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इजरायली सेना ने गाजा को खंडहर में बदल दिया, अब 42000 मौतें, इजरायल कई मोर्चों पर एक साथ लड़ रहा है युद्ध

तेल अवीव इजरायल ने 7 अक्टूबर, 2023 को हुए हमास के बर्बर हमले की पहली बरसी पर 10 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है. हमास ने पिछले साल 7 अक्टूबर के दिन इजरायल में अचानक धावा बोल दिया था. उसके लड़ाकों ने आसमान, जमीन और समुद्र के रास्ते इजरायल में घुसकर कत्लेआम मचाया था. इस हमले में 1200 से अधिक इजरायली नागरिकों की मौत हुई थी और हमास ने 250 से के करीब लोगों को बंधक बना लिया था, जिसमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थीं. हमास ने अपने इस हमले को ऑपरेशन अल-अक्सा फ्लड (Operation Al-Aqsa Flood) नाम दिया था. इजरायल ने इस बर्बरता का बदला लेने और हमास का अस्तित्व मिटाने की कसम खाई थी. उसने गाजा में ऑपरेशन आयरन स्वॉर्डस (Operation Iron Swords) चलाया. उसकी सेना ने गाजा को खंडहर में बदल दिया. पिछले एक साल के अंदर गाजा में इजरायली कार्रवाई में करीब 41000 मौतें हुई हैं, लाखों लोग गाजा से विस्थापित हुए हैं. इजरायल अब तक इस्माइल हानिया और मोहम्मद डेफ समेत हमास के कई शीर्ष नेताओं को ढेर कर चुका है. यह 2008 के बाद से फिलिस्तीन-इजरायल संघर्ष का पांचवां युद्ध है, और 1973 में योम किप्पुर युद्ध के बाद इस क्षेत्र में सबसे बड़ा सैन्य अभियान है. हमार ने 7 अक्टूबर के हमले को बताया 'Glorious' गाजा पट्टी पर 2007 से हमास का शासन है और 7 अक्टूबर, 2023 के हमले के बाद इजरायल की बदले की कार्रवाई में यहां बड़े पैमाने पर विनाश हुआ है. गाजा में बुनियादी ढांचे मलबे में तब्दील हो चुके हैं. एक वर्ष बीत जाने के बाद भी, गाजा युद्ध अनसुलझा है और पूरे क्षेत्र में युद्ध की संभावना अधिक बनती जा रही है. अपने कई शीर्ष नेताओं और कमांडरों के मारे जाने के हमास सक्रिय है. कतर स्थित हमास के सदस्य खलील अल-हया ने एक वीडियो संदेश जारी करके 7 अक्टूबर, 2023 के हमले को 'महान कार्य' बताया है. अल-हया ने 7 अक्टूबर के हमले की बरसी पर जारी अपने संदेश में कहा, 'पूरा फिलिस्तीन, विशेष रूप से गाजा और हमारे फिलिस्तीनी नागरिक दुश्मन के खिलाफ अपने प्रतिरोध के साथ एक नया इतिहास लिख रहे हैं.' इजरायल कई मोर्चों पर एक साथ लड़ रहा है युद्ध हमास द्वारा 7 अक्टूबर, 2024 को किए गए हमले की पहली बरसी आने तक इजरायल कई मोर्चों पर युद्ध लड़ रहा है. अब उसका फोकस गाजा से लेबनान में शिफ्ट हो गया है. लेबनान के अलग-अलग हिस्सों में हिज्बुल्लाह को निशाना बनाते हुए इजरायली सेना की जमीनी कार्रवाई और वायुसेना के हवाई हमले जारी हैं. गाजा में 41,000 से अधिक मौतों के बावजूद ऐसा लगता है कि यह हिंसा कभी खत्म नहीं होने वाली. इजरायली रक्षा बलों ने 5 अक्टूबर, 2024 को गाजा शहर के बगल में स्थित जबालिया में हमास लड़ाकों को खत्म करने के इरादे से एक और अभियान शुरू किया. इजरायल ने कहा कि हमास जबालिया में फिर सिर उठाने की कोशिश कर रहा था. अब भी 101 बंधकों के बारे में नहीं चल सका पता यह संभव है कि इजरायल के खिलाफ उसके दुश्मनों द्वारा एक और आतंकवादी हमला या सैन्य अभियान इलाके में संघर्ष की स्थिति को और भी भयावह बना सकता है. हमास ने 7 अक्टूबर, 2023 को इजरायल पर हमले के दौरान जिन 250 लोगों को बंधक बनाया था, उनमें से 101 बंधकों का अब भी पता नहीं चल सका है. