महिला सशक्तिकरण के दौर में एक ओर जहाँ महिलाएं राजनीति में सशक्त उपस्थिति दर्ज करा रही हैं, वहीं एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की हालिया रिपोर्ट ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, देश में 512 महिला सांसदों और विधायकों में से 143 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से 78 पर हत्या और अपहरण जैसे गंभीर आरोप हैं। साथ ही इन नेताओं के पास औसतन ₹20.34 करोड़ की संपत्ति है। Shocking revelation of ADR report
- महिला जनप्रतिनिधियों पर आपराधिक आरोप
- देशभर की 512 महिला जनप्रतिनिधियों में से 28% पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं। इनमें 78 महिलाएं गंभीर अपराधों जैसे हत्या, अपहरण, मारपीट की आरोपी हैं। यह आंकड़ा न सिर्फ चौंकाता है, बल्कि महिला राजनीति के आदर्श स्वरूप पर प्रश्नचिह्न भी लगाता है।

दलीय आधार पर आपराधिक मामले: Shocking revelation of ADR report
- भाजपा: 217 महिला नेताओं में से 23% पर केस, 11% पर गंभीर आरोप
- कांग्रेस: 83 में से 34% पर आपराधिक मामले, 20% पर गंभीर आरोप
- टीडीपी: 20 में से 65% पर केस
- आप: 13 में से 69% महिला नेताओं पर केस
- संपत्ति का असंतुलन: अरबपति महिला नेता
- रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि 17 महिला सांसद-विधायकों ने 100 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति घोषित की है। लोकसभा की 6, राज्यसभा की 3 और विधानसभा की 8 महिलाएं अरबपति हैं। कुल मिलाकर इन 512 महिला जनप्रतिनिधियों की कुल संपत्ति ₹10,417 करोड़ है जो हर नेता पर औसतन ₹20.34 करोड़ बनती है।

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- शिक्षा और आयु प्रोफाइल
- 71% महिला जनप्रतिनिधि ग्रेजुएट या उससे ऊपर शिक्षित हैं।
- 24% ने 5वीं से 12वीं तक की पढ़ाई की है।
- 64% की उम्र 41-60 वर्ष, 22% की 25-40 और 14% की उम्र 61 से 80 वर्ष के बीच है।
- पूरे देश में राजनीति में आपराधिकरण
- Shocking revelation of ADR report के अनुसार, देश के 45% विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें 1205 विधायक गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं। तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के 134 विधायकों में से 115 पर केस दर्ज हैं — जो सबसे अधिक है।
- मुख्यमंत्री और संपत्ति: एक बड़ा फासला
- सबसे अमीर: चंद्रबाबू नायडू (931 करोड़ रुपए से अधिक)
- सबसे गरीब: ममता बनर्जी (15 लाख रुपए)
देश के मुख्यमंत्रियों की औसत संपत्ति ₹52.59 करोड़ है — जो आम नागरिक की औसत सालाना आय (₹1.85 लाख) से कई गुना ज्यादा है।

- राजनीतिक दलों की फंडिंग: भाजपा को सबसे ज्यादा चंदा
- भाजपा: ₹4340.47 करोड़ चंदा मिला
- कांग्रेस: ₹1225.12 करोड़
- आप: ₹22.68 करोड़, पर खर्च ₹34.09 करोड़
सभी राष्ट्रीय दलों को मिले कुल चंदे का 74.57% भाजपा को मिला — जिससे राजनीति में असमानता की एक और परत उजागर होती है।
राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बेहद जरूरी है, लेकिन ADR की रिपोर्ट यह भी दिखाती है कि सिर्फ लिंग संतुलन नहीं, बल्कि नीतिगत और नैतिक स्तर पर भी सुधार जरूरी है। ऐसे में ज़रूरत है चुनाव प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही की — ताकि महिला सशक्तिकरण का सही मायनों में उद्देश्य पूरा हो सके।

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