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क्या पट्टा धारकों की सम्पत्ति का पट्टा रिन्यूअल करेंगे मुख्यमंत्री और भाजपा सरकार।

Will the Chief Minister and the BJP government renew the lease of the property of the lease holders? भोपाल। मप्र में अर्जून सिंह सरकार समय तथा दिग्विजय सिंह सरकार समय लाखों लोगों को देकर आशियाने के अधिकार वैधानिक रूप में दिए। दिग्विजय सिंह शासन काल में तो पति-पत्नी को संयुक्त रुप से दिया गया था। पट्टो का नवीनीकरण किया जाना है, पट्टों में नामांतरण किया जाना है क्योंकि मूल पट्टे धारक की मृत्यु होने पर उसके वारिसों के नाम चढ़ना है,,, पंरतु भाजपा सरकार जो मप्र में सन् 2003 से काबिज हैं उसके व्दारा इस बाबद प्रशासनिक अधिकारियों व्दारा तैयारी धरातल पर नहीं कि जा रही है। सन् 1980 और 1994 के समय दिये गये पट्टो की समयावधि 30साल की थी इस प्रकार 1980 के पट्टो की समयावधि 2010 में तो 1994 के 2024 में समाप्त हो चुकी है। डॉ मोहन यादव मुख्यमंत्री बताए क्या इन पट्टे धारकों को सरकार ध्यान देकर कानूनी मान्यता देगी। क्या कांग्रेस सरकार की सौगात समझकर भाजपा कदम नहीं उठा रही। क्या ये सब भारत के नागरिक नहीं है। लेखक  प्रमोद कुमार व्दिवेदी एड्वोकेट प्रवक्ता मप्र कांग्रेस कमेटी Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 39

मध्यप्रदेश शासन मोदी और अमित शाह के हवाले, सीएम मोहन बने कठपूतली, सभी नेताओं को किया दरकिनार

मध्य प्रदेश में जिला अध्यक्षों के नामों पर रायशुमारी लगभग पूरी होने को है। वहीं दिल्ली में भी संगठन पर्व को लेकर आज रविवार से दो दिवसीय बैठकों का दौर शुरू हो गया है। राष्ट्रीय स्तर पर हो रही इन बैठकों में राज्यवार संगठन चुनावों की प्रगति और स्थानीय परिस्थितियों के मुताबिक ही नीतिगत निर्णय लिए जाने हैं। माना जा रहा है कि इसी बैठक में जिला अध्यक्षों को लेकर नई गाइडलाइन तय की जा सकती है। वहीं इस बार जिला अध्यक्षों के रूप में कई महिला चेहरे भी कमान संभाल सकते हैं। बता दें कि दिल्ली बैठक में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद, प्रदेश चुनाव प्रभारी समेत प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय पर्यवेक्षक भी शामिल हुए हैं। दरअसल, संगठन में एक बड़ा तबका ऐसा है जो मांग कर रहा है कि जो 5 साल तक जिला अध्यक्ष पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं, उन जिला अध्यक्षों को रिपीट नहीं किया जाना चाहिए। उनका कहना है कि नए चेहरों को जिला अध्यक्ष होने का अवसर मिलना चाहिए। इधर कुछ जिलाध्यक्ष चाहते हैं कि कुछ व्यक्तियों को जिला अध्यक्ष के रूप में दोबारा मौका दिया जाना चाहिए। इस तबके का तर्क है कि ये वे चेहरे हैं, जिनके नेतृत्व में पार्टी को विधानसभा और लोकसभा चुनावों में बड़ी सफलता मिली है, उनका कार्यकाल निर्विवाद और उपलब्धियों भरा रहा है तो उन्हें दोबारा मौका मिलना चाहिए। जिला अध्यक्ष चुनाव को लेकर भाजपा दो तबकों में बंट गई है। वहीं मध्य प्रदेश के भाजपा नेताओं का कहना है कि इस मसले पर फिलहाल कोई स्पष्ट नीति नहीं हैं। उनका कहना है कि ये मसला अब राष्ट्रीय स्तर की बैठक में ही स्पष्ट होगा। नई नीति बनी तो नए चेहरे सामने आ सकते हैं या चुनावों में भाजपा की भारी सफलता का श्रेय लेने वालों को ही दोबारा मौका मिल सकता है। बता दें कि शनिवार तक प्रदेश के अधिकांश जिलों में जिलाध्यक्ष के लिए रायशुमारी की प्रक्रिया पूरी हो गई है। वहीं कई जिलों में रायशुमारी की गई, इसलिए दिनभर प्रदेश कार्यालय से लेकर भाजपा के जिला कार्यालयों में गहमागहमी का दौर बना रहा। जानकारी के मुताबिक 1 जनवरी से 3 जनवरी के बीच जिला अध्यक्षों के 3 नामों का अंतिम पैनल तैयार किया जाएगा। इसके बाद अंतिम नामों की फाइनल सूची लिफाफे में बंद कर केंद्रीय संगठन को भेज दी जाएगी। वहीं केंद्रीय संगठन 5 जनवरी के बाद इसे कभी भी जारी कर देगा। भाजपा की नई रणनीति के मुताबिक अब तक जो तय हुआ है उसके हिसाब से कोई भी जिलाध्यक्ष 60 साल से ज्यादा उम्र का नहीं होगा। वहीं लगभग 25 फीसदी जिलाध्यक्ष के पदों पर महिलाएं नजर आ सकती हैं। यानी कुल 60 जिलाध्यक्षों में से 15 जिलाध्यक्ष के रूप में महिलाओं को मौका मिल सकता है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 308