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में अपने संबोधन में इन बंधकों का जिक्र किया था. उन्होंने यह प्रतिबद्धता जाहिर की थी कि इजरायल आखिरी बंधक का पता लगाए बिना चैन से नहीं बैठेगा. गाजा में इजरायल का उद्देश्य हमास की सैन्य क्षमताओं और शासन को नष्ट करना और बंधकों को छुड़ाना है. अपने युद्ध को अंजाम तक पहुंचा पाएगा इजरायल? लेबनान के खिलाफ मोर्चा खोलने के पीछे इजरायल का लक्ष्य अपने उन 60,000 से अधिक नागरिकों को सीमा के पास अपने घरों में लौटने के लिए सुरक्षित महसूस कराना है, जिन्हें ​हिज्बुल्लाह के रॉकेट हमलों की जद में आने का डर सताता है. पिछले एक साल में इजरायल अपने दुश्मनों पर नकेल कसने में कामयाब रहा है, लेकिन अपने युद्धों को अंजाम तक पहुंचाने में सफल नहीं रहा है. इजरायली सैन्य अधिकारी भी यह स्वीकार करते हैं कि हमास और हिज्बुल्लाह के शीर्ष नेतृत्व को खत्म करने और उनकी सैन्य क्षमताओं को कुंद करने के बावजूद, ये दोनों मिलिशिया समूह फिलिस्तीन और लेबनान में एक ताकत बने रहेंगे. इस संघर्ष में ईरान की एंट्री से स्थिति और बिगड़ सकती है. इन सब तथ्यों को ध्यान में रखते हुए यही समझ में आता है कि इजरायल को निकट भविष्य में भी युद्धों और संघर्षों के लिए तैयार रहना होगा.   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 35

गाजा की मस्जिद पर की इजरायल ने Air Strike, 18 लोगों की मौत; युद्ध की पहली वर्षगांठ मनाने जुटे थे लोग

गाजा. गाजा पर इजरायल के हमले आज भी जारी हैं। रविवार को सुबह-सुबह एक मस्जिद पर हुई भीषण बमबारी में 18 से अधिक लोगों के मारे जाने की खबर है। फिलिस्तीनी समाचार एजेंसी वफा ने इसकी जानकारी दी है। इस हमले में दर्जनों लोग घायल हो गए हैं। इजरायल का दावा है कि यहां हमास का कमांड सेंटर था। आपको बता दें कि बीते साल 7 अक्तूबर से दोनों देशों के बीच युद्ध जारी है। इसकी पहली बरसी से ठीक पहले मध्य गाजा पट्टी के डेर अल-बला में अल-अक्सा अस्पताल के पास मौजूद मस्जिद पर हमला हुआ है। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि हताहतों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि मस्जिद का इस्तेमाल विस्थापित लोगों को रखने के लिए किया जा रहा था। इजरायली सेना ने एक बयान में कहा कि उसने हमास के आतंकवादियों पर एक सटीक हमला किया है। वे डेर अल बलाह के क्षेत्र में 'शुहादा अल-अक्सा' मस्जिद के रूप में काम करने वाली एक संरचना में लगे एक कमांड और कंट्रोल सेंटर के भीतर काम कर रहे थे। इससे पहले हमास की सशस्त्र शाखा अल-कस्साम ब्रिगेड ने वेस्ट बैंक के शहर तुलकरम पर एक इजरायली हमले में अपने एक प्रमुख कमांडर जही यासर अब्द अल-रजेक औफी के साथ सात अन्य लड़ाकों की मौत की पुष्टि की थी। हमास ने शुक्रवार को एक बयान में यह बातें कही। हमास की सशस्त्र शाखा अल-क़स्साम ब्रिगेड ने कहा कि इज़रायल को अपने आपराधिक कृत्यों की कीमत चुकानी होगी। इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने गुरुवार रात घोषणा की कि उसने हमास नेटवर्क के प्रमुख कमांडर औफी को मार गिराया है। आईडीएफ ने एक बयान में कहा कि औफी ने 02 सितंबर को अटेरेट में कार बम विस्फोट की योजना बनाई और उसका नेतृत्व किया था। फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि गुरुवार को वेस्ट बैंक में तुलकरम शरणार्थी शिविर को निशाना बनाकर किए गए एक इज़रायली