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जो खून बहना था वह बह गया, पैसे से लोगों की सोच बदलने गए मोदी : कांग्रेस नेता

जो खून बहना था वह बह गया, पैसे से लोगों की सोच बदलने गए मोदी : कांग्रेस नेता

The blood that was to be shed has been shed, Modi went to change people’s thinking with money: Congress leader नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 सितंबर को मणिपुर के दौरे पर हैं। यह उनका 2023 की जातीय हिंसा के बाद पहला दौरा है। इस यात्रा को राज्य में शांति और विकास को मजबूत करने के लिए अहम माना जा रहा है। पीएम मोदी ने चुराचांदपुर और इंफाल में कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया। वहीं इस दौरे को लेकर विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।कांग्रेस बोली-बहुत देर हो चुकी हैCongress leader Udit Raj ने बयान में पीएम मोदी के दौरे पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पहले ही कुकी और मैतेई दोनों समूह पीएम के खिलाफ विरोध जता रहे हैं और अब यह यात्रा ‘हीलिंग टचÓ नहीं मानी जाएगी। Congress leader Udit Raj का कहना है कि एक समय था जब पीएम जाकर बहुत कुछ कर सकते थे, लेकिन अब बहुत खून बह चुका है और सिर्फ 3 घंटे की यात्रा से कुछ नहीं होगा। वह भले ही कुछ परियोजनाओं की घोषणा करें लेकिन पैसों से लोगों की सोच नहीं बदली जा सकती। 2023 में भड़की थी जातीय हिंसाबता दें कि 2023 में मणिपुर में जातीय हिंसा भड़की थी, जिसमें कम से कम 260 लोगों की मौत हुई और हजारों लोग विस्थापित हुए थे। इसके बाद से ही राज्य में तनाव और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है. पीएम मोदी का यह दौरा लंबे समय से प्रतीक्षित था और इसे जनता और राजनीतिक दल दोनों करीब से देख रहे हैं। चुराचांदपुर और इंफाल ऐसे इलाके हैं, जहां हिंसा का असर सबसे ज्यादा रहा और अब यहां नए विकास कार्यों के जरिए माहौल को सामान्य करने की कोशिश की जा रही है। दौरे का महत्व और आगे की राहविशेषज्ञों का मानना है कि पीएम मोदी का यह दौरा मणिपुर में शांति और पुनर्निर्माण के लिए एक बड़ा संदेश है। यह सिर्फ परियोजनाओं का उद्घाटन नहीं बल्कि राज्य के लोगों को भरोसा दिलाने की कोशिश भी है. हालांकि विपक्ष इसे ‘बहुत देर से उठाया गया कदम बता रहा है। अब देखना होगा कि इस यात्रा से क्या सकारात्मक असर होता है और क्या यह मणिपुर में स्थायी शांति और विकास के नए रास्ते खोल पाएगी। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 29

सत्ता जातें हीं पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ को आईं कांग्रेस कि याद, किया कांग्रेस का सदस्य होने का दावा

सत्ता जातें हीं पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ को आईं कांग्रेस कि याद, किया कांग्रेस का सदस्य होने का दावा

