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लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल हुआ पास, पक्ष में 288; विरोध में 232 वोट पड़े

नई दिल्ली बुधवार को देर रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने लोकसभा में सफलतापूर्वक वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 को पारित करा लिया। आज इसे राज्यसभा में पारित कराने के लिए पेश किया जाएगा। 543 सदस्यों वाले लोकसभा में बिल के पक्ष में 288 मत पड़े। वहीं, इसके विरोध में 233 वोट डाले गए। इसके बाद सदन ने दोनों ही बिल को मंजूरी दे दी। राज्यसभा की जहां तक बात है तो यहां कुल 236 सदस्य हैं। बिल को पास कराने के लिए डाले गए मतों में से सर्वाधिक मतों की आवश्यकता होगी। इन दिनों भाजपा यहां सबसे बड़ी पार्टी है। उसके पास कुल 98 सांसद हैं। एनडीए की जहां तक बात करें तो उसके पास 125 सांसद हैं। भाजपा के अलावा जेडीयू के 4, अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के 3 और टीडीपी के 2 सांसद शामिल हैं। नंबर गेम को देखते हुए एनडीए को इस सदन में भी इस बहुचर्चित संशोधन विधेयक को पारित कराने में कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए। ऐसा इसलिए भी क्योंकि एनडीए ने लोकसभा में एकजुटता दिखाया है। राज्यसभा में क्या है नंबर गेम? संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा की बात करें तो यहां सदन की मौजदा स्ट्रेंथ 236 सदस्यों की है. इसमें बीजेपी का संख्याबल 98 है. गठबंधन के लिहाज से देखें तो एनडीए के सदस्यों की संख्या 115 के करीब है. छह मनोनीत सदस्यों को भी जोड़ लें जो आमतौर पर सरकार के पक्ष में ही मतदान करते हैं तो नंबरगेम में एनडीए 121 तक पहुंच जा रहा है जो विधेयक पारित कराने के लिए जरूरी 119 से दो अधिक है. कांग्रेस के 27 और इंडिया ब्लॉक के अन्य घटक दलों के 58 सदस्य राज्यसभा में हैं. कुल मिलाकर विपक्ष के पास 85 सांसद हैं. वाईएसआर कांग्रेस के नौ, बीजेडी के सात और एआईएडीएमके के चार सदस्य राज्यसभा में हैं. छोटे दलों और निर्दलीय मिलाकर तीन सदस्य हैं जो न तो सत्ताधारी गठबंधन में हैं और ना ही विपक्षी गठबंधन में. किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त 2024 को ये बिल लोकसभा में पेश किया था, जिसे विपक्ष के हंगामे के बाद संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेज दिया गया था. जगदंबिका पाल की अगुवाई वाली जेपीसी की रिपोर्ट के बाद इससे संबंधित संशोधित बिल को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी थी. सत्तापक्ष का कहना है कि वक्फ संशोधन बिल के माध्यम से इसकी संपत्तियों से संबंधित विवादों के निपटारे का अधिकार मिलेगा. वक्फ की संपत्ति का बेहतर इस्तेमाल हो सकेगा और इससे मुस्लिम समाज की महिलाओं को भी मदद मिल सकेगी. बता दें कि इससे पहले वक्फ संशोधन बिल लोकसभा से पारित हो गया है. वक्फ संशोधन बिल पर लोकसभा में वोटिंग हुई, जिसमें 464 कुल वोटों में से 288 पक्ष में और 232 विरोध में रहे. लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पर 12 घंटे से ज्यादा समय तक बहस चली. