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डीजी दलजीत सिंह चौधरी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में बीएसएफ कर्मियों के अमूल्य योगदान को लेकर उनकी सराहना की

जम्मू  आरएस पुरा सेक्टर में पाकिस्तान की फायरिंग के दौरान शहीद हुए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज़ और कांस्टेबल दीपक चिंगखम की शहादत को अमर करने के लिए अब उन पोस्टों के नाम इन्हीं जवानों के नाम पर रखे जाएंगे. इस बात की घोषणा बीएसएफ के महानिदेशक (डीजी) दलजीत सिंह चौधरी ने जम्मू दौरे के दौरान की. बीएसएफ के डीजी दलजीत सिंह चौधरी ने  जम्मू के सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा किया और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में बीएसएफ कर्मियों के अमूल्य योगदान को लेकर उनकी सराहना की. वीरगति को प्राप्त जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए महानिदेशक ने पलौरा स्थित बीएसएफ मुख्यालय में अमर प्रहरी स्मारक पर शहीद उपनिरीक्षक मोहम्मद इम्तियाज और आरक्षी दीपक चिंगाखम की स्मृति में पुष्पचक्र अर्पित किया. दोनों जवानों ने इस ‘ऑपरेशन’ के दौरान अपनी सीमा चौकी की रक्षा में दुश्मन की भीषण गोलीबारी और गोलाबारी का सामना करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया. बीएसएफ ने ‘एक्स’ पर लिखा, “राष्ट्र की सेवा में उनके सर्वोच्च बलिदान को शत-शत नमन.” बीएसएफ जम्मू के जवानों को संबोधित करते हुए महानिदेशक ने सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में देश की सीमाओं की सुरक्षा में बल की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया. उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर सात मई को शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में बीएसएफ जवानों के अटूट साहस, बहादुरी, दृढ़ समर्पण और अमूल्य योगदान की सराहना की.   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 14

सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के जजों के कामकाज का ऑडिट करने की बात कही

नई दिल्ली  सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के जजों के कामकाज पर सवाल उठाए हैं। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह की बेंच ने कहा कि कुछ जज जरूरत से ज्यादा ब्रेक लेते हैं। कोर्ट ने हाई कोर्ट के जजों के कामकाज का ऑडिट करने की बात कही है। कोर्ट ने यह भी कहा कि उन्हें हाई कोर्ट के जजों के खिलाफ कई शिकायतें मिल रही हैं। अब यह देखने का समय है कि उन पर कितना खर्च हो रहा है और वे कितना काम कर रहे हैं। 'हाई कोर्ट के जज ले रहे बहुत ब्रेक' सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह की बेंच ने हाई कोर्ट के जजों के कामकाज पर टिप्पणी की। जस्टिस कांत ने कहा कि यह एक बड़ा मुद्दा है जिस पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'कुछ जज बहुत मेहनत करते हैं, लेकिन कुछ जज बेवजह कॉफी ब्रेक लेते हैं, कभी यह ब्रेक तो कभी वह ब्रेक। हम हाई कोर्ट के जजों के बारे में बहुत सारी शिकायतें सुन रहे हैं। यह एक बड़ा मुद्दा है जिस पर ध्यान देने की जरूरत है। हाई कोर्ट के जजों का प्रदर्शन कैसा है? हम कितना खर्च कर रहे हैं और आउटपुट क्या है? यह उच्च समय है कि हम एक प्रदर्शन ऑडिट करें।' झारखंड हाई कोर्ट से जुड़ा है मामला यह टिप्पणी चार लोगों की याचिका पर आई। इन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि झारखंड हाई कोर्ट ने 2022 में एक आपराधिक अपील पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह अपील सजा और आजीवन कारावास के खिलाफ थी, लेकिन