As soon as the power went away, former Vice President Jagdish Dhankhar remembered Congress and claimed to be a member of Congress पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ एक बार फिर चर्चा में हैं। सरकारी बंगला खाली कर छतरपुर के निजी आवास में लौटना और साथ ही कांग्रेस के पूर्व विधायक के तौर पर पेंशन के लिए दोबारा आवेदन करना—ये दोनों खबरें अपने आप में गहरे राजनीतिक संकेत देती हैं। यह वही धनखड़ हैं, जो कभी सत्ता के शिखर पर बैठे थे। उपराष्ट्रपति जैसे गरिमामयी पद से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने सार्वजनिक मंचों से दूरी बना ली और अब अचानक निजी जीवन की ओर लौटते दिखाई देते हैं। सवाल उठता है कि क्या यह महज व्यक्तिगत निर्णय है, या फिर सत्ता से बाहर होते ही नेताओं की असलियत उजागर हो जाती है? पद पर रहते हुए नेता विशेषाधिकारों का भोग करते हैं—सरकारी बंगले, सुरक्षा, गाड़ियाँ और तमाम रुतबे के साथ। लेकिन सत्ता छूटते ही जब वही नेता आम नागरिक की तरह पेंशन के लिए आवेदन करते हैं, तो लोकतंत्र की हकीकत खुलकर सामने आ जाती है। धनखड़ का यह कदम एक आईना है—जो दिखाता है कि सत्ता अस्थायी है और नागरिक अधिकार स्थायी। लेकिन इस आईने में लोकतंत्र की खामियां भी झलकती हैं। जिन नेताओं के पास करोड़ों की संपत्ति होती है, वे भी जनता की गाढ़ी कमाई से मिलने वाली पेंशन पर आश्रित हो जाते हैं। राजनीतिक तौर पर यह सवाल और बड़ा है: क्या जनता उन्हें केवल सत्ता तक पहुंचाने का साधन भर है, या फिर नेताओं के जीवन का आधार भी? धनखड़ का यह पेंशन प्रकरण उसी राजनीति की परतें खोलता है, जिसमें पद पर रहते हुए नेता जनता से ऊपर दिखते हैं, और पद छूटते ही जनता जैसी कतार में खड़े हो जाते हैं। लोकतंत्र में यह असमानता असली चुनौती है। और शायद यही वजह है कि जनता नेताओं से सवाल पूछना चाहती है—सत्ता में रहते हुए आपने क्या किया, और सत्ता से बाहर होकर किसके सहारे खड़े हैं? Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 47

ऑनलाइन मनी गेम्स पर संसद की सख्ती: 3 साल की सजा और 1 करोड़ जुर्माना

Parliament’s strictness on online money games: 3 years imprisonment and 1 crore fine strictness online money games लोकसभा ने बुधवार को ऑनलाइन मनी गेम्स पर प्रतिबंध लगाने से जुड़े ‘ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025’ को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इस विधेयक का उद्देश्य ऑनलाइन गेम्स की लत, मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय धोखाधड़ी जैसी बढ़ती समस्याओं पर अंकुश लगाना है। क्या है विधेयक की खास बातें? strictness online money games किन गेम्स पर लगेगा प्रतिबंध? strictness online money gamesयह कानून सभी प्रकार के ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ गतिविधियों पर लागू होगा। इसमें शामिल हैं: संसद में विरोध और पारित होने की प्रक्रिया strictness online money gamesविपक्षी दलों ने इस विधेयक का विरोध किया, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संक्षिप्त टिप्पणी के बाद इसे सदन में प्रस्तुत किया। बहस के बाद इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। Read More: सरकारी स्कूल की किताबें कबाड़ी के पास कैसे पहुंचीं? ग्रामीणों ने पकड़ी गड़बड़ी, प्राचार्य कटघरे में आगे का रास्ताराज्यसभा से भी विधेयक पारित होने के बाद यह कानून लागू हो जाएगा। इसके बाद देशभर में ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर कड़ी कार्रवाई शुरू की जाएगी। लोकसभा ने ऑनलाइन मनी गेम्स पर प्रतिबंध लगाने वाला विधेयक पारित किया। अब जुआ, सट्टा, पोकर, रम्मी और फैंटेसी गेम्स अवैध होंगे। उल्लंघन पर 3 साल कैद और 1 करोड़ रुपये जुर्माना। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 49