हवाई हमले में कम से कम 18 फिलिस्तीनी मारे गए और कई अन्य घायल हो गए थे। आपको बता दें कि इजरायली-फिलिस्तीनी संघर्ष में की शुरुआत में 1200 लोग मारे गए और लगभग 250 लोगों को बंधक बना लिया गया था। वहीं, गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गाजा पर इजरायल के हमले के बाद 42,000 फिलिस्तीनी मारे गए हैं। इन हमलों ने लगभग 23 लाख लोगों को विस्थापित कर दिया है। फिलिस्तीन के लोग भूख का संकट से जूझ रहे हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 41

इजरायल ने चार दिनों में हिज्बुल्लाह के 2000 से अधिक सैन्य ठिकानों को तबाह किया, 250 हिज़्बुल्लाह लड़ाकों को खत्म

तेलअवीव इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने दावा किया है कि इजरायल पिछले चार दिनों में हिज्बुल्लाह के 2000 से अधिक सैन्य ठिकानों को तबाह कर दिया है और लगभग 250 हिज़्बुल्लाह लड़ाकों को खत्म कर दिया है. आईडीएफ के मुताबिक, मारे गए हिज़्बुल्लाह कमांडरों में पांच बटालियन कमांडर, 10 कंपनी कमांडर और छह प्लाटून कमांडर शामिल थे. आईडीएफ ने आगे कहा कि इजरायली वायु सेना दक्षिणी लेबनान में खुफिया-आधारित अभियानों के दौरान एहतियाती हमले भी कर रही है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखे पोस्ट में आईडीएफ ने लिखा,  "पिछले 4 दिनों में, आईडीएफ ने 2,000 से अधिक सैन्य ठिकानों और 250 हिज़्बुल्लाह आतंकवादियों को खत्म कर दिया है. उनमें से 5 बटालियन कमांडर- 10 कंपनी कमांडर- 6 प्लाटून कमांडर शामिल हैं." आईडीएफ ने एक अन्य पोस्ट में लिखा, 'दक्षिणी लेबनान में 24 घंटे के ऑपरेशन का विवरण: सटीक खुफिया-आधारित छापों के दौरान, IDF सैनिकों को एक आवासीय घर के अंदर रॉकेट लॉन्चर गोला-बारूद, एंटी-टैंक मिसाइल और रॉकेट मिले. इसके अलावा, इमारतों और घरों में दर्जनों हथियार मिले जिनका लक्ष्य इजरायली क्षेत्र था. हथियारों में एंटी-टैंक मिसाइल, फायरआर्म्स, विस्फोटक उपकरण शामिल हैं.' रान ने दागी थीं मिसाइलें इजरायल रक्षा बलों ने एक अपडेट साझा किया जिसमें कहा गया कि "लगभग 2 महीनों में पहली बार, दक्षिणी इजरायल में सायरन बज रहे हैं." यह घटनाक्रम ईरान द्वारा मंगलवार को इजरायल के खिलाफ युद्ध में सैकड़ों मिसाइलों को लॉन्च करने के कुछ दिनों बाद हुआ है.ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल हमले के जवाब में अपने विकल्पों पर विचार कर रहा है. अल जज़ीरा के अनुसार ईरान ने कहा था कि हमास, हिजबुल्लाह और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के शीर्ष नेताओं की हत्या के जवाब में इजरायल पर लगभग 180 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं. देश दो मोर्चों पर युद्ध का सामना कर रहा है  जिसमें देश के उत्तरी हिस्से से ईरान समर्थित हिजबुल्लाह और दक्षिणी सीमा पर हमास हमला कर रहा है. ऐसे हुई थी शुरूआत दशकों पुराने इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष उस समय खूनी लड़ाई में तब्दील हो गया है जब 7 अक्टूबर, 2023 को  फिलिस्तीनी हमास आतंकवादियों द्वारा इजरायल में घुसकर हमला किया गया. इस हमले में 1,200 लोग मारे गए और जिसमें लगभग 250 को बंधक बना लिया गया. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, जवाबी कार्रवाई में इजरायल ने गाजा पर हमला कर दिया था जिसमें 41,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए, गाजा की लगभग पूरी आबादी विस्थापित हो गई. इसके बाद भूखमरी का संकट पैदा हो गया तथा इजरायल पर नरसंहार के आरोप लगे.     Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 52

