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सरकारी स्कूल की किताबें कबाड़ी के पास कैसे पहुंचीं? ग्रामीणों ने पकड़ी गड़बड़ी, प्राचार्य कटघरे में

सरकारी स्कूल की किताबें कबाड़ी के पास कैसे पहुंचीं? ग्रामीणों ने पकड़ी गड़बड़ी, प्राचार्य कटघरे में

How did government school books reach the junk dealer? Villagers caught the discrepancy, principal in the dock books reach junk dealer सागर जिले के बंडा विकासखंड के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मगरदा में सोमवार को उस समय हंगामा मच गया, जब ग्रामीणों ने स्कूल से पिकअप वाहन में किताबें ले जाते हुए पकड़ लिया। ग्रामीणों का आरोप है कि माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा वितरित की गई ये किताबें रद्दी में बेचने के लिए भेजी जा रही थीं। सूचना मिलते ही प्रशासनिक अमला हरकत में आया और मौके पर नायब तहसीलदार, बीईओ और बीआरसीसी पहुंचे। अधिकारियों ने किताबों को जब्त कर पंचनामा तैयार किया और स्कूल प्राचार्य आर.के. रोहित सहित अन्य संबंधितों के बयान दर्ज किए। प्राचार्य पर संदेह की सुई ग्रामीणों का कहना है कि पिकअप वाहन कबाड़ी का था, जिससे यह शक और गहरा हो गया कि किताबें बेचने की कोशिश की जा रही थी। जब्त पुस्तकों में पिछले वर्ष की किताबें भी थीं, जिनमें इस वर्ष कोई बदलाव नहीं हुआ है और इन्हें पुनः छात्रों को वितरित किया जा सकता था। Read More : छतरपुर का गौरव: धुबेला की ऐतिहासिक धरोहरें और महाराजा छत्रसाल की विरासत प्रशासन की कार्यवाही books reach junk dealer तहसीलदार विजयकांत त्रिपाठी ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही जांच शुरू कर दी गई है। उनके अनुसार—“प्राचार्य का कहना है कि जहां किताबें रखी थीं, वहां लैब का निर्माण होना है, इसलिए पुस्तकों को अतिरिक्त भवन में शिफ्ट किया जा रहा था। हालांकि वाहन कबाड़ी का था, इस पर प्रतिवेदन तैयार कर लिया गया है और जांच के बाद आगे की कार्रवाई होगी।” प्राचार्य की सफाई और उठते सवाल प्राचार्य आर.के. रोहित ने सफाई दी कि किताबों को बेचा नहीं जा रहा था, बल्कि उन्हें केवल दूसरी जगह रखने के लिए भेजा जा रहा था। लेकिन सवाल यह है कि यदि किताबें बच्चों के लिए थीं, तो उन्हें समय रहते बांटा क्यों नहीं गया? ग्रामीणों और अभिभावकों का यही गुस्सा अब प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 27

एमपी 12वीं बोर्ड रिजल्ट आज होगा घोषित: सीएम डॉ. मोहन यादव करेंगे जारी, जानिए कैसे और कहाँ देखें अपना रिजल्ट

MP 12th Board Result declared today: CM Dr. Mohan Yadav will release it, know how and where to see your result भोपाल। आज का दिन लाखों छात्रों के लिए बेहद अहम रहा। मध्यप्रदेश बोर्ड (MPBSE) की 12वीं की परीक्षा का परिणाम आज सुबह 10 बजे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने समत्व भवन से औपचारिक रूप से घोषित किया। इस साल कुल 7 लाख 6 हजार छात्रों ने 12वीं की परीक्षा दी थी। रिजल्ट देखने के लिए ये विकल्प हैं: [mpbse.mponline.gov.in](https://mpbse.mponline.gov.in) Digi Locker App MPBSE Mobile App MP Mobile App एप्लिकेशन या वेबसाइट में जाकर “Know Your Result” पर क्लिक करें, फिर रोल नंबर और एप्लिकेशन नंबर डालकर रिजल्ट पाएं। MP Board Result Button with Icon MP बोर्ड रिजल्ट 2025 देखें सीएम ने छात्रों को दी शुभकामनाएं:रिजल्ट जारी करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने छात्रों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं और कहा कि “यह सिर्फ एक पड़ाव है, मंजिल नहीं। मेहनत और हौसला ही सफलता की असली कुंजी है।”कम अंक आए हैं? घबराएं नहीं:गांधी मेडिकल कॉलेज की मनोचिकित्सक डॉ. रुचि सोनी ने कहा कि बोर्ड के नतीजे अहम होते हैं, लेकिन यह जीवन का आखिरी निर्णय नहीं। कम अंक आने पर निराश न हों, खुद पर विश्वास रखें और अपने सपनों का रास्ता खुद तय करें। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 150