छतरपुर का गौरव: धुबेला की ऐतिहासिक धरोहरें और महाराजा छत्रसाल की विरासत

छतरपुर का गौरव: धुबेला की ऐतिहासिक धरोहरें और महाराजा छत्रसाल की विरासत

Pride of Chhatarpur: Historical heritage of Dhubela and legacy of Maharaja Chhatrasal छतरपुर ! Maharaja Chhatrasal in Chhatarpur मध्यप्रदेश का छतरपुर जिला न केवल प्राकृतिक सौंदर्य बल्कि अपने गौरवशाली इतिहास के लिए भी जाना जाता है। यही वह भूमि है जहां वीर योद्धा महाराजा छत्रसाल ने मुगलों के खिलाफ संघर्ष कर बुंदेलखंड में स्वतंत्र राज्य की स्थापना की थी। उनकी राजधानी रहा धुबेला गांव, आज भी अतीत की कहानियां समेटे खड़ा है। बुंदेलखंड में छत्रसाल का साम्राज्य Maharaja Chhatrasal in Chhatarpur 17वीं शताब्दी में स्थापित धुबेला गांव, महाराजा छत्रसाल की वीरता, कला और प्रेम का साक्षी है। कहा जाता है कि छत्रसाल ने मुगल सम्राट औरंगजेब को परास्त कर अपना स्वतंत्र राज्य खड़ा किया था। यही कारण है कि बुंदेलखंड की धरती पर आज भी उनका नाम सम्मान के साथ लिया जाता है। Read more: कांग्रेस के शहरी और ग्रामीण अध्यक्ष ने रखा लक्ष्य, ग्राउंड जीरो तक पहुंचेगा संगठन अद्भुत धरोहरें और स्थापत्य कला धुबेला की ऐतिहासिक धरोहरें आज भी अपनी भव्यता से लोगों को आकर्षित करती हैं। इनमें छत्रसाल महल, रानी कमलापति स्मारक, मस्तानी महल, हृदय शाह महल और शीतल गढ़ी प्रमुख हैं। धुबेला का ऐतिहासिक महत्व Maharaja Chhatrasal in Chhatarpur इतिहासकार मानते हैं कि धुबेला केवल छत्रसाल की राजधानी ही नहीं, बल्कि उनकी कर्मभूमि भी थी। यहां की धरोहरें न केवल स्थापत्य की उत्कृष्टता दिखाती हैं, बल्कि बुंदेलखंड की संस्कृति और वीरता की गाथा भी सुनाती हैं। छतरपुर का धुबेला गांव आज भी पर्यटकों और इतिहास प्रेमियों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है। महाराजा छत्रसाल की गाथा, मस्तानी और बाजीराव की कहानी, तथा रानी कमलापति का स्मारक—ये सभी मिलकर बुंदेलखंड की पहचान को और भी मजबूत बनाते हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 53

एमपी भाजपा का नया बखेड़ा: ताजमहल नहीं ‘शिव मंदिर’ है — क्या इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने की साजिश है?

एमपी भाजपा का नया बखेड़ा: ताजमहल नहीं ‘शिव मंदिर’ है — क्या इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने की साजिश है?

