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क्या आपकी प्राइवेसी खतरे में है? सोशल मीडिया, सरकार और निगरानी की सच्चाई

क्या आपकी प्राइवेसी खतरे में है? सोशल मीडिया, सरकार और निगरानी की सच्चाई

Is your privacy at risk? The truth about social media, government and surveillance Is your privacy at risk आज हम एक ऐसे समय में जी रहे हैं जहाँ सूचना ही शक्ति है — लेकिन ये शक्ति अब आम नागरिकों के हाथ से निकलकर सरकारों, कॉर्पोरेशनों और डेटा एग्रीगेटिंग प्लेटफॉर्म्स के पास चली गई है। हमने अपनी मर्जी से, बिना कुछ समझे, सोशल मीडिया पर वह सब साझा कर दिया जो कभी सिर्फ घर की चारदीवारी में सुरक्षित था। फोटो, लोकेशन, पसंद-नापसंद, रिश्ते, विचार—हर चीज़ हमने पोस्ट की, लाइक की, शेयर की। शुरू में ये एक आज़ादी जैसी लगी, लेकिन यह आज़ादी धीरे-धीरे एक जाल में बदल गई। Is your privacy at risk जब हम अपनी निजी ज़िंदगी का डिजिटल खाका खुद ही खींच रहे थे, तब न सरकारें दिखती थीं और न ही राजनीतिक एजेंडा। पर जैसे ही यह डेटा बढ़ा, सरकारें चौकन्नी हुईं, निगरानी शुरू हुई और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने इसे मॉनेटाइज करना शुरू कर दिया। अब यह डेटा हमारे खिलाफ हथियार बन चुका है। Read more: भगवान बिरसा मुंडा की 125वीं पुण्यतिथि वेब स्टोरी आज का यथार्थ यही है कि सोशल मीडिया पर दी गई हर जानकारी का इस्तेमाल हमारी मानसिकता को प्रभावित करने, हमें उपभोक्ता में बदलने और कभी-कभी राजनीतिक टूल बनाने तक में हो रहा है। यह न केवल व्यक्ति की निजता, बल्कि लोकतंत्र की आत्मा के लिए भी खतरा है। हमें यह समझना होगा कि Is your privacy at risk प्राइवेसी कोई सुविधा नहीं, बल्कि एक मूलभूत अधिकार है। जब तक हम इसके महत्व को नहीं समझेंगे, तब तक हम और हमारा समाज लगातार नियंत्रण में आता जाएगा। हमें खुद तय करना होगा कि हम तकनीक का इस्तेमाल करेंगे या तकनीक हमारा इस्तेमाल करेगी। प्राइवेसी ही पावर है। यही वह शक्ति है जो हमें सवाल पूछने, सोचने और चुनने की आज़ादी देती है। इसे समझना, इसकी रक्षा करना आज पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गया है। यदि आप इस विषय में जागरूकता फैलाना चाहते हैं, तो इस लेख को अधिक से अधिक साझा करें — क्योंकि सोच तभी बचेगी जब निजता बचेगी। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 37

ऑनलाइन गेमिंग के जाल में फंसते युवा: कर्ज, लत और तबाही की ओर ले जाते ऐप्स, सरकार की चुप्पी चिंता का कारण

ऑनलाइन गेमिंग के जाल में फंसते युवा: कर्ज, लत और तबाही की ओर ले जाते ऐप्स, सरकार की चुप्पी चिंता का कारण