किसान खाद के लिए परेशान, लंदन में डायनासोर के अंडे देख रहे मोहन यादव, उमंग सिंगार

रीवा ! मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार 2 दिवसीय प्रवास पर रीवा आए. उमंग सिंघार ने राज निवास भवन में अयोजित पत्रकार वार्ता में केंद्र और प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा. नेता प्रतिपक्ष ने सिंगरौली जिले में बढ़ते प्रदूषण को लेकर चिंता व्यक्त की. इसके साथ ही उन्होंने खाद की समस्या पर भी प्रदेश सरकार को घेरा. प्रदेश के प्रशानिक अधिकारियों पर सवाल खड़े करते हुऐ उमंग सिंघार ने बड़ा बयान दे दिया. उन्होंने कहा कि यहां पर अधिकारी जिस प्रकार से भाजपा नेताओं की गुलामी कर रहे उन्हें तेल ले लेना चाहिए और भाजपा नेताओं के लगाना चाहिए. पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने केंद्र और प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला. नेता प्रतिपक्ष ने कहा, “सिंगरौली जिला देश के नक्शे में सबसे ज्यादा प्रदूषण वाला जिला बनता जा रहा है. सिंगरौली मध्य प्रदेश की ऊर्जाधानी कहलाता है. प्रदूषण के मामले में दिल्ली के बाद सिंगरौली दूसरे नंबर पर है. भविष्य में यह जगह वहां पर निवासरत लोगों के लिए बड़ी मुश्किल वाली जगह होगी. लगता है वहां पर सिर्फ खदाने ही रह जाएगी और लोगों को वहां से विस्थापित होना पड़ेगा. निजी कंपनियों की कोल माइंस ने वहां पर अपनी अपनी नीतियां बनाई है. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा, “वहां पर पुलिस और एसएएफ की बटालियन लगाकर लोगों के घर तोड़ दिए गए. ऐसा लगता है की मोहन यादव की सरकार दबाव में काम कर रही है. मुझे लगता है कि देश के अंदर मोदी के साथ अडानी सेफ है और प्रदेश के अंदर मोहन यादव के साथ अडानी सेफ है. झारखंड से कोल डस्ट सिंगरौली आती है. इसके बाद उसे कोयले में मिलाकर अन्य जगहों पर भेजा जाता है. इस तरह से कई प्रकार के घोटाले हैं, जो देखने को मिले हैं. इन सभी मुद्दों को विधानसभा में उठाने के साथ ही अगर पार्टी को जरुरत पड़ी, तो आने वाले समय में आंदोलन भी करेंगे.” नेता प्रतिपक्ष ने कहा, “रीवा जिले में 50% भी बोवनी नहीं हो पाई. किसानों को खाद नहीं मिली. इनके तो कृषि मंत्री को पता ही नहीं है कि खाद कौन देता है. सरकार पिछले 4 सालों से बहाना बना रही है कि रसिया यूक्रेन में युद्ध चल रहा है, लेकिन मैं सरकार से जानना चाहता हूं. भारत सरकार और मध्य प्रदेश सरकार ने कई बार चाइना, अमेरिका और मोरक्को सहित कई ऐसे देश है, जहां से खाद को इंपोर्ट किया, तो अब क्या दिक्कत है. क्या सरकार के पास पैसे नहीं है, किसानों के लिए, मुख्यमंत्री लंदन में घूम रहे थे, उसके पहले शिवराज गए थे, तब वह अमेरिका की सड़कों को चिकने गालों की तरह बता रहे थे. मोहन यादव लंदन में डायनासोर के अंडे देख रहे थे.” उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला पर निशाना साधते हुए नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि उप मुख्यमंत्री अस्पतालों के बातें करते हैं, लेकिन अस्पतालों की स्थिति ऐसी है की मरीजों को दवाईयां नहीं मिल पा रही है. प्रदेश के उपमुख्यमंत्री हैं, लेकिन अपने ही जिले में मरीजों को दवाई उपलब्ध नहीं कर पा रही है. उमंग सिंघार ने कहा कि अगर उपमुख्यमंत्री से प्रदेश नहीं संभल रहा तो वह अपना जिला ही संभाल ले. स्वास्थ्य विभाग में जो घोटाले चल रहे हैं, जांचों के नाम पर पूरे प्रदेश के अंदर 200 – 300 करोड़ रुपए ब्लड टेस्ट के नाम से जिन कंपनियों को कम दिया जा रहा है, क्या वह कंपनियां सही जांच कर रही है या फिर फर्जी तरीके से सेंपल के नाम पर उनसे पैसे निकाले जा रहे हैं. कई आधिकारी तो ऐसे हो गए है, जो भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की गुलाम हो गए है. ऐसे अधिकारी जो भारतीय जनता पार्टी के नाम से माला जप रहे हैं. इनके लिए कांग्रेस को एक अभियान शुरू करना पड़ेगा कि इन्हें एक तेल की सीसी दें. यह भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को तेल लगाएं. क्योंकि ये तो जानता के काम नहीं कर रहे. 16 दिसंबर को हम जन हितैसी मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने का प्रयास करेंगे. नेता प्रतिपक्ष के तीखे प्रहार पर पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा, “कांग्रेस के नेताओं को किसी भी मुद्दे में सरकार के बारे में बोलने का कोई अधिकार नहीं है. 2003 के पहले की स्थिति मध्य प्रदेश की जनता अब तक नहीं भूली है. मैंने भी देखा है, सब ने देखा है कि कैसे खाद के लिए किसानों को तीन से चार दिन तक लाईन में लगना पड़ता था और डंडे भी खाने पड़ते थे. अभी तो खबर बनती है, लाइट जाने की तब खबर बनती थी. सिगरौली के सड़क बन रही है. दुनिया की सर्वाधिक कृषि प्रगति दर अगर कहीं है, तो वह मध्य प्रदेश में है. कांग्रेस मुद्दा विहीन है कांग्रेस को जनता समझ भी चुकी है और जवाब भी दे चुकी है. बहुत जल्द हमारा प्रदेश और देश कांग्रेस मुक्त राष्ट्र होगा. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 49