MP BJP’s new controversy: It is not Taj Mahal but ‘Shiv Mandir’ – is it a conspiracy to distort history? भोपाल । Taj Mahal but ‘Shiv Mandir मध्यप्रदेश से BJP MLA Murli Bhanwra के एक हालिया बयान ने देशभर में एक नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। उन्होंने ऐतिहासिक ताजमहल को ‘तजोमहल’ बताते हुए उसे भगवान शिव का प्राचीन मंदिर करार दिया है। उनका कहना है कि ताजमहल में जलधारा बहती है जो शिवलिंग पर गिरती है, और यदि वैज्ञानिक जांच कराई जाए तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि यह एक शिवमंदिर है। लेकिन सवाल ये है — भाजपा बार-बार इतिहास को क्यों कटघरे में खड़ा करती है? क्या यह भारत की साझा संस्कृति और ऐतिहासिक धरोहरों पर हमला नहीं है? क्या ये बयान इतिहास को धार्मिक चश्मे से देखने की राजनीतिक कवायद है? मुरली भंवरा ने यह भी कहा कि “हमें गलत इतिहास पढ़ाया गया है।” मगर क्या अब भाजपा अपने ‘सही इतिहास’ की नई परिभाषा गढ़ने पर तुली है? Taj Mahal but ‘Shiv Mandir ताजमहल, जिसे दुनिया सात अजूबों में गिनती है और जिसे मुग़ल सम्राट शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज़ की याद में बनवाया था, अब बार-बार साजिशों और विवादों के घेरे में क्यों लाया जा रहा है? क्या ये देश को वास्तविक मुद्दों से भटकाने का एक और प्रयास है? इतिहासकारों और पुरातत्वविदों द्वारा इन दावों को पहले भी नकारा जा चुका है, लेकिन भाजपा के कुछ नेता बार-बार इन्हें हवा देते रहे हैं। यह मानसिकता केवल ध्रुवीकरण को बढ़ावा देती है और भारत की विविधता और सहिष्णुता को चोट पहुंचाती है। Read More: स्टाम्प शुल्क में बेतहाशा वृद्धि! जनता पर सरकार का नया बोझ, पटवारी ने CM को लिखा पत्र Taj Mahal but ‘Shiv Mandir क्या देश को अब विकास, बेरोजगारी और शिक्षा जैसे मुद्दों पर बात करनी चाहिए या फिर ताजमहल के नीचे शिवलिंग खोजने में अपनी ऊर्जा लगानी चाहिए? ऐसे बयान न केवल हमारी ऐतिहासिक समझ को धुंधला करते हैं, बल्कि यह भी दिखाते हैं कि कैसे सियासी एजेंडे के तहत इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है। अब वक्त है कि देश पूछे — क्या भाजपा की मानसिकता वाकई इतिहास को धार्मिक चश्मे से देखने की हो चुकी है? Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 104

VP Resignation पर राकेश टिकैत का तीखा वार: “धनखड़ को इस्तीफा नहीं दिया गया, दिलवाया गया”

VP Resignation पर राकेश टिकैत का तीखा वार: “धनखड़ को इस्तीफा नहीं दिया गया, दिलवाया गया”

Rakesh Tikait’s sharp attack on VP Resignation: “Dhankhar was not given resignation, he was made to resign” नई दिल्ली ! भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर बड़ा बयान दिया है। टिकैत का कहना है कि यह स्वेच्छा से दिया गया इस्तीफा नहीं, बल्कि ‘पूंजीपतियों की सरकार’ द्वारा लिया गया त्यागपत्र है। उन्होंने दावा किया कि जो भी सरकार के विरुद्ध, गांव-गरीब और किसान की बात करेगा, उसे व्यवस्था से बाहर कर दिया जाएगा। मंगलवार को अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए टिकैत ने कहा — “धनखड़ हमेशा गांव, गरीब और किसान की बात करते थे। ऐसी बात करने वाले इस सरकार में टिक नहीं सकते। इस सरकार में पूंजीपतियों की चलेगी, न कि किसानों की।” उन्होंने आगे कहा कि इस्तीफे से पहले कोई भी मेडिकल कारण या स्पष्ट राजनीतिक स्थिति सामने नहीं आई। “यह सीधा संकेत है कि सरकार अब पूरी तरह पूंजीपतियों के इशारे पर काम कर रही है। राजनीतिक दलों और संवैधानिक पदों पर भी अब नियंत्रण कर लिया गया है।” टिकैत ने भाजपा पर अप्रत्यक्ष हमला करते हुए कहा — “अब जो 50 साल से कम उम्र के लोग पार्टी में समझौते करेंगे, उन्हें दुष्यंत चौटाला बना दिया जाएगा, और जो उससे ऊपर होंगे, उन्हें सतपाल मलिक या फिर जगदीप धनखड़ जैसा बना दिया जाएगा।” “अबकी बार ढोल किसी और के दरवाजे पर बजेगा”इस लाइन के जरिए टिकैत ने आगामी राजनीतिक घटनाक्रमों की ओर इशारा करते हुए कहा कि अबकी बार परिणाम सत्ता पक्ष के अनुकूल नहीं होंगे। “गांव तक के लोग कह रहे हैं कि इस्तीफा लिया गया है। यानी जनता सब समझ रही है।” क्या यह लोकतंत्र बनाम कॉरपोरेट का संघर्ष है?टिकैत के इस बयान को केवल एक किसान नेता की टिप्पणी नहीं, बल्कि व्यापक राजनीतिक असंतोष की आवाज के रूप में देखा जा रहा है। यह उस विचारधारा का प्रतिनिधित्व करता है, जो सत्ता में किसानों और ग्रामीण भारत की भागीदारी कम होने पर सवाल उठा रही है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 46