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और विपक्ष के सांसदों ने अपने-अपने पक्ष रखे. अब यह विधेयक राज्यसभा में पेश किया जाएगा और फिर राष्ट्रपति के पास अप्रूवल के लिए भेजा जाएगा. इससे पहलो केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए सरकार के इस कदम को मुस्लिम विरोधी बताने के कई विपक्षी सदस्यों के दावों को खारिज करते हुए कहा कि इस विधेयक को मुसलमानों को बांटने वाला बताया जा रहा है, जबकि सरकार इसके जरिए शिया, सुन्नी समेत समुदाय के सभी वर्गों को एक साथ ला रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार तो देश में सबसे छोटे अल्पसंख्यक समुदाय पारसी को भी बचाने के लिए प्रयास कर रही है। रिजिजू ने कहा, ‘‘विपक्ष सरकार की आलोचना कर सकता है, लेकिन यह कहना कि हिंदुस्तान में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं है, सही नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं खुद अल्पसंख्यक हूं और कह सकता हूं कि भारत से ज्यादा अल्पसंख्यक कहीं सुरक्षित नहीं हैं। हर अल्पसंख्यक समुदाय शान से इस देश में जीवन जीता है।’’ उन्होंने विपक्षी सदस्यों को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘‘सदन में इस तरह देश को बदनाम करना….आने वाली पीढ़ियां आपको माफ नहीं करेंगी।’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विधेयक के पारित होने के बाद देश के करोड़ों मुसलमान प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देंगे। रिजिजू के जवाब के बाद सदन ने अनेक विपक्षी सदस्यों के संशोधनों को खारिज करते हुए 232 के मुकाबले 288 मतों से वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को पारित किया। सदन ने मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 को भी ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल भाजपा के सहयोगी दलों जदयू, तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), जनसेना और जनता दल (सेक्यूलर) ने वक्फ (संशोधन) विधेयक का समर्थन किया। झारखंड में भाजपा की सहयोगी आजसू ने भी विधेयक का समर्थन किया। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक एवं अन्य विपक्षी दलों ने विधेयक को असंवैधानिक और मुसलमानों की जमीन हड़पने वाला बताते हुए इसका कड़ा विरोध किया। ऐसे में ये भी सवाल हैं कि क्या एक बिल से मोदी सरकार ने देश में धर्मनिरपेक्षता की राजनीति का गणित बदल दिया? क्या एक बिल से मोदी सरकार ने दिखाया कि मुस्लिमों को डराकर वोट की सियासत नहीं चलेगी? क्या एक बिल ने बता दिया कि मुस्लिमों के हित में बदलाव का मतलब सेक्युरिज्म का विरोध नहीं होता? क्या सरकार ने दिखा दिया कि सीटें घटने से संसद में आक्रामक फैसले लेने की गति नहीं घटी है? क्या वक्फ बिल पर मुहर के साथ अब देश में सियासत की नई सेक्युलरिज्म देखी जाएगी? फैसला लेने में पीएम मोदी का कोई सानी नहीं विपक्ष को ये लगता रहा होगा कि बिहार में नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू के सांसदों के भरोसे चलती सरकार वक्फ पर फैसला लेने में हिचकिचाएगी, लेकिन 240 सीट के साथ भी संसद में बीजेपी वैसी ही दिखी जैसे 303 सीट के साथ रही थी. 2019 में जब मोदी सरकार दूसरी बार सत्ता में आई तो 6 महीने के भीतर सरकार ने तीन तलाक, आर्टिकल 370 से आजादी और CAA कानून तीनों को पास करा दिया. तब बीजेपी के पास अपने दम पर 303 सीट का बहुमत था. अबकी बार जब … Read more

रामनवमी पर घर बैठे होंगे रामलला के दर्शन, जियो हॉटस्टार पर आएगा LIVE