फैसला नहीं सुनाया गया। उनके वकील फौजिया शकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के कहने के बाद हाई कोर्ट ने 5 और 6 मई को फैसला सुनाया। फैसले में चार में से तीन लोगों को बरी कर दिया गया। आखिरी मामले में अलग-अलग फैसला आया और इसे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को भेज दिया गया। याचिकाकर्ता को जमानत मिल गई। शकील ने कहा कि फैसले के बाद भी बरी किए गए लोगों को जेल से रिहा नहीं किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि हाई कोर्ट ने फैसले में यह नहीं बताया कि आदेश कब सुरक्षित रखा गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताई और झारखंड सरकार के वकील को दोपहर के भोजन के ब्रेक से पहले उन्हें तुरंत रिहा करने के लिए कहा। कोर्ट ने मामले को दोपहर 2 बजे के बाद पोस्ट कर दिया। वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दोषियों को रिहा कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि ट्रायल कोर्ट से रिहाई के आदेश नहीं मिलने के कारण देरी हुई। 'फैसले सुनाने की समयसीमा का पालन करना होगा' बेंच ने कहा कि इस अदालत द्वारा पहले निर्धारित फैसले सुनाने की समयसीमा का पालन करना होगा। इसके साथ ही, इस अदालत द्वारा प्रस्तावित तंत्र का भी पालन करना होगा। बेंच ने रजिस्ट्री को हाई कोर्ट से डेटा एकत्र करने और मामले को जुलाई में पोस्ट करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि पहले जो समय तय किया गया था, फैसले सुनाने के लिए, उसका पालन करना होगा। कोर्ट एक तरीका भी बताएगा जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके। कोर्ट ने रजिस्ट्री को कहा कि वह सभी हाई कोर्ट से जानकारी जुटाए और मामले को जुलाई में फिर से सुनेगा।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 9

हमें अपने सारे काम विवेक के साथ करना है, परंतु उसके साथ आनंद का समावेश होना भी बहुत जरूरी-आर्य

सिंहस्थ 2028 उज्जैन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा के अनुरूप सिंहस्थ-2028 के अवसर पर माँ क्षिप्रा के पावन स्नान के लिये उज्जैन पधारने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के आनंदमयी महाकुंभ स्नान के लिये अधिकारियों का त्रि-दिवसीय प्रशिक्षण सत्र का समापन हुआ। इस अवसर पर राज्य आनंद संस्थान भोपाल निदेशक सत्यप्रकाश आर्य ने कहा कि आप अपने काम पर गर्व करें और जिंदगी को गरिमामयी बनाकर जीवन को आनंद के साथ जिये। उन्होंने नैतिक मुल्यों पर आधरित जीवन यापन में और प्रशासनिक क्षेत्र में बेहतर माहौल और समन्वय बनाय रखने की बात कहीं। निदेशक आर्य प्रशासन अकादमी में आयोजित त्रि-दिवसीय प्रशिक्षिण सत्र में उज्जैन संभाग के अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। राज्य आनंद सास्थान के निदेशक आर्य ने कहा कि हमें अपने सारे काम विवेक के साथ करना है, परंतु उसके साथ आनंद का समावेश होना भी बहुत जरूरी है। ऐसे कार्य जिसमें आनंद न हो, उसे आनंद मूल्य की परिधी में नहीं रखा जा सकता। काम ऐसा करें दूसरों के लिये प्रेरणादायी हो। मौन से बड़ा कौन प्रशिक्षण सत्र में मौन के महत्व के महत्व पर विचार रखते हुए वक्ताओं ने आत्म शांति के लिये मौन के महत्व को बताया। प्रात: 7 बजे से योगाभ्यास से प्रारंभ प्रशिक्षण में सत्र के अंतिम दिन 7:30 बजे से 11 बजे तक मौन रखा गया। 