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बीजेपी पूर्व सांसद का विवादित बयान , जब नेपाल जैसी क्रांति आएगी तो राहुल-अखिलेश का घर फूंक दिया जाएगा’

Former BJP MP’s controversial statement: “When a revolution like the one in Nepal comes, Rahul and Akhilesh’s houses will be burnt down.” Subrat Pathak: भाजपा के पूर्व सांसद सुब्रत पाठक ने एक बार फिर से लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर जोरदार हमला बोला है। गुरुवार को कन्नौज में सुब्रत पाठक ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अगर भारत में नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसी कोई क्रांति होती है, तो सबसे पहले राहुल गांधी और अखिलेश यादव के घर फूंक दिए जाएंगे। इन सभी के ऊपर भ्रष्टाचार के मुकदमें हैं। सुब्रत पाठक ने कहा कि देश में अगर कोई क्रांति निकलेगी तो वह देशद्रोही होंगे। ऐसे देशद्रोही अगर सड़कों पर आएंगे, तो राष्ट्रवादी भी सड़कों पर उतरेंगे और उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर मारेंगे। पाठक ने विपक्षी नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल,अखिलेश, लालू सहित कई विपक्षी नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर मुकदमे चल रहे हैं। पूर्व सांसद ने कहा कि 2014 में जब जनता ने ईवीएम के जरिए नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाया,वही असली लोकतांत्रिक क्रांति थी। उन्होंने पाकिस्तान और आतंकियों की भाषा की ओर इशारा करते हुए कहा कि बम फोड़ना और विस्फोट करना उनकी सोच है, जो विपक्ष की बयानबाजी में झलकता है। भाजपा के पूर्व सांसद ने ने राहुल गांधी के आरोपों को बेबुनियाद बताया और कहा कि उन्होंने अब तक प्रधानमंत्री मोदी पर कोई ठोस सबूत के साथ आरोप नहीं लगाया है। उनका मकसद सिर्फ एक परिवार को सत्ता में बनाए रखना है। पाठक ने कहा कि देश चाहता था कि सरदार वल्लभभाई पटेल देश के प्रधानमंत्री बनें, लेकिन उन्हें बनने नहीं दिया गया… यह उनकी (कांग्रेस की) मानसिकता को दर्शाता है। वे शायद यह बदरता नहीं कर सकते कि एक पिछड़े समुदाय का व्यक्ति प्रधानमंत्री बने और देश का नेतृत्व कर रहा है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 78

मोदी का विपक्ष पर करारा प्रहार कहा – मैं शिव भक्त हूं, जहर निगल लेता हूं: जनता ही मेरी भगवान, आत्मा की आवाज यहां नहीं तो कहां निकलेगी

मोदी का विपक्ष पर करारा प्रहार कहा – मैं शिव भक्त हूं, जहर निगल लेता हूं: जनता ही मेरी भगवान, आत्मा की आवाज यहां नहीं तो कहां निकलेगी

Modi’s strong attack on the opposition said – I am a Shiv Bhakt, I swallow poison: The public is my God, if not here, then where will the voice of the soul come out पीएम नरेंद्र मोदी ने असम के दरांग में कहा- जब भारत सरकार ने भूपेन हजारिका को भारत रत्न दिया था, उस दिन कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था- मोदी, नाचने-गाने वालों को भारत रत्न दे रहा है। मैं भगवान शिव का भक्त हूं, सारा जहर निगल लेता हूं, मुझे कितनी भी गालियां दें। लेकिन बेशर्मी के साथ जब किसी और का अपमान होता है, तो मुझसे रहा नहीं जाता है। पीएम बोले- मेरे लिए तो मेरी जनता ही भगवान है। मेरे भगवान के पास जाकर मेरी आत्मा की आवाज वहां नहीं निकलेगी तो कहां निकलेगी, यही मेरे मालिक हैं, पूजनीय हैं, 140 करोड़ देशवासी मेरा रिमोट कंट्रोल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के असम दौरे पर हैं। रविवार को उन्होंने दरांग मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, जीएनएम स्कूल और बीएससी नर्सिंग कॉलेज का उद्घाटन और शिलान्यास किया। जिसकी लागत 6300 करोड़ है। शनिवार को गुवाहाटी पहुंचे पीएम ने खानापारा में पशु चिकित्सा मैदान में महान गायक भूपेन हजारिका की विशेष श्रद्धांजलि सभा में भी मौजूद रहे। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 54