अयोध्‍या रामनवमी पर अगर घर बैठे अयोध्‍या में विराजमान रामलला के दर्शन हो जाएं तो कैसा रहेगा! करोड़ों भारतीयों की यह मुराद OTT पर पूरी होने वाली है। जी हां, 6 अप्रैल 2025 को सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक अयोध्‍या राम मंदिर से रामनवमी के उत्‍सव का LIVE टेलीकास्‍ट होने वाला है। यानी आप घर बैठे, परिवार के साथ बिना अयोध्‍या गए, रामलला के दर्शन कर सकते हैं। देश के दिग्‍गज ओटीटी प्‍लेटफॉर्म 'जियो हॉटस्टार' इस LIVE स्ट्रीमिंग के अनुभव को खास बनाने की तैयारी में है। इससे पहले महाशिवरात्रि के मौके पर भी 12 ज्‍योतिर्लिंगों से आरती को लाइव स्‍ट्रीम किया गया था। जबकि अहमदाबाद में कोल्डप्ले के 'म्यूज‍िक ऑफ द स्फीयर्स' की भी लाइवस्ट्रीम हुई थी। 6 अप्रैल को सुबह 8 बजे से होगा LIVE प्रसारण JioHotstar ने घोषणा की है कि 6 अप्रैल को सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक अयोध्या से एक स्‍पेशल लाइव स्ट्रीम के जरिए दर्शकों के लिए राम नवमी का उत्सव मनाया जाएगा। खास बात यह कि इस समारोह में LIVE स्‍ट्रीमिंग के साथ महानायक अमिताभ बच्चन राम कथा की प्रेरक कहानियां भी सुनाएंगे। अमिताभ बच्‍चन सुनाएंगे भगवान राम की कहानियां रामनवमी पर अमिताभ बच्चन भगवान राम के मूल्यों पर कालातीत ज्ञान और विचार शेयर करेंगे। ओटीटी प्‍लेटफॉर्म का कहना है कि यह हमारी सांस्कृतिक विरासत का उत्सव है। इसमें भगवान राम के जन्म, उनकी जीवन यात्रा, रामायण के सात कांडों को दर्शाया जाएगा, और यह सब राम जन्मभूमि से लाइव स्ट्रीमिंग के दौरान होगा। पूजा, भद्राचलम, पंचवटी, चित्रकूट और आरती भी इतना ही नहीं, अमिताभ बच्चन इस दौरान बच्चों के साथ एक इंटरैक्टिव सत्र की मेजबानी भी करेंगे, जिसमें कांडों की चुनिंदा कहानियों और दोहों को वह अपने अंदाज में बताएंगे। लाइव स्‍ट्रीमिंग में अयोध्या में की जाने वाली विशेष पूजा से लेकर, मंदिरों में पवित्र अनुष्ठान, भद्राचलम, पंचवटी, चित्रकूट और आरती की स्‍ट्रीमिंग होगी। इसके अलावा कैलाश खेर और मालिनी अवस्थी जैसे प्रतिष्ठित कलाकारों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दिखाई जाएंगी। JioHotstar ने अपने बयान में कहा, 'रामनवमी हमारे देश में एक बहुत ही पूजनीय अवसर है। देश के हर कोने में लाखों लोगों तक इसके पवित्र उत्सव को लाने के लिए हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं। महानायक अमिताभ बच्चन द्वारा भगवान राम की यात्रा का वर्णन इस अनुभव को यादगार बना देगा। अमिताभ बच्‍चन बोले- यह जीवनभर का सम्मान है दूसरी ओर, अमिताभ बच्चन ने कहा, 'ऐसे पवित्र अवसर का हिस्सा बनना जीवनभर का सम्मान है। रामनवमी एक त्योहार से कहीं अधिक है। यह गहन चिंतन का क्षण है, धर्म, भक्ति और धार्मिकता के आदर्शों को अपनाने का समय है।' Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 8

घंटों रील्स देखने की है लत, सेहत के लिए कैसे बन रही है खतरनाक, डॉक्टर ने दी अंधेपन की चेतावनी