3:30 घंटे मौन रखकर "मौन से बड़ा कौन6 वाक्य के महत्व को प्रैक्टिकली समझाया गया। शाम को छोटे-छोट ग्रुप बनाकर स्वयं को समझने, आत्मचिन्तन की कला के साथ जीवन मुल्यों को कैसे जिया जाये आदि प्रशिक्षण सत्र के प्रमुख भाग रहे। वीडियो फिल्म के माध्यम से मन की स्वच्छता को बढ़ाने का संदेश दिया गया। उज्जैन से आए मास्टर ट्रेनर डॉ. प्रवीण जोशी ने कहा कि, सिंहस्थ 2028 के मद्देनजर इस प्रशिक्षण में विभिन्न विभागों के शासकीय सेवकों को अल्पविराम का विस्तृत परिचय, लाइफ बैलेंस शीट, मेरे रिश्ते, चिंता का दायरा प्रभाव का दायरा, फ्रीडम ग्लास जैसे टूल्स से प्रतिभागियों को परिचय कराया गया है। कार्यशाला में उज्जैन संभाग के प्रमुख और जिले प्रमुख लगभग 40 प्रतिभागी उपस्थित हुए। विभिन्न सत्रों में संस्थान के मास्टर ट्रेनर डॉ. समीरा नईम देवास से, डॉ. प्रवीण जोशी उज्जैन से, संजय पांडेय उमरिया से, शिरीष सुमन शर्मा शाजापुर से, डॉ. अमित मुखर्जी पंचगनी से, अजीत महतों भोपाल से विशेष उपस्थित रहे।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 6

वंदे भारत ट्रेन में कंपन मापने के लिए डिवाइस का किया गया सफल परीक्षण, सफर और भी आरामदायक हुआ

 जबलपुर  वंदे भारत एक्सप्रेस की यात्रा को और आरामदायक बनाने के लिए जबलपुर रेल मंडल ने एक डिवाइस (एक्स्लेरोमीटर) तैयार की है। इस डिवाइस की सहायता से वंदे भारत ट्रेन के पटरियों पर फर्राटा भरने के दौरान कंपन मापा जा रहा है। यात्रियों को झटका महसूस हो उसके पूर्व ही यह डिवाइस समस्या का पता लगा रही है। अपनी तरह की यह अलग डिवाइस भारतीय रेल में जबलपुर ने पहली बार तैयार की गई है। प्रारंभिक रूप से डिवाइस का उपयोग रीवा-रानी कमलापति और रानी कमलापति-नई दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस में किया जा रहा है। ट्रेन की सवारी के दौरान ज्यादा झटके महसूस नहीं होते इससे यात्रियों का सफर आरामदायक हुआ है। रेलवे के पास अभी तक चलती ट्रेन में कंपन मापने के लिए कोई उपकरण नहीं था। इस उपकरण के बनने से वंदे भारत एक्सप्रेस के कोच के पहियों और संस्पेंशन सिस्टम की स्थिति का पता लगाने में सहायता मिल रही है। ट्रेन कोच में व्हील शेलिंग जैसी समस्या का आरंभिक चरण में पता चलने से उसमें सुधार कर लिया जाता है। यात्रियों को ट्रेन की सवारी के दौरान ज्यादा झटके महसूस नहीं होते हैं। इसे कोच के फ्लोर पर रखते हैं यह एक पोर्टेबल/स्थांतरित किए जा सकने वाली डिवाइस है, इसे वंदे भारत ट्रेन के कोच के फ्लोर एरिया पर किसी भी स्थान पर रखा जाता है, ताकि इसमे लगे दो एक्स्लेरोमीटर की मदद से कंपन स्तर को मापा जा सके। फिर ग्राफ प्लाट करके कंपन मूल्य/डेटा का विश्लेषण कर, सुधार कर उपाय निकाला जा सके। इस डिवाइस के उपयोग के दौरान एक टेक्नीशियन रहता है, वह इसके संचालन पर नजर रखता है। एक महीने में तैयार की गई डिवाइस जबलपुर रेल मंडल के मैकेनिकल विभाग के अधिकारी चाहते थे कि वंदे भारत में यात्री झटके महसूस करें, उससे पूर्व ही उन्हें पता चल जाए। ताकि उसमें सुधार कर आरामदाय यात्रा का अनुभव दिया जा सके। इसमें सबसे बड़ी बाधा कंपन मापने के लिए कोई यंत्र का न होना था। तब मैकेनिकल इंजीनियरों की टीम ने यंत्र बनाने पर काम शुरू किया। तत्कालीन सीआरएसई समीर लोहानी और डीएमई स्वप्निल पाटिल की टीम ने एक माह में ही कंपन मापने के यंत्र का अविष्कार कर लिया। दूसरी ट्रेनों में भी उपयोग होगा मंडल रेल प्रबंधक कमल कुमार तलरेजा के निर्देश पर इस डिवाइस की छह माह तक दोनों वंदे भारत ट्रेनों में ट्रायल चली। परिणाम बेहतर मिलने के बाद इस डिवाइस का विवरण रेलवे बोर्ड को भेजा गया है। डिवाइस की संख्या बढ़ाकर इसका उपयोग अन्य ट्रेनों के कंपन मापने के लिए भी किए जाने की योजना है। यात्री गाड़ी की समस्या को शुरुआत में ही करते हैं दूर     मंडल के यांत्रिक विभाग द्वारा यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से नवाचार किया गया है। इसके माध्यम से यात्री गाड़ियों में आने वाली समस्याओं को शुरुआती चरण में डिटेच कर व दूर कर गाड़ियों का समयपालन सुनिश्चित किया जाता है। – डॉ. मधुर वर्मा, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 7

