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बाबा साहब की मूर्ति लगाने का विरोध संघ समर्थक कर रहे हैंः गोविंद सिंह

बाबा साहब की मूर्ति लगाने का विरोध संघ समर्थक कर रहे हैंः गोविंद सिंह

Sangh supporters are opposing the installation of Baba Saheb’s statue: Govind Singh ग्वालियर। हाईकोर्ट परिसर में बाबा साहब अंबेडकर की मूर्ति लगाये जाने का विरोध आरएसएस के समर्थक लोग कर रहे है। जिस कारण प्रशासन द्वारा हाईकोर्ट परिसर से मूर्ति को हटा दिया गया। यह समस्त देश की जनता का अपमान है। कुछ अलग विचारधारा के लोगों ने संविधान की प्रतियां जलाई एवं अंबेडकर के पुतले जलाये। आज वही विचारधारा के लोग खुलेआम मूर्ति स्थापना का विरोध कर रहे है। कांग्रेस पार्टी इस कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा करती है। यह बात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहीं।डा. सिंह ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि हाईकोर्ट परिसर में बाबा साहब की प्रतिमा स्थापित किये जाने की प्रक्रिया पूरी तरह से न्यायालय की अनुमति और विधि सम्मत कार्रवाई के अनुरूप पूरी हो चुकी है। इसके बाबजूद यदि किसी विशेष मानसिकता या राजनीतिक दबाब में आकर यह प्रक्रिया रोकी गई है तो यह बेहद गंभीर और चिंताजनक विषय है। उन्होंने कहा कि संविधान की रक्षा के लिये हम सामाजिक जनजागरण और राजनीतिक आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार और हाईकोर्ट प्रशासन शीघ्र ही मूर्ति स्थापना की तारीख तय करें। पत्रकारवार्ता में राज्यसभा सांसद अशोक सिंह, विधायक डा. सतीश सिंह सिकरवार, विधायक साहब सिंह गुर्जर, डबरा विधायक सुरेश राजे, कांग्रेस जिलाध्यक्ष डा. देवेन्द्र शर्मा, प्रवक्ता राम पाण्डे भी उपस्थित थे। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 22

कैबिनेट से दूरी या दबाव? मंत्री विजय शाह की लगातार तीसरी अनुपस्थिति

कैबिनेट से दूरी या दबाव? मंत्री विजय शाह की लगातार तीसरी अनुपस्थिति

Distance from the cabinet or pressure? Minister Vijay Shah’s absence for the third time in a row भोपाल। मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह लगातार तीसरी बार कैबिनेट बैठक से अनुपस्थित रहे हैं। उनकी गैरमौजूदगी ऐसे समय में और भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, जब वे कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए गए विवादित बयान** को लेकर जांच के घेरे में हैं। कैबिनेट की इस अहम बैठक में एक बार फिर विजय शाह की कुर्सी खाली रहना राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री कार्यालय ने सभी मंत्रियों को बैठक के लिए स्पष्ट निर्देश दिए थे, बावजूद इसके शाह की लगातार अनुपस्थिति कई तरह के सवाल खड़े कर रही है। क्या है सोफिया कुरैशी विवाद? गौरतलब है कि कुछ समय पहले विजय शाह ने सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर एक टिप्पणी की थी, जिसे लेकर न केवल विपक्ष, बल्कि आम जनता और महिला संगठनों में भी नाराजगी देखी गई। इस मामले की जांच फिलहाल जारी है और यह अटकलें तेज हैं कि जांच की गंभीरता को देखते हुए शाह खुद को फिलहाल सार्वजनिक मंचों से दूर रख रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज विजय शाह मध्यप्रदेश के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं और पूर्व में वन मंत्री के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। लेकिन अब तीन बार लगातार कैबिनेट मीटिंग से नदारद रहना उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर भी अटकलें बढ़ा रहा है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि अगर जांच में कोई ठोस निष्कर्ष निकलता है, तो पार्टी नेतृत्व उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 57

