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गजब MP:फिर बड़ा घोटाला, ग्राम पंचायत ने 50 रुपये में खरीदी 1 ईंट 2500 ईंटों का बिल 1.25 लाख

गजब MP:फिर बड़ा घोटाला, ग्राम पंचायत ने 50 रुपये में खरीदी 1 ईंट 2500 ईंटों का बिल 1.25 लाख

Amazing MP Another big scam, Gram Panchayat bought 1 brick for 50 rupees, bill for 2500 bricks was 1.25 lakh शहडोल। MP Another big scam प्रदेश के मुखिया के चहेत मैदानी अधिकारी क्या कर रहे हैं। इसकी जानकारी मीडिया में आ ही जाती है। जिला स्तर पर तैनात अधिकारी कैसे अपनी जेब गरम करते हैं, इसकी परतें आए दिन खुल रही हैं। यानि उनके कारनामों की फाइलें सच उगल रही हैं। प्रदेश के आदिवासी जिले शहडोल की ग्राम पंचायतें इन दिनों काफी चर्चा में हैं. कभी फलों और ड्राईफ्रूट के नाम पर लाखों का बिल बना दिया जाता है तो कभी ईंट की कीमत सुनकर लोग दंग रह जाते हैं. ताजा मामला बुढार ब्लॉक की भाटिया ग्राम पंचायत का है. यहां 2,500 ईंट खरीदने का बिल 1.25 लाख रुपये में पास कर दिया गया है. जबकि बाजार में यही ईंट 5-6 रुपये में आसानी से मिल जाती है. इस हिसाब से देखें तो पंचायत ने एक ईंट 50 रुपये में खरीदी है यह बिल पैरीबहरा गांव के चेतन प्रसाद कुशवाहा के नाम पर बना है. इसमें लिखा गया है कि ईंटें पटेरा टोला पर मौजूद आंगनवाड़ी भवन की बाउंड्री वॉल बनाने के लिए खरीदी गईं. इस बिल पर भाटिया पंचायत के सरपंच और सचिव दोनों के दस्तखत भी मौजूद हैं. अब यह बिल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. Read More: टाइगर रिजर्व में दुर्लभ प्रजाति का पक्षी सैंड ग्राउंस मौजूद MP Another big scam यह कोई पहला मामला नहीं है. कुछ हफ्ते पहले ही कुदरी ग्राम पंचायत में सिर्फ दो पन्नों की फोटोकॉपी कराने के लिए 4,000 रुपये का बिल पास किया गया था. वहीं जुलाई में भदवाही गांव की पंचायत में जल गंगा संवर्धन अभियान के दौरान सिर्फ एक घंटे में 14 किलोग्राम ड्राईफ्रूट, 30 किलोग्राम नमकीन और 9 किलोग्राम फल खा लिए जाने का बिल सामने आया था. सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि जिन दुकानों से यह सामान खरीदे जाने के बिल लगे, वे असल में उस चीज का कारोबार करती ही नहीं. उदाहरण के तौर पर, काजू-बादाम बेचने वाली दिखाई गई एक दुकान दरअसल छोटी-सी किराना दुकान निकली, जहां ना तो बिल बुक थी, ना त्रस्ञ्ज नंबर था. यहां तक कि स्टॉक में एक किलोग्राम ड्राईफ्रूट भी नहीं मिले. इसी तरह, घी और फल का बिल जिस दुकान से जारी हुआ, वहां हकीकत में रेत-पत्थर और ईंट बिकती हैं. ड्राईफ्रूट घोटाले की गूंज अभी थमी भी नहीं थी कि मऊगंज जिले से एक और मामला सामने आ गया. यहां भी जल गंगा संवर्धन अभियान सिर्फ 40 मिनट चला और खर्च दिखाया गया 10 लाख रुपये से ज्यादा. बिलों में टेंट, मिठाई, गद्दे, चादर से लेकर राशन तक सबकुछ शामिल था. खास बात ये कि सारे बिल एक ही रहस्यमयी प्रदीप एंटरप्राइजेस के नाम से बने थे, जबकि असल में यह एक इलेक्ट्रॉनिक सामान बेचने वाली दुकान निकली। शहडोल के कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने इन मामलों को गंभीर मानते हुए अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए हैं. उन्होंने क्लस्टर-लेवल अधिकारियों को 10-12 पंचायतों की रोज जांच करने के आदेश दिए, ताकि यह पता चल सके कि ये बिल लापरवाही में बने या फिर जानबूझकर धोखाधड़ी हुई है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 80

नेताओं के पेट में दर्द क्यों? रेत खदान के समर्थन में उतरे पंचायत सरपंच व ग्रामीण

Why do leaders have stomach pain? Panchayat sarpanch and villagers came out in support of sand mine शहडोल। आमतौर पर आपने रेत के उत्खनन और परिवहन का विरोध करते देखा या सुना होगा, लेकिन मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में ठीक इसके उलट हो रहा है। यहां रेत के कारोबार के समर्थन में तीन पंचायतों के सरपंच सहित ग्रामीण सड़क पर उतर कर रेत के कारोबार का समर्थन कर नेताओं का विरोध कर रहे हैं। जिले के जनपद पंचायत बुढ़ार के ग्राम पंचायत चंदपुर पंचायत के लुकामपुर कुनूक नदी में ग्लोबल सहकार कंपनी की रेत खदान ठेका है। इस खदान ने क्षेत्र के ग्रामीण बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिया है, जो कि क्षेत्र के कुछ नेताओं को यह नागवार गुजर रहा है। यहां कुछ कथित नेता विरोध करते हुए रेत की खदान को बंद कराने में आमादा है। इसी बात से नाराज ग्राम पंचायत कोलुहा सरपंच धन्नू कोल, भोगडा पंचायत सरपंच नागेश्वरी सिंह, चंदपुर पंचायत सरपंच शिव प्रसाद सहित ग्रामीणों ने रेत खदान के समीप नेताओं की इस हरकत का विरोध किया। आदिवासी सरपंचों ने बताया कि पेशा एक्ट के तहत प्रस्ताव पास कराकर खदान स्वीकृत के लिए भेजा था। अब जब खदान चालू हो गई पीएम आवास व अन्य विकास कार्यों के लिए रेत लगभग फ्री में मिल रही है, तो कथित नेताओं के पेट दर्द क्यों हो रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि जो खदान संचालक क्षेत्र के बेरोजगारो को रोजगार दे रही, उस रेत खदान को किसी कीमत पर बंद नहीं होने देंगे, उसके लिए चाहे कुछ भी करना पड़े। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 95