नई दिल्ली मानसिक स्वास्थ्य पर रील के प्रभाव के बारे में चिंताओं के बाद, डॉक्टर अब एक नए बढ़ते संकट के बारे में चेतावनी दे रहे हैं। अत्यधिक स्क्रीन टाइम, विशेष रूप से इंस्टाग्राम, टिकटॉक, फेसबुक और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रील देखने से सभी आयु समूहों में, विशेष रूप से बच्चों और युवा वयस्कों में आंखों से जुड़ी बीमारियों की वृद्धि हो रही है। यह बात एशिया पैसिफिक एकेडमी ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी और ऑल इंडिया ऑप्थल्मोलॉजिकल सोसाइटी की यशोभूमि – इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर, द्वारका, नई दिल्ली में चल रही संयुक्त बैठक के दौरान प्रमुख नेत्र रोग विशेषज्ञों द्वारा साझा की गई है। ड्राई आई सिंड्रोम क खतरा बढ़ा एशिया पैसिफिक एकेडमी ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी के कांग्रेस अध्यक्ष डॉक्टर ललित वर्मा ने अत्यधिक स्क्रीन एक्सपोजर के कारण होने वाली ‘डिजिटल आई स्ट्रेन की महामारी’ के खिलाफ कड़ी चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा, “हम ड्राई आई सिंड्रोम, मायोपिया प्रोग्रेस, आई स्ट्रेन और यहां तक ​​कि शुरुआती दौर में ही भेंगापन के मामलों में तेज वृद्धि देख रहे हैं, खासकर उन बच्चों में जो घंटों रील देखते रहते हैं।” “हाल ही में एक छात्र लगातार आंखों में जलन और धुंधली दृष्टि की शिकायत लेकर हमारे पास आया था। जांच के बाद, हमने पाया कि घर पर लंबे समय तक मोबाइल पर रील देखने के कारण उसकी आंखों में पर्याप्त आंसू नहीं आ रहे थे। उसे तुरंत आई ड्रॉप दी गई और 20-20-20 नियम का पालन करने की सलाह दी गई। इस नियम में हर 20 मिनट में 20 सेकंड का ब्रेक लेकर 20 फीट दूर किसी चीज को देखना होता है। आयोजन समिति के अध्यक्ष और अखिल भारतीय नेत्र रोग सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. हरबंश लाल ने इस मुद्दे की गंभीरता को समझाया, “छोटी, आकर्षक रीलें लंबे समय तक ध्यान खींचने और बनाए रखने के लिए डिज़ाइन की गई हैं। हालांकि, लगातार स्क्रीन पर ध्यान केंद्रित करने से पलकें झपकने की दर 50% कम हो जाती है, जिससे ड्राई आई सिंड्रोम और एकोमोडेशन स्पाज़्म (निकट और दूर की वस्तुओं के बीच फ़ोकस बदलने में कठिनाई) की समस्या हो सकती है। विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि अगर यह आदत अनियंत्रित रूप से जारी रहती है, तो इससे दीर्घकालिक दृष्टि संबंधी समस्याएं और यहां तक ​​कि स्थायी रूप से आंखों में तनाव हो सकता है। डॉ. हरबंश लाल ने आगे कहा कि “जो बच्चे रोजाना घंटों तक रील से चिपके रहते हैं, उनमें शुरुआती मायोपिया विकसित होने का जोखिम होता है, जो पहले से कहीं ज़्यादा तेज़ी से बढ़ रहा है। वयस्कों को भी नीली रोशनी के संपर्क में आने से अक्सर सिरदर्द, माइग्रेन और नींद संबंधी विकार का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, हाल के अध्ययनों के अनुसार 2050 तक दुनिया की 50% से ज़्यादा आबादी मायोपिक होगी, जो अंधेपन का सबसे आम कारण है। अब स्क्रीन टाइम बढ़ने के साथ हम 30 साल की उम्र तक चश्मे का नंबर में बदलाव देख रहे हैं, जो कुछ दशक पहले 21 साल था। अध्ययनों से पता चलता है कि बढ़ती संख्या में लोग, विशेष रूप से छात्र और कामकाजी पेशेवर, उच्च गति, दृष्टि उत्तेजक सामग्री के लंबे समय तक संपर्क के कारण डिजिटल आंखों के तनाव, स्क्विंटिंग और खराब दृष्टि से जूझ रहे हैं। डॉक्टर लगातार रील से जुड़े सामाजिक अलगाव, मानसिक थकान और संज्ञानात्मक अधिभार की एक परेशान करने वाली प्रवृत्ति को भी देखते हैं। AIOS के अध्यक्ष और वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. समर बसाक ने अत्यधिक स्क्रीन समय