एमपी में प्री-पेड मीटर से बिजली उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ, दरों में मिलेगी राहत, मोबाइल एप और एसएमएस के जरिए मिलेगा बिल

जबलपुर मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनियां अब स्मार्ट मीटर के बाद प्री-पेड मीटर की सुविधा देने जा रही हैं। सबसे पहले कंपनियां सरकारी कार्यालयों में प्री-पेड मीटर बदलने पर जोर दे रही हैं। एक-दो माह में सबसे पहले सभी सरकारी कार्यालयों में लगे स्मार्ट मीटर को प्री-पेड सुविधा में बदला जाएगा। इसके बाद आम उपभोक्ताओं के मीटर बदलने का काम शुरू होगा। इस मीटर में मोबाइल बैलेंस की तरह ही बिजली जलाने से पहले अग्रिम राशि से रिचार्ज करना होगा। हर दिन बिजली की खपत के साथ ही बैलेंस भी कम होता जाएगा। उपभोक्ताओं को बैलेंस चेक करने की भी सुविधा होगी। 9.25 लाख स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं दरअसल, बिजली कंपनियां फिलहाल स्मार्ट मीटर लगा रही हैं। प्रदेश के 21 जिलों में पूर्व वितरण कंपनी द्वारा 9.25 लाख स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। स्मार्ट मीटर को ही प्री-पेड में बदला जा सकता है। ऐसे में, योजना बहुत जल्द उपभोक्ताओं के स्मार्ट मीटर प्री-पेड मीटर में बदलने की है। उपभोक्ताओं को सुविधा देना चाहती है बिजली कंपनी एक अधिकारी ने बताया कि स्मार्ट मीटर का पूरा डेटा मीटर डेटा मैनेजमेंट सिस्टम (एमडीएम) में दर्ज होता है, जिसकी केंद्रीयकृत निगरानी की जाती है। बिजली कंपनी अब उपभोक्ताओं को यह सुविधा देना चाहती है कि वह मोबाइल की तरह ही प्री-पेड भुगतान कर बिजली का उपयोग करे। जबलपुर में घरेलू, गैरघरेलू, औद्यौगिक उपभोक्ताओं को चिह्नित कर उनके यहां स्मार्ट मीटर को प्री-पेड की तरह उपयोग कर आकलन किया जाएगा। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने ऐसे 50 प्री-पेड मीटर उद्योग, गैरघरेलू और घरेलू उपभोक्ताओं के यहां लगाकर उनके परिणाम का आकलन शुरू कर दिया है। इसके परिणाम सकारात्मक मिल रहे हैं। एसएमएस और एप के जरिए प्रतिदिन की बिलिंग हो रही है। मोबाइल एप और एसएमएस के जरिए उपभोक्ता को बकाया राशि की जानकारी भी मिल रही है। भरोसा पैदा करना है उद्देश्य पहले चरण में 21 हजार मीटर लगाने की तैयारी है। अधिकारियों ने बताया कि संभाग स्तर से ब्लाक स्तर के सरकारी महकमें में यह मीटर लगाया जाना है। सरकारी भवनों में मीटर लगाने के पीछे एक उद्देश्य जनता में भरोसा पैदा करना भी है कि यह मीटर उपयोगी है। इसके अलावा बिजली कंपनी सरकारी विभाग खासतौर पर पुलिस स्टेशन, तहसील जैसे कार्यालय के बकाया बिल से परेशान है, उनकी वसूली में समय लगता है, जिस वजह से बिजली कंपनी को आर्थिक क्षति होती है ऐसे में कंपनी प्री पेड मीटर लगाकर पहले ही राशि लेना चाह रही है। हर दिन की खपत की मिलेगी जानकारी प्री-पेड उपभोक्ता को उसके मोबाइल नंबर, मेल और एप के जरिए मीटर से हो रही बिजली की खपत की जानकारी मिलेगी। कंपनी हर दिन का शेष राशि भी बताएगी और सूचना के जरिए अपडेट करेगी कि बिजली रिचार्ज की कब जरूरत होगी। पूरी प्रक्रिया मोबाइल के रिचार्ज और उसके उपयोग जैसी होगी। इसके लिए न्यूनतम 100 रुपये से बिजली रिचार्ज होगी। इसके ऊपर उपभोक्ता स्वेच्छा से जरूरत के अनुसार राशि से बिजली रिचार्ज कर सकता है। ये मिलेगा लाभ प्री-पेड मीटर लगाने पर टैरिफ में 25 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली की दर में राहत मिलती है। उपभोक्ता को अभी सालाना खपत का 45 दिन का औसत बिल के बराबर की राशि सुरक्षा निधि के रूप में जमा करनी होती है, यह राशि प्री-पेड मीटर में जमा करने की जरूरत नहीं होगी। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 6