कमलनाथ का भाजपा पर तीखा हमला: “सेना के सम्मान को राजनीतिक बयानबाज़ी से दूर रखें

कमलनाथ का भाजपा पर तीखा हमला: “सेना के सम्मान को राजनीतिक बयानबाज़ी से दूर रखें

Kamal Nath sharp attack on BJP: “Keep the honor of the army away from political rhetoric” छिंदवाड़ा। Kamal Nath sharp attack मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने गृहनगर छिंदवाड़ा में प्रेसवार्ता कर भाजपा पर तीखे शब्दों में हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता सेना के शौर्य को राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, जो न केवल असंवेदनशील है, बल्कि देश की सुरक्षा में लगे जवानों का भी अपमान है। सेना को राजनीति से दूर रखने की नसीहतकमलनाथ ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “हमारे वीर जवान अपनी जान की बाज़ी लगाकर देश की रक्षा करते हैं। उनके बलिदान को चुनावी भाषणों में घसीटना शर्मनाक है। सेना राजनीति से ऊपर है, और उसे वहीं रहने देना चाहिए। भाजपा को यह बात समझनी चाहिए।” भोपाल मेट्रो पर श्रेय की जंगपूर्व मुख्यमंत्री ने भोपाल मेट्रो परियोजना को लेकर भाजपा पर “झूठा श्रेय” लेने का आरोप भी लगाया। उन्होंने दावा किया कि इस परियोजना की नींव उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान ही रखी गई थी। “जब बाबूलाल गौर मुख्यमंत्री थे, मैंने दिल्ली जाकर 17 करोड़ रुपये सर्वे के लिए स्वीकृत करवाए थे। आज जब प्रोजेक्ट जमीन पर दिखने लगा है, तो भाजपा इसे अपनी उपलब्धि बताकर जनता को गुमराह कर रही है,” कमलनाथ ने कहा। Read More : सिरदर्द को न करें नजरअंदाज: ये संकेत हो सकते हैं किसी गंभीर बीमारी के महिला सुरक्षा पर सरकार को घेरामहिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर कमलनाथ ने राज्य सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि “महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार के पास कोई ठोस नीति नहीं है। मंचों और इवेंट्स में भाषण देने से हकीकत नहीं बदलती।” राजनीति में गरमा गया माहौलकमलनाथ के इस बयान से राज्य की राजनीति में एक बार फिर से गरमाहट आ गई है। भाजपा की तरफ़ से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन जानकार मानते हैं कि यह मुद्दा आने वाले दिनों में सियासी बहस का केंद्र बन सकता है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 35

सीधी में रातों-रात आदिवासी परिवार बेघर, कमलेश्वर पटेल ने जताया विरोध

सीधी में रातों-रात आदिवासी परिवार बेघर, कमलेश्वर पटेल ने जताया विरोध

Tribal family became homeless overnight in Sidhi, Kamleshwar Patel protested सीधी । Tribal family became homeless जिले के डैनीहा गांव में बुधवार-गुरुवार की रात प्रशासन द्वारा की गई अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से हाहाकार मच गया। इस कार्रवाई में लगभग 100 आदिवासी परिवारों के घर जमींदोज कर दिए गए, जिनमें ज़ालिम कोल, लखन कोल, मोहन कोल और मसाली कोल जैसे परिवार शामिल हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने उन्हें अपना सामान निकालने तक का वक्त नहीं दिया। पीड़ित परिवारों का दावा है कि वे पिछले 80 वर्षों से इस जमीन पर रह रहे थे। कार्रवाई के बाद अधिकांश परिवार खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हो गए, जबकि कुछ को अस्थायी आश्रय स्थल ‘रंग बसेरा’ में शरण दी गई है। कोर्ट के आदेश पर चली कार्रवाई Tribal family became homelessप्रशासन के मुताबिक यह कार्रवाई सिविल कोर्ट के आदेश पर की गई थी। जानकारी के अनुसार, मृगेंद्र सिंह नामक व्यक्ति ने करीब 20 वर्ष पहले अतिक्रमण हटाने की याचिका दायर की थी, जिस पर 2020 में निर्णय आया था। हाल ही में कोर्ट ने फिर से प्रशासन को अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए, जिसके बाद राजस्व विभाग की टीम ने यह कार्रवाई अंजाम दी। कमलेश्वर पटेल पहुंचे मौके पर, बताया अमानवीय Tribal family became homelessघटना की सूचना मिलते ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल गुरुवार-शुक्रवार की रात लगभग 12 बजे मौके पर पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और सीधी कलेक्टर को फोन कर पीड़ितों की व्यथा सुनाई।पटेल ने इस कार्रवाई को “अन्यायपूर्ण और अमानवीय” करार देते हुए कहा, Read More: ऑपरेशन सिंदूर”: भाजपा का नया नाटक या संस्कृति के नाम पर स्त्री अस्मिता का अपमान? “अगर अतिक्रमण हटाना आवश्यक था, तो पहले इन आदिवासी परिवारों के पुनर्वास की व्यवस्था की जानी चाहिए थी।” कलेक्टर बोले – पहले से जानकारी नहीं थीसीधी कलेक्टर ने सफाई दी कि उन्हें इस कार्रवाई की पूर्व जानकारी नहीं थी। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रशासन उचित कार्रवाई करेगा और प्रभावितों को राहत पहुंचाई जाएगी। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 35

ऑपरेशन सिंदूर”: भाजपा का नया नाटक या संस्कृति के नाम पर स्त्री अस्मिता का अपमान?

