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उज्जैन
स्टेट हाइवे नंबर-59, उज्जैन-इंदौर फोरलेन सड़क परियोजना का काम तेजी से हो रहा है। मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी), चार महीने में 14 प्रतिशत काम ठेकेदार से करवा चुका है। फिलहाल, वर्षाकाल प्रारंभ (15 जून) होने से पहले शिप्रा नदी पर त्रिवेणी क्षेत्र में पुल बनाने को फाउंडेशन कार्य पूर्ण करना करना चुनौती बना हुआ है।

अफसरों का कहना है पुल निर्माण स्थल पर महीनेभर शिप्रा का आंचल सूखा रहता है तो काम में कोई परेशानी नहीं आएगी। समाधान स्वरूप जल संसाधन विभाग को महीनेभर शिप्रा में पानी का बहाव रोकने के लिए पत्र लिखा है।

मालूम हो कि 46.475 किलोमीटर लंबे उज्जैन-इंदौर फोरलेन सड़क मार्ग को मध्य प्रदेश की सरकार सिक्सलेन सड़क में परिवर्तित करवा रही है। परियोजना 1692 करोड़ रुपये की है। इसे शुरू करने को भूमि पूजन 19 सितंबर 2024 को उज्जैन आई राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने किया था। तब कहा गया था कि सिविल कार्य 623 करोड़ रुपये से होगा।

29 गांवों से होकर गुजरेगी सड़क

सिक्स लेन सड़क 15 साल के आपरेशन-मैंटनेंस के साथ उज्जैन में स्थित हरिफाटक पुल से इंदौर में स्थित अरविंदो अस्पताल के सामने तक बनाई जाएगी। निर्माण हाईब्रिड वार्षिकी पद्धति से पेव्ड शोल्डर के साथ होगा। सड़क, 29 गांवों से होकर गुजरेगी, जिनमें 20 गांव इंदौर जिले और 9 गांव उज्जैन जिले के हैं। सिविल कार्य की कमान एमपीआइडीसी ने उदयपुर की रवि इन्फ्राबिल्ड कंपनी को सौंपी है।

8 किमी का डामरीकरण कर दिया गया है

सर्वे और ड्राइंग-डिजाइन उपरांत धरातल पर निर्माण 15 जनवरी 2025 को शुरू हो पाया था। बीते चार महीनों में कई हिस्सों में मार्ग चौड़ा करने को खोदाई करने, मुरम बिछाने के साथ डामरीकरण का काम होता दिख रहा है। कहा गया है कि अब तक 14 प्रतिशत काम हो चुका है। 46.475 किलोमीटर सड़क में से 8 किलोमीटर सड़क का डामरीकरण कर दिया गया है। पूरे मार्ग में 8 किलोमीटर का हिस्सा सीमेंट-कांक्रीट का बनेगा।

11 किलोमीटर लंबा विभिन्न आवासीय क्षेत्र में सर्विस रोड भी सीमेंट-कांक्रीट का बनेगा। निनोरा टोलनाका क्षेत्र के सीमेंट-कांक्रीट की सड़क बना दी गई है। वर्षाकाल में भी निर्माण कार्य जारी रहेगा, बंद नहीं होगा। निर्माण कार्य को गति देने के लिए नवीन तकनीक आधारित जर्मन मेड एफडीआर और मशीन विद मल्टीप्लेक्स मशीन का उपयोग पहली बार किया जा रहा है।

दिसंबर- 2026 तक पूरी करना है परियोजना

सिक्सलेन परियोजना, दिसंबर 2026 तक पूरी कराने का अनुबंध हुआ है। योजना अनुसार मुख्य सड़क डामर की और आबादी क्षेत्र में एप्रोच रोड सीमेंट-कांक्रीट की बनाई जाएगी। मार्ग में 8 फ्लायर ओवर और 70 कलवर्ट बाक्स बनाए जाएंगे। त्रिवेणी घाट के समीप शिप्रा नदी पर नया पुल भी बनाया जाएगा।

पहले चरण में दोनों शहर की तरफ 14-14 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जाएगी। प्रत्येक रोड का हिस्सा 12.50-12.50 मीटर चौड़ा होगा। इस तरह मार्ग कुल 25 मीटर चौड़ा होगा। अभी फोरलेन सड़क पर साढ़े आठ मीटर की दो चौड़ी सड़कें हैं।

यानी मार्ग कुल 17 मीटर चौड़ा है। इस प्रोजेक्ट से सरकार को 112 करोड़ रुपये की सूखी बचत हुई है। वो इसलिए क्योंकि रवि इन्फ्राबिल्ड ने एसओआर से 15 प्रतिशत कम रेट पर काम करने का अनुबंध किया है।

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