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प्रदेश की कोई भी नदी सूखी नहीं रहेगी, सोनार नदी को नर्मदा से जोड़ने के लिए जल्द ही सर्वे शुरू होगा: सीएम मोहन यादव

सागर मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में जल संकट खत्म करने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ऐलान किया कि प्रदेश की कोई भी नदी सूखी नहीं रहेगी। सोनार नदी को नर्मदा से जोड़ने के लिए जल्द ही सर्वे शुरू होगा, जिससे इस क्षेत्र के किसानों को जबरदस्त फायदा मिलेगा। इसके अलावा, सागर-दमोह मार्ग को अपग्रेड करने और अन्य विकास कार्यों की भी घोषणा की गई। 6-7 साल में बदल जाएगी बुंदेलखंड की तस्वीर- सीएम मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जल, सड़क, शिक्षा और कृषि से जुड़े कई बड़े ऐलान किए। उन्होंने कहा कि नर्मदा-सोनार लिंक परियोजना इस क्षेत्र के जल संकट को खत्म कर देगी। सर्वे पूरा होते ही आगे का काम शुरू होगा, जिससे बुंदेलखंड की धरती पहले से भी ज्यादा उपजाऊ बन जाएगी। सीएम ने कहा कि केन-बेतवा लिंक परियोजना से आने वाले 6-7 साल में बुंदेलखंड की तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी। इस प्रोजेक्ट के जरिए हर खेत तक पानी पहुंचेगा, जिससे फसल उत्पादन दोगुना होगा। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे अपनी जमीन न बेचें, क्योंकि जल्द ही बुंदेलखंड की मिट्टी पंजाब-हरियाणा से भी बेहतर होगी। सड़कों का भी होगा कायाकल्प गढ़ाकोटा रहली-देवरी मार्ग और सागर-दमोह मार्ग को अपग्रेड करने की भी घोषणा हुई। सागर-गढ़ाकोटा रोड को फोर लेन बनाया जाएगा, जिससे क्षेत्र की कनेक्टिविटी और मजबूत होगी। किसानों और गौपालकों को राहत किसानों के लिए फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर सरकार 40% सब्सिडी देगी। वहीं, दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए नई योजना लाई जा रही है, जिससे दूध उत्पादकों को बोनस मिलेगा। गेहूं के लिए सरकार 2600 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदी करेगी, जो अगले साल बढ़कर 2700 रुपए से ऊपर पहुंच जाएगी।  बुंदेलखंड को मिलेगा नर्मदा का आंचल, सुनार से होगा मिलन प्रदेश की जीवन-दायिनी मां नर्मदा अब अपने आंचल से सागर जिले को भी नया जीवन देगी। नर्मदा नदी को केसली-रहली से बहने वाली सुनार नदी से जोडऩे का काम शुरू करने की मंजूरी मिल चुकी है। नर्मदा व सुनार नदी के संगम से सागर जिले सहित दमोह, कटनी व रायसेन जिले को भी फायदा होगा। जिला योजना समिति ने दी सैद्धांतिक मंजूरी विशेषकर सूखे की आग में झुलस रहे बुंदेलखंड के इस क्षेत्र को नर्मदा की बूंदों से राहत मिलेगी। बुधवार को जिला योजना समिति ने इस काम को शुरू करने की भी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। सागर संभाग में पहले से ही केन-बेतवा लिंक परियोजना और बीना नदी परियोजना को केंद्र सरकार की मंजूरी मिल चुकी है। फिलहाल, नर्मदा व सोनार नदी को जोडऩे के लिए जल संसाधन विभाग को डीपीआर की जिम्मेदारी दी गई है। 2 हजार 994 करोड़ की बनी है डीपीआर वर्ष 2020 तक हर खेत को पानी पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई परियोजना के तहत बुंदेलखंड के सभी जिले में कार्ययोजना बनाई जा रही है। इनमें सागर संभाग के पांचों जिले छतरपुर, टीकमगढ़, दमोह, पन्ना, सागर सहित दतिया जिले की कार्ययोजना बनाई जा रही है। सागर जिले में इस परियोजना के तहत 2 हजार 994 करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार की गई है। जिसमें पहले से चल रही सिंचाई परियोजनाओं के साथ-साथ जिले के सभी 11 ब्लॉकों में नई सिंचाई परियोजनाओं, तालाब निर्माण, जलाशय निर्माण को भी शामिल किया गया है। 