Youth getting caught in the trap of online gaming: Apps leading to debt, addiction and destruction, government’s silence is a cause of concern नई दिल्ली ! online gaming a government’s silence देश में ऑनलाइन फैंटेसी गेमिंग और ऑनलाइन गैंबलिंग प्लेटफॉर्म्स का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है, और इसके चपेट में लाखों युवा आ चुके हैं। जल्दी अमीर बनने का सपना, उन्हें एक ऐसे रास्ते पर धकेल रहा है जहाँ लत, कर्ज और कई बार आत्महत्या जैसे खतरनाक परिणाम सामने आ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कई मामलों में सामने आया है कि युवा बार-बार इन ऐप्स पर पैसा लगाते हैं, हारते हैं, कर्ज लेते हैं और अंततः मानसिक अवसाद में चले जाते हैं। कई युवाओं ने तो कर्ज के बोझ तले आत्महत्या जैसा खौफनाक कदम तक उठा लिया है। सरकार की नीतियों पर उठते सवाल online gaming a government’s silence प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने डिजिटल इंडिया”, “स्टार्टअप इंडिया”, और “मेक इन इंडिया जैसे अभियानों से युवाओं को नए भारत का सपना दिखाया था, लेकिन हकीकत यह है कि न नई नौकरियों का ठोस रोडमैप सामने आया, न तकनीकी शिक्षा को लेकर ठोस सुधार। सरकार की ओर से इन ऑनलाइन गेमिंग और गैंबलिंग प्लेटफॉर्म्स को अप्रत्यक्ष रूप से मान्यता मिलने और इन पर किसी भी स्पष्ट नियमन की कमी से हालात और खराब हो रहे हैं। क्या चाहिए ठोस नीति और सख्त नियंत्रण online gaming a government’s silence विशेषज्ञों और अभिभावकों का कहना है कि इन ऐप्स को लेकर स्पष्ट और सख्त कानून बनाए जाने चाहिए, ताकि युवा इन लतों से दूर रहें और उनका भविष्य सुरक्षित हो।सवाल यह है कि जब युवाओं को इस देश का भविष्य कहा जाता है, तो फिर सरकार कब इन ऐप्स की लूट पर लगाम लगाएगी? Read More: कर्नल सोफिया केस में नया मोड़: मंत्री विजय शाह को एसआईटी भेजेगी नोटिस, जल्द होगी पूछताछ मुख्य बिंदु वित्तीय विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि सरकार ने शीघ्र ठोस क़दम नहीं उठाए, तो डिजिटल गैंबलिंग से जुड़ा सामाजिक-आर्थिक संकट और गहराएगा। उद्योग का आकार जितना बड़ा होगा, उतना ही मुश्किल होगा इसे नियंत्रित करना। निष्कर्ष: तेज़ टेक्नोलॉजी और सुस्त नीति के बीच फँसते युवाओं को बचाने के लिए कई मंत्रालयों की समन्वित रणनीति और सख़्त नियम अनिवार्य हैं। वरना “डिजिटल इंडिया” का सपना, कर्ज़ और लत की स्याही से धुँधला हो सकता है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 46

डिग्री मिलती है, नौकरी नहीं मोदी सरकार क्या सिर्फ सपना बेचती है?

डिग्री मिलती है, नौकरी नहीं मोदी सरकार क्या सिर्फ सपना बेचती है?

You get a degree, but not a job. Does the Modi government only sell dreams? नई दिल्ली। Modi government only sell dreams? देश के लाखों युवाओं के लिए इंजीनियरिंग एक समय में भविष्य की गारंटी थी। आज यही पढ़ाई एक बेरोजगारी का टिकट बनकर रह गई है। सवाल उठता है क्या मोदी सरकार को इसका अंदाज़ा है, या जानबूझकर नज़रअंदाज़ किया जा रहा है? पिछले दस वर्षों में IT सेक्टर की शुरुआती सैलरी में कोई ठोस वृद्धि नहीं हुई, जबकि महंगाई, फीस और रहन-सहन का खर्चा लगातार आसमान छूता रहा। एक इंजीनियर बनने के लिए छात्र 4 साल और लाखों रुपये खर्च करता है, और बदले में उसे मिलता है। 15-25 हज़ार की नौकरी, वो भी किस्मत से। मोदी सरकार, जिसने “डिजिटल इंडिया”, “स्टार्टअप इंडिया” और “मेक इन इंडिया” जैसे नारों से युवाओं को सपने दिखाए थे, अब उन्हीं युवाओं को बिना दिशा, बिना नीति और बिना सहारे के छोड़ चुकी है। न नई नौकरियों का ठोस रोडमैप, न तकनीकी शिक्षा को लेकर कोई नीति सुधार। जिस सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री को बीजेपी ने कभी अपनी राजनीतिक ताकत का आधार बनाया था, आज उसे उसके हाल पर छोड़ दिया गया है। मोदी सरकार के शासन में: IT सेक्टर में स्थिरता गायब हो गई है Modi government only sell dreams?निजी संस्थानों को बिना रेगुलेशन के लूट की छूट हैशिक्षा से लेकर रोजगार तक, हर जगह नीतिगत ठहराव और दिशाहीनता हैऔर सरकार केवल GDP के खोखले आंकड़ों से संतोष जता रही है किसका भला हो रहा है GDP से? Modi government only sell dreams?जब लाखों इंजीनियर बेरोजगार हैं, जब टेक्निकल डिग्रियां बेअसर हो चुकी हैं, जब कंपनियां सैलरी बढ़ाने को तैयार नहीं, तब यह ग्रोथ किसके लिए है? सरकार अगर युवाओं के भविष्य के प्रति गंभीर है तो उसे यह साफ़ करना होगाक्या इंजीनियरिंग अब भी भविष्य है, या ये सिर्फ़ बेरोजगारी की ट्रेनिंग है? अगर जवाब नहीं है, तो यह देश के करोड़ों परिवारों को साफ़-साफ़ बताया जाए।अगर जवाब हाँ है, तो उसकी नीति और गारंटी कहां है? आज देश का युवा पूछ रहा हैमोदी सरकार, जवाब दो। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 67

