों का पार्क की सीमा से बाहर जाना कोई मामूली बात नहीं। बीते वर्ष ‘पवन’ नामक चीते की दर्दनाक मौत एक पानी से भरे गड्ढे में गिरकर हो गई थी, और अब ‘आशा’ व उसके नन्हे शावक उसी रास्ते पर हैं। बरसात के इस भीगे मौसम में, नहरें और गड्ढे जानलेवा जाल बन गए हैं। तकनीक भी बेबसहालांकि सभी चीतों के गले में ट्रैकिंग के लिए कालर ID लगे हैं, फिर भी भारी वर्षा और दलदली रास्तों ने ट्रैकर्स की पहुंच को सीमित कर दिया है। न गाड़ियाँ चल पा रही हैं और न ही पैदल ट्रैकिंग संभव है। ऐसे में निगरानी टीमें हर पल तनाव में हैं कि कहीं फिर कोई अनहोनी न घटे। प्राकृतिक चुनौती के सामने सुझाववन रक्षकों ने सुझाव दिया है कि मानसून समाप्त होने तक चीतों को सुरक्षित बाड़ों में शिफ्ट किया जाए, ताकि उनकी जान की हिफाज़त सुनिश्चित हो सके। हालांकि यह कदम उनके प्राकृतिक व्यवहार के अनुकूल नहीं होगा, परंतु वर्तमान हालात में यह सुरक्षा का बेहतर विकल्प बन सकता है। शावकों की नाजुक स्थितिशावकों के लिए यह मौसम और भी अधिक जोखिम भरा है। दलदली ज़मीन पर उनका संतुलन बनाना मुश्किल है और अगर वे गड्ढों या पानी में फंस गए तो बचाना बेहद कठिन हो सकता है। यही कारण है कि हर पल की निगरानी अब जरूरी बन गई है। सावधानी और सतर्कताकूनो के डीएफओ थिरूकुरल आर के अनुसार, सभी चीतों को संक्रमण से बचाने के लिए दवाएं दी जा चुकी हैं, और निगरानी लगातार जारी है। लेकिन निगरानी से ज्यादा अब ज़रूरत संरक्षण की रणनीति पर दोबारा विचार करने की है। चीतों को भारत की धरती पर फिर से बसाने का सपना, सिर्फ वन विभाग की जिम्मेदारी नहीं, पूरे देश का सपना है। लेकिन यह सपना तब तक साकार नहीं हो सकता जब तक हम प्रकृति के सामने झुककर नहीं, बल्कि उसकी चुनौतियों का समाधान खोजकर खड़े नहीं होते। कूनो में हो रही यह संघर्ष की कहानी एक बार फिर हमें सोचने पर मजबूर करती है — क्या हम सच में तैयार हैं ‘प्रोजेक्ट चीता’ को सफल बनाने के लिए? Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 29

कूनों नेशनल पार्क में आए नन्हें मेहमान, चीता निर्वा ने दिया 5 शावकों को जन्म, सीएम डॉ मोहन यादव ने दी बधाई

  ग्वालियर मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से एक बार फिर खुशखबरी आई है। मादा चीता निर्वा ने पांच नन्हें शावकों को जन्म दिया है। जिसके बाद कूनो में अब चीतों की संख्या बढ़कर 29 हो गई है। मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से एक बार फिर खुशखबरी आई है। मादा चीता निर्वा ने पांच नन्हें शावकों को जन्म दिया है। जिसके बाद कूनो में अब चीतों की संख्या बढ़कर 29 हो गई है। सीएम डॉ मोहन यादव ने इसकी जानकारी दी है। मुख्यमंत्री ने नन्हें शावकों की तस्वीर भी शेयर की है। सीएम ने शेयर की खुशखबरी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक्स पर इस खुशखबरी को साझा किया। उन्होंने कूनो नेशनल पार्क की टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह भारत के जैव विविधता संरक्षण प्रयासों की सफलता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रकृति संरक्षण की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है।