ऑपरेशन सिंदूर”: भाजपा का नया नाटक या संस्कृति के नाम पर स्त्री अस्मिता का अपमान?

Operation Sindoor BJP drama or an insult to women’s identity in the name of culture? भोपाल ! Operation Sindoor BJP drama भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर प्रचार के नाम पर भारतीय संस्कृति को बाज़ार में उतार दिया है। इस बार टारगेट हैं देश की महिलाएं और मोहरा बना है सिंदूर। “ऑपरेशन सिंदूर” के नाम से भाजपा सांसदों और कार्यकर्ताओं द्वारा गली-गली घूमकर विवाहित महिलाओं को सिंदूर दान करने का जो अभियान चलाया जा रहा है, उसने न सिर्फ हिंदू परंपरा का मज़ाक उड़ाया है, बल्कि भारतीय नारी की गरिमा को भी बुरी तरह चोट पहुंचाई है। क्या अब सिंदूर भी प्रचार का सामान बन गया है? जो सिंदूर पति-पत्नी के प्रेम और विश्वास का प्रतीक होता है, उसे भाजपा ने चुनावी रथ का पहिया बना दिया है। सवाल ये है कि कोई पराया पुरुष, वह भी एक राजनेता, किसी महिला की मांग में सिंदूर क्यों लगाएगा? क्या यही संस्कृति है? भाजपा के इस कदम से साफ है कि पार्टी के लिए न भारतीय परंपरा मायने रखती है, न स्त्री की गरिमा उन्हें सिर्फ “वोटबैंक” चाहिए, चाहे वह सिंदूर से मिले या जुमलों से। Operation Sindoor BJP drama महिलाओं के प्रति अपराध और सिंदूर का पाखंड एडीआर की रिपोर्ट बताती है कि भाजपा के 54 मौजूदा सांसदों और विधायकों पर महिलाओं के खिलाफ गंभीर अपराधों के केस दर्ज हैं जिनमें यौन शोषण से लेकर उत्पीड़न तक शामिल हैं। और अब यही पार्टी अपने नेताओं से महिलाओं को सिंदूर दान करवाना चाहती है? यह कैसा दोगलापन है एक तरफ महिला सुरक्षा पर जीरो ज़िम्मेदारी और दूसरी तरफ नारी सम्मान का ढोंग? Operation Sindoor BJP drama Read More: सफल लोगों की 5 ऐसी आदतें हैं, जो हर काम में दिलाती है जीत राजनीति में संस्कृति का बाजारूकरण भाजपा जिस तरह हर धार्मिक प्रतीक को चुनावी ब्रांड बना रही है, वह न सिर्फ धर्म का अपमान है बल्कि जनता की समझदारी का भी अपमान है। आज सिंदूर, कल मंगलसूत्र, फिर सात फेरे क्या शादी की सारी परंपराएं अब भाजपा के प्रचार स्टेज की शोभा बनेंगी? क्या अब पतियों को भी सजग रहना होगा? लोग सोशल मीडिया पर व्यंग्य कर रहे हैं कि अब पतियों को अपनी लुगाइयों को भाजपा सांसदों से बचाना पड़ेगा, क्योंकि पार्टी ने सांसदों को आदेश दिया है कि वह 20 किलोमीटर रोज पैदल चलें और सिंदूर दान करें। यह बात हंसी की नहीं, चिंता की है। देश की महिलाओं को जब सिंदूर जैसे पवित्र प्रतीक के ज़रिए राजनीतिक औज़ार बनाया जाए, तो समाज को खड़ा होना ही होगा। ऑपरेशन सिंदूर असल में भाजपा की संस्कृति के नाम पर संवेदनाओं से खेलने की एक और कोशिश है। यह अभियान ना महिलाओं का सम्मान करता है, ना परंपरा का। यह केवल और केवल प्रचार की राजनीति है और जनता को अब इस राजनीतिक नौटंकी से सावधान रहने की जरूरत है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 95