जो कल गलत था, आज सही कैसे? जीएसटी विवाद पर मोदी सरकार जनता से क्या छिपाना चाहती है?

जो कल गलत था, आज सही कैसे? जीएसटी विवाद पर मोदी सरकार जनता से क्या छिपाना चाहती है?

How can what was wrong yesterday be right today? What does the Modi government want to hide from the public on the GST controversy? Modi government a GST controversy आखिर 8 साल बाद भी मोदी सरकार माफी क्यों नहीं मांग रही? जनता से क्या छिपाना चाहती है? चिदंबरम ने पूछा – जो कल गलत था, आज सही कैसे?जीएसटी दरों में कमी के बाद भी मोदी सरकार ने जनता से माफी नहीं मांगी। आखिर सरकार क्या छिपाना चाहती है? जानिए 8 साल की देरी, विवाद और सुधार की अधूरी कहानी। यदि टूथपेस्ट, हेयर आयल, मक्खन, शिशु नैपकिन, पेंसिल, नोटबुक, ट्रैक्टर, स्प्रिंकलर आदि पर पांच फीसद जीएसटी आज अच्छा है, तो पिछले आठ वर्षों में यह बुरा क्यों था? लोगों को आठ वर्षों तक अत्यधिक टैक्स क्यों चुकाना पड़ा? आखिरकार केंद्र सरकार को बात समझ में आ गई। तीन सितंबर, 2025 को सरकार ने कई वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों को तर्कसंगत बना कर कम किया। कर संरचना अब उस अच्छे और सरल कर के करीब है, जिसकी वकालत पिछले आठ वर्षों से कई राजनीतिक दल, व्यवसायी, संस्थान और व्यक्ति (जिनमें मैं भी शामिल हूं) करते रहे हैं। अगस्त, 2016 में जब संसद में संविधान (122वां संशोधन) विधेयक पर बहस हुई थी, तब मैंने राज्यसभा में भाषण दिया था। उसके कुछ अंश इस प्रकार हैं अडिग रुख Modi government a GST controversy‘मुझे खुशी है कि वित्त मंत्री ने स्वीकार किया कि यूपीए सरकार ने ही सबसे पहले आधिकारिक तौर पर जीएसटी लागू करने के अपने इरादे का एलान किया था। 28 फरवरी, 2005 को बजट भाषण के दौरान लोकसभा में इसकी घोषणा की गई थी। ‘महोदय, चार प्रमुख मुद्दे हैं… Modi government a GST controversy‘अब मैं विधेयक के सबसे महत्त्वपूर्ण भाग पर आता हूं… यह कर की दर के बारे में है। मैं अभी मुख्य आर्थिक सलाहकार की रपट के कुछ अंश पढूंगा… कृपया याद रखें कि हम एक अप्रत्यक्ष कर पर विचार कर रहे हैं। अप्रत्यक्ष कर की परिभाषा के अनुसार, यह एक प्रतिगामी कर है। कोई भी अप्रत्यक्ष कर अमीर और गरीब दोनों पर समान रूप से लागू होता है… मुख्य आर्थिक सलाहकार की रपट कहती है: ‘उच्च आय वाले देशों में औसत जीएसटी दर 16.8 फीसद है भारत जैसी उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं में यह औसत 14.1 फीसद है।’ इस तरह दुनिया भर में 190 से अधिक देशों में किसी न किसी रूप में जीएसटी लागू है। यह 14.1 फीसद से 16.8 फीसद के बीच है।‘हमें करों को कम रखना होगा। साथ ही, हमें केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के मौजूदा राजस्व की रक्षा करनी होगी। …हम ‘राजस्व तटस्थ दर’ यानी आरएनआर के जरिए यह करते हैं। ‘मुख्य आर्थिक सलाहकार राज्य सरकार के प्रतिनिधियों और अन्य विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श के बाद 15 फीसद से 15.5 फीसद के आरएनआर पर पहुंचे और फिर सुझाव दिया कि मानक दर 18 फीसद होनी चाहिए। कांग्रेस पार्टी ने 18 फीसद कोई हवा