मध्य प्रदेश के मुखिया CM डॉक्टर मोहन यादव ने भी देशवासियों के साथ यह खुशी साझा की. उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल 'X' पर वीडियो पोस्ट करते हुए प्रदेश की जनता को बधाई दी और साथ ही लिखा कि "कूनो में नए मेहमानों का स्वागत है…अत्यंत प्रसन्नता है कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों का कुनबा निरंतर बढ़ रहा है. हाल ही में 5 वर्षीय नीरवा ने 5 शावकों को जन्म दिया है. इन नन्हे शावकों का आगमन चीता प्रोजेक्ट की सफलता और भारत की समृद्ध जैव-विविधता का प्रतीक है. प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी के मार्गदर्शन में वन्यजीव संरक्षण के लिए बनाया गया अनुकूल वातावरण आज समृद्ध हो रहा है. कूनो नेशनल पार्क की पूरी टीम, वन्यजीव विशेषज्ञों और संरक्षण में जुटे हर कर्मठ साथी को इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई.'' निर्वा दूसरी बार मां बनी चीता निर्वा ने इससे पहले 25 नवंबर 2024 को दो शावकों को जन्म दिया था, उनके शव क्षत विक्षत हालत में मिले थे। निर्वा अब दूसरी बार मां बनी है। कूनो में इससे पहले ज्वाला 5, आशा 3, गामिनी 4 और वीरा चीता दो 2 शावकों को जन्म दे चुकी है। दो चीते गांधी सागर अभयारण्य भेजे गए इसमें से एक शावक मुखी दो साल की तो कई शावक सवा साल तक के हो चुके हैं। कूनो में चीतों की संख्या 12 थी, जिनमें से दो चीते प्रभाष और पावक गांधी सागर अभयारण्य भेज दिए गए हैं। सात साल की हो चुकी निर्वा चीता दक्षिण अफ्रीका के मेपस रिजर्व से लाई गई थी। भारत में सबसे ज्यादा शावकों की मां बनी नीरवा बता दें कि, भारत की धरती पर जन्में जीवित शावकों की संख्या अब 19 हो चुकी है. हालांकि मादा चीता नीरवा इससे पहले 22 नवंबर 2024 को भी मां बन चुकी है उसने तब 4 शावकों को जन्म दिया था. लेकिन 5 दिन बाद उसके 2 शावकों के शव मिले थे. अब 5 और चीता शावक के जन्म के साथ कूनो में नीरवा के 7 चीता शावक जीवित हैं. 17 सितंबर, 2022 को भारत आए थे चीते 17 सितंबर, 2022 को अफ्रीका के नामीबिया से 8 चीते भारत आए थे. उन्हें मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा गया था. फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते कुनो लाए गए. इन पांच शावकों के जन्म से पहले, पार्क में 24 चीते थे, जिनमें 14 भारत में जन्मे शावक थे. इनमें से दो चीतो को अब गांधी सागर अभ्यारण्य में स्थानांतरित कर दिया गया है. कूनो नेशनल पार्क में चीता परियोजना के तहत अफ्रीकी देशों से लाए गए चीतों के प्राकृतिक वातावरण में सफल प्रजनन को वन विभाग और विशेषज्ञों की कड़ी मेहनत का परिणाम बताया जा रहा है. हाल ही में कूनो से 2 चीते मंदसौर के गांधीसागर अभ्यारण्य में शिफ्ट किए गए थे, जिससे पार्क में चीतों की संख्या 24 रह गई थी. लेकिन अब नीरवा के पांच शावकों के आगमन से यह आंकड़ा फिर से 29 पर पहुंच गया है. भारत में कुल चीतों की संख्या बढ़कर 31 हो गई है. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 9

चीतों को मिल गया नया घर, कूनो जंगल के बाद गांधी सागर में शिफ्ट होंगे , गांधी सागर अभ्यारण में सारी तैयारी पूरी