इजरायल ने हिजबुल्लाह के मिसाइल प्रोजेक्ट चीफ महमूद यूसुफ अनीसी को बनाया निशाना

तेल अवीव इजरायल का लेबनान में हिज्बुल्लाह के खिलाफ हवाई और जमीनी कार्रवाई जारी है. इजरायली रक्षा बलों ने हिज्बुल्लाह की मिसाइल प्रोडक्शन यूनिट के चीफ एक्सपर्ट महमूद यूसुफ अनीसी को मार गिराने का दावा किया है. इजरायली सेना ने इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर बेरूत में यह ऑपरेशन चलाया था. आईडीएफ के मुताबिक महमूद यूसुफ अनीसी के पास मैकेनिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में व्यापक अनुभव था. वह हिज्बुल्लाह के वेपन प्रोडक्शन चेन में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति था. इजरायली सेना ने एक बयान में कहा, 'महमूद यूसुफ अनीसी ने 15 वर्षों से अधिक समय तक हिज्जबुल्लाह के लिए रणनीतिक हथियारों के विकास पर सक्रिय रूप से काम किया. वह टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हिज्जबुल्लाह के प्रमुख विशेषज्ञों में से एक बन गया और अपने अनुभव का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए हथियार निर्माण में करने लगा.' इस बीच खबर है कि इजरायल ने हसन नसरल्लाह का उत्तराधिकारी माने जा रहे हाशिम सफीद्दीन को भी निशाना बनाया है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया कि इजरायल ने बेरूत में एक हवाई हमले में हिज्बुल्लाह के वरिष्ठ अधिकारी हाशिम सफीद्दीन  को निशाना बनाया, जिसे ईरान समर्थित मिलिशिया समूह का अगला चीफ माना जा रहा है. हालांकि, आईडीएफ या हिज्बुल्लाह की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.  रिपोर्ट के मुताबिक संभवतः सफीद्दीन एक बंकर में हिज्बुल्लाह के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर रहा था, तभी गुरुवार आधी रात को इजरायल ने बेरूत पर भीषण हवाई हमले किए. इजरायल द्वारा नसरल्लाह को मारने के बाद से यह क्षेत्र में सबसे भारी बमबारी में से एक थी. समाचार आउटलेट एक्सियोस ने लेबनानी मीडिया के हवाले से कहा, ताजा इजरायली हमला नसरल्लाह की हत्या से कहीं बड़ा था. हताहतों की संख्या अभी तक ज्ञात नहीं है. हाशिम सफीद्दीन हिज्बुल्लाह के राजनीतिक मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और समूह की जिहाद परिषद का सदस्य है. जिहाद परिषद ही हिज्बुल्लाह के सैन्य अभियानों का प्रबंधन करता है. अमेरिका ने सफीद्दीन को 2017 में आतंकवादी घोषित किया था. हसन नसरल्लाह के ममेरे भाई हाशिम सफीद्दीन को आमतौर पर हिज्बुल्लाह में 'नंबर दो' माना जाता है, और उसके ईरानी शासन के साथ भी घनिष्ठ संबंध हैं.   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 37

इजरायली सेना का बड़ा दावा- एक और दुश्मन हुआ ढेर, एयर स्ट्राइक में हमास के प्रमुख रावी मुश्तहा की हुई मौत

