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बुरहानपुर
गन्ना कटाई के लिए महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले के गंभीरवाड़ी गांव ले जाए गए बंभाड़ा गांव के सात बच्चों व दस महिला-पुरुषों को बंधक बना कर काम कराने का मामला सामने आया है। शाहपुर थाना पुलिस और जिला प्रशासन की टीम मंगलवार को उन्हें मुक्त करा बुरहानपुर ले आई है। इस संबंध में गमा बारेला निवासी चांदगढ़ बंभाड़ा ने कलेक्टर को आवेदन दिया था। इस पर 29 जनवरी को कलेक्टर ने एसपी देवेंद्र पाटीदार को पत्र जारी कर बंधकों को मुक्त कराने का आदेश दिया था। शिकायत में बताया गया था कि भाया पुत्र देवसिंह निवासी वड़ीधरण तहसील यादव जिला जलगांव महाराष्ट्र द्वारा मजदूरों को सतीष पांढरे निवासी गंभीरवाड़ी तहसील कलम महाराष्ट्र के खेत में गन्ना कटाई के लिए ले गया था।

मोबाइल भी छीन लिया था
एक सप्ताह बाद मजदूरों ने सतीष पांढरे से राशन के लिए रुपये मांगे तो उसने देने से इनकार कर दिया। उन्हें थोड़ा-थोड़ा राशन दिया जाता था। करीब चार माह बाद जनवरी में जब मजदूरों ने अपनी मजदूरी के रुपये मांगे तो सतीष ने इससे भी इनकार कर दिया और उनके साथ मारपीट करने लगा। उसने मजदूरों के मोबाइल भी छीन कर रख लिए थे। इसके चलते वे किसी से मदद नहीं मांग पा रहे थे। एसपी के निर्देश पर थाना प्रभारी अखिलेश मिश्रा ने एएसआई महेंद्र पाटीदार, महिला प्रधान आरक्षक शाबाई मौर्य, संस्था जन साहस के लीगल को-आर्डिनेटर सीएस परमान, राज्य समन्वयक माश्मीन खान व एफओ देवभोरे की टीम गठित कर 11 फरवरी को रवाना की थी। उस्मानाबाद कलेक्टर और स्थानीय पुलिस के सहयोग से टीम ने मजदूरों को मुक्त कराया और बुरहानपुर ले आई।

कहीं दर्ज नहीं होता पलायन
जिले के खकनार व नेपानगर क्षेत्र से हर साल हजारों की संख्या में मजदूर पलायन कर महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश सहित अन्य राज्यों में मजदूरी करने जाते हैं। कुछ साल पूर्व तत्कालीन कलेक्टर ने ग्राम पंचायतों को पलायन करने वाले मजदूरों की जानकारी एक रजिस्टर में संधारित करने के निर्देश दिए थे, लेकिन इनका पालन नहीं किया गया।

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