30 किमी दूर है नर्मदा केसली टड़ा के पास बरांझ नदी दक्षिण की तरफ नर्मदा नदी से मिलती है, जिसकी दूरी लगभग 30 किमी है। सुनार को बरांझ नदी से लिंक करके भी नर्मदा का पानी लाया जा सकता है। हालांकि जल संसाधन विभाग को सुनार व नर्मदा नदी जोडऩे के लिए सभी संभावनाओं पर काम करने के निर्देश दिए गए हैं। सुकून देती सुनार जलसंकट के इस दौर में जहां लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। वहीं रहली की सुनार नदी लबालब भरी है। जलसंकट को देखते हुए प्रदेश के पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव ने समनापुर स्थित बांध के गेट खुलवा दिए थे। जो 6 मार्च से 6 अप्रैल तक खुले रहे। नदी में पानी आने के बाद भोपाल स्थित लैब में इसका परीक्षण करवाया गया। जांच रिपोर्ट आने के बाद रहली में पानी की सप्लाई के लिए 13 अप्रैल को वॉटर प्लांट का भी शुभारंभ कर दिया गया है। फैक्ट फाइल नर्मदा नदी लंबाई     1,312 किमी मध्यप्रदेश में    1.077 किमी गुजरात में    161 किमी मप्र-महाराष्ट्र की सीमा पर    74 किमी मप्र के अमरकंटक, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, बरमान, होशंगाबाद, बड़वानी, ओंकालेश्वर, बड़वाह, महेश्वर और गुजरात के राजपिपला, धरमपुरी व भरूच शहर व आसपास से बहती है। सुनार नदी लंबाई 155 किमी सागर जिले के केसली, रहली-गढ़कोटा होते हुए दमोह जिले के हटा से कटनी के पास केन नदी में मिलती है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 29

MP को जल्द मिलेगा पहला फ्लोटिंग रोड, सफर बनेगा सुहाना ! रायसेन-सागर के बीच 9 किमी लंबा सेमी ऐलिवेटेड कॉरिडोर अंतिम चरण में

रायसेन मध्यप्रदेश के रायसेन में पहले फ्लोटिंग रोड के निर्माण को जल्द पूरा होने वाला है। ये बेगमगंज (रायसेन) से राहतगढ़ (सागर) को जोड़ने वाला मार्ग जल्द ही प्रदेश के प्रमुख मार्गों में गिना जाएगा, जहां 9 किमी लंबा सेमी ऐलिवेटेड कॉरिडोर बन रहा है। यह कॉरिडोर केवल सफर को आसान नहीं बनाएगा, बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक रोमांचक अनुभव लेकर आएगा। जंगलों और पहाड़ियों से घिरे इस क्षेत्र में अब सड़क यात्रा किसी टूरिस्ट डेस्टिनेशन से कम नहीं होगी।  डूब क्षेत्र में तकनीक का कमाल, 120 करोड़ की लागत से बन रहा फ्लोटिंग रोड मढ़िया बांध के कारण रायसेन-सागर रोड का एक हिस्सा डूब में आ रहा था। इसी समस्या को हल करने के लिए MPRDC (मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम) ने 120 करोड़ रुपए की लागत से फ्लोटिंग रोड और चार बड़े फ्लाईओवर का निर्माण शुरू किया। यह सेमी ऐलिवेटेड कॉरिडोर बांध के पानी के ऊपर से गुजरेगा, जिससे यात्रियों को एक अनोखा सफर मिलेगा और इलाके की कनेक्टिविटी भी बरकरार रहेगी। टूरिज्म को मिलेगा बड़ा बूस्ट, बनेगा नया सेल्फी प्वाइंट! राहतगढ़ पहले से ही अपने खूबसूरत झरने और प्राकृतिक नजारों के लिए प्रसिद्ध है। अब जब यह नई सड़क जंगल, पहाड़ियों और डैम के बीच से गुजरेगी, तो यह इलाका पर्यटन का नया केंद्र बन सकता है।  