से नहीं निकाला है। यह आपकी रपट से निकला है। ‘…किसी को तो जनता के लिए आवाज उठानी ही होगी। जनता की ओर से, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इस दर को मुख्य आर्थिक सलाहकार द्वारा अनुशंसित दर पर ही रखें, यानी मानक दर 18 फीसद से अधिक नहीं होनी चाहिए रपट के पैरा 29, 30, 52 और 53 पढ़ें। इसमें स्पष्ट रूप से तर्क दिया गया है… Modi government a GST controversy अठारह फीसद की मानक दर केंद्र और राज्यों के राजस्व की रक्षा करेगी, यह पर्याप्त होगी, मुद्रास्फीति-रोधी होगी, कर चोरी से बचाएगी और भारत के लोगों को स्वीकार्य होगी… यदि आप वस्तुओं और सेवाओं पर 24 फीसद या 26 फीसद कर लगाने जा रहे हैं, तो फिर जीएसटी विधेयक लाने की क्या आवश्यकता है? Read more: प्रतिनियुक्ति लेकर मलाईदार पदों पर वर्षों से जमे शिक्षक ‘अंतत: आपको कर विधेयक में एक दर रखनी ही होगी। मैं अपनी पार्टी की ओर से स्पष्ट रूप से मांग करता हूं कि जीएसटी की मानक दर, जो 70 फीसद से अधिक वस्तुओं और सेवाओं पर लागू होती है, वह अठारह फीसद से अधिक नहीं होनी चाहिए और निम्न एवं अन्य दर अठारह फीसद के आधार पर तय की जा सकती है। आठ वर्ष की पीड़ा Modi government a GST controversyवर्ष 2016 में भी मैंने यही बात कही थी, जो आज कह रहा हूं। मुझे खुशी है कि सरकार इस विचार पर सहमत हो गई कि दरों को युक्तिसंगत और कम किया जाना चाहिए। हालांकि, शुरुआत में सरकार का तर्क था कि अठारह फीसद की सीमा से राजस्व का भारी नुकसान होगा, खासकर राज्य सरकारों को। यह चिंता का एक बड़ा कारण था। आज दो कर दरें पांच फीसद और अठारह फीसद हैं! केंद्र के पास कर राजस्व बढ़ाने के कई तरीके हैं; अगर राज्य सरकारों को राजस्व का नुकसान होता है, तो सही कदम यही होगा कि उन्हें मुआवजा दिया जाए पिछले आठ वर्षों में सरकार ने उपभोक्ताओं से ज्यादा से ज्यादा पैसा वसूलने के लिए कई जीएसटी दरों का इस्तेमाल किया। पहले वर्ष (जुलाई 2017 से मार्च 2018) में सरकार ने लगभग 11 लाख करोड़ रुपए एकत्र किए। वर्ष 2024-25 में लगभग 22 लाख करोड़ रुपए संग्रहित किए गए। उपभोक्ताओं द्वारा अपनी मेहनत से कमाया गया पैसा सरकार ने जीएसटी के माध्यम से छीन लिया- इसे सही मायने में और उपहासपूर्वक गब्बर सिंह टैक्स कहा गया। उच्च जीएसटी दरें कम खपत और बढ़ते घरेलू कर्ज के कारणों में से एक थीं। यह बुनियादी अर्थशास्त्र है कि करों में कमी से खपत को बढ़ावा मिलेगा। यदि टूथपेस्ट, हेयर आयल, मक्खन, शिशु नैपकिन, पेंसिल, नोटबुक, ट्रैक्टर, स्प्रिंकलर आदि पर पांच फीसद जीएसटी आज अच्छा है, तो पिछले आठ वर्षों में यह बुरा क्यों था? लोगों को आठ वर्षों तक अत्यधिक कर क्यों चुकाना पड़ा? अभी बहुत कुछ बाकीदरों में कमी तो बस शुरुआत है। अभी और भी बहुत कुछ करना बाकी है। सरकार को चाहिए कि- राज्यों, उत्पादकों और उपभोक्ताओं को एक ही जीएसटी दर (जरूरत पड़ने पर और छूट के साथ) के लिए तैयार करे; अधिनियमों और नियमों की धाराओं के लिए प्रचलित अस्पष्ट भाषा को खत्म करे; उन्हें सरल भाषा में फिर से लिखे; सरल फार्म और रिटर्न निर्धारित करे, फार्म भरने की आवृत्ति में तर्कसंगत कमी करे; … Read more