भोपाल मेट्रोपोलिटन रीजन में भोपाल, विदिशा, सीहोर, रायसेन व राजगढ़ शामिल, बनेगी ग्रेटर केपिटल सिटी

भोपाल  भोपाल को ग्रेटर केपिटल की तर्ज पर विकसित करने के लिए भोपाल विकास प्राधिकरण को भोपाल मेट्रोपोलिटन रीजन (Bhopal Metropolitan Region)का नोडल एजेंसी बनाया है। इंदौर में भी आइडीए का यह जिमा सौंपा गया है। भोपाल मेट्रोपोलिटन रीजन में भोपाल, विदिशा, सीहोर, रायसेन व राजगढ़ शामिल हैं। प्रमुख सचिव शहरी आवास एवं विकास संजय शुक्ला के अनुसार बीडीए कंसलटेंट तय कर आगामी प्लानिंग बनाएगा। यह उच्चाधिकारियों की मंजूरी के बाद आगे बढ़ेगी।भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर और राजगढ़ को मिलाकर मेट्रोपोलिटन सिटी बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है। इसके तहत अगले 14 महीने में पांचों जिलों का सर्वे करने के साथ रीजनल डेवलपमेंट एंड इंवेस्टमेंट प्लान बनाया जाएगा। इस प्लान के आधार पर भोपाल को मेट्रोपोलिटन सिटी बनाया जाना है। बुधवार को संभागायुक्त संजीव सिंह के कार्यालय में पांचों जिलों के कलेक्टर्स की मौजूदगी में बीडीए के सीईओ श्यामवीर सिंह ने प्रजेंटेशन दिया। इसमें डीपीआर को लेकर बात रखी गई। आठ हजार वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र कवर होगा संभागायुक्त ने बताया कि पांच जिलों के आठ हजार वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करेगा और इसमें पांच जिले शामिल होंगे, जिसमें भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर और राजगढ़ शामिल किया गया है। इन जिलों को जोड़ने से महानगर की आबादी 35 लाख हो जाएगी। चार स्टेज में काम किया जाएगा। पहले चरण में टीम का गठन, सर्वे, बैठकें आयोजित कर अमलीजामा पहनाना, वर्कप्लान फाइनल करना, सभी विभागों का सर्वे अपने अपने एरिया में करना और विधानसभावार 18 विभागों का डेटा जुटाने का काम किया जाएगा, जबकि आखिरी स्टेज में इंजीनियरिंग, लागत अनुमान और वर्कप्लान की डीपीआर तैयार की जाएगी। दो जून को डीपीआर बनाने के लिए टेंडर निकाला जाएगा। इसके आधार पर टैंडर लेने वाली कंपनी को डीपीआर बनाने का काम सौंपा जाएगा। इस डीपीआर के लिए 18 विभागों से डेटा मांगा गया है। ये तहसील होंगी शामिल     भोपाल जिला : हुजूर, बैरसिया, कोलार     विदिशा जिला : विदिशा शहर, ग्यारसपुर, गुलाबगंज     रायसेन जिला : रायसेन, औबेदुल्लागंज, गौहरगंज     सीहोर जिला : सीहोर शहर, आष्टा, इच्छावर, श्यामपुर, जावर     राजगढ़ जिला : राजगढ़, नरसिंहगढ़, पचोर ये भी होंगे काम     पांचों जिलों के गांव और शहरों को एक दूसरे से जोड़ा जाएगा     सड़कों को एक दूसरे से जोड़कर आवागमन आसान किया जाएगा     इन शहरों शुरू होगा उद्योगों का विकास     इन जिलों के पर्यटन क्षेत्रों को जोड़ा जाएगा     सैटेलाइट से गांवों को चिह्नित किया जाएगा     कचरा डिस्पोजल और सीवेज सिस्टम भी डेवलप किया जाएगा ऐसे होगा काम ● सीहोर- भोपाल की प्लानिंग कर तालाब व कैचमेंट संरक्षण का काम होगा। ● मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र को भोपाल से जोडकऱ काम किया जाएगा। ● अन्य जिलों में स्थित भोपाल के पास की वैश्विक धरोहरें सांची, भीमबैठका और अन्य पर भोपाल से काम तय हो जाएगा। ● मेट्रो का नेटवर्क भी पास के क्षेत्रों तक बढ़ाने की राह खुलेगी। टूरिस्ट सेंटर व सर्किट की प्लानिंग मेट्रोपॉलिटन