सेल्फी प्वाइंट और व्यूइंग डेक बनाने की योजना  पर्यटकों के लिए फूड कोर्ट और रेस्ट एरिया विकसित किए जाएंगे  स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे परियोजना से प्रभावित गांवों की स्थिति इस प्रोजेक्ट के चलते रायसेन जिले के 14 गांव पूरी तरह और 42 गांव आंशिक रूप से डूब क्षेत्र में आएंगे। प्रशासन ने प्रभावित ग्रामीणों के पुनर्वास और मुआवजे के लिए योजना बनाई है, जिससे किसी को नुकसान न हो। पर्यटन को मिलेगा नया जीवन राहतगढ़ का वॉटरफॉल पहले से ही इस क्षेत्र का बड़ा आकर्षण रहा है, जहां मानसून के दौरान हजारों पर्यटक पहुंचते हैं। अब जब यह नया कॉरिडोर जंगल, पहाड़ियों और डैम के पानी के बीच से होकर गुजरेगा, तो यह जगह और भी शानदार दिखेगी। यहां पर्यटकों के लिए सेल्फी प्वाइंट और अन्य सुविधाएं विकसित करने की भी योजना बनाई जा रही है। परियोजना के कारण क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। कॉरिडोर के आसपास पर्यटन केंद्र और व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ने की संभावना है, जिससे स्थानीय लोगों को फायदा होगा। डूब क्षेत्र में आने वाले गांवों की स्थिति इस परियोजना के कारण रायसेन जिले के 14 गांव पूरी तरह और 42 गांव आंशिक रूप से डूब क्षेत्र में आएंगे। इनमें चंदामाऊ और ककरुआ बरामद गढ़ी पूरी तरह से जलमग्न होंगे। हालांकि, प्रशासन ने प्रभावित किसानों और ग्रामीणों के लिए मुआवजा योजना तैयार की है, जिसका वितरण जल्द शुरू किया जाएगा। जल्द पूरा होगा निर्माण कार्य कॉरिडोर और लाई ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है। एमपीआरडीसी के जीएम सोनल सिन्हा के अनुसार, ठेकेदार को मई तक कार्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं और इसकी सतत समीक्षा हो रही है। प्रयास यही है कि बारिश से पहले कार्य पूरा हो जाए, जिससे आगामी मानसून में यह क्षेत्र पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार हो सके। बारिश से पहले पूरा होगा निर्माण, जल्द खुलेगा ट्रैफिक के लिए MPRDC के जीएम सोनल सिन्हा के अनुसार, ठेकेदार को मई 2025 तक निर्माण कार्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। कोशिश यह है कि मानसून से पहले यह शानदार सड़क चालू हो जाए, ताकि पर्यटक और स्थानीय लोग इसका पूरा लाभ उठा सकें। फ्लोटिंग रोड: सफर नहीं, एक अनोखा अनुभव! मध्यप्रदेश में यह अपनी तरह की पहली सड़क होगी, जहां सफर करते हुए लोग महसूस करेंगे कि वे पानी के ऊपर चल रहे हैं। यह सिर्फ एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि प्रदेश के पर्यटन और विकास की नई पहचान बनने जा रहा है। अब सफर सिर्फ मंजिल तक पहुंचने के लिए नहीं, बल्कि उसे जीने के लिए होगा! Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 32

थिएटर में विज्ञापन दिखाए जा सकते , लेकिन दर्शकों को उन्हें देखने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए: हाईकोर्ट

ग्वालियर  मध्य प्रदेश ग्वालियर खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान निर्देश दिया कि नियमों में संशोधन कर हर सिनेमा टिकट पर फिल्म का शो टाइम स्पष्ट रूप से अंकित किया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि थिएटर में विज्ञापन दिखाए जा सकते हैं, लेकिन दर्शकों को उन्हें देखने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के इस निर्देश के बाद अब दर्शकों को शो शुरू होने का सही समय पता चल सकेगा। इसके साथ ही सिनेमाघरों द्वारा जबरन दिखाए जा रहे विज्ञापनों से छुटकारा मिलेगा। फिल्म की जगह लंबे विज्ञापन दिखने पर उपभोक्ता आयोग ने PVR Cinemas को जिम्मेदार ठहराया पीवीआर सिनेमा के खिलाफ एक मामले में बैंगलोर जिला उपभोक्ता आयोग ने कहा कि घोषित समय पर फिल्म की स्क्रीनिंग शुरू नहीं करना और फिल्म की वास्तविक शुरुआत से पहले लगभग 25 मिनट तक कामर्शियल विज्ञापन दिखाना एक अनुचित व्यापार व्यवहार है। आयोग ने कहा “नए युग में समय को धन माना जाता है, प्रत्येक का समय बहुत कीमती होता है, किसी को भी दूसरों के समय और धन से लाभ प्राप्त करने का अधिकार नहीं है। 