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जगदलपुर/नारायणपुर.

नारायणपुर जिले के झारागाँव में बहादुर बेटी के द्वारा 8 हथियारबंद अज्ञात लोगों से लड़ कर अपने पिता सोमधर कोर्राम की जान बचाई, खबर के बाद राज्यपाल के द्वारा उक्त बहादुर बालिका का सम्मान करने के लिए राजभवन भुलाए जाने की बात भी कही है। बता दें कि नारायणपुर के झारागांव की बेटी सुशीला के पिता पर दो दिन पहले घर में रात के समय कुछ नकाबधारी हाथ मे कुल्हाड़ी व राइफल लेकर उसके पिता की खोज करने के लिए आये थे, जहां नही मिलने पर चेतावनी देकर चले गए,

लेकिन 1 घंटे के बाद जब उसके पिता सोमधर कोर्राम घर आये तो फिर वही 8 लोग 4 मोटरसाइकिल में वापस घर आये और ग्रामीण के छाती पर कुल्हाड़ी से हमला कर घायल कर दिया, घटना के तत्काल बाद ग्रामीण की बेटी सुशीला ने बिना हार माने उन हथियारबंद लोगों से बिना डरे अपने साहस का परिचय देते हुए नकाबपोशों के हाथ से कुल्हाड़ी छीनकर अपने घायल पिता को पहले दूसरे कमरे में बंद कर उसकी जान बचाने के साथ ही कुल्हाड़ी को फेंक कर शोरशराबा किया। आसपास के लोग मौके पर आ पहुंचे जिसके बाद नकाबपोश हथियारबंद मौके से भाग निकले, बेटी ने घायल पिता को पहले नारायणपुर के जिला अस्पताल में भर्ती करवाया, लेकिन उसकी स्थिति को देखते हुए उसे मेकाज रेफर किया गया, इस खबर के प्रकाशित होने के बाद राज्यपाल रमेन डेका ने बच्ची के साहस की सराहना करते हुए बच्ची का राज भवन में सम्मान करने की बात कही।

राज्यपाल ने कहा कि सशस्त्र अज्ञात लोगों से भिड़ कर बच्ची ने ना सिर्फ अपनी बहादुरी का परिचय दिया, बल्कि अपने घायल पिता की जान भी बचाई है, राज्यपाल डेका ने आज के समाचार पत्र में प्रकाशित नारायणपुर जिले में नक्सलियों से लड़कर अपने पिता की जान बचाने वाली साहसी बालिका की खबर को जानकर उसे राजभवन में बुलाकर सम्मानित करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर राज्यपाल के उप सचिव हिना अनिमेष नेताम एवं राजभवन के सभी अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।

राजभवन बुलाकर करेंगे सम्मानित

एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह नक्सल घटना नहीं लग रही है। आरोपित केवल कुल्हाड़ी आदि धारदार हथियार लेकर आए थे। पारिवारिक विवाद का मामला है। जल्द ही आरोपी पकड़े जाएंगे। राज्यपाल रमेन डेका ने सुशीला को राजभवन बुलाकर सम्मानित करने के निर्देश दिए है।

8वीं कक्षा में पढ़ती है सुशीला

झारागांव निवासी सुशीला आठवीं तक पढ़ी है। वह शिक्षक पिता की इकलौती संतान है। अस्पताल में सुशीला ने बताया कि 4 मोटरसाइकिल में सवार होकर सोमवार शाम 6 बजे 8 लोग उसके घर आए। पिता सोमधर के बारे में पूछा। उस समय उसके पिता नहीं थे। इसके बाद वे चले गये। करीब एक घंटे के बाद उसके पिता घर आ गये थे। वह बगल के घर में अपने मां के लिए सब्जी लेने गई थी।

वापस लौटी तो देखा पिता पर कुछ लोग कुल्हाड़ी से वार कर रहे हैं। उसने फौरन हमलावर को पीछे धकेला और उसके हाथ से कुल्हाड़ी छीन ली। इस घटना में ग्रामीण को सीने में गंभीर चोट आई। सुशीला के अनुसार, शुक्रवार को उसके चाचा से पिता का जमीन को लेकर विवाद भी हुआ था। उसने बताया कि वह बकरा-बकरी चराती है और मां के साथ वनोपज संग्रह करने जंगल भी जाती है।

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