भोपाल चीतों का दूसरा घर मंदसौर जिले का गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य(Gandhi Sagar Sanctuary) होगा। यहां दक्षिण अफ्रीका से चीते लाने में देरी के बीच अब कूनो नेशनल पार्क(Kuno National Park) से ही आज 20 अप्रेल को 2 चीते भेजेंगे। केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव व सीएम डॉ. मोहन यादव ने सीएम निवास पर हुई चीता प्रोजेक्ट की समीक्षा बैठक में इसे हरी झंडी दी। 18 फरवरी 2023 को जो 12 चीते दक्षिण अफ्रीका से लाए गए, उनमें से पावक और प्रभाष को गांधी सागर में छोड़ा जाएगा। 5 साल के पावक और साढ़े पांच साल के प्रभाष को खेमला वन क्षेत्र में बने 15.04 वर्ग किमी बाडे़ में छोड़ा जाएगा। दोनों भाई हैं, अभी बाडे़ में हैं। देश के अंदर चीतों की इस पहली शिफ्टिंग की शुरुआत शनिवार रात से होगी, रविवार अपराह्न तीन बजे खत्म होगी। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और सीएम डॉ. मोहन यादव अपराह्न 3 बजे दोनों को गांधीसागर में छोड़ेंगे। सीएम बोले- कूनो में रोड टू एयर कनेक्टिविटी सीएम डॉ. यादव (CM Mohan Yadav) ने कहा, ग्वालियर से कूनो तक पक्की सड़क बनेगी। टेंट सिटी बनेगी। युवाओं-महिलाओं को वन्य पर्यटन से जोड़ेंगे, चीता मित्र, महिला स्व-सहायता समूह को टूरिस्ट गाइड बनाएंगे। दीदी कैफे से रोजगार मिलेगा। 10 किंग कोबरा लाने पर विचार हो रहा है। सीएम ने चंबल से घड़ियाल व कछुओं को 4 बड़ी नदियों में छोड़ने के निर्देश दिए। गुजरात भी शिफ्ट किए जाएंगे चीते केंद्रीय मंत्री यादव ने कहा कि आज सुबह NTCA की बैठक हुई। बैठक में, NTCA ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक के दौरान लिए गए निर्णय पर एक व्यापक योजना पर चर्चा करने का फैसला किया। भविष्य में गुजरात के बन्नी घास के मैदानों और मध्य प्रदेश के गांधीसागर अभयारण्य में चीतों को पेश करने की कार्य योजना पर भी विचार-विमर्श किया गया। सीएम हाउस में विस्तार से होगी समीक्षा उन्होंने यह भी बताया कि चीता परियोजना से संबंधित एक विस्तृत समीक्षा बैठक मुख्यमंत्री आवास पर होगी। इस बैठक में चीतों को शिफ्ट करने पर बात होगी। देश में हैं 58 टाइगर रिजर्व केंद्रीय मंत्री यादव ने आगे कहा कि अब हमारे देश में 58 टाइगर रिजर्व हैं। 58वें टाइगर रिजर्व का श्रेय मध्य प्रदेश को जाता है। यह वास्तव में एक टाइगर स्टेट है और यहां माधव टाइगर रिजर्व बनाया गया है। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि मध्य प्रदेश देश में एक विशेष राज्य है, जो वन, इको-टूरिज्म और सांस्कृतिक विरासत पर ध्यान केंद्रित करता है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव पर्यटन, वन और आदिवासी लोगों के विकास के लिए काम कर रहे हैं। गांधी सागर में सारी तैयारी पूरी इस बीच, मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विजय शाह ने कहा कि गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में सभी जरूरी इंतजाम कर लिए गए हैं। विजय शाह उस समय राज्य के वन मंत्री थे जब चीतों को पहली बार लाया गया था। उन्होंने कहा कि लोगों को जल्द ही चीतों को वहां शिफ्ट करने की खुशखबरी मिलेगी। कूनो नेशनल पार्क में चीतों को बसाने के बाद, अब गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य को चुना गया है। यह अभयारण्य चीतों के लिए एक नया घर होगा। सरकार चीतों की सुरक्षा और उनके विकास के लिए