के सामाजिक और मनोवैज्ञानिक नुकसान पर प्रकाश डाला: “हम एक चिंताजनक पैटर्न देख रहे हैं जहां लोग रील में इतने लीन हो जाते हैं कि वे वास्तविक दुनिया की बातचीत को नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे पारिवारिक रिश्ते खराब हो जाते हैं और शिक्षा और काम पर ध्यान कम हो जाता है। AIOS के वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ और आने वाले अध्यक्ष डॉ. पार्थ बिस्वास ने कहा, “कृत्रिम प्रकाश व्यवस्था, तेजी से दृश्य परिवर्तन और लंबे समय तक निकट-फोकस गतिविधि का संयोजन आंखों को अत्यधिक उत्तेजित कर रहा है, जिससे एक ऐसी दिक्कत हो रही है जिसे हम ‘रील विजन सिंड्रोम’ कहते हैं। समय आ गया है कि हम इसे गंभीरता से लें, इससे पहले कि यह एक पूर्ण विकसित सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट बन जाए।” अत्यधिक रील देखने के प्रतिकूल प्रभावों से निपटने के लिए, नेत्र रोग विशेषज्ञ 20-20-20 नियम का पालन करने की सलाह देते हैं, जो कहता है कि हर 20 मिनट में 20 सेकंड का ब्रेक लें और 20 फीट दूर देखें। पलक झपकने की दर बढ़ाएं, स्क्रीन देखते समय अधिक बार पलकें झपकाने का सचेत प्रयास करें, स्क्रीन का समय कम करें और डिजिटल डिटॉक्स लें क्योंकि नियमित स्क्रीन ब्रेक निर्भरता को कम करने और दीर्घकालिक नुकसान को रोकने में मदद कर सकता है। अनियमित रील खपत के कारण नेत्र विकारों में वृद्धि के साथ, स्वास्थ्य विशेषज्ञ माता-पिता, शिक्षकों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं से तत्काल निवारक उपाय करने का आग्रह करते हैं। डॉ लाल चेतावनी देते हैं, “रील छोटी हो सकती है, लेकिन आंखों के स्वास्थ्य पर उनका प्रभाव जीवन भर रह सकता है।” “यह समय है कि हम दृष्टि खोने से पहले नियंत्रण करें। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश 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मध्यप्रदेश में ईवी खरीदने पर मोहन सरकार खास फायदा दे रही, पार्किंग की समस्या से मिलेगी निजात

भोपाल मध्यप्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) खरीदने पर प्रदेश की मोहन सरकार खास फायदा देने जा रही है. दरअसल, ईवी मालिकों को सरकार कार पार्किंग की विशेष सुविधा मुहैया कराएगी. ऐसे में भीड़भाड़ वाले इलाके व शहर के मार्केट में आम कारों की तुलना में ईवी पार्किंग आसान होगी और कार मालिकों को परेशान नहीं होना पड़ेगा ईवी पॉलिसी के जल्द जारी होंगे निर्देश राज्य सरकार का प्लान है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बाजारों की सार्वजनिक पार्किंग और रहवासी सोसायटियों में पार्किंग की अलग से व्यवस्था की जाएगी. इसके लिए नगरीय विकास व आवास विभाग जल्द ही नई ईवी पॉलिसी के तहत निर्देश करने जा रहा है. ईवी के लिए दी जा रहीं विशेष सुविधाएं प्रदेश में सार्वजनिक पार्किंग में फिलहाल महिलाओं और दिव्यांगों के वाहनों की अलग से व्यवस्था होती है. वहीं अब नगरीय विकास व आवास विभाग ईवी यानी इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए भी अलग से पार्किंग की व्यवस्था करेगा. ईवी पॉलिसी 2025 के तहत विभाग इसके लिए निर्देश जारी करने जा रहा है. विभाग के प्रमुख सचिव संजय शुक्ला के मुताबिक, '' ईवी पॉलिसी की अधिसूचना जारी हो चुकी है और अब जल्द ही नए निर्देश जारी किए जा रहे हैं. इसमें कई तरह के प्रावधान किए जाएंगे.'' नई ईवी पॉलिसी में ये प्रावधान     सड़क किनारे सार्वजनिक पार्किंग में ईवी के लिए 25 फीसदी पार्किंग रिजर्व की जाएगी.     