यूपी पंचायत चुनाव में बीजेपी की टेंशन बढ़ाएगी जंयत चौधरी की पार्टी? RLD ने सभी को चौंका दिया

यूपी पंचायत चुनाव में बीजेपी की टेंशन बढ़ाएगी जंयत चौधरी की पार्टी? RLD ने सभी को चौंका दिया

Will Jayant Chaudhary’s party increase BJP’s tension in UP Panchayat elections RLD surprised everyone मेरठ में आयोजित चुनाव समिति की बैठक को लेकर डॉ. कुलदीप उज्जवल ने कहा कि पंचायत का चुनाव गांव का चुनाव है, गांव के लोग इसमें वोट डालते हैं. UP Panchayat elections RLD उत्तर प्रदेश में आगामी पंचायत चुनावों को लेकर राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है. मेरठ में आयोजित चुनाव समिति की बैठक में पार्टी ने तय किया कि वे अकेले ही अपने दम पर किसी गठबंधन के बिना पंचायत चुनाव लड़ेगी. मेरठ में आरएलडी ने यूपी पंचायत चुनाव के मद्देनजर एक अहम बैठक की जिसमें बहुत बड़ा ऐलान हुआ. एनडीए का हिस्सा होने के बावजूद अब राष्ट्रीय लोकदल उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव अकेले अपने दम पर लड़ेगी. इसकी घोषणा शुक्रवार को मेरठ में पंचायत चुनाव समिति के प्रदेश संयोजक डॉ. कुलदीप उज्जवल ने एक बैठक में की. मेरठ में आयोजित चुनाव समिति की बैठक को लेकर डॉ. कुलदीप उज्जवल ने कहा कि पंचायत का चुनाव गांव का चुनाव है, गांव के लोग इसमें वोट डालते हैं. हमारी पार्टी गांव में ग्रास रूट लेवल तक जुड़ी हुई है, उसी पर हम काम करते हैं और उसी के दम पर हम पूरे प्रदेश में चुनाव लड़ने की तैयारी में है. हमारी पूरी तैयारी हो चुकी, मेरठ में हमारी बैठक थी जो हमारी क्षेत्रीय स्तर की बैठक थी. हमारा क्षेत्र ये दो मंडलों का क्षेत्र है, हमारा गठबंधन है, हम एनडीए के पार्ट हैं वो विधानसभा स्तर पर, लोकसभा स्तर पर हमारा गठबंधन है लेकिन यह क्षेत्रीय स्तर का चुनाव है, पंचायत का चुनाव है. इसे हम लोग जो है अपने संगठन के दम पर, अपने कार्यकर्ता के दम पर लड़ने का काम करेंगे. UP Panchayat elections RLD इस दौरान मेरठ और सहारनपुर मंडल के सभी पदाधिकारी, क्षेत्रीय अध्यक्ष और पंचायत समिति के सदस्य मौजूद रहे. इस बैठक में तय किया गया कि हर जिले में पांच सदस्य समिति का गठन होगा जो प्रत्याशी चयन की जिम्मेदारी निभाएगी. रालोद का मानना है कि पंचायत चुनाव से संगठन की ताकत निचले स्तर तक पहुंचेगी और कार्यकर्ताओं को सक्रिय राजनीति में भागीदारी का अवसर मिलेगा. पंचायत चुनाव समिति के प्रदेश संयोजक ने बैठक के बारे में बताया कि पंचायत चुनाव से ही विधानसभा चुनाव की मजबूत नींव तैयार होगी. उज्जवल ने जोर दिया कि पंचायत स्तर की जीत भविष्य की बड़ी राजनीतिक दिशा तय करेगी. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 39