विरोध का नया स्वर: OBC समागम व विपक्षी गठबंधन की रणनीति’

विरोध का नया स्वर: OBC समागम व विपक्षी गठबंधन की रणनीति’

New voice of protest: OBC Sammelan and the strategy of opposition INDIA alliance कांग्रेस द्वारा 25 जुलाई को आयोजित “OBC न्याय और भागीदारी सम्मेलन” केवल एक विपक्षी सभा नहीं, बल्कि उनको जातीय जनगणना और आरक्षण सीमा हटाने जैसे संवैधानिक मुद्दों पर नया मोर्चा खोलने की रणनीति है CM सिद्धारमैया ने ‘अहिन्दा मॉडल’ को राष्ट्रीय दृष्टिकोण के रूप में पेश करते हुए इसे सामाजिक न्याय की मिसाल बतायायह पूरी योजना कांग्रेस द्वारा पिछड़े वर्गों की राजनीतिक शक्ति को फिर से केंद्रित करने का स्पष्ट संकेत है। 19 जुलाई को हुई वर्चुअल बैठक में सीट बंटवारे, साझा घोषणा पत्र और आगामी चुनावी रणनीति जैसे विषयों पर विपक्षी दलों के बीच समन्वय की समीक्षा हुईबीजेपी के बढ़ते चुनावी दबाव को देखते हुए यह बैठकों का सिलसिला अब और तेज़ हो रहा है। इससे यह स्पष्ट हुआ कि दोनों ही दल विरोधी के बिल्कुल समान मुद्दे उठाते हुए जनता के बीच अलग-अलग प्रस्तुति दे रहे हैं। कांग्रेस ने OBC सम्मेलन को न सिर्फ नैरेटिव बदलने का जरिया बनाया है, बल्कि उससे आक्रामक विपक्षी रणनीति भी तैयार कर रही है।INDIA गठबंधन की बैठक इस दिशा में पहला ठोस कदम है, लेकिन इसके लिए राष्ट्रव्यापी समन्वय और स्पष्ट नेतृत्व की भी आवश्यकता है।बीजेपी और कांग्रेस के बीच की ‘कॉपिकैट’ रणनीतियों से स्पष्ट है कि आगामी चुनावी चर्चाएँ वस्तुनिष्ठ मुद्दों से हटकर प्रतीकात्मक राजनीति की ओर बढ़ रही हैं—जहां असली मुकाबला संवाद की न बजाय जुबानी प्रतिस्पर्धा की होगी। चुनौती और अवसर यदि विपक्ष की ये रणनीतियाँ स्थानीय जनभावनाओं से जुड़कर आगे बढ़ाईं गयीं, तो बीजेपी को न सिर्फ जवाबी मोर्चा बनाना पड़ेगा, बल्कि उसे नई राजनीतिक जोर जुटाना होगा।वहीं बीजेपी की जातिगत जनगणना अधिसूचना कांग्रेस की ओबीसी रणनीति को जबाव देने की सीधी कोशिश है—लेकिन देखना यह है कि कौन जनता को असली बदलाव का भरोसा दिला पाता है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 60