बाजार, मॉल, कमर्शियल कॉम्पलेक्स आदि में इलेक्ट्रिक वाहनों की पार्किंग के लिए अलग से रिजर्व पार्किंग व्यवस्था की जाएगी.     रिजर्व स्थानों पर ईवी वाहनों के स्थान पर अन्य कोई वाहन खड़े नहीं किए जा सकेंगे.     आवासीय कॉलोनियों में भी ईवी वाहनों के लिए अलग से वाहन पार्किंग व्यवस्था की जाएगी.     सभी सरकारी दफ्तरों में भी ईवी वाहनों के लिए अलग से पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी. मध्य प्रदेश में ईवी को बढ़ावा देना मुख्य उद्देश्य राज्य सरकार फरवरी माह में नई ईवी पॉलिसी जारी कर चुकी है. इसमें प्रदेश में ईवी वाहनों को बढ़ावा देने के लिए हर 20 किलो मीटर पर चार्जिंग स्टेशन बनाने की तैयारी की जा रही है. वहीं ई व्हीकल खरीदने के लिए इलेक्ट्रिक कारों पर 25 हजार रुपए और दो पहिया ईवी वाहनों पर 5 हजार रुपए की छूट दिए जाने का ऐलान किया गया है. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 9

बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष में अब और देरी नहीं होगी, अप्रैल महीने में चेहरे से सस्पेंस खत्म हो जाएगा

नई दिल्ली  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संघ मुख्यालय के दौरे के बाद अब बीजेपी के नए राष्ट्रीय के ऐलान को काफी अहम माना जा रहा है। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष में अब और देरी नहीं होगी। अप्रैल महीने में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चेहरे से सस्पेंस खत्म हो जाएगा। संसद के बजट सत्र के बाद बीजेपी के संगठन चुनावों में तेजी की उम्मीद है। संसद का बजट सत्र 4 अप्रैल को खत्म हो रहा है। संघ के सूत्रों की मानें तो नए अध्यक्ष के चयन में संघ, पीएम मोदी और अमित शाह के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की भूमिका अहम हो सकती है। 2009 से 2013 तक बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे नितिन गडकरी अभी भी संघ नेतृत्व की गुडबुक में बने हुए हैं। नागपुर दौरे में नितिन गडकरी पूरे दौरे में फडणवीस के साथ पीएम और संघ नेताओं के साथ मौजूद रहे थे। कब हो सकता है ऐलान? बीजेपी ने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के ऐलान की यूं तो कई डेडलाइन निकल चुकी हैं। अप्रैल महीने में 6 अप्रैल को बीजेपी का स्थापना दिवस है लेकिन 6 अप्रैल तक ऐलान हो पाएगा। इसकी संभावना बेहद कम है। इसके बाद बीजेपी ने 18 अप्रैल को राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद (BJP National Executive Council Meet) की बैठक रखी है। इस बैठक में नए अध्यक्ष का ऐलान हो सकता है। अगर कुछ देरी होती है तो भी अप्रैल में जेपी नड्‌डा के उत्तराधिकारी का ऐलान हो जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी में कहा गया है कि अगले कुछ दिनों में संगठन चुनाव पूरा हो जाएगा। 13 राज्यों में अध्यक्षों का ऐलान हो चुका है। 