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भारत के 5 अनोखे मंदिर जहां मांस, मछली और शराब चढ़ती है भगवान को भोग में

भारत के 5 अनोखे मंदिर जहां मांस, मछली और शराब चढ़ती है भगवान को भोग में

temples with non vegetarian prasad in india भारत में मंदिरों की अनोखी परंपराएं non vegetarian prasad in indiaभारत एक ऐसा देश है जहां हर राज्य, हर समुदाय और हर मंदिर की अपनी खास परंपराएं और धार्मिक मान्यताएं हैं। जहां अधिकांश लोग भगवान को फल, फूल और मिठाई का भोग लगाते हैं, वहीं देश में कुछ ऐसे प्रसिद्ध मंदिर भी हैं जहां भगवान को मांस, मछली और शराब अर्पित की जाती है। यह परंपरा सदियों पुरानी है और आज भी पूरी श्रद्धा के साथ निभाई जाती है। कामाख्या मंदिर 51 शक्तिपीठों में एक प्रमुख स्थल है। यह मंदिर तंत्र साधना का बड़ा केंद्र माना जाता है। यहां देवी को मांस और मछली अर्पित की जाती है, और यह प्रसाद बाद में भक्तों को भी वितरित किया जाता है। विशेष रूप से अंबुबाची मेले के दौरान लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं। non vegetarian prasad in india तारापीठ एक तांत्रिक साधना स्थल है। यहां देवी तारा को बलि दी जाती है और शराब के साथ भोग लगाया जाता है। यह मंदिर खासकर दुर्गा पूजा और तंत्र साधना के दौरान काफी प्रसिद्ध होता है। प्रसाद को भक्त पूरी श्रद्धा से ग्रहण करते हैं। काल भैरव मंदिर अपनी अनोखी परंपरा के लिए जाना जाता है। यहां भक्त शराब की बोतलें लेकर आते हैं और पुजारी भगवान को वह शराब ‘पिलाते’ हैं। इसे तांत्रिक पूजा का हिस्सा माना जाता है। यहां चढ़ाई गई शराब का कुछ भाग भक्तों को प्रसाद के रूप में भी मिलता है। यह मंदिर देवी काली को समर्पित है और भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक है। यहां बलि की परंपरा अभी भी प्रचलन में है। बलि के बाद मांस को पकाकर प्रसाद के रूप में भक्तों में वितरित किया जाता है। यह परंपरा बंगाल की गहराई से जुड़ी है। मदुरई के पास स्थित यह मंदिर स्थानीय देवता मुनियांदी स्वामी को समर्पित है, जिन्हें भगवान शिव का रूप माना जाता है। यहां चिकन और मटन बिरयानी भोग में चढ़ाई जाती है और फिर प्रसाद के रूप में भक्तों में बांटी जाती है। भारत की विविधता उसके मंदिरों और परंपराओं में साफ झलकती है। जहां एक ओर भक्त फल-फूल अर्पित करते हैं, वहीं कुछ जगहों पर मांस, मछली और शराब को भी उतनी ही श्रद्धा से भोग लगाया जाता है। यह न केवल धार्मिक विविधता को दर्शाता है, बल्कि हमारी संस्कृति की विशालता को भी उजागर करता है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 94

भोपाल में ‘शुद्धिकरण अभियान’ की शुरुआत, अशोका गार्डन बना ‘राम बाग’ हमीदिया, हबीबगंज समेत कई नामों पर प्रस्ताव

भोपाल में ‘शुद्धिकरण अभियान’ की शुरुआत, अशोका गार्डन बना ‘राम बाग’ हमीदिया, हबीबगंज समेत कई नामों पर प्रस्ताव

ashoka garden now called ram bagh hamidia and habibganj also renamed भोपाल ! hamidia and habibganj also renamed मध्य प्रदेश की राजधानी इन दिनों एक बड़े बदलाव की ओर बढ़ रही है। नगर निगम द्वारा शुरू किए गए ‘शुद्धिकरण अभियान’ के तहत अब शहर के प्रमुख स्थलों और इलाकों के नाम भारतीय सांस्कृतिक पहचान के अनुरूप किए जा रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि यह कदम गुलामी और विदेशी आक्रांताओं की छाया को समाप्त करने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस कड़ी में पहला बड़ा बदलाव अशोका गार्डन को लेकर हुआ है। अब इस इलाके को ‘राम बाग’ के नाम से जाना जाएगा। मेयर इन काउंसिल (MIC) ने इस प्रस्ताव को पारित कर दिया है और नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि, “भोपाल की पहचान राजा भोजपाल से जुड़ी हुई होनी चाहिए, न कि उन नामों से जो हमारी ऐतिहासिक चेतना को धूमिल करते हैं।” Read more: क्या बार-बार थकान और भूख न लगना फैटी लीवर की चेतावनी हो सकती है? जानिए कैसे बचाव संभव हमीदिया, हबीबगंज समेत कई नामों पर प्रस्ताव hamidia and habibganj also renamedनिगम ने हमीदिया अस्पताल, हमीदिया कॉलेज और हबीबगंज जैसे इलाकों के नामों को बदलने की सिफारिश भी शासन को भेजी है। इन नामों को नवाबी काल और विदेशी प्रभाव का प्रतीक माना जा रहा है। सूर्यवंशी ने स्पष्ट कहा कि, “हमीदुल्लाह खान जो कि भोपाल का अंतिम नवाब था, वह भारत की जगह पाकिस्तान में विलय चाहता था। ऐसे नाम अब भोपाल की संस्कृति के अनुकूल नहीं हैं।” राजनीति भी गर्माई, विपक्ष ने उठाए सवालजहां सत्ता पक्ष इसे “संस्कृति का सम्मान” और “गुलामी से मुक्ति” बता रहा है, वहीं विपक्ष ने इसे “राजनीतिक स्टंट” करार दिया है। विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए नाम बदलने की राजनीति की जा रही है। नवीन पहचान की ओर बढ़ता भोपाल hamidia and habibganj also renamedशहर सरकार द्वारा पारित यह प्रस्ताव इस बात का संकेत है कि भोपाल अब अपनी पहचान भारतीय परंपरा, संस्कृति और गौरवशाली अतीत के आधार पर दोबारा गढ़ने की ओर अग्रसर है। हालांकि, इस अभियान पर विचारधारा और राजनीतिक मतभेदों की छाया भी स्पष्ट रूप से देखी जा रही है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 42

