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नई दिल्ली
सरकार ने भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के 150 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में शामिल होने के लिए अविभाजित भारत का हिस्सा रहे पाकिस्तान समेत सभी देशों के अधिकारियों को आमंत्रित किया है। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान, म्यांमा, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, श्रीलंका और नेपाल के अधिकारियों को समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। पश्चिम एशिया और दक्षिण-पश्चिम एशिया के प्रतिनिधि भी अतिथि सूची में हैं।

आईएमडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया ‘‘हम चाहते थे कि आईएमडी की स्थापना के समय अविभाजित भारत का हिस्सा रहे सभी देशों के अधिकारी समारोह का हिस्सा बनें।’’ पाकिस्तान ने अपनी भागीदारी की पुष्टि कर दी है, लेकिन आईएमडी को अभी भी बांग्लादेश की प्रतिक्रिया का इंतजार है। समारोह को यादगार बनाने के लिए वित्त मंत्रालय ने 150 रुपये के विशेष स्मारक सिक्के को मंजूरी दी है। मैराथन से लेकर प्रदर्शनियों, कार्यशालाओं से लेकर ओलंपियाड तक, विभिन्न उत्सव भारत के मौसम की तरह ही जीवंत होने की उम्मीद है। पहली बार, आईएमडी गणतंत्र दिवस परेड में अपनी खुद की झांकी प्रदर्शित करेगा।

ब्रिटिश काल के दौरान 1875 में स्थापित आईएमडी के 15 जनवरी को 150 वर्ष पूरे हो जाएंगे। इसकी स्थापना 1864 में कलकत्ता में आए चक्रवात और 1866 और 1871 में मानसून की लगातार विफलता के बाद हुई थी। कभी एक सामान्य ढांचे के रूप में शुरू हुआ यह संस्थान आज मौसम पूर्वानुमान, संचार और वैज्ञानिक नवाचार का केंद्र बन गया है। टेलीग्राम के दौर में, आईएमडी पुराने तरीके से मौसम की चेतावनी भेजता था। बाद में, यह एक तकनीकी कौशल युक्त प्रमुख संस्थान बन गया, जिसने वैश्विक डेटा आदान-प्रदान के लिए भारत का पहला संदेश-स्विचिंग कंप्यूटर और मौसम विज्ञान अनुसंधान के लिए सबसे शुरुआती इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटरों में से एक पेश किया।

भारत ने चौबीसों घंटे मौसम की निगरानी और चक्रवात संबंधी सतर्कता के लिए अपना स्वयं का भूस्थिर उपग्रह, आईएनएसएटी प्रक्षेपति करने वाला पहला विकासशील देश बनकर इतिहास भी रच दिया।

 

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