19 राज्यों में ऐलान बाकी है। राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए 19 राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होना जरूरी है। कैसे नड्‌डा बने थे अध्यक्ष? 2019 में अमित शाह के गृह मंत्री बनने के बाद जेपी नड्‌डा बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष बने थे। छह महीने बाद 30 जनवरी 2020 को उन्हें सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था। नड्‌डा का कार्यकाल जनवरी 2023 में खत्म हो गया था, लेकिन लोकसभा चुनावों के लिए उन्हें जून, 2024 तक एक्सटेंशन दे दिया गया था। इसके बाद भी नड्‌डा एक्सटेंशन पर हैं। ऐसे में बतौर अध्यक्ष लंबी पारी खेल चुके हैं। नड्‌डा वर्तमान में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री भी हैं। नए अध्यक्ष की अगुवाई में 12 चुनाव सूत्रों का कहना है कि बीजेपी का जो भी नया अध्यक्ष होगा उसके सामने 2025 में बिहार, फिर 2026 में तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के साथ असम और केरल में मोर्चा संभालना होगा। इसके बाद 2027 में पांच राज्यों के चुनाव के साथ राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव भी होंगे। ऐसे में अगले तीन साल के कार्यकाल में कुल 12 अहम चुनाव होंगे। सूत्रों की मानें तो बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद की बैठक में बेंगलुरु में 18 अप्रैल से 20 अप्रैल तक प्रस्तावित है। राष्ट्रीय अध्यक्ष का ऐलान इसमें हो सकता है। अगर ये बैठक की तारीखें थोड़ी आगे भी खिसकती हैं तो भी अप्रैल के अंत तक बीजेपी को राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलने की पूरी संभावना है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 13

नक्सल गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए मध्य प्रदेश में एसआईए का गठन हुआ

भोपाल नक्सली गतिविधियों को रोकने, जांच व उनके विरुद्ध ऑपरेशन के लिए प्रदेश में स्टेट इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एसआईए) का गठन किया गया है। पुलिस मुख्यालय की सीआईडी शाखा के आईजी स्तर के अधिकारी को इसका प्रमुख बनाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि नक्सल प्रभावित अन्य राज्यों में भी इसी तरह की जांच एजेंसी बनाई गई है। यह केंद्र की नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) की तरह काम करेगी। एनआईए का गठन देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त लोगों पर कार्रवाई के लिए किया गया है। नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई में आएगी तेजी केंद्र सरकार के निर्देश पर महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में इसका गठन किया जा चुका है। नक्सलियों ने इन तीनों राज्यों को मिलाकर एक जोन (एमएमसी) बनाया हुआ है। एसआईए से इसमें नक्सलियों के विरुद्ध कार्रवाई में तेजी आएगी। बता दें, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च, 2026 तक देश से नक्सल समस्या पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य रखा है। एसआईए का गठन इसी दिशा में एक प्रयास है। इसका मुख्य काम नक्सलियों के नेटवर्क का पता लगाना है। साथ ही, एजेंसी के अन्य कार्य नक्सलियों को आर्थिक सहायता कहां से मिल रही है, नक्सलियों द्वारा उपयोग किए जा रहे हथियार उन तक कैसे पहुंच रहे हैं, नए नक्सलियों की भर्ती का तरीका, ग्रामीणों से संपर्क की रणनीति, बड़ी नक्सली घटनाओं की जांच से संबंधित रहेगा। मध्य प्रदेश एसआईए नक्सल गतिविधियों की रोकथाम में एनआईए का भी सहयोग