भोपाल में स्कूलों के बाहर ई-रिक्शा पर लगेगा प्रतिबंध, बच्चों की सुरक्षा पर प्रशासन सख्त

E-rickshaws will be banned outside schools in Bhopal, administration strict on children’s safety भोपाल! राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर और सुरक्षित बनाने के लिए प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। अब स्कूलों के बाहर ई-रिक्शा पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। शुक्रवार को हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिसमें सांसद आलोक शर्मा की अध्यक्षता में जिला प्रशासन, पुलिस, नगर निगम और पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि ई-रिक्शा में छोटे बच्चों को स्कूल लाना-ले जाना सुरक्षा की दृष्टि से उपयुक्त नहीं है। कलेक्टर ने इस पर चिंता जताते हुए कहा कि ई-रिक्शा का उपयोग बच्चों की जान के लिए खतरा बन सकता है, खासकर अधिक संख्या में बच्चों को बिना सुरक्षा उपायों के बैठाने पर। इसी वजह से स्कूल परिसर और उसके आसपास ई-रिक्शा के संचालन पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया। ट्रैफिक सुधार की दिशा में ठोस पहलबैठक में 42 चौराहों पर ट्रैफिक सुगमता के लिए लेफ्ट टर्न सुधार की योजना पर भी चर्चा हुई। इसके लिए तीन करोड़ रुपए का बजट तय किया गया है। सांसद शर्मा ने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे मैनिट के ट्रैफिक एक्सपर्ट्स की मदद से एक हफ्ते के भीतर सुधार योजना पेश करें। उन्होंने बिना तैयारी आए अधिकारियों को फटकार भी लगाई। अन्य अहम फैसले: अतिक्रमण, कंडम वाहन और ट्रांसफार्मर हटेंगेइसके अलावा शहर की सड़कों से अतिक्रमण हटाने, पुराने और अनुपयोगी वाहनों को हटाने, तथा रास्तों में खंभे और ट्रांसफार्मर जैसी बाधाओं को दूर करने पर भी जोर दिया गया। पार्किंग व्यवस्था को आम नागरिकों के लिए सुविधाजनक बनाने के निर्देश दिए गए हैं। भोपाल में अब ट्रैफिक सुधार महज़ कागजों की बात नहीं रह जाएगी। प्रशासनिक सख्ती और योजनाबद्ध क्रियान्वयन से आने वाले दिनों में बच्चों की सुरक्षा और आमजन की आवाजाही में काफी सुधार देखने को मिलेगा। ई-रिक्शा पर लगाया गया यह प्रतिबंध एक सख्त लेकिन जरूरी कदम माना जा रहा है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 31

क्या बार-बार थकान और भूख न लगना फैटी लीवर की चेतावनी हो सकती है? जानिए कैसे बचाव संभव

क्या बार-बार थकान और भूख न लगना फैटी लीवर की चेतावनी हो सकती है? जानिए कैसे बचाव संभव

Can frequent fatigue and lack of appetite be a warning of fatty liver? Know how prevention is possible fatty liver symptoms prevention हमारे शरीर का एक अदृश्य योद्धा — लिवर — न केवल पाचन प्रक्रिया में सहायक होता है, बल्कि यह विषैले तत्वों को बाहर निकालने और ऊर्जा संचय करने जैसे कई आवश्यक कार्य करता है। लेकिन आज की अनियमित जीवनशैली, फास्ट फूड का बढ़ता चलन और शारीरिक सक्रियता की कमी ने फैटी लीवर जैसी बीमारी को आम बना दिया है। NAFLD से अधिकतर वही लोग ग्रस्त होते हैं जो मोटापे, टाइप 2 डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, या खराब डाइट का शिकार हैं। शुरुआती लक्षणों को न करें नजरअंदाज fatty liver symptoms preventionफैटी लीवर चुपचाप बढ़ने वाली बीमारी है। इसके लक्षण बहुत सामान्य हो सकते हैं, जैसे: गंभीर स्थिति में बदलने के संकेतयदि समय रहते इलाज न हो, तो फैटी लीवर धीरे-धीरे नॉन-अल्कोहोलिक स्टीटोहेपेटाइटिस (NASH) का रूप ले सकता है, जिससे लिवर में सूजन और डैमेज शुरू हो जाता है। इसके संकेत हो सकते हैं: ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। अगर आप बार-बार कमजोरी, थकान या भूख में कमी जैसा कुछ महसूस कर रहे हैं, तो इसे हल्के में न लें। यह फैटी लीवर की शुरुआती घंटी हो सकती है। आज का सच यही है — रोग को पहचानो, रोकथाम करो और लिवर को मजबूत बनाओ। डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी हेतु है। किसी भी तरह की चिकित्सकीय सलाह के लिए अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 118