यरूशलम इजरायल (Israel) की सेना ने हमास (Hamas) के तीन वरिष्‍ठ नेताओं को मार गिराने का दावा किया है. इजरायल डिफेंस फोर्सेज (Israel Defense Forces) ने गुरुवार को कहा कि तीन महीने पहले एक हमले में गाजा में हमास के तीन सीनियर लीडर मारे गए थे. इनमें हमास सरकार का प्रमुख रावी मुश्‍तहा भी शामिल है. मुश्‍तहा को हमास प्रमुख याह्या सिनवार का करीबी माना जाता है. इजरायल की सेना गाजा में करीब एक साल से हमास के खिलाफ हमले कर रही है. आईडीएफ ने एक्‍स पर पोस्‍ट में कहा कि गाजा पट्टी में हमास सरकार के प्रमुख रावी मुश्तहा और हमास के राजनीतिक ब्यूरो के सुरक्षा विभाग को संभालने वाले समेह अल सिराज और एक कमांडर सामी औदेह की मौत हो गई. इजरायली सेना ने कहा कि तीनों कमांडरों ने उत्तरी गाजा में एक भारी सुरक्षा वाले अंडरग्राउंड कैंपस में शरण ली थी. इस जगह का इस्तेमाल वे अपने कमांड और कंट्रोल सेंटर के रूप में भी करते थे. 3 महीने पहले किया था हमला IDF ने X पर एक पोस्ट में कहा, 'लगभग 3 महीने पहले गाजा में IDF और ISA के संयुक्त हमले में कई आतंकवादियों को मार गिराया गया, जिसमें गाजा में हमास सरकार के प्रमुख रावी मुश्तहा, हमास के पॉलिटिकल ब्यूरो और हमास की लेबर कमेटी में सिक्योरिटी पोर्टफोलियो रखने वाले समेह अल-सिराज, हमास के सामान्य सुरक्षा तंत्र के कमांडर समी औदेह शामिल हैं. IAF के लड़ाकू विमानों ने उत्तरी गाजा में एक किलेबंद और अंडरग्राउंड कंपाउंड में छिपे आतंकवादियों पर हमला किया और उन्हें मार गिराया.' आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करता रहेगा इजरायल IDF ने आगे कहा, यह कंपाउंड हमास के कमांड और कंट्रोल सेंटर के रूप में काम करता था और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को लंबे समय तक इसके अंदर रहने में सहूलियत थी. IDF ने कहा कि वह 7 अक्टूबर के नरसंहार के लिए जिम्मेदार सभी आतंकवादियों को खोजना जारी रखेगा और इजरायल को धमकी देने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा. मुश्तहा हमास के एक टॉप नेता याह्या सिनवार का करीबी सहयोगी था, जिसने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमले की साजिश रचने में मदद की थी, जिसमें 100 से अधिक लोग मारे गए थे. पिछले सप्ताह लेबनान के बेरूत में एक हमले में इजरायल ने हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह को भी मार गिराया. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 26

इतिहास में इजरायल और ईरान ने एक साझा दुश्मन से लड़ने के लिए अमेरिका की मदद से हाथ मिलाया था

नई दिल्ली मिडिल ईस्ट में तनाव चरम पर पहुंच गया है। ईरान ने मंगलवार को इजरायल पर 200 से ज्यादा मिसाइलें दागीं है जिनमें हाइपरसोनिक हथियार भी शामिल हैं। अब इजरायल ने भी कसम खाई है कि ईरान इस हमले की कीमत चुकाएगा। हालांकि दोनों देशों के बीच रिश्ते हमेशा से खराब नहीं थे। यह सुनने में भले ही अकल्पनीय लगे लेकिन इजरायल और ईरान ने एक साझा दुश्मन से लड़ने के लिए अमेरिका की मदद से हाथ मिलाया था। 1960 के दशक में इजरायल और ईरान दोनों का एक साझा दुश्मन था इराक। जहां इजरायल अरब देशों के खिलाफ संघर्ष में उलझा हुआ था वहीं शाह के नेतृत्व में ईरान के लिए सुरक्षा और क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं को देखते हुए इराक एक सीधा खतरा था। इसके बाद इस समय की सबसे गुप्त साझेदारी के लिए एक आधार तैयार हुआ। इस साझेदारी में इज़राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद और ईरान की सीक्रेट पुलिस SAVAK शामिल थे। दोनों ने इराकी शासन के खिलाफ कुर्द विद्रोहियों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इराक के अरब नेतृत्व की कमजोरी के रूप में देखे जाने वाले ये कुर्द समूह इराकी सरकार को अंदर से कमजोर करने के लिए जरूरी थे। खुफिया गठबंधन कोड-नाम ट्राइडेंट के गठन के बाद इज़राइल और ईरान के बीच के रिश्ते नई ऊंचाइयों पर पहुंच गए थे जिसमें तुर्की भी शामिल था। 