5 हजार करोड़ का फिर कर्ज लेगी मोहन सरकार, 11 महीने में 40 हजार 500 करोड़ का लोन ले चुकी

Mohan government will again take a loan of Rs 5 thousand crores, has already taken a loan of Rs 40 thousand 500 crores in 11 months भोपाल। मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार एक बार फिर 5 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है। यह ऋण 26 नवंबर को ई ऑक्शन के जरिए स्टाक गिरवी रखकर लिया जाएगा। लोन की यह राशि दो अलग-अलग कर्ज के रूप में ली जा रही है, जो 2500-2500 करोड़ रुपए की है। 27 नवंबर को सरकार के खाते में लोन की यह रकम पहुंच जाएगी। जानकारी के मुताबिक मोहन सरकार की 20 साल के लिए 2500 करोड़ और 14 साल के लिए 2500 करोड़ लेने की तैयारी है। पिछले 11 महीने में सरकार 40 हजार 500 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है है। मध्यप्रदेश की जनता पर 3 लाख 90 हजार करोड़ का कर्ज का बोझ हो चुका है। राज्य सरकार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के माध्यम से यह कर्ज उठाएगी। इसके लिए सरकारी बांड या स्टॉक को गिरवी रखकर धनराशि जुटाई जाएगी। ई-ऑक्शन प्रक्रिया पूरी होने के बाद 27 नवंबर को यह रकम राज्य सरकार के खजाने में आ जाएगी। 11 महीने में 40,500 करोड़ का कर्ज सरकार के वित्तीय रिकॉर्ड पर नजर डालें तो यह इस साल का नया बड़ा कर्ज होगा। पिछले 11 महीनों में, राज्य सरकार ने 40,500 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। यह धनराशि राज्य की विकास योजनाओं और अन्य खर्चों के लिए इस्तेमाल की गई है। मध्य प्रदेश की जनता पर कर्ज का भार लगातार बढ़ता जा रहा है। वर्तमान में राज्य पर कुल कर्ज 3 लाख 90 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह राज्य की वित्तीय स्थिरता के लिए एक गंभीर मुद्दा है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 121