नागरिकता विवाद में राहुल गांधी को राहत: हाईकोर्ट ने याचिका खारिज की, केंद्र पर उठाए सवाल

Relief to Rahul Gandhi in citizenship dispute: High Court dismisses petition, raises questions on Centre लखनऊ। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की नागरिकता को चुनौती देने वाली याचिका को लखनऊ हाईकोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दिया। कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से अस्पष्ट जवाब दिए जाने पर नाराजगी जताई और कहा कि जब तक केंद्र कोई स्पष्ट स्थिति नहीं रखता, तब तक याचिका को लंबित रखने का कोई औचित्य नहीं है। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को अन्य कानूनी रास्ते अपनाने की स्वतंत्रता दी है। Relief to Rahul Gandhi in citizenship dispute यह मामला पिछले कुछ वर्षों से सुर्खियों में बना हुआ था, जिसमें राहुल गांधी पर ब्रिटेन की एक कंपनी के डायरेक्टर पद पर रहते हुए खुद को “ब्रिटिश नागरिक” बताने का आरोप लगाया गया था। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर, जो कर्नाटक के निवासी और भाजपा से जुड़े हैं, ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया कि यदि राहुल गांधी ने स्वयं को ब्रिटिश नागरिक बताया है, तो भारतीय नागरिकता कानून 1955 के अनुसार उनकी नागरिकता रद्द की जानी चाहिए और वे जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित किए जाएं। हाईकोर्ट की टिप्पणी और केंद्र की भूमिका कोर्ट की खंडपीठ जिसमें न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति राजीव सिंह शामिल थे, ने कहा कि केंद्र सरकार याचिकाकर्ता की शिकायत के निपटारे के लिए कोई समयसीमा नहीं दे पा रही है। ऐसे में याचिका पर विचार जारी रखना व्यर्थ होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता इस मामले में अन्य वैकल्पिक विधिक उपायों के लिए स्वतंत्र है। Read more : शासकीय ज्ञानोदय आवासीय विद्यालय :शिक्षकों की घोर लापरवाही से 93 छात्र विद्यालय से बाहर निकलने हुए मजबूर इससे पहले 21 अप्रैल को हुई सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि यह मामला राष्ट्रीय महत्व का है, और इसमें देरी नहीं की जा सकती। कोर्ट ने केंद्र से पूछा था कि क्या राहुल गांधी भारतीय नागरिक हैं या नहीं—और 10 दिन के भीतर स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। लेकिन 10 दिन की समयसीमा बीतने के बाद भी सरकार की ओर से ठोस जवाब नहीं आया। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सूर्यभान पांडेय ने कोर्ट में केंद्र की ओर से स्थिति रिपोर्ट पेश की थी, जिसे कोर्ट ने अपर्याप्त” बताया था। इसके बाद कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि केंद्र सरकार ही मामले की गंभीरता को नहीं समझ रही, तो कोर्ट के पास याचिका खारिज करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता। याचिकाकर्ता के आरोप क्या थे? याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया था कि राहुल गांधी ने वर्ष 2005-2006 में ब्रिटेन की एक कंपनी, ‘BackOps Limited’ में डायरेक्टर के रूप में खुद को “British citizen” बताया था। उन्होंने ब्रिटिश सरकार के 2022 के एक गोपनीय मेल का भी हवाला दिया और कहा कि राहुल गांधी की नागरिकता संदिग्ध है। याचिका में यह भी कहा गया कि यदि राहुल गांधी वास्तव में ब्रिटिश नागरिक रहे हैं या दोहरी नागरिकता रखते हैं, तो भारतीय कानून के अनुसार उन्हें संसद सदस्य बने रहने और चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं है। भारतीय नागरिकता अधिनियम की धारा 9(2) के तहत याचिकाकर्ता ने राहुल गांधी की नागरिकता को समाप्त करने की मांग की थी। पिछली सुनवाइयों का विवरण मामले की सुनवाई कई चरणों में हुई। 24 मार्च को कोर्ट ने राज्य सरकार को चार सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था, लेकिन सरकार ने आठ सप्ताह का समय मांगा। 19 दिसंबर 2024 को जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की बेंच ने केंद्र सरकार को यूके सरकार से संपर्क कर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया था। इसके बाद गृह मंत्रालय ने कोर्ट को सूचित किया कि उन्होंने ब्रिटिश सरकार को पत्र लिखा है और जांच जारी है। राहुल गांधी की ओर से चुप्पी Relief to Rahul Gandhi in citizenship dispute इस पूरे मामले के दौरान कोर्ट में राहुल गांधी की ओर से कोई अधिवक्ता उपस्थित नहीं हुआ, जिससे कई सवाल खड़े हुए। हालांकि, कांग्रेस पार्टी या राहुल गांधी की ओर से सार्वजनिक रूप से इस याचिका पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। इससे मामले की संवेदनशीलता और राजनीतिक प्रकृति और भी गहरी हो जाती है। क्या आगे की कार्रवाई होगी? हालांकि हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है, लेकिन यह मामला यहीं खत्म नहीं हुआ है। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि याचिकाकर्ता अन्य वैधानिक विकल्पों के लिए स्वतंत्र हैं। इसका अर्थ यह है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट या किसी अन्य मंच पर चुनौती के रूप में फिर से उठाया जा सकता है। राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर उठे सवाल और कोर्ट की टिप्पणी दोनों ही भारतीय राजनीति में संवेदनशील और अहम हैं। हाईकोर्ट ने फिलहाल याचिका खारिज कर एक स्पष्ट संकेत दिया है कि जब तक केंद्र खुद ठोस जानकारी नहीं देता, तब तक न्यायपालिका इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं दे सकती। अब देखना होगा कि क्या याचिकाकर्ता इस मामले को सुप्रीम कोर्ट लेकर जाते हैं या केंद्र सरकार इस पर कोई नई स्थिति स्पष्ट करती है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. 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जातीय जनगणना पर कांग्रेस का पलटवार, वेणुगोपाल बोले- अब पीएम मोदी की नींद हराम होगी

