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cancer and diabetes and other essential medicines drugs to get costlier from 1apri

अगर आप रोजाना दवाओं का इस्तेमाल करते हैं, तो 1 अप्रैल से आपका दवा का खर्च बढ़ने वाला है. राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने आवश्यक दवाओं की कीमतों में इजाफा करने का फैसला किया है, जिससे आम आदमी की जेब पर असर पड़ेगा.

4 दिन बाद मरीजों को करोड़ों का झटका लगने वाला है. अगर आप नियमित रूप से दवाओं का इस्तेमाल करते हैं, तो 1 अप्रैल से आपकी दवा की लागत बढ़ने वाली है. राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने आवश्यक दवाओं की कीमतों में इजाफा करने का फैसला किया है, जिससे आम आदमी की जेब पर असर पड़ेगा.

दरअसल,सरकार ने दवाओं की कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए कई महत्वपूर्ण दवाओं को प्राइस कंट्रोल लिस्ट में शामिल किया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस पहल से मरीजों को हर साल लगभग 3,788 करोड़ रुपये की बचत होती है. हालांकि, अब इन नियंत्रित दवाओं के दाम बढ़ने की संभावना जताई जा रही है.

कितनी बढ़ सकती है कीमत
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कैंसर, डायबिटीज, हृदय रोग और एंटीबायोटिक्स जैसी आवश्यक दवाओं की कीमतों में 1.7% तक की वृद्धि हो सकती है. यह बढ़ोतरी नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) द्वारा तय की जाती है, जो देश में दवाओं की कीमतों को नियंत्रित करने का काम करती है. इस कदम से दवा कंपनियों को राहत मिलेगी, क्योंकि उन्हें उत्पादन लागत में हो रही बढ़ोतरी से जूझना पड़ रहा था. हालांकि, मरीजों के लिए यह अतिरिक्त वित्तीय बोझ बन सकता है, जिससे उनकी दवाओं पर होने वाला खर्च बढ़ जाएगा. आइए जानते हैं किन दवाईयों की कीमतें बढ़ जाएंगी.

क्यों बढ़ रही हैं दवाओं की कीमतें?
NPPA के अनुसार, दवाओं की कीमतों में यह बढ़ोतरी मुद्रास्फीति आधारित मूल्य संशोधन के कारण की जा रही है. हर साल सरकार आवश्यक दवाओं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए एक संशोधन करती है. इस बार थोक मूल्य सूचकांक (WPI) में वृद्धि के चलते दवा कंपनियों को कीमतें बढ़ाने की अनुमति दी गई है.

किन दवाओं के दाम बढ़ेंगे?
जो दवाएं राष्ट्रीय आवश्यक औषधि सूची (NLEM) में शामिल हैं, उनकी कीमतें बढ़ेंगी. इसमें एंटीबायोटिक्स, पेन किलर, हृदय रोग, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की दवाएं शामिल हैं.

सरकार के इस फैसले से जिन लोगों को नियमित रूप से दवाओं की जरूरत होती है, उनके मासिक खर्च में वृद्धि होगी. बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए मुश्किलें. कई वरिष्ठ नागरिक और क्रॉनिक बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को अधिक पैसे खर्च करने पड़ेंगे.हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम में बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे प्रीमियम दरें बढ़ने की संभावना है.

पिछले साल भी बढ़े थे दाम
यह पहली बार नहीं है जब दवाओं की कीमतें बढ़ाई जा रही हैं. 2023 में भी NPPA ने 12% तक की वृद्धि की थी, जिससे पहले से ही महंगाई से जूझ रहे लोगों को अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ा था.

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