ऑपरेशन सिंदूर”: भाजपा का नया नाटक या संस्कृति के नाम पर स्त्री अस्मिता का अपमान?

ऑपरेशन सिंदूर”: भाजपा का नया नाटक या संस्कृति के नाम पर स्त्री अस्मिता का अपमान?

Operation Sindoor BJP drama or an insult to women’s identity in the name of culture? भोपाल ! Operation Sindoor BJP drama भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर प्रचार के नाम पर भारतीय संस्कृति को बाज़ार में उतार दिया है। इस बार टारगेट हैं देश की महिलाएं और मोहरा बना है सिंदूर। “ऑपरेशन सिंदूर” के नाम से भाजपा सांसदों और कार्यकर्ताओं द्वारा गली-गली घूमकर विवाहित महिलाओं को सिंदूर दान करने का जो अभियान चलाया जा रहा है, उसने न सिर्फ हिंदू परंपरा का मज़ाक उड़ाया है, बल्कि भारतीय नारी की गरिमा को भी बुरी तरह चोट पहुंचाई है। क्या अब सिंदूर भी प्रचार का सामान बन गया है? जो सिंदूर पति-पत्नी के प्रेम और विश्वास का प्रतीक होता है, उसे भाजपा ने चुनावी रथ का पहिया बना दिया है। सवाल ये है कि कोई पराया पुरुष, वह भी एक राजनेता, किसी महिला की मांग में सिंदूर क्यों लगाएगा? क्या यही संस्कृति है? भाजपा के इस कदम से साफ है कि पार्टी के लिए न भारतीय परंपरा मायने रखती है, न स्त्री की गरिमा उन्हें सिर्फ “वोटबैंक” चाहिए, चाहे वह सिंदूर से मिले या जुमलों से। Operation Sindoor BJP drama महिलाओं के प्रति अपराध और सिंदूर का पाखंड एडीआर की रिपोर्ट बताती है कि भाजपा के 54 मौजूदा सांसदों और विधायकों पर महिलाओं के खिलाफ गंभीर अपराधों के केस दर्ज हैं जिनमें यौन शोषण से लेकर उत्पीड़न तक शामिल हैं। और अब यही पार्टी अपने नेताओं से महिलाओं को सिंदूर दान करवाना चाहती है? यह कैसा दोगलापन है एक तरफ महिला सुरक्षा पर जीरो ज़िम्मेदारी और दूसरी तरफ नारी सम्मान का ढोंग? Operation Sindoor BJP drama Read More: सफल लोगों की 5 ऐसी आदतें हैं, जो हर काम में दिलाती है जीत राजनीति में संस्कृति का बाजारूकरण भाजपा जिस तरह हर धार्मिक प्रतीक को चुनावी ब्रांड बना रही है, वह न सिर्फ धर्म का अपमान है बल्कि जनता की समझदारी का भी अपमान है। आज सिंदूर, कल मंगलसूत्र, फिर सात फेरे क्या शादी की सारी परंपराएं अब भाजपा के प्रचार स्टेज की शोभा बनेंगी? क्या अब पतियों को भी सजग रहना होगा? लोग सोशल मीडिया पर व्यंग्य कर रहे हैं कि अब पतियों को अपनी लुगाइयों को भाजपा सांसदों से बचाना पड़ेगा, क्योंकि पार्टी ने सांसदों को आदेश दिया है कि वह 20 किलोमीटर रोज पैदल चलें और सिंदूर दान करें। यह बात हंसी की नहीं, चिंता की है। देश की महिलाओं को जब सिंदूर जैसे पवित्र प्रतीक के ज़रिए राजनीतिक औज़ार बनाया जाए, तो समाज को खड़ा होना ही होगा। ऑपरेशन सिंदूर असल में भाजपा की संस्कृति के नाम पर संवेदनाओं से खेलने की एक और कोशिश है। यह अभियान ना महिलाओं का सम्मान करता है, ना परंपरा का। यह केवल और केवल प्रचार की राजनीति है और जनता को अब इस राजनीतिक नौटंकी से सावधान रहने की जरूरत है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 95