25-30 थियेटर में खाली बैठकर थियेटर जो भी टेलीकास्ट होता है उसे देखने के लिए कम नहीं है। व्यस्त लोगों के लिए अनावश्यक विज्ञापन देखना बहुत कठिन है," यह देखते हुए कि फिल्में देखना, जो अन्यथा लोगों को आराम करने में मदद करता है, शिकायतकर्ता के लिए तनावपूर्ण नहीं होना चाहिए था, आयोग ने पीवीआर सिनेमा को शिकायतकर्ता को उसके द्वारा किए गए नुकसान की भरपाई करने के लिए उत्तरदायी ठहराया। पूरा मामला: शिकायतकर्ता ने बेंगलुरु के पीवीआर सिनेमा में फिल्म 'सैम बहादुर' के तीन टिकट बुक किए और इसके लिए खुद और अपने परिवार ने 825.66 रुपये दिए। उन्होंने bookmyshow.com पर टिकट बुक किए थे। फिल्म शाम 4:05 बजे शुरू होने वाली थी और फिल्म की अवधि 2 घंटे 25 मिनट थी। शिकायतकर्ता ने फिल्म के समय के अनुसार अपना शेड्यूल तय किया ताकि वह उसी के अनुसार अपने काम की योजना बना सके। उन्हें शाम 6:30 बजे काम पर लौटना था, हालांकि, थिएटर में शाम 4:28 बजे शो शुरू होने के कारण यह संभव नहीं था। शिकायतकर्ता के अनुसार, फिल्मों के विज्ञापन और ट्रेलर काफी समय से स्क्रीन पर दिखाए गए थे और फिल्म अंततः शाम 4:30 बजे खेली गई थी, जबकि शिकायतकर्ता और उसका परिवार शाम 4:05 बजे से थिएटर में बैठे थे। इससे व्यथित होकर शिकायतकर्ता ने जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, बंगलौर का दरवाजा खटखटाया और पीवीआर सिनेमा (विपरीत पार्टी नंबर 1) और बिग ट्री एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड (विपरीत पार्टी नंबर 2) को टिकटों में उल्लिखित शो टाइम के बाद विज्ञापन चलाने से रोकने और रोकने का निर्देश देने की मांग की। शिकायतकर्ता के तर्क: शिकायतकर्ता के वकील ने प्रस्तुत किया कि शिकायतकर्ता को नुकसान का सामना करना पड़ा था जिसकी गणना पैसे के संदर्भ में नहीं की जा सकती है। यह दावा किया गया था कि ऐसे समय में फिल्म चलाना जो निर्धारित समय से परे था, विरोधी पक्षों द्वारा सेवा में कमी के बराबर था। यह कहते हुए कि इसने शिकायतकर्ता का कीमती समय बर्बाद किया, वकील ने तर्क दिया कि समय को दर्शकों को गलत तरीके से बताया गया था और टिकट के लिए भुगतान करने के बाद भी, शिकायतकर्ता का समय विज्ञापनों को चलाने में बर्बाद किया गया था, जिसके कारण वह निर्दिष्ट समय पर काम पर लौटने में सक्षम नहीं था। PVR Cinemas के तर्क: पीवीआर आइनॉक्स लिमिटेड (विपरीत पार्टी नंबर 3) के वकील ने कहा कि चूंकि यह मेनस्ट्रीम, गोल्ड क्लास सिनेमा और डायरेक्टर्स कट सहित विभिन्न प्रारूपों में फिल्म प्रदर्शन के व्यवसाय में लगी हुई है, इसलिए इसे विभिन्न मुद्दों के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए लघु फिल्मों और वृत्तचित्रों के रूप में कुछ लोक सेवा घोषणा (पीएसए) को प्रदर्शित करना होगा। यह प्रस्तुत किया गया था कि ये वीडियो तब दिखाए जाते हैं जब दर्शक शो शुरू होने से पहले थिएटर के अंदर बैठे होते हैं। इसके अलावा, पीवीआर सिनेमाज और