1958 की शुरुआत में ट्राइडेंट की मदद से इन तीन समूहों ने कई खुफिया जानकारियों का आदान-प्रदान किया। जैसे-जैसे संबंध परिपक्व होते गए इज़राइल और ईरान और भी करीब होते गए। शाह की महत्वाकांक्षाएं और इज़राइल का प्रभाव ईरान के शाह मोहम्मद रजा पहलवी न केवल साझा भू-राजनीतिक हितों से प्रेरित थे बल्कि अमेरिका में इज़राइल के प्रभाव से भी प्रेरित थे। शाह ने इजराइल को अमेरिका के साथ संबंधों को सुधारने के लिए एक साधन के रूप में देखा। खासकर कैनेडी प्रशासन द्वारा उनके शासन के बारे में चिंता व्यक्त करने के बाद यह और जरूरी हो गया था। इजराइली-ईरानी संबंध ईरान की पश्चिम के साथ खुद को जोड़ने की रणनीति का हिस्सा बन गए। नतीजतन 1960 के दशक के मध्य तक तेहरान में एक स्थायी इजराइली प्रतिनिधिमंडल की स्थापना हुई जो एक दूतावास के रूप में कार्य करने लगी। हालांकि इस संबंध में भी कुछ जटिलताएं थी। शाह अरब दुनिया में व्यापक इजराइल-विरोधी भावना से अवगत थे। उन्होंने ईरान के इजराइल के साथ संबंधों के सार्वजनिक तौर पर इनकार किया। इराक के खिलाफ मिलकर काम करने में दोनों देशों का फायदा ईरान में 1979 की इस्लामी क्रांति ने देश के राजनीतिक परिदृश्य को काफी हद तक बदल दिया और इसे एक इजराइल विरोधी इस्लामी गणराज्य में बदल दिया। फिर भी अयातुल्ला खोईमेनी के सत्ता में आने के बाद भी नए शासन ने इजराइल के साथ गुप्त सहयोग जारी रखा। जैसे-जैसे ईरान-इराक युद्ध (1980-1988) आगे बढ़ा दोनों देशों ने सद्दाम हुसैन के इराक के खिलाफ़ मिलकर काम करने में ही फायदा देखा। इज़राइल ने भी ईरान की मदद करने में एक अच्छा अवसर देखा। अमेरिका और सोवियत संघ दोनों ने इराकी सेना की आपूर्ति की थी और यह एक जोखिम था। इज़राइल द्वारा ईरान को हथियारों की खेप भेजना, खास कर से प्रधानमंत्री मेनाचेम बेगिन द्वारा 1980 में सैन्य उपकरणों की बिक्री को मंज़ूरी दिए जाने के बाद इराक की ताकत को कमज़ोर करने का एक सोचा-समझा फ़ैसला था। ये गुप्त हथियार सौदे अमेरिकी नीति के बावजूद किए गए जिसमें तेहरान में बंधक बनाए गए अमेरिकी लोगों की रिहाई तक ईरान को सैन्य सहायता देने पर रोक लगाई गई थी। इज़राइली सैन्य सहायता के बदले में, खोईमेनी के शासन ने बड़ी संख्या में ईरानी यहूदियों को इज़राइल या अमेरिका में रहने की अनुमति दी। ऑपरेशन फ्लावर इजरायल-ईरानी साझेदारी पारंपरिक हथियार सौदों से आगे तक पहुंच गई थी। सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक ऑपरेशन फ्लावर था जो एक गुप्त करोड़ों डॉलर की योजना थी जो 1977 में शाह के शासन के दौरान शुरू हुई थी। इस सौदे के तहत ईरान ने 1978 में इजरायल को 260 मिलियन डॉलर का तेल भेजकर एक बड़ा अग्रिम भुगतान किया जैसा कि 1986 की न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था। मिसाइल कार्यक्रम पर काम 1979 में इस्लामिक क्रांति तक जारी रहा जिसके बाद खोमेनेई के शासन ने अचानक सहयोग रोक दिया। अक्टूबर 1980 में जब ईरान ने इराक के खिलाफ युद्ध छेड़ा था तब इजरायल ने गुप्त रूप से ईरान को अमेरिकी निर्मित एफ-4 लड़ाकू विमानों के लिए 250 अतिरिक्त टायर भी दिए थे। दुश्मनी की शुरुआत 1990 के दशक तक इज़राइल और ईरान के बीच सहयोग का युग लगभग समाप्त हो गया था। भू-राजनीतिक कारण जैसे अरब समाजवाद, सोवियत प्रभाव और इराक का खतरा, जो कभी उन्हें एकजुट करते थे गायब हो गए थे जिससे सहयोग के लिए वजहें नहीं बची थी। इसके बाद ईरान ने इजरायल विरोधी विचारधारा को अपनाया। ईरान ने इजरायल के साथ संघर्ष में हिजबुल्लाह और हमास जैसे समूहों का समर्थन किया है। 