ट्रेन में बिना टिकट: जानें जुर्माना, शिकायत और बचाव के तरीके

Travelling without ticket in train: Know the fines, complaints and prevention methods Travelling without ticket in train हम में से अधिकतर लोग कभी न कभी ट्रेन से यात्रा करते हैं। कई बार किसी कारणवश टिकट न बन पाने की स्थिति में हम घबरा जाते हैं — खासतौर पर जब TTE (ट्रेन टिकट एग्जामिनर) टिकट चेक करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिना टिकट यात्रा करना कानूनन गलत ज़रूर है, लेकिन इसके बावजूद भी TTE आपको गिरफ्तार नहीं कर सकता? दरअसल, हम में से बहुत कम लोगों को अपने अधिकारों की जानकारी होती है, जिसके कारण हम TTE या RPF (रेलवे सुरक्षा बल) द्वारा कही गई हर बात को सही मान लेते हैं। इसी भ्रम को दूर करने के लिए हम आज “जानिए अपने अधिकार” कॉलम में आपके सवालों के जवाब दे रहे हैं: सवाल-जवाब: क्या करें अगर आप ट्रेन में बिना टिकट पकड़े जाएं? Travelling without ticket in train सवाल 1: अगर मैं बिना टिकट यात्रा कर रहा हूं और TTE पकड़ ले, तो क्या वह मुझे गिरफ्तार कर सकता है?जवाब: नहीं, TTE आपको गिरफ्तार नहीं कर सकता। वह केवल जुर्माना वसूल सकता है। सवाल 2: क्या TTE मनमाना जुर्माना वसूल सकता है?जवाब: नहीं। जुर्माना निर्धारित नियमों के अनुसार तय होता है, जिसमें आपकी यात्रा की दूरी, क्लास और ट्रेन का प्रकार शामिल होता है। सवाल 3: अगर TTE ने अनुचित जुर्माना वसूला, तो क्या मैं शिकायत कर सकता हूं?जवाब: हां, आप 155210 पर SMS या 139 पर कॉल करके शिकायत कर सकते हैं। Read More: मध्यप्रदेश में मंजूरी के 4 दिन बाद तबादला नीति जारी: आधी रात के बाद आदेश; जिनकी परफॉर्मेंस खराब, उनको पहले बदलेंगे सवाल 4: अगर मैं जुर्माना देने से मना कर दूं तो क्या होगा?जवाब: आपको अगले स्टेशन पर ट्रेन से उतारा जा सकता है और मामला रेलवे कोर्ट में जा सकता है। आपको 1 माह की जेल या ₹500 जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। सवाल 5: क्या TTE मुझे सीधे रेलवे पुलिस को सौंप सकता है?जवाब: अगर आप सहयोग नहीं करते या जुर्माना नहीं भरते हैं, तभी TTE आपको रेलवे पुलिस (RPF) को सौंप सकता है। सवाल 6: क्या बिना टिकट यात्रा करने पर जेल हो सकती है?जवाब: सामान्य तौर पर यह सिविल अपराध है। अगर आप जुर्माना भर देते हैं, तो जेल नहीं होगी। सवाल 7: क्या मुझे ट्रेन से उतारा जा सकता है?जवाब: सामान्यतः नहीं, लेकिन विशेष परिस्थितियों में ऐसा हो सकता है। सवाल 8: क्या यह सिविल अपराध है या आपराधिक?जवाब: यह सिविल अपराध है। लेकिन पुलिस से मारपीट, उत्पात या कोर्ट का उल्लंघन करने पर यह आपराधिक बन सकता है। सवाल 9: क्या मुझे वकील की ज़रूरत हो सकती है?जवाब: सामान्य मामलों में नहीं। लेकिन अगर मामला कोर्ट तक पहुंच जाए या आप कानूनी सलाह लेना चाहें, तो वकील की मदद ले सकते हैं। यह जानकारी दूसरों के साथ भी साझा करें, ताकि वे भी अपने अधिकारों को जान सकें। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 96

महिला नेतृत्व पर सवाल: 143 महिला सांसद-विधायकों पर आपराधिक मामले, ADR रिपोर्ट का चौंकाने वाला खुलासा