रीजन में सेटेलाइट टाउन बनाकर नए आवासीय क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। अतिरिक्त आबादी को इसमें बसाया जाएगा। शहरी क्षेत्र की बजाय रीजन के रूरल एरिया में विशेष आवासीय क्षेत्र बनाकर लोगों को बसाएंगे और कार्यस्थल पर आवाजाही के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर करेंगे। इतना ही नहीं, रीजन में नए टूरिस्ट सेंटर व सर्किट तय किए जाएंगे। इस तरह होगा विकास का खाका क्षेत्रीय कनेक्टिविटी की योजना ग्रोथ सेंटर को चिन्हित करना सेटेलाइट टाउन के लिए क्षेत्र चिन्हित करना टूरिस्ट सेंटर व सर्किट भी तय होगा पर्यावरणीय विकास के लिए पूरा मैनेजमेंट तय करना बेहतर कृषि भूमि का संरक्षण प्लान कैपिटल इन्वेस्टमेंट प्लान होगा, जिसमें रोड, प्राकृतिक नाले, जनसुविधाएं व सेवाओं के साथ रीजन के आर्थिक विकास का पूरा मैप रहेगा। टूरिस्ट सेंटर व सर्किट की प्लानिंग भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन का प्राथमिक मैप तैयार है। बेहतर प्लान के साथ रीजन तय करेंगे। भोपाल का स्वरूप बदलेगा, विकास की संभावनाएं बढ़ेगी। – संजीव सिंह, संभागायुक्त व प्रशासक बीडीए एमपी में 9 शहरों को मिलाकर बनेंगे 2 मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र, 6 संभागों का होगा डेवलपमेंट  मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास और निवेशकों को बढ़ावा देने के साथ-साथ नगरों के सुव्यवस्थित विकास के लिए दो मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र बनाने की कवायद शुरू हो गई है। पहला मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र इंदौर-उज्जैन-देवास और धार को मिलाकर और दूसरा मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र भोपाल-सीहोर, रायसेन-विदिशा-ब्यावरा (राजगढ़) को मिलाकर विकसित किया जाएगा।  केंद्र के विजन के मुताबिक राज्य के प्रमुख संभाग मुख्यालय ग्वालियर, सागर, रीवा, जबलपुर, नर्मदापुरम और शहडोल को रीजनल इकोनॉमिक ग्रोथ हब के रूप में विकसित करने की तैयारी है। सरकार का यह प्रयास अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के साथ-साथ रोजगार, व्यापार और निवेश के नये अवसरों को भी बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। सुविधाओं में होगा सुधार जानकारी के तहत इंदौर मेट्रोपॉलिटन सिटी में इंदौर का 100 प्रतिशत क्षेत्र शामिल किया जाएगा, जबकि उज्जैन का 44 प्रतिशत धार और नागदा का भी कुछ हिस्सा इसमें जोड़ा जाएगा। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य औद्योगिक और शहरी विकास को संगठित तरीके से आगे बढ़ाना है, जिससे आधारभूत सुविधाओं में सुधार हो और निवेशकों को आकर्षित किया जा सके। 5 जिलों की बदल जाएगी सूरत, जानिए कैसे मेगा रोड प्रोजेक्ट से 80 लाख को होगा फायदा  मध्य प्रदेश के पांच जिलों – भोपाल, विदिशा, सीहोर, रायसेन और नर्मदापुरम की सूरत अब जल्द ही बदलने वाली है। राज्य सरकार ने इन क्षेत्रों में मेगा रोड प्रोजेक्ट की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य इन जिलों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी स्थापित करना है। इस परियोजना के तहत, आने वाले समय में इन क्षेत्रों के लोग 80 लाख की आबादी तक को फायदा पहुंचने की उम्मीद है। इन जिलों को भोपाल से बेहतर कनेक्ट करने के लिए सड़क नेटवर्क पर काम तेज कर दिया गया है और कंसल्टेंट तय करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। अगले एक महीने में इन पांच जिलों से जुड़े रोड नेटवर्क का सर्वे भी पूरा कर लिया जाएगा। सीएम का ग्रेटर राजधानी की बात करना हाल ही में भोपाल में आयोजित आंबेडकर ब्रिज के लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वृहद राजधानी के निर्माण की बात की थी। इस घोषणा के बाद से ही इस दिशा में कार्य शुरू हो गया था और अब वृहद राजधानी के रूप में भोपाल और आसपास के इलाकों … Read more