लेगी। पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि एसआईए ने काम प्रारंभ कर दिया है। मध्य प्रदेश में सक्रिय हैं 65 से 70 नक्सली बता दें, मध्य प्रदेश में नक्सल प्रभावित बालाघाट, मंडला और डिंडौरी जिलों में 65 से 70 नक्सली सक्रिय हैं। इनमें लगभग आधी महिलाएं हैं। ये नक्सली मूल रूप से छत्तीसगढ़ या महाराष्ट्र के हैं। मध्य प्रदेश के मात्र तीन ही हैं। पुलिस का प्रयास है कि ये नक्सली या तो आत्मसमर्पण कर दें या उन्हें मार दिया जाए। नक्सली संगठन में नई भर्ती नहीं होने पाए, यह भी पुलिस की कोशिश है। 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने का संकल्प सीएम मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के संकल्प में मध्य प्रदेश महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य स्तर से लेकर जिला स्तर तक नक्सलियों पर लगातार नजर रखी जाए और निगरानी के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाए। सुरक्षा बलों को सीएम की बधाई मुख्यमंत्री ने हाल ही में बालाघाट में हुए पुलिस ऑपरेशन की सराहना की, जिसमें चार नक्सलियों को मार गिराया गया था और भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में नक्सलवाद को किसी भी कीमत पर पनपने नहीं दिया जाएगा और इसके खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे। सीएम ने इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की हालिया बैठक का भी जिक्र किया, जिसमें देश को 2026 तक नक्सल मुक्त बनाने की रणनीति पर चर्चा हुई थी। अब मध्य प्रदेश में नक्सलियों के लिए बचने का कोई रास्ता नहीं! सरकार पूरी ताकत से विकास और सुरक्षा पर काम कर रही है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 13

भोपालवासियों को बड़ी राहत मिलने वाली, जिले में बनेंगी 12 नई सड़कें, जाम की समास्या से मिलेगी निजात

भोपाल  एमपी के भोपाल शहर में लोगों को बड़ी राहत मिलने वाली है। जानकारी के लिए बता दें कि पीडब्ल्यूडी ने अपने बजट में नगर निगम के वार्डों की अंदरूनी सड़क को भी शामिल किया है। करीब 12 सड़कों के लिए पीडब्ल्यूडी ने प्रस्ताव तैयार किए हैं। इनका काम इसी माह शुरू किया जाएगा। पीडब्ल्यूडी ने करीब 50 करोड़ रुपए का बड़ा बजट इनके लिए तय किया है। शासन स्तर से ये राशि मंजूर कराई जाएगी। बजट में हैं नगर निगम की ये सड़कें शामिल 05 करोड़ रुपए बरखेड़ी फाटक से महामाई का बाग, शंकराचार्य नगर, पुष्पानगर, चांदबड़ की सड़कों के लिए 05 करोड़ रुपए अशोका गार्डन समेत वार्ड 69-70 के एप्रोच रोड के लिए 4.80 करोड़ रुपए वार्ड क्रमांक 26 बरखेड़ी खूर्द सीसी रोड 05 करोड़ रुपए चेतक ब्रिज से वार्ड 45 व 47 में गौतम नगर होते हुए रचना नगर अंडरब्रिज से सुभाष नगर विश्राम घाट तक रोड के लिए 14.75 करोड़ रुपए सलैया से बावडिया खुर्द तक वार्ड 52 की पर रोड 2.20 किमी लंबाई 3.79 करोड़ रुपए वार्ड 82-84 में दशहरा मैदान स्टेडियम से अमरनाथ कॉलोनी गेट तक सीसी रोड 1.20 किमी लंबाई 4.50 करोड़ रुपए में वार्ड 54-55 में आशिमा मॉल से कटारा रोड जाटखेड़ी से बाग मुगालिया क्षेत्र की सड़कें 3.18 करोड़ रुपए वार्ड 83 में गिरधर परिसर से श्यामाप्रसाद मुखर्जी कॉलेज निर्मलादेवी मार्ग कोलार रोड तक 1.80 करोड़ रुपए वार्ड 26 में रातीबड़ हनुमान मंदिर से जवाहर नवोदय विद्यालय Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 12