2000 के दशक की शुरुआत में ईरानी राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद का चुनाव, नरसंहार से इनकार और इजरायल के खिलाफ आक्रामक बयानबाजी ने तनाव को और बढ़ा दिया। इसके बाद ईरान इस क्षेत्र में इजरायल का सबसे प्रमुख विरोधी बन गया। अब मिडिल ईस्ट के ये दो देश पूरी तरह युद्ध की कगार पर हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. 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रिपोर्ट : इजरायल ईरान के तेल कुओं और परमाणु अड्डों पर अटैक कर सकता है, एयर डिफेंस सिस्टम भी निशाने पर रहेगा

तेल अवीव ईरान की ओर से इजरायल पर मंगलवार को 200 मिसाइलें दागे जाने के बाद माहौल बदल गया है। अब तक हमास, हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच ही चल रही जंग दो महाशक्तियों में संघर्ष में बदलती दिख रही है। इस बीच इजरायल ने ईरान को खत्म ही करने की कसम खाई और बदला लेने की धमकी दी है। अमेरिकी वेबसाइट Axios की रिपोर्ट के अनुसार इसके तहत इजरायल अब ईरान के परमाणु ठिकानों और उसके तेल कुओं पर भी अटैक कर सकता है। इससे ईरान के साथ ही आसपास के देशों के लिए भी खतरे की स्थिति पैदा हो सकती है। यही नहीं तेल के ठिकानों पर अटैक की वजह से दुनिया भर में ईंधन की कीमतों में वृद्धि हो सकती है। एक इजरायली अधिकारी ने कहा कि हम यह देखेंगे कि अब हम अटैक करेंगे तो ईरान क्या करेगा। हम ईरान को ऐसा दर्द देंगे कि वह कभी भुलेगा नहीं। कई इजरायली सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान के तेल कुओं पर अटैक हो सकता है। इसके अलावा ईरान का एयर डिफेंस सिस्टम भी निशाने पर रहेगा। अब तक मिली जानकारी के अनुसार इजरायल की ओर से फाइटर जेट्स से हमला किया जा सकता है। इसके अलावा टारगेट अटैक भी हो सकता है, जिसमें ड्रोन जैसी चीजों का इस्तेमाल हो सकता है। इसी तरीके से इजरायल ने तेहरान के अंदर घुसकर इस्माइल हानियेह को मार गिराया था। यह पहला मौका है, जब इजरायल और ईरान इस तरह से आमने-सामने हैं। इसी साल अप्रैल में भी दोनों के बीच मामूली झड़प हुई थी। लेकिन इस बार जंग तेज होती दिख रही है। यहां तक कि अमेरिका ने अतिरिक्त सैनिक भेजने का ऐलान कर दिया है और इजरायल का समर्थन करते हुए कहा है कि उसे ईरान के हमलों से अपनी रक्षा करने का अधिकार है। अब अनुमान है कि इजरायल बड़ा हमला कर सकता है और इससे पूरे मिडल ईस्ट में ही कोहराम की स्थिति पैदा हो सकती है। बता दें कि अब तक ईरान के अलावा किसी भी अन्य मुस्लिम देश ने इजरायल के खिलाफ खुलकर उतरने का ऐलान नहीं किया है। सऊदी अरब, यूएई जैसे देश तो तटस्थ ही हैं। ऐसी स्थिति में इजरायल और ईरान के बीच बड़ा संघर्ष दुनिया को किस तरफ ले जाएगा, यह देखने वाली बात होगी। इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू तो वीडियो जारी करके कह चुके हैं कि ईरान को हमले की कीमत चुकानी होगी। उन्होंने कहा कि ईरान यह नहीं समझता कि हमारा अपनी रक्षा को लेकर संकल्प है। यह संकल्प दुश्मनों के खात्मे तक बना रहेगा। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 43