मप्र में 5वीं और 8वीं का परीक्षा परिणाम आज: दोपहर 1 बजे बाद क्यू आर कोड स्कैन कर देख सकेंगे रिजल्ट

Result of 5th and 8th in MP today: Result can be seen by scanning QR code after 1 pm भोपाल। मध्यप्रदेश में 5वीं और 8वीं बोर्ड पैटर्न की परीक्षाओं के परिणाम 28 मार्च 2025 को घोषित किए जाएंगे। राज्य शिक्षा केंद्र, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा यह परिणाम शुक्रवार को दोपहर 1 बजे जारी किए जाएंगे। राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक हरजिंदर सिंह के अनुसार, विद्यार्थी, अभिभावक और शिक्षक राज्य शिक्षा केंद्र के आधिकारिक पोर्टल (www.rskmp.in/result.aspx) पर अपने रोल नंबर/समग्र आईडी के माध्यम से परिणाम देख सकेंगे। शिक्षकों और संस्था प्रमुखों के लिए शाला-स्तरीय परिणाम भी इसी पोर्टल पर उपलब्ध रहेंगे। इसके अलावा, परिणाम की लिंक एक QR कोड के माध्यम से भी उपलब्ध कराई जा रही है। दोनों कक्षा की परीक्षा 24 फरवरी से 5 मार्च के बीच हुआ था। जिनमें प्रदेश के प्राइवेट और सरकारी स्कूल, पंजीकृत मदरसों के कक्षा 5वीं में 11 लाख 17 हजार से अधिक और कक्षा 8वीं के 11 लाख 68 हजार से अधिक विद्यार्थी शामिल हुए थे। कुल 22 लाख 85 हजार से अधिक विद्यार्थियों की उत्‍तर पुस्तिकाओं के मूल्‍यांकन के लिए कुल 322 केंद्र बनाए गए थे। जहां 1 लाख 19 हजार से अधिक मूल्‍यांकनकर्ताओं ने अंकों की ऑनलाइन प्रविष्टि पोर्टल पर दर्ज की है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 134

शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार का एक और मामला उजागर, टीचर ने छात्रा से मांगे 50 हजार रुपये

Ratlam: Another case of corruption exposed in the education department, teacher demanded 50 thousand rupees from a student रतलाम! मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में शिक्षा विभाग से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिले के आलोट क्षेत्र में स्थित न्यू आर्यवीर सीनियर सेकंडरी स्कूल के एक शिक्षक प्रदीप सिंह को 12वीं कक्षा की एक छात्रा से 50 हजार रुपये मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने आरोपी टीचर को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 6 मार्च तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। प्रैक्टिकल का रिजल्ट बिगाड़ने की धमकी आरोप के अनुसार, शिक्षक प्रदीप सिंह ने छात्रा को धमकाया कि अगर उसने पैसे नहीं दिए, तो उसका प्रैक्टिकल परीक्षा का रिजल्ट खराब कर दिया जाएगा और उसका भविष्य बर्बाद हो जाएगा। इतना ही नहीं, आरोपी शिक्षक ने कथित रूप से छात्रा को उसके माता-पिता की जान से मारने की धमकी भी दी। छात्रा के परिजनों की शिकायत पर कार्रवाई पीड़िता की शिकायत के बाद परिजनों ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। शिकायत के अनुसार, एक मार्च को छात्रा स्कूल की एक्सट्रा क्लास में गई थी, जहां टीचर प्रदीप सिंह ने उसे अलग बुलाकर पैसे लाने के लिए धमकाया। जब छात्रा ने घर आकर अपने माता-पिता से 50 हजार रुपये मांगे, तो उन्होंने कारण पूछा, जिस पर छात्रा ने पूरा मामला उजागर कर दिया। इसके बाद परिजनों ने तुरंत पुलिस से संपर्क किया। पुलिस जांच में जुटी शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया और उससे पूछताछ कर रही है। प्रारंभिक जांच में आरोपी पर लगे आरोप सही पाए गए हैं। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या आरोपी पहले भी इस तरह की हरकतों में शामिल रहा है। शिक्षा विभाग पर उठे सवाल इस घटना ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक शिक्षक, जो बच्चों को सही दिशा देने के लिए जिम्मेदार होता है, अगर इस तरह के अपराध में लिप्त पाया जाता है, तो यह पूरे शिक्षा तंत्र के लिए एक चिंता का विषय बन जाता है। इस मामले के उजागर होने के बाद अभिभावकों में भी भय और आक्रोश है। पुलिस जल्द ही पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट पेश करेगी और आरोपी शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 50