जंगली जानवरों के हमले से मौत पर दो किस्त में 25 लाख रुपये देगी MP सरकार

MP government will give Rs 25 lakh in two installments on death due to attack by wild animals भोपाल ! मध्य प्रदेश में वन्य जीव के हमले से किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होने पर आठ लाख रुपये के स्थान पर अब 25 लाख रुपये देने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। वन विभाग मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव की घोषणा के अनुसार जंगलों में वन्यप्राणी के हमले में मरने वाले व्यक्तियों को 25 लाख रुपये हर्जाना देने का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इसमें आर्थिक सहायता दो किस्त में दी जाएगी। वन्यप्राणी के हमले पर व्यक्ति की मृत्यु पर उसके स्वजन को तुरंत 10 लाख रुपये दिए जाएंगे। शेष 15 लाख रुपये की बैंक में एफडी की जाएगी। इसमें 10 लाख रुपये की एफडी पांच साल बाद और शेष पांच लाख रुपये की एफडी 10 साल बाद तोड़ी जाएगी। यह राशि मृतक के वारिसों को ब्याज सहित भुगतान की जाएगी। एक साल में करीब 40 मामले वर्तमान में वन विभाग के पास एक साल में जनहानि के करीब 40 मामले आते हैं, जिनमें मुआवजा देने के लिए करीब तीन करोड़ रुपयों का बजट रखा जाता है। यह प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में प्रस्तुत करने की तैयारी है। महाराष्ट्र में इसी तरह वन्यजीव के हमले से मृत्यु पर स्वजन को राशि दी जाती है। बता दें कि मप्र में वर्तमान में जनहानि पर मुआवजा राशि आठ लाख रुपये, उपचार पर हुआ व्यय तथा स्थाई अपंगता पर दो लाख रुपये दिए जाते हैं। वहीं महाराष्ट्र में वन्यप्राणी के हमले से जनहानि पर 25 लाख, छत्तीसगढ़ में छह लाख और उत्तर प्रदेश, राजस्थान व गुजरात में पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा दिया जाता है। पांच साल में 292 से अधिक लोगों की मौत मध्य प्रदेश में बाघ-तेंदुआ सहित अन्य मांसाहारी वन्यप्राणियों के जंगल से बाहर निकलकर नजदीक की बस्ती में पहुंचने की घटनाएं बढ़ रही हैं। इससे मानव-वन्यप्राणी द्वंद की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। पिछले पांच साल में वन्यप्राणियों के हमले में 292 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं वर्ष 2023-24 से अक्टूबर माह तक वन्यप्राणी के हमले से जनहानि, व्यक्ति के घायल होने और पशु हानि के प्रकरणों में 15 करोड़ तीन लाख रुपये की राशि पीड़ित परिवारों को क्षतिपूर्ति के रूप में भुगतान की जा चुकी है। मप्र से सटे राज्यों में अलग-अलग है मुआवजा राशि छत्तीसगढ़ : जनहानि पर छह लाख रुपये व स्थाई अपंगता पर कोई राशि देय नहीं है।उत्तर प्रदेश : जनहानि पर पांच लाख रुपये, स्थाई अपंगता पर चार लाख रुपये।राजस्थान : जनहानि पर पांच लाख रुपये, स्थाई अपंगता पर तीन लाख रुपये।गुजरात : जनहानि पर पांच लाख रुपये, स्थाई अपंगता पर दो लाख रुपये।महाराष्ट्र : जनहानि पर 25 लाख रुपये एवं स्थाई अपंगता पर साढ़े सात लाख रुपये। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 75