सादगी की राजनीति या सियासत का नया गणित? — हेमंत खंडेलवाल के नाम एक पड़ाव

सादगी की राजनीति या सियासत का नया गणित? — हेमंत खंडेलवाल के नाम एक पड़ाव

Politics of simplicity or new mathematics of politics? — A milestone in the name of Hemant Khandelwal भोपाल ! BJP President Hemant Khandelwal मध्य प्रदेश की राजनीति में कभी-कभी ऐसे चेहरे सामने आते हैं, जिनकी चमक न तो पोस्टरों से आती है और न ही बड़ी-बड़ी रैलियों की भीड़ से। हेमंत खंडेलवाल ऐसा ही एक नाम हैं—जो बिना ढोल-नगाड़े, बिना सत्ता का शोर मचाए आज भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुँच गए। सवाल यह है कि क्या यह सफर केवल सादगी और संघर्ष का है, या फिर संगठन की राजनीतिक गणित का भी खेल? हेमंत खंडेलवाल सिर्फ भाजपा के अध्यक्ष नहीं, बल्कि संघर्ष, सादगी और संगठन के उस दर्शन का चेहरा हैं जो राजनीति को जनसेवा का सच्चा माध्यम बनाता है। BJP President Hemant Khandelwal 3 सितंबर 1964 को मथुरा में जन्मे हेमंत खंडेलवाल ने बैतूल में पढ़ाई की और धीरे-धीरे राजनीति में कदम रखा। पिता विजय कुमार खंडेलवाल चार बार सांसद रहे, इसलिए राजनीतिक माहौल घर में मौजूद था। लेकिन यहाँ भी दिलचस्प मोड़ यह है कि हेमंत ने विरासत की मलाई खाने के बजाय खुद को संघर्ष के रास्ते में झोंक दिया। वरना आजकल तो नेता जी का बेटा सीधे ‘उत्तराधिकारी’ घोषित हो जाता है। 2008 में पिता के निधन के बाद बैतूल उपचुनाव से सांसद बने। यही वह पल था जब उन्हें राष्ट्रीय राजनीति की रोशनी मिली। लेकिन उनके साथ विडंबना यह रही कि वे लंबे समय तक सत्ता की गाड़ी के इंजन से दूर रहे—कभी विधायक, कभी जिला अध्यक्ष, कभी कोषाध्यक्ष, और कभी प्रवासी प्रभारी। कहते हैं, उन्होंने राजनीति को ‘करियर’ नहीं, बल्कि ‘धैर्य की परीक्षा’ मान लिया था। Read more: जब मंत्री ही अपराध के कटघरे में हों, तो न्याय किससे मांगे जनता? BJP President Hemant Khandelwal की सबसे बड़ी पूंजी उनकी सादगी है। सुना है, कार्यकर्ताओं को शर्ट तक दे दी और कभी स्कूटर तक। अब सोचिए, जिस दौर में नेता जी चुनाव में नोटों की बारिश कर रहे हों, उसमें कोई नेता अपनी शर्ट उतारकर कार्यकर्ता को दे दे—ये दृश्य राजनीति की किताब में दुर्लभ ही है। लेकिन राजनीति केवल सादगी से नहीं चलती। 