महिला सशक्तिकरण के दौर में एक ओर जहाँ महिलाएं राजनीति में सशक्त उपस्थिति दर्ज करा रही हैं, वहीं एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की हालिया रिपोर्ट ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, देश में 512 महिला सांसदों और विधायकों में से 143 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से 78 पर हत्या और अपहरण जैसे गंभीर आरोप हैं। साथ ही इन नेताओं के पास औसतन ₹20.34 करोड़ की संपत्ति है। Shocking revelation of ADR report दलीय आधार पर आपराधिक मामले: Shocking revelation of ADR report Read more: जातीय जनगणना पर कांग्रेस का पलटवार, वेणुगोपाल बोले- अब पीएम मोदी की नींद हराम होगी देश के मुख्यमंत्रियों की औसत संपत्ति ₹52.59 करोड़ है — जो आम नागरिक की औसत सालाना आय (₹1.85 लाख) से कई गुना ज्यादा है। सभी राष्ट्रीय दलों को मिले कुल चंदे का 74.57% भाजपा को मिला — जिससे राजनीति में असमानता की एक और परत उजागर होती है। राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बेहद जरूरी है, लेकिन ADR की रिपोर्ट यह भी दिखाती है कि सिर्फ लिंग संतुलन नहीं, बल्कि नीतिगत और नैतिक स्तर पर भी सुधार जरूरी है। ऐसे में ज़रूरत है चुनाव प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही की — ताकि महिला सशक्तिकरण का सही मायनों में उद्देश्य पूरा हो सके। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 131

जातीय जनगणना पर कांग्रेस का पलटवार, वेणुगोपाल बोले- अब पीएम मोदी की नींद हराम होगी

Politics heated up caste census : कांग्रेस का पीएम मोदी को करारा जवाब Politics heated up caste census देश की राजनीति में इन दिनों जातीय जनगणना को लेकर चर्चाएं तेज़ हैं। शुक्रवार को केरल के तिरुवनंतपुरम में विझिनजाम बंदरगाह के उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा था। उनके इस बयान ने राजनीतिक पारा चढ़ा दिया है। अब कांग्रेस ने भी तीखा पलटवार किया है। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रधानमंत्री की टिप्पणी को लेकर कहा, “हम तो चैन की नींद सोएंगे, लेकिन आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नींद जरूर उड़ने वाली है। यह बयान सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि एक स्पष्ट संकेत है कि कांग्रेस जातीय जनगणना को लेकर अब आर-पार की लड़ाई के मूड में है। जातीय जनगणना और आरक्षण पर कांग्रेस की रणनीति (Politics heated up caste census) वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस अब केंद्र सरकार पर दबाव बनाएगी कि वह जल्द से जल्द जातीय जनगणना कराए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी अब आरक्षण की 50% सीमा को पार कर सामाजिक न्याय को और मज़बूत करने की मांग करेगी। उनका कहना है कि जैसे महिला आरक्षण विधेयक को सालों बाद लागू किया गया, वैसे ही जातीय जनगणना को और टालने की अनुमति नहीं दी जाएगी। “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि केंद्र सरकार इस मांग को गंभीरता से ले और समाज के वंचित वर्गों को उनके हक़ और हिस्से का पूरा प्रतिनिधित्व मिले,वेणुगोपाल ने कहा। राजनीतिक माहौल में नया मोड़ (Politics heated up caste census) प्रधानमंत्री और कांग्रेस के बीच यह बयानबाज़ी 2024 के आम चुनावों से पहले राजनीति के मैदान में एक नया मोड़ ला रही है। जातीय जनगणना एक ऐसा मुद्दा है जो न सिर्फ दलों के वोट बैंक को प्रभावित करता है, बल्कि सामाजिक न्याय की बहस को भी नई दिशा देता है। Read more: फिजिकल हेल्थ: गर्मी और दिल की बीमारियां – क्यों बढ़ रहा है हार्ट अटैक का खतरा और कैसे करें बचाव कांग्रेस का यह रुख साफ करता है कि वह अब इस मुद्दे पर पीछे हटने वाली नहीं है। आने वाले हफ्तों में संसद से लेकर सड़क तक इस मुद्दे पर हलचल तेज़ हो सकती है। जातीय जनगणना अब केवल एक आंकड़ों का मामला नहीं रह गया है, बल्कि यह सामाजिक समरसता, राजनीतिक रणनीति और सत्ता के संतुलन से जुड़ा बड़ा मुद्दा बन चुका है। देखना यह होगा कि इस बढ़ती बहस में जनता का समर्थन किसके साथ खड़ा होता है – सत्ता पक्ष के साथ या विपक्ष के संघर्ष के साथ। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 65