Politics heated up caste census : कांग्रेस का पीएम मोदी को करारा जवाब Politics heated up caste census देश की राजनीति में इन दिनों जातीय जनगणना को लेकर चर्चाएं तेज़ हैं। शुक्रवार को केरल के तिरुवनंतपुरम में विझिनजाम बंदरगाह के उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा था। उनके इस बयान ने राजनीतिक पारा चढ़ा दिया है। अब कांग्रेस ने भी तीखा पलटवार किया है। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रधानमंत्री की टिप्पणी को लेकर कहा, “हम तो चैन की नींद सोएंगे, लेकिन आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नींद जरूर उड़ने वाली है। यह बयान सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि एक स्पष्ट संकेत है कि कांग्रेस जातीय जनगणना को लेकर अब आर-पार की लड़ाई के मूड में है। जातीय जनगणना और आरक्षण पर कांग्रेस की रणनीति (Politics heated up caste census) वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस अब केंद्र सरकार पर दबाव बनाएगी कि वह जल्द से जल्द जातीय जनगणना कराए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी अब आरक्षण की 50% सीमा को पार कर सामाजिक न्याय को और मज़बूत करने की मांग करेगी। उनका कहना है कि जैसे महिला आरक्षण विधेयक को सालों बाद लागू किया गया, वैसे ही जातीय जनगणना को और टालने की अनुमति नहीं दी जाएगी। “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि केंद्र सरकार इस मांग को गंभीरता से ले और समाज के वंचित वर्गों को उनके हक़ और हिस्से का पूरा प्रतिनिधित्व मिले,वेणुगोपाल ने कहा। राजनीतिक माहौल में नया मोड़ (Politics heated up caste census) प्रधानमंत्री और कांग्रेस के बीच यह बयानबाज़ी 2024 के आम चुनावों से पहले राजनीति के मैदान में एक नया मोड़ ला रही है। जातीय जनगणना एक ऐसा मुद्दा है जो न सिर्फ दलों के वोट बैंक को प्रभावित करता है, बल्कि सामाजिक न्याय की बहस को भी नई दिशा देता है। Read more: फिजिकल हेल्थ: गर्मी और दिल की बीमारियां – क्यों बढ़ रहा है हार्ट अटैक का खतरा और कैसे करें बचाव कांग्रेस का यह रुख साफ करता है कि वह अब इस मुद्दे पर पीछे हटने वाली नहीं है। आने वाले हफ्तों में संसद से लेकर सड़क तक इस मुद्दे पर हलचल तेज़ हो सकती है। जातीय जनगणना अब केवल एक आंकड़ों का मामला नहीं रह गया है, बल्कि यह सामाजिक समरसता, राजनीतिक रणनीति और सत्ता के संतुलन से जुड़ा बड़ा मुद्दा बन चुका है। देखना यह होगा कि इस बढ़ती बहस में जनता का समर्थन किसके साथ खड़ा होता है – सत्ता पक्ष के साथ या विपक्ष के संघर्ष के साथ। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 65