खाद संकट और नर्सिंग कॉलेज मुद्दे पर जीतू पटवारी ने मोहन सरकार को घेरा

Jitu Patwari cornered Mohan government on fertilizer crisis and nursing college issue भोपाल। मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस बीजेपी सरकार पर हमलावर हो गई है। खाद संकट और नर्सिंग कॉलेज मामले को लेकर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने मोहन सरकार पर जमकर निशाना साधा है। प्रदेश में किसानों को हो रहे खाद संकट पर पटवारी ने कहा कि बुधनी जो केंद्रीय कृषि मंत्री का क्षेत्र है वहां भी लोगों को खाद की परेशानी हो रही है। बीजेपी के लोग बार-बार खाद की समस्या न होने की बात करते हैं, जबकि स्थितियां सबके सामने है। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि बीजेपी के नेता बताएं रवि और खरीफ के लिए कितना खाद चाहिए था, सरकार ने कितनी मांग की है और उसके एवज में कितनी आपूर्ति हुई है। यदि बुधनी में पर्याप्त खाद किसानों को मिला होगा तो पिछली बार एक लाख आठ हजार से बीजेपी जीती थी, इस बार 1 लाख 9000 से चुनाव जीतना चाहिए। नर्सिंग कॉलेज मामले पर भी साधा निशाना पीसीसी चीफ ने नर्सिंग कॉलेज मामले पर भी सरकार पर हमला बोला है। जीतू पटवारी ने कहा कि लंबी जांच के बाद यह स्थिति स्पष्ट हो गई है कि प्रदेश में केवल 200 कॉलेज ही ऐसे हैं, जो नियमों की पूर्ति करते हैं। उन्होंने कहा कि हम लोग लगातार भ्रष्टाचार की बात उठा रहे थे, वह सच साबित हुई। ऐसे में अब जिन लोगों ने इन कॉलेजों को मान्यता दी चाहे वह अधिकारी हो मंत्री हो या कर्मचारी हो सब पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं एक बार फिर इन सब पर कार्रवाई की मांग करता हूं और मंत्री को पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। बीजेपी विजयपुर में लूट के जरिए जीत दर्ज करना चाहती है विजयपुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर पटवारी ने कहा कि बीजेपी विजयपुर में लूट के जरिए जीत दर्ज करना चाहती है। लेकिन कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता इस लूट के खिलाफ शासन प्रशासन और बीजेपी नेताओं से लड़ने के लिए तैयार खड़ा है। उन्होंने कहा मैं खुद 11 तारीख तक विजयपुर में रहूंगा उसके बाद विजयपुर के आसपास सबलगढ़ शिवपुरी और श्योपुर में डेरा डालूंगा। ताकि विजयपुर में जनमत के साथ लूट ना हो सके। उमंग सिंगार के आरोपों पर पटवारी ने कहा उमंग सिंगार के आरोपों पर जीतू पटवारी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष एक जिम्मेदार पद पर है। यदि उन्होंने कोई बात कही है तो बिल्कुल प्रमाणिक होगी। रही बात बीजेपी को प्रमाण देने की तो बीजेपी बताएं कि रामनिवास रावत क्या फ्री फोकट में बीजेपी गए हैं। 2020 में जो बड़ी संख्या में विधायक जॉइन कराए, क्या वह मुफ्त में बीजेपी ज्वाइन किया और समय आने पर प्रमाण भी उपलब्ध करा दिए जाएंगे। बीजेपी के नेता तो खुद ही इस बात को स्वीकारते हैं कि भाजपा नेता खरीद फरोख्त करते हैं। लाड़ली बहनों से की वादाखिलाफी लाड़ली बहन की किस्त जारी करने पर जीतू पटवारी ने कहा कि सरकार ने महिलाओं को 3000 रुपए देने का वादा किया था। लेकिन केवल 1250 रुपए दे रहे हैं। यह सीधे तौर पर महिलाओं के साथ छलावा है। महिलाएं भी अपने आप को छला हुआ महसूस कर रही है। इन दोनों उप चुनाव में महिलाएं इसका जवाब देंगी। पीएम मोदी के “एक रहोगे सेफ रहोगे” के बयान पर किया पलटवार पीएम मोदी के एक रहोगे सेफ रहोगे वाले बयान पर भी पटवारी ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान की भी यही भावना है कि सब भारत के लोग एक साथ मिलजुल कर रहे। लेकिन बीजेपी के लोग मंच से तो सबके एकजुटता होने की बात करते हैं। लेकिन पीछे के रास्ते समाज में बांटने का काम करते हैं। काम, संविधान को कमजोर करने का मोदी प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा राहुल गांधी भी यही कहते हैं कि भारत की अखंडता बनी रहनी चाहिए। प्रधानमंत्री को यह नारा भी लगाना चाहिए कि हिंदू मुस्लिम सिख इसाई हम आपस में भाई-भाई। भारत की संस्कृति में सबको एकजुट रहने की बात कही गई है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 66