एमपी गजब : BEO-Clerk together defrauded ने मिल कर शिक्षा विभाग को लगाया 5 करोड़ का चुना: शिक्षकों का वेतन रिश्तेदारों के खातों में डाला, प्राचार्यों की मिलीभगत से फर्जीवाड़ा

भोपाल (कमलेश)। मध्यप्रदेश में शिक्षा विभाग के कर्मचारी भ्रष्टाचार करने के लिए पत्नियों और रिश्तेदारों के बैंक खातों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसका खुलासा शिक्षा विभाग की ही जांच में हुआ है। पिछले महीने रायसेन के सिलवानी बीईओ दफ्तर में 1 करोड़ के गबन के मामले में 26 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। BEO-Clerk together defrauded इनमें शिक्षा विभाग के कर्मचारी, प्राचार्य और रिटायर्ड प्राचार्य शामिल हैं। इनके अलावा जिन 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, वो इन कर्मचारियों की पत्नियां और रिश्तेदार हैं। ये एकलौता मामला नहीं है। 5 अन्य जिलों में भी गबन के ऐसे ही मामले सामने आए हैं, जिनमें पत्नियों और रिश्तेदारों के अकाउंट में भ्रष्टाचार की करीब 5 करोड़ की रकम ट्रांसफर की गई। 10 मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा के बजट सत्र में भी ये मामला उठ सकता है। आखिर किस तरह पत्नी और रिश्तेदारों के खातों से किया गया भ्रष्टाचार और इन मामलों में क्या एक्शन लिया गया, पढ़िए रिपोर्ट… अब जानिए, कैसे किया एक करोड़ का गबन रायसेन के जिला शिक्षा अधिकारी डीडी रजक के मुताबिक, ये पूरा हेरफेर साल 2018 से 2022 के बीच किया गया। सिलवानी विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ क्लर्क चंदन अहिरवार इस गबन का मास्टरमाइंड है। चंदन के पास विकासखंड के अंतर्गत आने वाले हर स्कूल के शिक्षक की बैंक अकाउंट डिटेल होती थी। रजक बताते हैं कि 2022 तक शिक्षक और अतिथि शिक्षकों की सैलरी का भुगतान वेंडर के जरिए होता था। तब ऑफलाइन ट्रांजेक्शन भी हो जाता था। इसी का फायदा आरोपियों ने उठाया है। चंदन शिक्षक और अतिथि शिक्षकों के नाम के आगे अपने रिश्तेदार या पत्नी का बैंक अकाउंट दर्ज कर वेतन और मानदेय की राशि ट्रांसफर करता था। उसने पत्नी सुमन अहिरवार के बैंक अकाउंट में 37 लाख रुपए जमा कराए। इसी तरह इस गबन में शामिल बाकी लोगों ने भी करीब 58 लाख रुपए की रकम पत्नियों और रिश्तेदारों के अकाउंट में जमा कराई। प्राचार्यों की भी मिलीभगत, 3 रिटायर हो चुकेजिला शिक्षा अधिकारी डीडी रजक बताते हैं कि सरकार ने पहले स्कूल के प्राचार्यों को ही डीडीओ (आहरण एवं संवितरण) के अधिकार दिए थे। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि शिक्षकों को सैलरी के लिए संकुल कार्यालय पहुंचना पड़ता था। मगर, शिक्षा विभाग के कर्मचारी और प्राचार्यों ने मिलीभगत कर इस व्यवस्था को पलीता लगाया। रजक के मुताबिक, इस दौरान पांच स्कूलों के प्राचार्यों को डीडीओ की जिम्मेदारी दी गई थी। इनके साइन से ही रिश्तेदारों के खातों में ये राशि पहुंचाई गई। इसमें इनकी बराबर की भागीदारी है। गड़बड़ी सामने आने के बाद विभागीय स्तर पर जांच की गई तो इनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई गई है। अब जानिए, कैसे किया पूरा गबन पासवर्ड बांट दिया: नियमों के मुताबिक, डीडीओ अपना पासवर्ड किसी को साझा नहीं कर सकता। जांच में पाया गया कि डीडीओ ने अपना पासवर्ड कर्मचारियों को दे दिया। इसका इस्तेमाल कर कोषालय से पैसा निकाला गया। महीने की