पूरी तरह से तैयार है। मई में बोत्सवाना से आएंगे 4 चीते इस शिफ्टिंग के साथ ही दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना और केन्या से चीते लाने की प्रक्रिया भी जारी रहेगी। अगले एक साल में 8 और चीते मध्यप्रदेश लाए जाएंगे। बैठक में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने बताया, 4 चीते मई 2025 तक बोत्सवाना से लाए जाने हैं। भारत और केन्या के बीच अनुबंध पर सहमति प्रक्रिया चल रही है। इनमें से 4 चीते गांधी सागर अभयारण्य में रखे जाने हैं, बाकी कूनो में ही छोड़े जाएंगे। अपने यहां सबसे ज्यादा सर्वाइवल रेट अफसरों ने बताया, देश में जन्मे चीता शावकों का सर्वाइवल रेट विश्व में सबसे अधिक है। अन्य देशों में जलवायु अनुकूलन के अभाव में आसानी से सर्वाइव नहीं कर पाते। गांधीसागर अनुकूल है, इसलिए यहां चीते छोड़ने का फैसला लिया गया। आइआइएफएम की मदद से ट्रेनिंग केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा, श्योपुर के 80 गांवों के 400 चीता मित्रों को प्रशिक्षित करने के लिए आइआइएफएम भोपाल की मदद लेंगे। सैटेलाइट कॉलर आइडी से निगरानी होगी। चीता सफारी शुरू करने की प्रक्रिया तेज होगी। कूनो (Kuno National Park)और गांधी सागर से जुड़े रिजर्व व दूसरे प्रदेशों के पार्कों के बीच वन्यप्राणी कॉरिडोर के साथ पर्यटन कॉरिडोर बनाएं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 12

Kuno National Park sheopur: चीतों ने गाय को पकड़ा तो ग्रामीणों ने मारे पत्थर, वन विभाग के मना करने पर भी नहीं माने

When the leopards caught the cow, the villagers threw stones at it, they did not listen even after the forest department’s warning Kuno National Park sheopur श्योपुर ! Kuno National Park sheopur से बाहर निकले पांच चीतों पर ग्रामीणों ने लाठी-डंडों और पत्थरों से हमला कर दिया। घटना का वीडियो भी सामने आया है। हालांकि, मौके पर मौजूद वन विभाग की रेस्क्यू टीम ग्रामीणों से चीतों से दूर रहने की बात कहती रही, लेकिन वे नहीं माने, घटना सोमवार की है। दरअसल, एक महीने पहले खुले जंगल में छोड़ी गई मादा चीता ज्वाला और उसके चार शावक शनिवार शाम को पहली बार पार्क की सीमा से बाहर आ गए थे। चीते रविवार दोपहर बाद फिर कूनो के जंगल की ओर लौट गए थे। रविवार रात को ये चीते वीरपुर तहसील के ग्राम श्यामपुर के पास देखे गए। वे निर्माणाधीन श्योपुर-ग्वालियर ब्रॉडगेज रेल ट्रैक से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर थे। सोमवार सुबह ये पांचों चीते कूनो सायफन के पास से होते हुए कूनो नदी में पहुंचे। Kuno National Park sheopur वे निर्माणाधीन रेलवे पुल के नीचे काफी देर तक बैठे रहे। इस दौरान कूनो सायफन से गुजरने वाले राहगीरों की भीड़ चीतों को देखने के लिए जमा हो गई। मादा चीता और शावक एक-एक कर रास्ता पार कर रहे थे, तभी उन्होंने गाय पर झपट्टा मारा। मादा चीता और शावकों को भगाने के लिए ग्रामीण लाठी लेकर दौड़े और पत्थर मारना शुरू कर दिए। चीता ज्वाला काफी देर तक गाय का गला पकड़े रही। जैसे ही उसे पत्थर लगा, उसने गाय को छोड़ दिया और शावकों के साथ भाग निकली। घटना के बाद करीब 10 बजे चीता दल, कूनो पुल क्षेत्र से निकलकर वीरपुर के