मध्य प्रदेश के रायसेन में बनाए जाएंगे मेट्रो कोच, युवाओं, एमएसएमई और स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार और अवसर मिलेंगे

भोपाल  मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से सटा रायसेन जिला अब देश भर में अपनी अलग पहचान बनाने जा रहा है. रायसेन का उमरिया गांव मेट्रो और रेल निर्माण का नया हब बनने जा रहा है. बेंगलुरु में डॉ. मोहन यादव ने उमरिया में भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड कंपनी के नई इकाई के लिए 60.63 हेक्टेयर भूमि आवंटन की मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री ने कंपनी के चेयरमैन शांतनु रॉय को भूमि आवंटन पत्र सौंपा. अब कंपनी मध्य प्रदेश में रोलिंग स्टॉफ और मेट्रो कोच का निर्माण करेगी. भोपाल के बाद रायसेन दूसरा जिला होगा, जहां मेट्रो के कोच बनाए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने इंटरेक्टिव सेशन के बाद कहा कि निवेशकों को मध्यप्रदेश में आमंत्रित करने आया था। मैंने निवेशकों से चर्चा की है। उसमें सन फॉर्मा से 3 हजार करोड़, एचईएसएस से 2 हजार करोड़, बीईएमएल 1800 करोड़, अरविंद मील 600 करोड़, अभिनाथ समूह लॉजिस्टिक 100 करोड़, नाइज गारमेंट का 385 करोड़, एचटीसीएल टेक्नोलॉजी का 50 करोड़ का निवेश मिला है। सब मिलाकर 8 हजार करोड़ का निवेश है। जिससे कुल 19 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। मैंने सभी निवेशकों से कहा है कि आइए मध्यप्रदेश से भी जुड़िए। यहां उद्योग व्यापार की बड़ी संभावनाएं हैं। बीईएमएल को 60.063 हेक्टेयर भूमि आवंटन इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बेंगलुरु में बीईएमएल को रायसेन जिले में रेलवे कोच के लिए भूमि आवंटन पत्र सौंपा। इस दौरान उन्होंने कहा कि रायसेन में बीईएमएल की यूनिट खुलने से देश-प्रदेश का औद्योगिक इको सिस्टम सशक्त बनेगा। साथ ही युवाओं, एमएसएमई और स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार और अवसर मिलेंगे। रायसेन में मेट्रो और रेल कोच निर्माण इकाई की स्थापना प्रदेश के विकास की दिशा में एक सशक्त कदम है। राज्य सरकार ने इस इकाई के लिए कुल 60.063 हेक्टेयर भूमि आवंटन को मंजूरी दी है। प्रस्तावित इकाई मुख्य रेल एवं नगरीय परिवहन परियोजनाओं के लिए रोलिंग स्टॉक और मेट्रो कोच का निर्माण करेगी। इससे प्रदेश और देश के अन्य भागों में रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर सशक्त होगा। यहां 1800 करोड़ से रेलवे कोच यूनिट लगाई जाएगी। विश्वास पर खरी उतरेगी बीईएमएल मुख्यमंत्री का आभार मानते हुए बीईएमएल के चेयरमैन और एमडी शांतनु रॉय ने कहा कि बीईएमएल उनके विश्वास पर खरी उतरेगी। रायसेन में हमारी इकाई का विस्तार भारत के नगरीय रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर को और गतिशीलता एवं सशक्त बनाएगा। उन्होंने बताया कि बीईएमएल का 2100वां मेट्रो कोच मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के माध्यम से निर्मित किया गया है। इसमें ग्रेड ऑफ ऑटोमेशन मानकों के अनुसार ड्राइवर लेस संचालन की सुविधा उपलब्ध है। इस कोच में अन अटेंडेड ट्रेन ऑपरेशन (यूटीओ) स्मार्ट सुरक्षा प्रणाली और वैश्विक मानकों के अनुरूप अनेक आधुनिक सुविधाएं शामिल की गई हैं। इसलिए खास हैं ऐसे कोच नए रेलवे कोच की विशेषता ऑन बोर्ड कंडीशन मॉनिटरिंग सिस्टम है, जो