लखनऊ
यूपी की नौ सीटों पर हो रहे उपचुनाव में वार-पलटवार के बीच ही समाजवादी पार्टी की शिकायत पर निर्वाचन आयोग ने बड़ी कार्रवाई की है। वोटर कार्ड चेक करने की शिकायत पर अब तक सात पुलिस वालों को निलंबित कर दिया गया है। मुरादाबाद की कुंदरकी में 3, मुजफ्फरनगर की मीरापुर में 2 और कानपुर की सीसामऊ में भी 2 पुलिसकर्मी सस्पेंड किए गए हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव आयुक्त से बात भी की है। अखिलेश के अनुसार अभी और भी पुलिस वालों को सस्पेंड किया जाएगा।
सपा की शिकायत पर एक दिन पहले ही चुनाव आयोग ने पुलिस वालों को किसी का वोटर कार्ड चेक करने से मना किया था। पुलिस द्वारा महिलाओं का हिजाब हटाकर चेहरा देखने पर भी मनाही थी। इसके बाद भी कई स्थानों पर पुलिस वाले वोटर कार्ड चेक कर रहे थे और हिजाब हटाकर चेहरा देखा जा रहा था। वीडियो के साथ जहां-जहां से शिकायत मिली वहां-वहां पर फिलहाल एक्शन हुआ है। बताया जाता है कि सपा की तरफ से शिकायत के बाद आयोग के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने शिकायतों की पुष्टि के बाद पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। पुलिस वालों पर एक्शन के बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि सभी अधिकारियों को दोबारा यह निर्देश दिया गया है कि वोटरों की आईडी चेक होगी लेकिन आईडी की चेकिंग केवल मतदानकर्मी करेंगे। पुलिस वाले किसी की आईडी चेक नहीं करेंगे। पुलिस वाले शांति और सुरक्षा व्यवस्था का काम करेंगे। वह आईडी के नाम पर किसी को रोकेंगे नहीं। जिनके खिलाफ भी शिकायत आती है उन पर कार्रवाई होगी। चुनाव आयोग ने इसे गंभीरता से लिया है।
वहीं, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों और निर्वाचन अधिकारियों को निष्पक्ष एवं सुचारू मतदान प्रक्रिया सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए। अधिकारियों को कहा गया कि वे सभी शिकायतों का तत्काल संज्ञान लें और त्वरित कार्रवाई करें तथा शिकायतकर्ता को सोशल मीडिया के माध्यम से भी टैग करके सूचित करें। उन्हें चेतावनी दी गई कि किसी भी पात्र मतदाता को मतदान करने से नहीं रोका जाना चाहिए तथा किसी भी प्रकार का पक्षपातपूर्ण रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। निर्वाचन अधिकारियों को कहा गया है कि शिकायत मिलने पर अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
लाठीचार्ज में दो सब इंस्पेक्टर सस्पेंड
मीरापुर विधानसभा सीट पर निर्देशों का पालन नहीं करने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने दो दारोगाओ नीरज कुमार और ओमपाल सिंह को निलंबित किया है। ककरौली में पुलिस पर पथराव और लाठीचार्ज के मामले में दोनों को सस्पेंड किया गया है। बताया जाता है कि चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुपालन में लापरवाही में एसएसपी ने यह कारवाई की है।
अखिलेश ने पीसी कर लगाए कई आरोप
इससे पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि विधानसभा उपचुनाव में पुलिस प्रशासन सपा समर्थकों को वोट देने से रोक रहा है और ऐसे में चुनाव आयोग को हस्तक्षेप करने की जरुरत है। लखनऊ में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कानपुर के सीसामऊ समेत कुछ अन्य विधानसभा क्षेत्रों में पुलिस मतदाताओं के पहचान पत्र देख रही है और उन्हे वोट देने से रोका जा रहा है जो अलोकतांत्रिक है। सपा अध्यक्ष ने एक्स पर भी लिखा ल उत्तर प्रदेश में जिन मतदाताओं को पुलिस-प्रशासन द्वारा वोट डालने से रोका गया है, वो एक बार फिर से वोट डालने जाएं। इस चुनावी गड़बड़ी की सूचना हर तरफ़ फैल गई है। चुनाव आयोग भी सतर्क हो गया है और अब उसकी तरफ़ से ये आश्वासन मिल रहा है कि जिन लोगों को वोट डालने से रोका गया है, वो एक बार फिर से जाएं और अपना वोट ज़रूर डालें। अब कोई गड़बड़ी नहीं होने दी जाएगी। अगर फिर से कोई रोके तो आप वहाँ उपस्थिति चुनाव आयोग के अधिकारियों या राजनीतिक दलों के लोगों को सूचित करें या चुनाव आयोग से सीधी शिकायत करें। चुनाव आयोग से मिले इस आश्वासन के लिए धन्यवाद।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार के इशारे पर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में चुनिंदा पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गई है और उन अधिकारियों की सूची उनके पास है। भाजपा की सरकार जाने के बाद ऐसे पुलिस अधिकारियों को देखा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन व पुलिस के बेईमान अधिकारी बख़्शे नहीं जाएंगे। उनके वीडियो साक्ष्य उनके ख़िलाफ़ वैधानिक कार्रवाई का आधार बनेंगे। उन्होने कहा कि अगर नर्विाचन आयोग का कोई जीता-जागता अस्तत्वि है तो वो जीवंत होकर, प्रशासन के द्वारा वोटिंग को हतोत्साहित करने के लिए तुरंत सुनश्चिति करे। सपा अध्यक्ष ने कहा कि लोगों की आईडी पुलिस चेक न करे। रास्ते बंद न किये जाएं। वोटर्स के आईडी ज़ब्त न किये जाएं। असली आईडी को नक़ली आईडी बताकर जेल में डालने की धमकी न दी जाए। मतदान की गति घटायी न जाए। समय बर्बाद न किया जाए, ज़रूरत पड़ने पर वोटिंग का टाइम बढ़ाया जाए। प्रशासन सत्ता का प्रतिनिधि न बने। चुनावी गड़बड़ी की सभी वीडियो रिकार्डिंग का रीयल टाइम संज्ञान लेकर तत्काल बेईमान अधिकारी हटाए जाएं।
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✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र