तिललिडेररा क्षेत्र पहुंचा है। Read more: माफी नहीं मांगूंगा… BJP विधायक चिंतामणि मालवीय का पार्टी के खिलाफ मोर्चा, कांग्रेस का भी मिल गया साथ ज्वाला और उसके शावकों को 21 फरवरी को खजूरी क्षेत्र के जंगल में छोड़ा गया था। एक महीने तक वे पार्क की सीमा में ही रहे। चीतों के बाहर निकलने पर क्षेत्र के चीता मित्र और उनकी टीम ने आसपास के लोगों को जागरुक किया। उन्होंने बताया कि चीते लोगों पर हमला नहीं करते हैं। उन्होंने लोगों से चीतों को न भगाने और उनकी सुरक्षा का ध्यान रखने की अपील की। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 62

चीतों की निगरानी के लिए वन विभाग की टीम लगातार काम कर रही, वन विभाग ने मौके पर पहुंचकर लोगों को चीतों से दूर रहने के लिए कहा

ग्वालियर  कूनो नेशनल पार्क के जंगल की सीमा से निकलकर श्योपुर की विजयपुर तहसील के भैरोपुरा गांव में मादा चीता ज्वाला व चार शावकों का ग्रामीणों से आमना-सामना हो गया। यहां एक बछड़े पर मादा चीता ज्वाला ने हमला कर दिया, तो शावकों ने भी घेराबंदी शुरू कर दी। बछ़ड़े पर हमला होते देख उसके मालिक व ग्रामीणों ने चीतों पर पत्थर मारना शुरू कर दिया। लाठी से भी भगाने का प्रयास किया। पास खड़ी कूनो की टीम ने ग्रामीणों को समझाया कि बछड़े का मुआवजा मिल जाता है, चीतों पर हमला न किया जाए। इस पर बछड़े के मालिक ने कहा कि हमारे सामने हमारे मवेशियों को मरता हुआ नहीं देख सकते हैं, ऐसा होगा तो हम तो हमला करेंगे। पार्क की सीमा से बाहर आ गए थे बता दें कि एक महीने पहले खुले जंगल में छोड़ी गई मादा चीता ज्वाला और उसके 4 शावक शनिवार शाम को पहली बार पार्क की सीमा से बाहर आ गए थे। ये चीते रविवार को दोपहर बाद फिर कूनो के जंगल की ओर लौट गए थे। सामने बछड़ा आ गया था रविवार रात को ये चीते वीरपुर तहसील के ग्राम भैरोपुरा के पास देखे गए। वे निर्माणाधीन श्योपुर-ग्वालियर ब्राडगेज रेल ट्रैक से करीब 1 किलोमीटर की दूरी पर थे। सोमवार सुबह मादा चीता ज्वाला के सामने बछड़ा आ गया, तो उसने शिकार की नीयत से हमला कर दिया। लेकिन ग्रामीणों के पत्थर मारने से चीते पीछे हट गए। लाठी डंडे लेकर चिल्लाते हुए ग्रामीणों को देख चीते डर गए। मादा चीता काफी देर तक बछड़े का गला पकड़े रही, लेकिन फिर छोड़ दिया। 15 लोगों का दल कर रहा ज्वाला व शावकों की निगरानी मादा चीता ज्वाला व शावकों की निगरानी में 15 लोगों का दल निगरानी कर रहा है, जब सोमवार सुबह यह घटना हुई तो एक दल पीछे रह गया था और एक वहीं चीतों के आसपास ही मौजूद था। ग्रामीणों से दल ने बात की और समझाने का प्रयास किया कि आगे से ऐसा न करें। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 22

कूनो नेशनल पार्क में बाड़े से खुले जंगल में छोड़ी गई मादा चीता और उसके 4 शावक बीती शाम को पार्क की सीमा से बाहर निकल गए