भारत में पहली बार किसी मेट्रो ट्रेन में शामिल किया है। इस प्रणाली में पांच प्रमुख मॉड्यूल- रेल ट्रैक स्थिति की निगरानी, ओवरहेड इक्विपमेंट (ओएचई) की स्थिति, पैंटोग्राफ-ओएचई संपर्क, आर्क डिटेक्शन और रेल प्रोफाइल विश्लेषण शामिल हैं। रायसेन के गोहरगंज में प्लांट मुख्यमंत्री की उपस्थिति में राज्य के अधिकारी BEML को आधिकारिक आवंटन पत्र सौंपे। BEML ने गोहरगंज, रायसेन जिले में हाई-स्पीड रेल और मेट्रो कोच उत्पादन के लिए एक कारखाना स्थापित करने की प्रतिबद्धता जताई है। दरअसल, बेंगलुरु स्थित BEML विभिन्न प्रकार के भारी उपकरण जैसे अर्थमूविंग, परिवहन, रेलवे और खनन उपकरण बनाती है। BEML एशिया में अर्थ मूविंग उपकरणों का दूसरा सबसे बड़ा निर्माता है। एमपी में वंदे भारत के भी कोच बनेंगे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि वे अब मध्य प्रदेश में वंदे भारत कोच भी बनाएंगे, जैसे कि वे बेंगलुरु में 1,800 करोड़ रुपए के निवेश से बनाते हैं। BEML का यह कदम 'मेक इन इंडिया' अभियान को और मजबूत करेगा। इससे देश में ही आधुनिक परिवहन समाधानों का निर्माण होगा। साथ ही, यह क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। वहीं, मुख्यमंत्री ने बेंगलुरु में निवेशकों के साथ बातचीत की। उन्होंने मध्य प्रदेश में निवेश करने के फायदों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में उद्योगों के लिए बहुत अच्छा माहौल है। इन प्रणालियों की मदद से डिपो कंट्रोल सेंटर से ही रियल-टाइम प्रिडिक्टिव मेंटिनेंस और रिमोट डाइग्नोसिस संभव होगा। इस मेट्रो कोच में यात्रियों की सुविधा के लिए एर्गोनॉमिक इंटीरियर, डायनामिक रूट मैप्स, सीसीटीवी, डिजिटल फायर डिटेक्शन, एडवांस्ड एयरकंडिशनिंग सिस्टम और साइकिल स्टैंड जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। 2100 वें कोच को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना बेंगलुरु में सीएम मोहन ने बीईएमएल के संस्थान में पहुंचने के बाद सबसे पहले 2100वें कोच को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यहां उन्होंने कोच के भीतर पहुंचकर स्थानीय कर्मचारियों का अभिवादन किया। इसके बाद बीईएमएल के सीएमडी शांतनु रॉय और अफसरों के साथ वहां की यूनिट का निरीक्षण भी किया। एक बार जो आता है वह एमपी का हो जाता है रेलवे कोच के लिए भूमि आवंटन पत्र सौंपने बाद बेंगलुरु में इंटरेक्टिव सेशन हुआ। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि एमपी की जो औद्योगिक पॉलिसी बनी हुई है उसमें सुविधा देने का काम तेजी से हो रहा है। कलेक्टर जिलों में इसके लिए काम कर रहे हैं। निवेशक जो सुविधा चाहते हैं, वह बताएंगे तो हम उसमें बदलाव करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि निवेशकों का जो भी बकाया पुरानी सरकार के कार्यकाल में था, वह हमारी सरकार ने चुकाया है और इस तरह 5260 करोड़ रुपए इंसेंटिव के रूप में दिए गए हैं। सभी निवेशकों को साफ सुथरी वचन बद्धता के साथ मौका मिलना चाहिए। यह हमारी सरकार की कोशिश है। एक बार जो एमपी आता है वह मध्यप्रदेश का हो जाता है। इसके लिए आप सबको निमंत्रण दे रहा है। पीएस ने दिए निवेशकों के सवालों के जवाब औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव राघवेंद्र सिंह ने निवेशकों द्वारा किए गए सवालों के जवाब दिए। उन्होंने प्रदेश की औद्योगिक नीति के बारे में जानकारी दी और सरकार द्वारा निवेश के लिए जो छूट दी जा रही है। इसके बारे में बताया गया। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला, राघवेंद्र सिंह ने प्रजेंटेशन दिया। मुख्यमंत्री के सचिव इलैया राजा टी ने … Read more