2020 की सत्ता पलट की पटकथा में उनकी भूमिका किसी पर्दे के पीछे के निर्देशक जैसी रही। कमलनाथ सरकार जब गिर रही थी, तब खंडेलवाल ने सिंधिया खेमे और भाजपा के बीच पुल का काम किया। और कहते हैं, यही पुल उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी तक ले आया। राजनीति में ऐसे मौके हर किसी को नहीं मिलते—यह किस्मत और कौशल का संगम है। अब वे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हैं। सवाल यह है कि क्या वे भाजपा को बूथ स्तर तक और मजबूत बना पाएंगे, या फिर संगठनात्मक जोड़-तोड़ में ही उलझ जाएंगे? याद रखिए, प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी केवल शोभा की वस्तु नहीं है; यह वह कुर्सी है जिस पर बैठकर पार्टी का भविष्य तय होता है। एक और दिलचस्प पहलू यह है कि 31 साल बाद वैश्य समाज से किसी नेता को यह जिम्मेदारी मिली है। तो क्या यह केवल जातीय संतुलन साधने की कोशिश है, या फिर सचमुच संगठन के ‘सच्चे सेवक’ को उसकी मेहनत का इनाम? जनता तो यही देख रही है कि सियासी समीकरणों में जनता का हिस्सा कितना है। BJP President Hemant Khandelwal के पास अब मौका है कि वे यह साबित करें कि राजनीति सिर्फ ‘सत्ता का गणित’ नहीं, बल्कि सेवा और संघर्ष का भी नाम है। क्योंकि अगर वे भी बाकी नेताओं की तरह महंगे काफिलों और बेतहाशा पोस्टरों में उलझ गए, तो जनता उन्हें भी उसी भीड़ में गुम कर देगी, जहाँ नेता बदलते रहते हैं, लेकिन जनता की उम्मीदें वही की वही रहती हैं। हेमंत खंडेलवाल का नया अध्याय केवल भाजपा के संगठन का नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश की राजनीति का भी इम्तिहान है। देखना दिलचस्प होगा कि वे अपनी सादगी और संघर्ष को कायम रखते हैं या फिर सत्ता के गलियारों की चकाचौंध उन्हें भी उसी रंग में रंग देती है, जिसमें बाकी नेता डूब चुके हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 22