पीवीआर आईनॉक्स लिमिटेड द्वारा यह इनकार किया गया था कि फिल्म का समय 2 घंटे और 25 मिनट था, जिसमें कहा गया था कि वास्तविक फिल्म का समय 2 घंटे और 30 मिनट था। वकील ने कहा कि इस अवधि के अनुसार, शिकायतकर्ता तार्किक रूप से इसे 6:30 बजे काम करने के लिए नहीं बना सकता था और इस प्रकार शिकायत खारिज करने योग्य थी। आयोग का निर्णय: आयोग ने पाया कि शिकायतकर्ता मुख्य रूप से थिएटर में 25 मिनट तक लगातार प्रसारित कामर्शियल विज्ञापनों से प्रभावित था। शिकायतकर्ता द्वारा पेश किए गए सबूतों के अवलोकन पर, यह देखा गया कि दिखाए गए 17 विज्ञापनों में से केवल दो ही दिशानिर्देशों के अनुसार सार्वजनिक सेवा घोषणाएं थीं। आयोग को इस सवाल का जवाब देना था कि क्या विज्ञापन की अवधि 25-30 मिनट के लिए आवश्यक थी या नहीं और क्या थिएटर प्रबंधन ने फिल्म शुरू होने से पहले सार्वजनिक सेवा जागरूकता प्रदर्शित करने के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय के दिशानिर्देशों का पालन किया था। आयोग ने कहा कि विरोधी पक्षों ने सरकार के आदेश का उल्लंघन किया है, जिसके अनुसार थिएटर केंद्र सरकार और राज्य सरकार की सार्वजनिक सेवा घोषणाओं और कल्याणकारी योजनाओं के 10 मिनट खेल सकते हैं। इसके अलावा, यह माना गया कि थिएटर मालिकों को टिकटों में उल्लिखित समय पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता थी और वर्तमान मामले में, फिल्म को शाम 4:05 बजे शुरू होना चाहिए था जैसा कि शिकायतकर्ता द्वारा खरीदे गए टिकटों में उल्लेख किया गया था। यह कहा गया था कि विज्ञापन थिएटर अधिकारियों द्वारा शाम 4:05 बजे से पहले प्रसारित किए जाने चाहिए थे, न कि उसके बाद। यह देखा गया कि कामर्शियल विज्ञापन प्रदर्शित करने के लिए निर्धारित समय से परे शो खेलना अन्यायपूर्ण और अनुचित है क्योंकि दर्शकों को शो शुरू होने से पहले लंबी अवधि के लिए विज्ञापन देखने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। आयोग ने आगे कहा कि शिकायतकर्ता ने इस मुद्दे को अच्छे कारण के साथ उठाया क्योंकि जिस दिन थिएटर में फिल्म दिखाई जानी थी, उस दिन कई लोगों को इसी मुद्दे का सामना करना पड़ा होगा। आयोग ने हालांकि कहा कि चूंकि … Read more

युवा कांग्रेस राष्ट्रीय सचिव ने छतरपुर में की बैठक

Youth Congress National Secretary held a meeting in Chhatarpur छतरपुर । युवा कांग्रेस ने 2028 के चुनाव की तैयारियों का आगाज कर दिया है। शनिवार शाम को छत्रसाल चौराहे स्थित राजीव भवन में युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव एवं मध्य प्रदेश सह प्रभारी प्रियंका पटेल ने जिला स्तरीय कार्यकर्ताओं के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में प्रियंका पटेल ने संगठन को मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने जिला अध्यक्ष को कमेटी का विस्तार करने के निर्देश दिए। साथ ही महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर भी बल दिया। प्रियंका पटेल ने कहा कि पंचायत से लेकर लोकसभा चुनाव तक युवा कांग्रेस पार्टी की रीढ़ की हड्डी है। उन्होंने कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि 2028 के चुनाव की तैयारियां अभी से ग्राउंड लेवल पर शुरू की जा रही हैं। बैठक में युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष लोकेंद्र वर्मा, विधानसभा अध्यक्ष पुष्पेंद्र कुशवाहा सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 120