मोहन सरकार सरपंचों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में, राजनीतिक माहौल गर्म

mohan government preparing to bring no-confidence motion against sarpanches, political atmosphere heated मध्य प्रदेश सरकार पंचायत राज अधिनियम में संशोधन कर सरपंचों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रावधान करने जा रही तीन चौथाई पंचों के हस्ताक्षर के साथ यह प्रस्ताव सरपंच की तीन साल की कार्यावधि पूरी होने पर लाया जा सकेगा।Ordinance against Sarpanch : मध्य प्रदेश सरकार ने एक अहम कदम उठाते हुए सरपंचों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना बनाई है। यह कदम पंचायत राज अधिनियम में संशोधन से संभव होगा। अब सरपंचों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए तीन-चौथाई पंचों (पंचायत सदस्यों) के हस्ताक्षर की आवश्यकता होगी और यह प्रस्ताव सरपंच का तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद ही लाया जा सकेगा। सरकार इस नए प्रावधान को लागू करने के लिए एक अध्यादेश का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया में है। जिसे अगले महीने कैबिनेट में पेश किया जाएगा। ऐसी होगी अविश्वास प्रस्ताव की नई व्यवस्था वर्तमान में, नगरीय निकायों के अध्यक्षों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रावधान है। इसी तरह का प्रावधान अब पंचायतों में भी लागू किया जाएगा। इस संशोधन में नगरीय निकायों की तरह सरपंचों के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए तीन चौथाई पंचों का समर्थन आवश्यक होगा। साथ ही, यह प्रस्ताव केवल तब लाया जा सकेगा जब सरपंच की कार्यावधि को तीन साल पूरे हो चुके हों। चूंकि अभी विधानसभा का सत्र प्रस्तावित नहीं है, इसलिए सरकार अध्यादेश के माध्यम से यह संशोधन करेगी। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने इस संशोधन का प्रारूप तैयार कर लिया है, जिसे वरिष्ठ सचिव समिति को भेजा जाएगा। इसके बाद, विधि एवं विधायी विभाग से परिमार्जन कटाने के बाद अंतिम रूप से इसे कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। लंबे समय से हो रही मांग पंचायत और ग्रामीण संगठनों की लंबे समय से यह मांग थी कि सरपंचों के खिलाफ भी नगरीय निकायों की तरह अविश्वास प्रस्ताव लाने की व्यवस्था होनी चाहिए। इस मुद्दे पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल (Prahlad Singh Patel) ने संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और सहमति व्यक्त क। जिसके बाद इस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। सरपंचों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की नई व्यवस्था क्या है? मध्य प्रदेश सरकार ने पंचायत राज अधिनियम में संशोधन किया है। जिसके तहत सरपंचों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए तीन-चौथाई पंचों के हस्ताक्षर आवश्यक होंगे। यह प्रस्ताव केवल तब लाया जा सकेगा जब सरपंच का तीन साल का कार्यकाल पूरा हो चुका हो। कब तक यह नया प्रावधान लागू होगा? सरकार इस नए प्रावधान को लागू करने के लिए एक अध्यादेश का मसौदा तैयार कर रही है, जिसे अगले महीने केबिनेट में पेश किया जाएगा। अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कितने पंचों का समर्थन आवश्यक है? अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए तीन-चौथाई पंचों (पंचायत सदस्यों) का समर्थन आवश्यक होगा। यह व्यवस्था कब से मांग की जा रही थी? यह व्यवस्था पंचायत और ग्रामीण संगठनों द्वारा लवे समय से मांगी जा रही थी, ताकि सरपंचों के खिलाफ भी नगटीय निकायों के समान अविश्वास प्रस्ताव लाने का अधिकार हो। क्या यह संशोधन विधानसभा में पेश होगा? 2 वर्तमान में विधानसभा का सत्र प्रस्तावित नहीं है, इसलिए यह संशोधन अध्यादेश के माध्यम से किया जाएगा। विधि एवं विधायी विभाग के परिमार्जन के बाद इसे कैविनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 102