कलेक्टर नहीं, मप्र में मुख्यमंत्री को स्वयं बदलने की जरूरत : संगीता शर्मा

कलेक्टर नहीं, मप्र में मुख्यमंत्री को स्वयं बदलने की जरूरत : संगीता शर्मा

Not the collector, but the Chief Minister himself needs to be changed in Madhya Pradesh: Sangeeta Sharma भोपाल। प्रदेश की राजनीतिक हलचल के बीच मुख्यमंत्री मोहन यादव पर कांग्रेस ने तीखा हमला बोला है। हाल ही में भिंड में विधायक और कलेक्टर के बीच हुए टकराव को निशाना बनाते हुए कांग्रेस ने कहा कि सरकार में जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच तालमेल पूरी तरह बिगड़ चुका है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के राज में न तो जनप्रतिनिधियों की सुनवाई हो रही है और न सरकार प्रशासन की साख बचा पा रही है।राज महिला आयोग की पूर्व सदस्य एवं प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता संगीता शर्मा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कलेक्टर को हटाने की बात कर रहे हैं, जबकि हकीकत यह है कि प्रदेश में किसानों पर लाठियाँ बरस रही हैं, मासूम अस्पतालों में दम तोड़ रहे हैं और अधिकारी भ्रष्टाचार में डूबे हैं।उन्होंने कहा कि खाद के लिए किसान घंटों कतारों में खड़े अपमान झेल रहे हैं और उन पर पुलिस की लाठियाँ बरसाई जा रही हैं। इंदौर के एमवाय अस्पताल में दो बच्चों की मौत चूहों के काटने से होना सरकार की गंभीर लापरवाही को उजागर करता है। वहीं कुत्तों के इलाज के नाम पर आए करोड़ों रुपये निकाय अफसरों की जेबों में चले जा रहे हैं।शर्मा ने सवाल उठाया कि क्या यही भाजपा की “डबल इंजन” सरकार का सुशासन है? उनका कहना है कि मुख्यमंत्री को कलेक्टर नहीं, बल्कि खुद को बदलने की जरूरत है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 19

कर्ज़ का बोझ, विकास का खोखला वादा – 2020 से 2025 तक मध्य प्रदेश सरकार ने जनता को दिया सिर्फ़ कर्ज़ का पहाड़

कर्ज़ का बोझ, विकास का खोखला वादा – 2020 से 2025 तक मध्य प्रदेश सरकार ने जनता को दिया सिर्फ़ कर्ज़ का पहाड़

MP government Debt burden, empty promise of development – ​​from 2020 to 2025, the Madhya Pradesh government gave the people only a mountain of debt भोपाल ! MP government Debt burden पिछले पाँच सालों (2020 से 2025) में मध्य प्रदेश सरकार ने इतना कर्ज़ लिया कि अब हर नागरिक के सिर पर इसका बोझ साफ दिखाई देने लगा है। आंकड़े बताते हैं कि मार्च 2025 तक प्रदेश पर ₹4.21 लाख करोड़ का कर्ज़ चढ़ चुका है, जो जल्द ही ₹4.35 लाख करोड़ को पार कर जाएगा। सवाल ये है कि इतना पैसा आखिर गया कहां? पांच साल… 2020 से 2025 तक। मध्य प्रदेश सरकार ने जनता के नाम पर कर्ज़ पर कर्ज़ लिया। आंकड़े गवाह हैं — MP government Debt burden अब जनता पूछ रही है — इतना पैसा आखिर गया कहां? MP government Debt burden सड़कें टूटी, स्कूल जर्जर, अस्पताल बेहालअगर कर्ज़ विकास के नाम पर लिया गया तो क्यों आज भी गाँवों में बच्चे खंडहरनुमा स्कूलों में पढ़ रहे हैं? क्यों सड़कें अधूरी और अस्पतालों में दवाई नदारद है? 370 योजनाएं ठंडे बस्ते में क्यों?जब शिक्षा, कृषि और बुनियादी योजनाएं बंद करनी थीं तो फिर कर्ज़ का ढोल क्यों पीटा गया? गैर-जरूरी खर्च किसके लिए?सरकार ने जेट विमान, नई गाड़ियाँ और आलीशान मरम्मत पर करोड़ों लुटाए। क्या जनता की गाढ़ी कमाई का कर्ज़ नेताओं की ऐशो-आराम में डुबोने के लिए था? “लाड़ली बहना” और कर्ज़ का गणितहर महीने योजना पर ₹1,500 करोड़ से ज्यादा खर्च। क्या आने वाली पीढ़ियों को गिरवी रखकर वोट खरीदना विकास कहलाता है? कटघरे में सरकार MP government Debt burden यह साफ है कि सरकार ने 2020 से 2025 तक कर्ज़ की राजनीति की है, विकास की नहीं। और अब जनता के पास यही सवाल है — ये कर्ज़ हमारा भविष्य सुधारने के लिए था, या नेताओं के वर्तमान को चमकाने के लिए? Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 124