श्योपुर  कूनो नेशनल पार्क में एक माह पहले बाड़े से निकालकर खुले जंगल में छोड़ी गई मादा चीता और उसके 4 शावक बीती शनिवार की शाम को पार्क की सीमा से बाहर निकल गए. हालांकि रविवार शाम को फिर से पांचों ने कूनो के जंगल की ओर रुख कर लिया. लेकिन ज्वाला और चारों शावक बीती रात श्यामपुर के पास देखे गए. वहीं, सुबह वीरपुर के नजदीक कूनो नदी में नजर आए. इस दौरान रात और सुबह के वक्त चहलकदमी करते नजर आई चीता फैमली के वीडियो बनाकर लोगों ने सोशल मीडिया पर वायरल भी किए. बीती आधी रात को मादा चीता ज्वाला और उसके ये शावक वीरपुर तहसील के ग्राम श्यामपुर से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर निर्माणधीन श्योपुर-ग्वालियर ब्रॉडगेज ट्रैक से गुजरते नजर आए. इस दौरान यहां से निकल रहे ट्रक चालकों ने इनके वीडियो भी बनाए. वहीं, सुबह ये पांचों चीते निकलकर कूनो सायफन के निकट से निकलते हुए कूनो नदी में दिखे. कूनो नदी में ज्वाला और चारों शावक निर्माणधीन रेलवे पुल के नीचे काफी देर तक बैठे रहे. यही वजह है कि कूनो सायफन से गुजरने वाले राहगीरों की चीतों को देखने के लिए भीड़ भी लग गई. बताया गया है कि इसके बाद ये पांचों कूनो पार्क के जंगल की ओर बढ़ गए. कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ आर थिरुकुराल ने आजतक को फोन कॉल पर बताया कि हम चीतों की लोकेशन शेयर नहीं कर सकते हैं. चीते जहां भी हैं, हमारी ट्रैकिंग टीमें उन पर निगरानी बनाए हुए हैं. सभी चीता पूरी तरह फिट हैं और स्वछंद विचरण कर रहे हैं. बता दें कि मादा चीता ज्वाला और उसके 4 शावकों को गत 21 फरवरी को खुले जंगल में खजूरी क्षेत्र में छोड़ा गया था. हालांकि, बीते एक माह से ये कूनो पार्क की सीमा में ही थे, लेकिन अब ये पहली बार पार्क की सीमा से बाहर निकले हैं. वहीं, चीतों के बाहर निकलने पर क्षेत्र के चीता मित्र रवि रावत श्यामपुर और उनकी टीम ने आसपास के लोगों केा जागरूक किया और कहा कि चीतों की सुरक्षा हम सबकी जिमेदारी है. चीता लोगों पर हमला नहीं करता है, लिहाजा इसे भगाएं नहीं और सुरक्षा करें. पता हो कि कूनो नेशनल पार्क में कुल 17 चीते खुले जंगल में आजाद घूम रहे हैं. इनमें 11 शावक शामिल हैं. जबकि पार्क के बाड़े में अभी 9 चीते बंद हैं. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 8

कुनो नेशनल पार्क में गूंजी किलकारी, चीता वीरा ने दो शावकों को दिया जन्म, सीएम यादव ने शेयर की खुशी, दी बधाई

श्योपुर मध्यप्रदेश का कूनो नेशनल पार्क आज फिर नन्हे चीता शावकों की किलकारियों से गूंज उठा। मादा चीता वीरा ने मंगलवार को दो शावकों को जन्म दिया है। इस खुशी को लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, मादा चीता वीरा ने दो नन्हे शावकों को जन्म दिया है। मध्यप्रदेश की धरती पर फिर से चीता शावकों का स्वागत है। सीएम मोहन ने अपने एक्स हैंडल से शावकों की तस्वीरें शेयर की हैं। सीएम डॉक्टर मोहन यादव ने एक्स हैंडल पर लिखा, मुझे यह जानकारी साझा करते हुए अत्यंत आनंद की अनुभूति हो रही है कि मध्यप्रदेश की धरती पर चीतों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। आज मादा चीता वीरा ने दो नन्हे शावकों को जन्म दिया है। मध्यप्रदेश की धरती पर चीता शावकों का स्वागत है और प्रदेशवासियों को इन नन्हे शावकों के आगमन पर हार्दिक बधाई प्रेषित करता हूं।     