समीक्षा नहीं हुई: नियमानुसार हर महीने भुगतान की समीक्षा करना जरूरी है, ताकि गड़बड़ियों का पता लगाया जा सके। सिलवानी बीईओ दफ्तर में ये प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। इससे ये पता नहीं चला कि सही व्यक्ति के खाते में पैसा पहुंचा या नहीं। ई-भुगतान का सत्यापन नहीं: हर महीने ये जांच होना चाहिए कि जो भी ऑनलाइन भुगतान किए हैं, वो सही बैंक अकाउंट में पहुंचे या नहीं। यहां इस प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ। असली दावेदारों का नाम गायब किया: जब किसी व्यक्ति को भुगतान किया जाता है, तो उसका नाम और बैंक खाता सरकारी डेटाबेस में दर्ज करना जरूरी होता है। जांच में पाया गया कि इस प्रक्रिया को भी नहीं अपनाया गया। बिल तैयार करने में लापरवाही: कोषालय संहिता 2020 के नियमों के अनुसार, बिल (देयक) बनाने की जिम्मेदारी क्रिएटर की होती है। उसे सॉफ्टवेयर में अपने पासवर्ड से लॉगिन कर भुगतान लेने वाले व्यक्ति का नाम, बैंक खाता नंबर दर्ज करना होता है। अप्रूवर इस बिल की जांच कर कोषालय में जमा करता है। जांच में पाया गया कि इस प्रक्रिया का सही तरीके से पालन नहीं किया गया। स्वीकृति आदेश में अनियमितता: जब किसी भुगतान को स्वीकृत किया जाता है, तो उसके साथ स्वीकृति आदेश (Approval Order) संलग्न किया जाता है। लेकिन जांच में पाया गया कि कई मामलों में अलग-अलग भुगतान के लिए एक ही स्वीकृति आदेश का उपयोग किया गया। इसके अलावा, कई अधूरे स्वीकृति आदेश भी जारी किए गए और कुछ मामलों में आदेश अटैच ही नहीं किए गए। ऐसे पांच और मामलों की जांच की जा रही है रायसेन का ये अकेला मामला नहीं है। पिछले दो साल में गबन के ऐसे 5 और मामले हैं, जिनकी विभागीय जांच की जा रही है। इनमें भी विभागीय अधिकारी, शिक्षक और कर्मचारियों की मिलीभगत पाई गई है। छिंदवाड़ा: रिश्तेदार-पत्नी और बहन के खातों में 1 करोड़ 32 लाख ट्रांसफर छिंदवाड़ा जिले के जुन्नारदेव शिक्षा अधिकारी कार्यालय में 1.32 करोड़ रुपए के गबन का खुलासा जुलाई 2024 में हुआ था। जबलपुर वित्त विभाग की टीम ने सात दिन की जांच के बाद यह फर्जीवाड़ा पकड़ा। इस मामले में पूर्व बीईओ एमआई खान और चौरई संकुल के बाबू तौसिफ खान की मिलीभगत पाई गई। आरोपियों ने कोरोना में मृत कर्मचारियों की सहायता राशि भी हड़प ली और सरकारी धन को अपने रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर किया गया। वित्त विभाग की टीम को जुन्नारदेव में तकरीबन 1 करोड़ 44 लाख के घोटाले की आशंका थी। इसमें से 1 करोड़ 32 लाख की पुष्टि हो चुकी है। क्या हुआ: जिला शिक्षा अधिकारी गोपाल सिंह बघेल ने बताया कि आरोपियों पर एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। सभी को निलंबित कर दिया है। उनसे राशि वसूल करने की प्रक्रिया जारी है। Read more : स्कूलों में शारीरिक दंड पर पूर्ण प्रतिबंध,बच्चों को मारने पर शिक्षकों पर होगी कार्रवाई: एमपी सरकार का बड़ा फैसला  ग्वालियर: अलग-अलग खातों में 47 लाख ट्रांसफर ग्वालियर के विकासखंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) कार्यालय डबरा में 2024 में 47 लाख रुपए के गबन का मामला सामने आया था। इस गड़बड़ी को भोपाल की ऑडिट टीम ने पकड़ा था। यह राशि सात अलग-अलग खातों में ट्रांसफर की गई, जिनमें तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी विकास … Read more