नन्हें चीतों की किलकारी से फिर गूंजा कूनो.. मध्यप्रदेश की 'जंगल बुक' में 2 चीता शावकों की दस्तक…     मुझे यह जानकारी साझा करते हुए अत्यंत आनंद की अनुभूति हो रही है कि मध्यप्रदेश की धरती पर चीतों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। आज मादा चीता वीरा ने 2 नन्हें शावकों को जन्म… pic.twitter.com/fCs01pIOtP — Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) February 4, 2025 सीएम मोहन ने लिखा है कि प्रोजेक्ट से संबंधित सभी अधिकारियों, चिकित्सकों और फील्ड स्टॉफ को ढेर सारी बधाई। प्रदेश में चीतों का कुनबा निरंतर बढ़ने से प्रदेश के पर्यटन को नई उड़ान मिल रही है, जिससे रोजगार के नए द्वार खुल रहे हैं। हम चीतों के साथ ही समस्त वन जीवन के संरक्षण, संवर्धन और पुनर्स्थापना के लिए सदैव तत्पर हैं। दोनों शावक स्वस्थ कूनो प्रबंधन ने बताया कि वीरा द्वारा जन्मे गए दोनों शावक पूरी तरह स्वस्थ्य हैं। इन चीता शावकों के जन्म के बाद कूनो पार्क में कुल 14 शावक हो गए हैं। वहीं 12 वयस्कों समेत अब चीतों की संख्या 24 से बढ़कर 26 हो गई है। वहीं नेशनल पार्क में डाक्टरों की टीम नन्हे शावकों पर नजर बनाए हुए है। इनमें से दो चीता अग्नी और वायु खुले जंगल में घूम रहे हैं। अब इतनी कूनो पार्क में चीतों की संख्या कूनो नेशनल पार्क में दो नए शावकों को आने के बाद अब चीतों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो गई है। फिलहाल, कूनो पार्क में चीतों की कुल संख्या 26 हो गई है, जिनमें 12 वयस्क चीता और 14 शावक हैं। चीतों की संख्या बढ़ने से पार्क प्रबंधन ने भी राहत की सांस ली है।   चीतों की वापसी का ऐतिहासिक अभियान बता दें कि सितंबर 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 'प्रोजेक्ट चीता' की शुरुआत की गई थी। इसके तहत नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 20 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में लाया गया था।भारत में करीब 70 साल पहले चीतों की प्रजाति विलुप्त हो गई थी। लेकिन इस पुनर्वास परियोजना से उनकी संख्या बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। कूनो में चीतों का प्राकृतिक वातावरण तैयार किया गया है, ताकि वे सुरक्षित और सहज रूप से जीवन व्यतीत कर सकें। इस परियोजना के तहत अब तक कई चीता शावकों का जन्म हो चुका है, जो इस संरक्षण प्रयास की सफलता को दर्शाता है। सीएम बोले चीतों का कुनबा बढ़ने से प्रदेश के पर्यटन को मिल रही नई उड़ान प्रदेश में चीतों का कुनबा निरंतर बढ़ने से प्रदेश के पर्यटन को नई उड़ान मिल रही है जिससे रोजगार के नये द्वार खुल रहे हैं। हम चीतों के साथ ही समस्त वन्यजीवों के संरक्षण, संवर्धन एवं पुनर्स्थापन हेतु सदैव तत्पर हैं। कूनो में अब 26 चीते बता दें कि इन चीता शावकों के जन्म के बाद जंगल बुक कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में अब कुल 14 शावक हो गए हैं। वहीं 12 वयस्कों समेत अब एमपी में चीतों की संख्या 24 से बढ़कर 26 हो गई है। कूनो में चीता प्रजनन प्रक्रिया एक नजर में     27 मार्च, 2023 को मादा चीता ज्वाला ने चार शावकों को जन्म दिया।     कूनो में जन्मी मादा लगभग डेढ़ वर्ष का मुखी नामकरण किया गया।     तीन जनवरी 2024 को चीता आशा ने तीन शावकों को जन्म दिया, ये सभी नर हैं।     22 जनवरी 2024 को एक और मादा ज्वाला ने चार शावकों को जन्म दिया।     10 मार्च 2024 को मादा चीता गामिनी ने छह शावकों को जन्म दिया।     Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 12